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नेत्र परीक्षण में आपकी दृष्टि का मूल्यांकन करने और नेत्र रोगों की जांच करने के लिए परीक्षणों की एक सीरिज़ शामिल होती है। आपका नेत्र चिकित्सक अलग-अलग प्रकार के उपकरणों का उपयोग कर सकता है, सीधे आपकी आंखों पर तेज़ रोशनी मार सकता है और अनुरोध कर सकता है कि आप लेंस की तरफ देखें। आंखों की जांच के दौरान प्रत्येक परीक्षण आपकी दृष्टि या आंखों के स्वास्थ्य के एक अलग पहलू का मूल्यांकन करता है।
जब प्रवेंटिंव हैल्थ अपॉइंटमेंट्स को निर्धारित करने की बात आती है, तो आंखों की जांच को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। व्यापक परीक्षणों के लिए एक लाइसेंस प्राप्त ऑप्टोमेट्रिस्ट या नेत्र रोग विशेषज्ञ को देखना सभी के पूरे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
अपनी दृष्टि को बढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि 12 वर्ष से अधिक आयु के लाखों लोगों को दृष्टि सुधार की आवश्यकता होती है, लेकिन यह आपकी आंखों की जांच कराने का सिर्फ एक कारण है। आंखों की बीमारियों का जल्द पता लगाने और अपनी दृष्टि को बनाए रखने के लिए नियमित आंखों की जांच एक महत्वपूर्ण पार्ट है। अगर नीचे दी गईं स्थितियों में से कोई भी स्थिति आपको होती है, तो आपको आंखों की जांच करवानी चाहिए।
आंखों की स्थिति और संबंधित व्यक्ति की समस्याओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के नेत्र परीक्षण होते हैं। इनमें हो सकते हैं-
इस टेस्ट में आपको दोनों आंखों से एक-एक करके एक विशेष दूरी पर लगे बोर्ड पर शब्दों को पढ़ना होता है। आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर यह तय करता है कि प्रत्येक आंख का दृष्टि स्तर मानक 20/20 दृष्टि के लिए कैसे संतुलित है।
रेटिनोस्कॉपी करने के लिए आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा “फोरोप्टर” नामक एक मशीन का उपयोग किया जाता है। शायद वह मोटी मशीन जिसकी आपने अपने ऑप्थालमोलॉजिस्ट के सामने बैठते हुए कल्पना की होगी, जब वह आपकी आंखों की जांच करता है और उस पर कई डायल और चाबियां होती हैं। रेटिनोस्कोपी नेत्र रोग विशेषज्ञ को आपके ऑप्टिमल लेंस का अनुमान लगाने की अनुमति देती है। जैसे ही आप फ़ोरोप्टर को देखते हैं, नेत्र चिकित्सक आपकी आँखों के सामने अलग-अलग लेंस फ़्लिप करता है। आप अपने सामने एक प्रॉमिनेंट ऑब्जेक्ट पर फोकस करते हैं। ऑप्टोमेट्रिस्ट आपकी आंखों में लाइट मारता है और देखता है कि विभिन्न लेंसों से लाइट आपकी आंखों को कैसे प्रभावित करती है।
रेटिनोस्कोपी के साथ एक रिफरैक्शन टेस्ट आपके चश्मे को निर्धारित करता है। आप फ़ोरोप्टर में भी देखते है और इस दृष्टि परीक्षण के दौरान विपरीत दीवार पर आंखों के चार्ट को देखते हैं।
पूरे परीक्षण के दौरान आप लेंस पेयर की एक श्रृंखला देखते हैं। ऑप्टोमेट्रिस्ट आपसे बार-बार पूछता है कि कौन सा लेंस आपको अधिक स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है। आपके उत्तरों के आधार पर ऑप्टोमेट्रिस्ट यह निर्धारित करता है कि आपकी आंखें निकट दृष्टि, दूरदर्शी या दृष्टिवैषम्य से प्रभावित हैं या नहीं। यह परीक्षण यह भी दिखाता है कि आपको डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की दृष्टि सुधार की आवश्यकता नहीं है।
यह टेस्ट आंख के बाहरी हिस्से के आकार और कर्व को मापता है, जिसे कॉर्निया कहा जाता है। कॉर्निया का आकार प्रभावित करता है कि आपका प्रकाश कैसे प्रकाश को मानता है और प्रकाश को दर्शाता है। कुछ लोगों के कॉर्निया में खड़ी या लम्बी कर्व्स होती है, जिसके परिणामस्वरूप दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) के रूप में जाना जाता है। दृष्टिवैषम्य का पता लगाने के लिए ऑप्टोमेट्रिस्ट केराटोमेट्री परीक्षणों का उपयोग करते हैं।
केराटोमेट्री परीक्षण के दौरान आप एक स्पेशन मशीन में देखते हैं। आपका नेत्र चिकित्सक मशीन को एडजस्ट करता है ताकि यह आपकी आंख के साथ बराबर हो जाए। फिर ऑप्टोमेट्रिस्ट मशीन के माप को रीड करता है, जो आपके कॉर्निया के आकार को दर्शाता है।
जहां लोग हमारी आंखों को सीधे देखने पर फोकस करते हैं, वहीं हम अपने दृष्टि क्षेत्र के किनारों पर वस्तुओं को भी देख सकते हैं। यह व्युइंग एरिया हमारी पेरिफेरल विज़न के रूप में जाना जाता है। व्युइंग एरिया टेस्ट हमारी पेरिफेरल विज़न को इवैल्युट करते हैं।
कई प्रकार के पेरिफेरल विज़ुअल फील्ड्स टेस्ट मौजूद हैं। उनमें निम्नलिखित शामिल हैं, जैसे-
हर टेस्ट एक ऑप्टोमेट्रिस्ट को आपकी पेरिफेरल विज़न में गैप्स को आइडेंटीफाई करने और आपके विज़ुअल फील्ड के साइज़ को डेटरमाइन करने की परमिशन देता है।
इंट्राओक्युलर प्रेशर टेस्ट आपकी आंखों में फ्लयूड द्वारा बनाए गए प्रेशर की जांच करता है। आंखों के प्रेशर का अबनॉर्मल लेवल ग्लूकोमा का वॉर्निंग साइन हो सकता है।
ग्लूकोमा की जांच करने वाली मशीन आपकी खुली आंख में क्विक पफ एयर भेजती है। वह एयर आपको कुछ देर के लिए सरप्राइज़ कर देती है, इसलिए आपकी आंख बंद करके रिएक्ट करती है। मशीन तब आपके रिएक्शन के आधार पर आपकी आंखों के प्रेशर को मिज़र करती है और एयर के प्रेशर से आपकी आई रेसिस्टेंस को मापती है।
आपका ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट्स सही रीडिंग प्राप्त करने के लिए एक मैनुअल इंट्राओक्युलर प्रेशर माप भी कर सकता है। यह टेस्ट स्पेशल इंस्ट्रयूमेंट का उपयोग करता है जो इंटरनल प्रेशन को मापने के लिए आपकी आंख को धीरे से छूते हैं। टेस्ट से पहले आंखों का डॉक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए एनेस्थेटिक आई ड्रॉप्स लगाएगा कि आप टेस्ट के दौरान इंस्ट्रयूमेंट्स को महसूस तो नहीं कर रहे हैं।
कॉमन आई टेस्ट के इन डिस्क्रिप्शन से यह साफ हो जाता है कि आई टेस्ट सिंपल और पेनलेस होते हैं। आप अपनी आंखों के डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाएँ ताकि आपकी आँखें इन ज़रूरी टेस्टों को प्राप्त कर सकें। अगर आपका ऑप्टोमेट्रिस्ट आपकी अपॉइंटमेंट के समय एडिशनल टेस्ट करता है, तो उसे समझाने के लिए कहें।
आई डेमैज और साइट लॉस को रोकना आपको खुद को दिए गए गीफ्ट्स में से एक है। साइट लॉस को 50 प्रतिशत से ज़्यादा रोका जा सकता है, इसलिए अपनी आंखों की जांच करवाने से आंखों की कुछ स्थितियों के कारण होने वाले नुकसान को रोकने या कम करने में मदद मिल सकती है।
आंखों की नियमित जांच जरूरी है क्योंकि:
ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट कुछ गंभीर हैल्थ कंडीशन के सिमटमप्स का पता लगाने में सक्षम होते हैं, जो आंखों को प्रभावित करते हैं, जैसे कि डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर। बच्चों के लिए आंखों की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है जिससे किसी भी दृश्य कठिनाइयों जैसे भेंगापन (Squint), लेज़ी आई (Lazy Eye) या अदूरदर्शिता (Short-Sightedness) का पता लगाया जाता है और जल्दी इलाज किया जाता है।
आंखों की जांच की कीमतें अलग-अलग कारकों के आधार पर अलग-अलग होती हैं। कुछ रिटेल विज़न प्रोवाइडर्स कम चार्ज लेते हैं, जबकि कुछ क्लीनिक अच्छी मशीनों से जांच करने के लिए ज़्यादा चार्ज लेते हैं।
आईमंत्रा में हम किफायती मूल्य पर बेहतर उपकरण और अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ सर्वोत्तम चेकअप प्रदान करते हैं। नेत्र परीक्षण की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आपको किस प्रकार की बीमारी हो सकती है। यदि आप अपनी आंखों की पावर की जांच करा रहे हैं, तो शायद इसकी कीमत बहुत कम होगी। हालांकि अगर आप बुजुर्ग हैं और आंखों की कोई बीमारी है और आपको किसी नेत्र चिकित्सक से उचित परामर्श की आवश्यकता है, तो इसमें आपका थोड़ा अधिक खर्च हो सकता है। हमारे क्लिनिक में परामर्श शुल्क केवल 500 रुपये है।
एक उचित नेत्र परीक्षण में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। हमारे अनुभवी और प्रशिक्षित डॉक्टर आपको कम से कम कीमत पर अपॉइंट करेंगे।
कुछ महत्वपूर्ण कदम जो लोग अपनी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद के लिए उठा सकते हैं, उनमें शामिल हैं-
अगर आप अपनी दृष्टि में बदलाव देखते हैं, तो इसे कभी भी ‘बूढ़ा होने का एक हिस्सा’ के रूप में नज़रअंदाज़ न करें। तुरंत अपने ऑप्टोमेट्रिस्ट से मिलें।
इंडिया में आंखों के टेस्ट के लिए सबसे अच्छे आंखों के अस्पतालों में से एक हैं, जैसे एम्स, शंकरा नेत्रालय, एलवीपीईआई और आईमंत्रा। आईमंत्रा (Eye Mantra) आंखों की जांच में सबसे आगे है, जिसके डॉक्टरों द्वारा अब तक 100,000 से ज़्यादा आँखों का परीक्षण किया जा चुका है।
स्पेशल अप्रोच के साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी दिल्ली और अन्य शहरों में हमारे टॉप आंखों के सर्जनों द्वारा नेत्र परीक्षण के बाद सबसे अधिक लाभकारी परिणाम देती है। आज ही हमारे एक्सपर्ट आई टेस्टिंग डॉक्टरों से परामर्श लें।
आंखों की अलग-अलग बीमारियों की जांच के लिए आंखों की जांच की जाती है। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ यह समझने की कोशिश करते हैं कि क्या आपको कोई आंख की समस्या है या आपकी दृष्टि कमजोर है। आपका आंखों का डॉक्टर अलग-अलग इंस्ट्रयूमेंट्स, ब्राइट लाइट के साथ कई टेस्ट करेगा और समस्या को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए अलग-अलग लेंसों को ट्राई करेगा।
आंखों की जांच के दौरान आंखों का मेकअप नहीं करने की सलाह दी जाती है। जैसा कि डॉक्टर को कुछ टेस्ट्स के लिए आई ड्रॉप का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। और अगर आप कोई मेकअप करते हैं, तो उसे कम से कम रखें।
कुछ बीमारियों के कारण आंखों की गंभीर बीमारियां होती हैं। आंख की बीमारी बता सकती है कि क्या आप संबंधित बीमारियों को विकसित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज़ मरीज़ों में विकसित होने वाली एक स्थिति है। आंखों की जांच के दौरान पाई जाने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और रुमेटीइड अर्थराइटिस हो सकती हैं।
हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप अपनी आंखों की रोशनी में सुधार कर सकते हैं। हरी सब्जियां, गाजर और स्वस्थ पोषक तत्वों वाले फल जैसे विटामिन युक्त भोजन खाएं। आपको हफ्ते में कम से कम तीन बार व्यायाम करना चाहिए।
आपको कम से कम एक साल में एक बार आंखों की जांच करवानी चाहिए, भले ही आपको अपनी आंखों में कुछ भी समस्या न लगे। क्योंकि कुछ बीमारियां बहुत धीमी गति से विकसित होती हैं लेकिन उनसे उबरना मुश्किल हो जाता है। अगर आपके परिवार में किसी को आंखों की समस्या हो चुकी है, तो अपने नेत्र चिकित्सक से बात करें।
नहीं, इसका कोई प्रूफ नहीं है कि कॉन्टैक्ट लेंस आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि उनके साथ केयरफुल रहना चाहिए। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो उन्हें छूने से पहले अपने हाथ धोएं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें। आपको हमेशा कॉन्टैक्ट लेंस की एक्सपाइरी डेट की जांच करनी चाहिए।
आपको सलाह दी जाती है कि स्कूल में एडमिशन करवाने से पहले बच्चे की आंखों की जांच करवाएं। अगर आपको कोई समस्या दिखाई देती है, जैसे कि बच्चे का आंखें मलना या सिरदर्द की शिकायत, तो आपको जल्द से जल्द किसी पैडिएट्रिक ऑपथेमोलॉजिस्ट से परामर्श करना चाहिए।
ए1/10, ए1 ब्लॉक, ब्लॉक ए, पश्चिम विहार, वेस्ट दिल्ली-110063
बी62 – प्रशांत विहार, रोहिणी सेक्टर-14, सीआरपीएफ स्कूल के सामने, नॉर्थ दिल्ली