मोतियाबिंद सर्जरी क्या है? Motiyaabind Surgery Kya Hai?

मोतियाबिंद एक ऐसी समस्या है जिसमें आंखों के लेंस धुंधले हो जाता हैं, जिस वजह से आँखों की दृष्टि कम हो जाती है। मोतियाबिंद होने का कारण है कि प्रोटीन आंख के लेंस में बनता है और यह समस्या वृद्ध-वयस्कों में होना आम है।

मोतियाबिंद के कारण आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके परिणामस्वरूप गाड़ी चलाने, पढ़ने या चेहरों को पहचानने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। मोतियाबिंद सर्जरी में क्लाउड लेंस को एक नए स्पष्ट लेंस के साथ बदला जाता है।

मोतियाबिंद 45 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में दृष्टि के नुकसान के मुख्य कारणों में से है और दुनियाभर में अंधेपन का प्रमुख कारण बना हुआ है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि 1.3 अरब से अधिक लोग इस बीमारी के किसी न किसी रूप के साथ जी रहे हैं। आईमंत्रा आपकी मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सर्वश्रेष्ठ सर्जन और नवीनतम उपकरण प्रदान करता है।

मोतियाबिंद के कारण – Motiyaabind Ke Kaaran

  • मोतियाबिंद का सबसे आम कारण है, उम्र बढ़ने की वजह से लेंस का खराब हो जाना।
  • मोतियाबिंद स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों जैसे डायबिटीज़, कीडनी की बीमारी, ग्लूकोमा, धूम्रपान, आंखों में चोट, इंफेक्शन और आंख के अंदर सूजन की वजह से भी हो सकता है।
  • कुछ दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से मोतियाबिंद का विकास हो सकता है।
aging cataract cause
Aging
Smoking & Alcohol Cataract
Smoking & Alcohol
uv radiations cataract cause
UV Radiations
obesity cataract cause
Obesity
diabetes cataract cause
Diabetes
hypertension cataract cause
Hypertension

Symptoms Of Cataract

Cloudy Eye Lens Cataract
Cloudy Eye Lens
blurry-vision-cataract-symptom
Blurry Vision
Halos Surrounding Light
Halos Surrounding Light
Increaded Sensitivity to Glare Cataract
Increaded Sensitivity to Glare
Double Vision
Double Vision
Trouble Seeing at Night Cataract
Trouble Seeing at Night

मोतियाबिंद का उपचार – Motiyaabind Ka Upchaar

मोतियाबिंद को ठीक करने का एकमात्र उपाय सर्जरी है। मोतियाबिंद के कारण एक बार जब आपका लेंस धुंधला या सफेद हो जाता है, तो कोई भी दवा उसे ठीक नहीं कर सकती है। उसका इलाज करने के लिए सर्जरी द्वारा लेंस रीप्लेसमेंट ही एकमात्र संभव उपाय है।  

लेकिन अच्छी बात यह है कि मोतियाबिंद की सर्जरी दुनिया की सबसे सुरक्षित सर्जरी में से एक है। जिन्हें मोतियाबिंद की समस्या होती है, उनमें से 95% मरीज़ों को सर्जरी से दृष्टि में सुधार होता है।

मोतियाबिंद के उपचार का मूल सिद्धांत आर्टिफिशियल लेंस सर्जरी और इंजेक्शन द्वारा क्लाउडी लेंस को हटाना होता है। मोतियाबिंद सर्जरी कराने से पहले आपके पास 3 ऑप्शन होते हैं, मोतियाबिंद सर्जरी का प्रकार, लेंस या आईओएल का प्रकार और मोतियाबिंद सर्जरी के लिए समय।

मोतियाबिंद सर्जरी के प्रकार - Motiyaabind Surgery Ke Prakaar

मोतियाबिंद सर्जरी के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी और बेसिक टेकनिक्स हैं, जैसे फेकोम्यूलसीफिकेशन, एमआईसीएस और रोबोटिक सर्जरी।

ट्रैडिशनल मोतियाबिंद सर्जरी (Traditional cataract surgery):

यह एक मैनुअल सर्जरी है, जहां हाथों से कॉर्निया में चीरा बनाने के लिए स्केलपेल ब्लेड का उपयोग किया जाता है। मोतियाबिंद को फिर छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाता है। फ्रैग्मेंटेड लेंस को फिर सक्शन का उपयोग करके हटा दिया जाता है। इस सर्जरी में टांके लगाए जाते हैं और आपकी आंख को ठीक होने में अधिक समय लगता है।

फेकोम्यूलसीफिकेशन (Phacoemulsification):

यह मोतियाबिंद हटाने और आधुनिक मोतियाबिंद सर्जरी का सबसे सामान्य रूप है। फेको में आंख के अंदर के लेंस को इम्यूलसीफाइड या अल्ट्रासोनिक हैंडपीस से तोड़ा जाता है। पुराना धुंधला लेंस टूट जाने के बाद, एक नया लेंस लगाया जाता है।

एमआईसीएस (MICS):
इसे माइक्रो इंसीशन कैटरैक्ट सर्जरी भी कहा जाता है और इसमें फेको सर्जरी जैसी ही प्रक्रिया शामिल है। इसमें मुख्य अंतर चीरे का आकार है, जो आपकी आंख में बनाए जाते हैं यानी कि ट्रैडिशनल सर्जरी में 3.2 एमएम की तुलना में 1.5 एमएम। यह एक सुरक्षित विकल्प है क्योंकि मोतियाबिंद सर्जरी के परिणाम चीरे के आकार पर निर्भर करते हैं। दृश्य परिणाम और रिकवरी का समय बहुत बेहतर होता है, क्योंकि चीरे का आकार छोटा होता है।

रोबॉटिक सर्जरी (Robotic Surgery):
इसे ब्लेडलेस फेम्टो लेज़र कैटरैक्ट सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रकार मोतियाबिंद सर्जरी के लिए प्रौद्योगिकी का प्रतीक है। सर्जरी करने के लिए उपचार कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और लेज़र एनर्जी का उपयोग किया जाता है। मोतियाबिंद को तोड़ने के लिए लेंसर नामक उपकरण का प्रयोग किया जाता है। लेज़र (फेमटोसेकंड लेज़र) मोतियाबिंद तक पहुंचने के लिए कॉर्नियल में चीरा बनाता है।

ज़ेप्टो मोतियाबिंद सर्जरी टांके-रहित (Zepto Cataract Surgery Stitch-less):
ज़ेप्टो मोतियाबिंद सर्जरी एमआईसीएस और रोबॉटिक सर्जरी के बीच की सर्जरी है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आंखों के क्रिस्टैलाइन लेंस में एक स्पष्ट और सटीक चीरा बनाने के लिए एक हैंडहेल्ड डिस्पोज़ेबल डिवाइस का उपयोग किया जाता है। ज़ेप्टो सर्जरी कई मायनों में एमआईसीएस से काफी बेहतर है और फेम्टो लेज़र मोतियाबिंद ऑपरेशन की तुलना में किफायती है।

ट्रैडिशनल वर्सेज़ लेज़र मोतियाबिंद सर्जरी - Traditional V/S Laser Motiyabind Surgery

आधारट्रैडिशनल मोतियाबिंद सर्जरीलेज़र मोतियाबिंद सर्जरी
ब्लेड का प्रयोगसर्जन सर्जरी के लिए आंख में एक छेद बनाने के लिए ब्लेड का अभ्यास करता है।लेजर सर्जरी में ब्लेड का उपयोग नहीं होता है क्योंकि सब कुछ मशीनों और कंप्यूटरों के माध्यम से होता है।
सर्जरी में लगने वाला समय इस प्रक्रिया में हर आंख पर लगभग 20-30 मिनट लगते हैं।इस प्रक्रिया में 5 मिनट से भी कम समय लगता है।
ब्लेड-फ्रीयह 100% ब्लेड-फ्री सर्जरी नहीं है।यह 100% ब्लेड-फ्री है, जिसमें सर्जरी के दौरान कोई दर्द नहीं होता और टांके भी नहीं लगते हैं।
रिस्क यह थोड़ी कंप्यूटर कंट्रोल्ड होती है लेकिन इसमें बहुत सारे जोखिम कारक हैं। ओपीसी का अस्तित्व कभी भी नोमिनी या निर्देशक पर निर्भर नहीं होता है। इसे रेग्युलेट्री अथॉरिटी द्वारा डिज़ॉल्व्ड किया जा सकता है।

मोतियाबिंद सर्जरी लेंस ऑप्शन – Motiyaabind Surgery Lens Options

मोतियाबिंद सर्जरी के समय एक आर्टिफिशियल लेंस या आईओएल इंप्लिमेंट किया जाता है। इस लेंस की गुणवत्ता और प्रकार दृष्टि स्पष्टता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख लेंस ऑप्शन दिए गए हैं, जैसे:

मोनोफोकल लेंस (Monofocal Lens)

मोनोफोकल लेंस मोतियाबिंद सर्जरी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम लेंस है। यह बहुत ही किफायती है और इसके पास मोनो फोकस और सिंगल पावर है। यह उच्च गुणवत्ता वाली दूरी दृष्टि दे सकता है। हालांकि निकट दृष्टि के लिए आपको चश्मे की आवश्यकता हो सकती है।

मल्टीफोकल लेंस (Multifocal Lens)

मल्टीफोकल लेंस मोनोफोकल लेंस से बेहतर होते हैं क्योंकि यह दूर दृष्टि के साथ-साथ निकट दृष्टि में भी सुधार करते हैं। इनमें कंप्यूटर या ब्लू लाइट फिल्टर और एंटी पीसीओ रिंग जैसे उन्नत विकल्प होते हैं। लेकिन मल्टीफोकल लेंस हर किसी के लिए नहीं होते हैं। ये मोनोफोकल या टॉरिक लेंस की तुलना में काफी अधिक ग्लेयर और अंतर की हानि का कारण बन सकते हैं।

ट्राइफोकल लेंस (Trifocal Lens)

ट्राइफोकल लेंस मल्टीफोकल लेंस के लिए एक अपग्रेड हैं, जो दूर दृष्टि के साथ-साथ कंप्यूटर दृष्टि में भी सुधार करते हैं। इनमें विशेष तरह के फिल्टर लगे होते हैं, जो लगातार कंप्यूटर के काम के कारण आंखों के तनाव को रोकते हैं। इनमें कंप्यूटर या ब्लू लाइट फिल्टर और एंटी पीसीओ रिंग जैसे उन्नत विकल्प होते हैं।

टोरिक लेंस (Toric Lens)

टोरिक लेंस दूर दृष्टि, नज़दीक दृष्टि और साथ ही सिलेंड्रीकल पावर में सुधार करते हैं। टोरिक लेंस दृष्टिवैषम्य को भी सुधार सकते हैं। साथ ही इनमें मल्टीफोकल लेंस की तरह चकाचौंध की समस्या नहीं होती है। टोरिक लेंस दूर दृष्टि और दृष्टिवैषम्य को ठीक कर सकते हैं, लेकिन मरीज़ को निकट कार्यों, जैसे पढ़ने या लिखने के लिए सुधारात्मक लेंस की आवश्यकता होगी।

मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत – Motiyaabind Surgery Ki Keemat

मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत या खर्च उसके लेंस के प्रकार और उसकी सर्जरी की प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करता है। मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत 10,000 रुपये से 90,000 रुपये के बीच होती है। उदाहरण के लिए, इंडियन लेंस के साथ एक ट्रैडिशनल मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत लगभग 10,000 रुपये से शुरू होती है, इंपोर्टेड लेंस के साथ फेको मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत लगभग 20,000 रुपये और इंपोर्टेड लेंस के साथ एमआईसीएस सर्जरी की कीमत लगभग 35,000 रुपये होती है।

LensesTechniquesPricesBenefits
Monofocal (Distance Vision)PHACO10,000 – 20,000
MICS30,000 – 50,0001.2mm incision
Multifocal (Distance & Near Vision)MICS30,000 – 50,000Anti PCO ring, Blue light filter
Trifocal (Near, Far & Computer Vision)MICS45,000 – 80,000HD Vision, Anti-Glare, Anti PCO ring, Blue light filter
Toric (Distance & Cylinderical Power)MICS30,000 – 50,000Anti-Glare, Anti PCO ring, Blue light filter
For Zepto Robotic Cataract Surgery, additional charges for Rs. 20,000 – 30,000

आईमंत्रा फाउंडेशन समाज के वंचित वर्गों के लिए मुफ्त मोतियाबिंद सर्जरी की सेवा प्रदान करता है। इसलिए जो कोई भी इलाज का खर्च वहन करने में असमर्थ है, वह हमारे अस्पताल आ सकता है और मोतियाबिंद की सर्जरी मुफ्त या बहुत कम कीमत पर करवा सकता है।

 

उपरोक्त कीमतें मोटे तौर पर अनुमानित हैं।

मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया – Motiyaabind Surgery Ki Prakriyaa

मोतियाबिंद सर्जरी एक आउट पेशेंट सर्जरी है, जिसका अर्थ है कि इसके लिए अस्पताल या स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में रात भर रुकने की आवश्यकता नहीं होती है। यह सर्जरी आमतौर पर एक समय में एक आंख की ही की जाती है।  

 

मोतियाबिंद सर्जरी ट्रैडिशनल, फेको और एमआईसीएस जैसी किसी भी प्रक्रिया से की जा सकती है। इन तकनीकों का उपयोग चीरा बनाने और मोतियाबिंद को तोड़ने के लिए किया जाता है। मोतियाबिंद को हटाने के बाद आर्टिफिशियल लेंस को आंख में इंप्लेंटेड किया जाता है। आइए इसके सभी चरणों की विस्तार से चर्चा करते हैं-

मोतियाबिंद सर्जरी से पहले

आपका सर्जन आपके आईओएल के लिए उचित फोकस करने की शक्ति को देखने के लिए आपकी आंख की जांच करेगा। आपको सर्जरी से पहले कुछ दवाएं नहीं लेने के लिए भी कहा जाएगा। सर्जरी शुरू करने से पहले आपको आई ड्रॉप दवाएं दी जा सकती हैं। ये दवाएं इंफेक्शन को रोकने में मदद करती हैं और सर्जरी के दौरान और बाद में सूजन को कम करती हैं।

मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान

आपको अपनी सर्जरी से कम से कम 6 घंटे पहले ज़्यादा भारी मात्रा में भोजन नहीं करना चाहिए। मोतियाबिंद हटाने की सर्जरी सिर्फ 15 से 20 मिनट की प्रक्रिया के साथ क्लिनिक या अस्पताल में की जाती है। यहाँ पर जो बातें अनुसरण की जाएंगी, वह हैं- 

 

  • आपकी आंख को आई ड्रॉप या इंजेक्शन से सुन्न कर दिया जाएगा।
  • सर्जरी के दौरान आप होश में रहेंगे। आप पूरी प्रक्रिया के दौरान आप लाइट और मूवमेंट देख सकते हैं, लेकिन आप यह नहीं पहचान पाएंगे कि डॉक्टर आपकी आंख के साथ क्या कर रहे हैं।
  • आपका सर्जन आपके कॉर्निया के अंत के पास लेज़र या ब्लेड द्वारा बनाए गए छोटे चीरे यानी कट बनाकर एक विशेष माइक्रोस्कोप के माध्यम से देखेगा। सर्जन इन चीरों को आपकी आंख में लेंस को प्रवेश करने के लिए लगाता है।
  • बहुत कम उपकरणों का उपयोग करके वह मोतियाबिंद के साथ लेंस को तोड़ देगा और इसे हटा देगा और इसे आपके नए लेंस से बदल देगा।
  • आमतौर पर आपके सर्जन को लगाए गए चीरों को सिलने की आवश्यकता नहीं होगी। ये सेल्फ-सीलिंग चीरे अंततः समय के साथ अपने आप बंद हो जाएंगे। सर्जरी होने के दौरान इसे संरक्षित करने के लिए आपकी आंख को ढक दिया जाएगा।
  • आपको लगभग 20 से 30 मिनट के लिए आराम करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद आप घर जा सकते हैं।

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद

मोतियाबिंद सर्जरी आमतौर पर एक छोटी और आसान प्रक्रिया है, जो 15 मिनट से 20 मिनट तक चलती है। हालाँकि आपको लगभग दो घंटे तक आई क्लिनिक में रखा जा सकता है। सर्जरी की तैयारी में अतिरिक्त समय लगता है यानी आपके प्युपिल्स को फैलाना, पहले से ही सभी दवाओं का प्रबंध करना और साथ ही सर्जरी के दौरान और बाद में क्या उम्मीद की जानी चाहिए, इसके बारे में संक्षेप में जानना। सर्जरी के बाद सर्जन आपकी आंख का मूल्यांकन करते हैं और सर्जरी के बाद ठीक होने के दिशा-निर्देश देते हैं।

यहां कुछ बिंदु दिए गए हैं जिनका आपको सर्जरी के बाद ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, जैसे-

 

  • आपको यह सलाह दी जाती है कि सर्जरी के ठीक बाद गाड़ी न चलाएं और सर्जरी के लिए आपके साथ कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो आपको वापस भी चला सके।
  • आपको मेडिकेटेड आई ड्रॉप्स दी जाएंगी और आपको कुछ हफ्तों तक इनका इस्तेमाल करना होगा।
  • आपको आंखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आई ड्रॉप के अलावा सुरक्षात्मक आई शील्ड भी पहनने की भी ज़रूरत होती है।
  • इस तरह सर्जरी प्रक्रिया के बाद आंखों को पूरी तरह से ठीक करने के लिए पहले सप्ताह में भारी सामान उठाने, झुकने, अधिक व्यायाम करने, स्विमिंग करने से बचने की सलाह दी जाती है।

मोतियाबिंद सर्जरी कब करवाएँ – Motiyaabind Surgery Kab Karvaayein

मोतियाबिंद सर्जरी कब करानी चाहिए, यह निर्णय इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी दृष्टि किस स्तर तक खराब हो चुकी है। सर्जरी में आने वाले छोटे से जोखिम से संतुलित है। हालांकि मोतियाबिंद सर्जरी में ज़्यादा देरी करने से गंभीर जोखिम हो सकते हैं। हार्ड क्लाउडी लेंस आपकी आंख में फट सकता है, जिससे आप हमेशा के लिए अंधे भी हो सकते हैं। 

अगर आपको निम्ननलिखित समस्याएँ हैं, तो आपको मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए, जैसे- 

  • अगर आप अपनी दैनिक गतिविधियों जैसे गाड़ी चलाना, पढ़ना या खाना बनाना में बाधा का सामना कर रहे हैं।
  • आँखों में धुंधलापन छाए रहना।
  • चमकीले रंगों का फीके रंग के रूप में दिखाई देना। 
  • दोहरी दृष्टि का अनुभव होना।
  • खराब नाइट विजन से गुजरना।

मोतियाबिंद सर्जरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल - Motiyaabind Surgery Ke liye Best Hospital

भारत में मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सबसे अच्छे नेत्र अस्पतालों में श्रॉफ आई, एम्स, शंकर नेत्रालय और आईमंत्रा शामिल हैं। आईमंत्रा  मोतियाबिंद के इलाज में सबसे आगे है और इसके डॉक्टरों द्वारा अब तक 100,000 से अधिक आंखों का ऑपरेशन किया जा चुका है।

हम भारत में लेजर फेम्टो असिस्टेड सर्जरी यूनिट रखने वाले पहले कुछ लोगों में से हैं। प्रौद्योगिकी पहले से मौजूद दृष्टिवैषम्य के सुधार को सक्षम बनाती है। प्रीमियम आईओएल की पूरी श्रृंखला के साथ नवीनतम तकनीक, दिल्ली और अन्य शहरों में हमारे शीर्ष मोतियाबिंद सर्जनों द्वारा मोतियाबिंद सर्जरी के बाद सबसे अधिक लाभकारी परिणाम देती है। 

आप आज ही हमारे नेत्र चिकित्सक विशेषज्ञों से परामर्श लें सकते हैं। हम जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और सबसे सस्ती कीमतों पर सर्वोत्तम नेत्र देखभाल सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करते हैं।

Our Team

Doctor Shweta Jain
Dr. Shweta Jain
Cataract, Retina, Glaucoma, LASIK
Dr. Neha Wadhwa
Dr. Neha Wadhwa
LASIK
Dr. Lalit
Dr. Lalit Chaudhary
Femtosecond LASIK
Dr. Poonam
Dr. Poonam Gupta
Femtosecond LASIK

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

मोतियाबिंद आंख के प्राकृतिक लेंस का धुंधला या क्लाउडी हो जाना  है। यह 40 वर्ष या उसके अधिक आयु के लोगों में दृष्टि हानि का सबसे आम कारण है और यहां तक ​​कि यह दुनियाभर में अंधेपन का प्रमुख कारण भी है।

मोतियाबिंद की सर्जरी एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थैलमोलोजिस्ट), एक आँखों के डॉक्टर द्वारा की जाती है। आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ पहले आपकी आंख की स्थिति की जांच करेगा और यदि आवश्यक होगा, तो सर्जरी की सलाह देगा।

एक धुंधला (क्लाउडी) लेंस लाइट को आंख के पिछले हिस्से पर ठीक से ध्यान केंद्रित करने से रोकता है, जो दृष्टि की कई कठिनाइयों की ओर इशारा करता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • धुंधली दृष्टि
  • लाइट या ग्लेयर के प्रति संवेदनशीलता
  • खराब नाइट विजन
  • गाड़ी चलाने या कंप्यूटर का उपयोग करने में कठिनाई
  • दोहरी दृष्टि
  • रंग फीके या कम दिखाई देना

मोतियाबिंद कई प्रकार के होते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • सबकैप्सुलर मोतियाबिंद – यह आंख के लेंस के पीछे होने वाला मोतियाबिंद है।
  • न्यूक्लियर मोतियाबिंद – यह आंख के लेंस के मध्य क्षेत्र में होता है।
  • कॉर्टिकल मोतियाबिंद – इसमें सफेद कील जैसी अस्पष्टता जो आंख के लेंस के किनारे से शुरू होती है लेकिन धीरे-धीरे केंद्र (न्यूक्लियस) तक अपना काम करती है।
  • बढ़ती उम्र – 60 वर्ष की आयु तक लगभग आधी आबादी को मोतियाबिंद हो जाता है और लगभग 80% लोगों को 70 वर्ष की आयु तक कम से कम एक आंख में मोतियाबिंद हो जाता है।
  • ट्रॉमैटिक मोतियाबिंद – एक सीधी चोट या आघात से आंख को नुकसान हो सकता है, जिससे मोतियाबिंद हो सकता है। यह प्रगतिशील या आघात के तुरंत बाद हो सकता है। 
  • मेटाबोलिक मोतियाबिंद – डाबिटीज़ और गैलेक्टोसिमिया जैसे ऑटोइम्यून रोगों सहित शरीर के मेटाबॉलिस्म में विभिन्न विकार समय के साथ मोतियाबिंद का कारण बन सकते हैं।
  • सैकेंड्री मोतियाबिंद – कई मामलों में मोतियाबिंद किसी अन्य प्राथमिक नेत्र रोग जैसे कि पुरानी आंख की सूजन या ग्लूकोमा के परिणामस्वरूप विकसित होता है।
  • स्टेरॉयड-इंड्यूस्ड मोतियाबिंद – ऑरल स्टेरॉयड का अधिक सेवन करने या आंखों में स्टेरॉयड ड्रॉप डालने से मोतियाबिंद हो सकता है। इनमें से किसी का भी उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

मोतियाबिंद आमतौर पर 55 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज़ों को प्रभावित करता है, लेकिन कोई भी इस समस्या को आसामी से पहचान सकता है। ये सामान्य उम्र बढ़ने के कारण भी हो जाता है। इसके अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे-

  • खराब जीवनशैली की आदतें, जैसे स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग, धूम्रपान या शराब का सेवन।
  • पर्यावरणीय कारक जैसे सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों के अधिक संपर्क में आना।
  • ऑटो-इम्यून रोग जैसे डायबिटीज़, मोटापा और उच्च रक्तचाप।
  • आंखों की चोट या परिवार में पहले किसी को आंखों की बीमारी होना।

सामान्य तौर पर, वर्तमान में उम्र से संबंधित मोतियाबिंद को रोकने का कोई तरीका नहीं है।

हालांकि डायबिटीज़ वाले लोग अपने ब्लड शुगर के लेवल को पूरी तरह से कंट्रोल करके मोतियाबिंद के बढ़ने के खतरे को कम कर सकते हैं।

संक्रमण से संबंधित जन्मजात मोतियाबिंद को रोकने में मदद करने के लिए, गर्भवती होने से पहले महिलाओं को रूबेला टीकाकरण की उनकी मांग के बारे में अपने डॉक्टरों से जांच करानी चाहिए।

एक ब्लेड या लेजर की सहायता से आंख की सामने की सतह पर एक छोटा चीरा बनाया जाता है। फिर एक राउंड होल को एंटीरियर कैप्सूल के सामने काटा जाता है, जो आंख के प्राकृतिक लेंस को घेरता है। आमतौर पर लेंस को लेज़र से छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाता है, ताकि इसे आसानी से आंख से अलग किया जा सके।

एक बार जब पूरे लेंस को हटा दिया जाता है, तो इसे दृष्टि को ठीक करने के लिए एक इंट्रोक्यूलर लेंस (IOL) नामक एक स्पष्ट इंप्लिमेंट के साथ बदला जाता है। 

आज, मोतियाबिंद सर्जरी में हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरणों के बजाय कंप्यूटर नियंत्रित लेज़र की कई प्रक्रियाएं की जाती हैं।

मोतियाबिंद का निदान आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। निदान के लिए मोतियाबिंद नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास आंख की जांच के लिए विशिष्ट सूक्ष्मदर्शी (स्पेसीफिक माइक्रोस्कोप) होते हैं। एक पूर्ण नेत्र जांच में पूरी हिस्ट्री, विजन टेस्टिंग और इंट्राओक्यूलर प्रेशर का रिकॉर्ड रख जाता है। पुतली को बड़ा करने के लिए आई ड्रॉप्स डाले जाते हैं। यह आंख के पिछले हिस्से में रेटिना और ऑप्टिक तंत्रिका के साथ-साथ लेंस के दृश्य में सहायता करता है।

कुछ नहीं, ऐसे में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जैसे कि आपके नेत्र चिकित्सक द्वारा कई बार सुझाई गई आई ड्रॉप डालना। आप आँखों की सर्जरी से 4 दिन पहले आई ड्रॉप शुरू करें। ये आई ड्रॉप आपकी दृष्टि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। इनका उपयोग सूजन, संक्रमण और दर्द को रोकने और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। आप सर्जरी के बाद 2 सप्ताह तक इन आई ड्रॉप को डालते रहें। आपको सर्जरी से पहले एक विस्तृत प्री और पोस्ट-ऑपरेटिव निर्देश पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिसमें आपकी आई ड्रॉप को लेने के तरीके के बारे में बताया गया होगा।

मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया में केवल 10 से 20 मिनट का समय लगता है। हालाँकि बाद की देखभाल के लिए एक निश्चित अवधि की आवश्यकता होती है।

सर्जरी के एक दिन के बाद आप सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। सामान्य तौर पर आपको अपने जीवन की शुरुआत करनी चाहिए लेकिन खेल जैसे बहुत कठिन कार्यों से बचना चाहिए। इसके अलावा आप अपनी आंख को रगड़ें नहीं और अपनी सर्जरी के बाद एक सप्ताह तक तैरने से बचें। आपकी ड्राइव करने की क्षमता इस बात पर निर्भर करेगी कि सर्जरी के बाद आपकी आंखों के बीच का कंट्रास्ट और आपकी दृष्टि कितनी तेजी से बहाल होती है।

यह आपके लिए उपयोग किए जाने वाले इंट्राओकुलर लेंस (आईओएल) के प्रकार पर निर्भर करेगा। मल्टीफोकल या एकोमोडेटिंग आईओएल जैसे हाई-लेवल इंट्राओकुलर लेंस चश्मे की निर्भरता को बहुत कम कर देते हैं। ज्यादातर मामलों में पढ़ने के चश्मे से भी बचा जा सकता है।

मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान आपका सर्जन आपको दर्द न हो, इसके लिए लोकल एनेस्थिसिया सुन्न करने वाली आई ड्रॉप देगा। आराम करने में आपकी सहायता करने के लिए आपको एक माइल्ड सेडैटिव भी दिया जाएगा। मरीज़ और प्रक्रिया के प्रकार के आधार पर अतिरिक्त दवा का उपयोग भी किया जा सकता है। 

जैसे ही दवाओं का असर बंद हो जात है, आप पहले दिन अपनी आंखों में एक हल्का दर्द महसूस कर सकते हैं। दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक का उपयोग किया जा सकता है। आपका डॉक्टर आपको दर्द की दवा के बारे में सलाह देगा।

किसी भी सर्जरी में दर्द, इंफेक्शन, सूजन और ब्लीडिंग का होना आम बात है लेकिन मोतियाबिंद सर्जरी सबसे सुरक्षित सर्जरी में से एक है। बहुत कम लोग ही मोतियाबिंद सर्जरी की गंभीर जटिलताओं से गुजरते हैं। कुछ मामलों में प्रक्रिया से होने वाले दुष्प्रभावों को दवा के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद अपने जोखिम को कम करने के लिए, आप अपने सर्जन के निर्देशों का पालन सही से करें और किसी भी असामान्य लक्षण दिखाई देने पर उनसे बात करें।

नहीं, मोतियाबिंद फिर से विकसित नहीं हो सकता क्योंकि आईओएल इंप्लेंटेशन को कभी भी मैनटेनेंस और रिप्लेसमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। आमतौर पर सर्जरी के कुछ महीने बाद यह बहुत कम मरीज़ों में होता है कि लेंस कैप्सूल मेंब्रेन पर इंप्लेंट के पीछे एक क्लाउडी फिल्म बनती है। इस स्थिति को सेकेंडरी मोतियाबिंद कहते हैं।

20 से 30% मामलों में सर्जरी के कुछ महीनों बाद लेंस कैप्सूल का पिछला भाग, जो सुरक्षा कारणों से सर्जरी के दौरान आंख के अंदर रह जाता है, क्लाउडी बन जाता है, जिससे दृष्टि फिर से धुंधली हो जाती है। यही सेकेंडरी मोतियाबिंद है। इसे पोस्टीरियर कैप्सुलर ओपसीफिकेशन भी कहा जाता है, जिसका सामान्य रूप से एक कम आक्रामक अनुवर्ती प्रक्रिया के साथ इलाज किया जा सकता है, जिसे वाईएजी लेज़र कैप्सुलोटॉमी कहा जाता है।

नहीं, आमतौर पर मोतियाबिंद की सर्जरी एक बार में एक आंख की ही की जाती है। डॉक्टर दोनों आंखों का एक साथ ऑपरेशन नहीं कर सकते। यह सर्जन को दूसरी आंख का ऑपरेशन करने से पहले पहली प्रक्रिया के परिणाम को जज करने में सक्षम बनाता है। यह मूल्यांकन दूसरी सर्जरी के लिए किए गए निर्णयों को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से एक एकोमोडेटिव या मल्टीफोकल लेंस का उपयोग करने वाले मामलों में।

एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया आमतौर पर सबसे एडवांस्ड मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति पर लागू होती है और लेंस टुकड़ों में घुलने के लिए बहुत मोटा होता है या जब फेकमूल्सीफिकेशन असंभव होता है। एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आमतौर पर ऑपरेशन के बाद आंख के चारों ओर सुन्न करने वाली दवा का इंजेक्शन और आंख के पैच की आवश्यकता होती है। 

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी तकनीक को एक्स्ट्राकैप्सुलर सर्जरी की तुलना में और भी अधिक खुले घाव की आवश्यकता होती है और सर्जन पूरे लेंस को परस्पर कैप्सूल के साथ अलग करता है। इस तकनीक को आईओएल को आईरिस के सामने एक अलग स्थान पर डालने की जरूरत होती है।

एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया आमतौर पर सबसे एडवांस्ड मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति पर लागू होती है और लेंस टुकड़ों में घुलने के लिए बहुत मोटा होता है या जब फेकमूल्सीफिकेशन असंभव होता है। एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आमतौर पर ऑपरेशन के बाद आंख के चारों ओर सुन्न करने वाली दवा का इंजेक्शन और आंख के पैच की आवश्यकता होती है। 

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी तकनीक को एक्स्ट्राकैप्सुलर सर्जरी की तुलना में और भी अधिक खुले घाव की आवश्यकता होती है और सर्जन पूरे लेंस को परस्पर कैप्सूल के साथ अलग करता है। इस तकनीक को आईओएल को आईरिस के सामने एक अलग स्थान पर डालने की जरूरत होती है।

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