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दृष्टिहीनता (साइटलेसनेस) क्या है? Sightlessness Kya Hai?

साइटलेसनेस अंधे होने और विज़न में कमी की अवस्था है। आई मंत्रा हॉस्पिटल में ऑप्टिकल सर्विसेज़ दी जाती हैं। हमारे एक्सपीरियंस ऑप्टोमेट्रिस्ट लोगों को क्वालिटी सर्विसेज़ देने के लिए प्रोफेशनली क्वालिफाइड हैं। आई मंत्रा ने विज़न प्रॉब्लम वाले मरीज़ के लिए बेस्ट चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस देने  के लिए फास्ट ग्लेज़िंग मशीनों में इन्वेस्ट किया है।

दृष्टिहीनता (साइटलेसनेस) के लक्षण – Sightlessness Ke lakshan

साइटलेसनेस के समान स्तर वाले लोगों में लक्षणों के प्रति बहुत अलग रिस्पॉन्स हो सकता है। अगर कोई जन्म से अंधा है, तो लाइफ में देर से अपना विज़न खोने वाले लोगों के कम्पेरिज़न में गैर-देखने वाली दुनिया में बहुत कम समायोजन (Adjustment) होता है, जहां उनकी विज़ुअल इम्पेयरमेंट से निपटने की क्षमता भी कम हो सकती है।

सूखी आंखों के सबसे आम लक्षणों में से एक पानी से स्थिर आंख है, इसमें ऑइली और म्यूकस लेयर  के टूटने से आंसुओं को एवेपोरेटेड होने से रोकता है इसलिए आँख ज़्यादा पानी प्रोड्यूस करके क्षतिपूर्ति करती है। दिन के अंत में “थकी हुई आँखें” (tired eyes) होना एक और लक्षण है। जो लोग वर्षों की अवधि के बजाय अचानक अपनी दृष्टि खो देते हैं, उन्हें भी अपनी साइटलेसनेस को एडजस्ट  करने में अधिक कठिनाई हो सकती है।

discomfort within eyes
आँखों में बेचैनी (Discomfort within the eyes)
Pain within the eyes
आँखों में दर्द (Pain within the eyes)
Blindness
ब्लाइंडनेस (Blindness)
Watering
ऑंख में पानी आना (Watering)
Loss of depth perception.
विज़न फील्ड लॉस होना (Loss of field vision)
Irritation
ऑंखों में खुजली आना (irritated eyes)

हालांकि जब साइटलेसनेस कॉर्निया (आंख के आगे गुंबद) में इंफेक्शन का परिणाम हो सकता है,  इसमें नॉर्मली ट्रांसपेरेन्ट कॉर्निया सफेद या ग्रे हो सकता है, जिससे आंख के रंगीन हिस्से को देखना मुश्किल हो जाता है। नॉर्मली मोतियाबिंद से साइटलेसनेस में काली पुतली सफेद दिखाई दे सकती है। कुछ अंधे लोगों ने अपने साथ बात करे रहे व्यक्ति को सीधे देखना सीख लिया है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि वे दृष्टिहीन हैं।

दृष्टिहीनता (साइटलेसनेस) के कारण – Causes of Sightlessness

साइटलेसनेस नीले रंग से होकर वक्त के साथ धीरे-धीरे बढ़ सकती है। साइटलेसनेस पूर्ण या आंशिक भी हो सकती है, जिसमें केवल एक आंख या विज़न एरिया के कुछ हिस्से शामिल हो सकते हैं। साइटलेसनेस को विज़न लॉस के रूप में भी माना जा सकता है, जिसे चश्मे के साथ ट्रेडिशनल लेवल तक ठीक नहीं किया जा सकता है।

साइटलेसनेस के कारण अत्यंत विविध हैं, जिसमें आंखों को इफेक्ट करने से लेकर दिमाग के अंदर विजुअल प्रोसेसिंग सेंटर्स को इफेक्ट करने वाली सिचुएशन तक हो सकती हैं। उम्र के साथ इंपेयर विज़न कॉमन हो जाता है। बुजुर्गों में डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy), ग्लूकोमा (glaucoma), एज रिलेटेड डिजेनेरेशन (age-related degeneration) और मोतियाबिंद (cataracts) साइटलेसनेस के नॉर्मल कारणों में शामिल हैं।

साइटलेसनेस का मेन रीज़न डायबिटीज़ है। टाइप 1 डायबिटीज़ वाले लगभग सभी मरीज़ इस सिचुएशन को डेवलप करते हैं, जैसा कि टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लगभग 60 प्रतिशत मरीज़ करते हैं।

डायबिटिक रेटिनोपैथी में रेटिना की छोटी बल्ड वेसल डैमेज हो जाती हैं, जबकि सिचुएशन के प्राइमरी स्टेज के दौरान कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। रेगुलर आई टेस्ट के माध्यम से जितना जल्दी हो सके रेटिनोपैथी का ट्रीटमेन्ट करना महत्वपूर्ण है। ऐसा नहीं करने से आपकी विज़न ब्लर हो सकती है, जो साइटलेसनेस का कारण बन सकती है।

60 वर्ष की आयु के बाद डिजेनेरेशन साइटलेसनेस का एक प्रमुख कारण बन सकता जो जेनेटिक है। आई टिशू डैमेज होने की वजह से डिजेनेरेशन होता है, जिससे आंख के मध्य भाग में धुंधलापन या विज़न लॉस होता है।

Bacterial infection
बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection)
Corneal scars
कॉर्नियल स्कार (Corneal scars)
Eye tumor
आई ट्यूमर (Eye tumor)
trauma
ट्रॉमा (Trauma)
Vitamin A deficiency
विटामिन ए की कमी (Vitamin A deficiency)
stargardtst-disease-eye
स्टारगार्ड डिसीज़ (Stargardt’s disease)

साइटलेसनेस के रिस्क फैक्टर – Sightlessness Ke Risk Factors

मॉडर्न मेडिकल ट्रीटमेन्ट तक आसान पहुंच के बिना तीसरी दुनिया के देश में रहना साइटलेसनेस के लिए एक मेजर रिस्क फैक्टर है। अन्य संभावित खतरों में शामिल हैं:

Prenatal care
खराब प्रीनेटल केयर
Premature birth
प्रीमैच्योर बर्थ
Poor nutrition
खराब न्यूट्रिशन
Failing to wear safety glasses
सेफ्टी ग्लास पहनने में फेल होना
Smoking
स्मोकिंग
Diabetes
डाइबिटीज़
Hypertension
हाइपरटेंशन
Cardiovascular disease
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज़

दृष्टिहीनता (साइटलेसनेस) के उपचार – Sightlessness Ke Upchaar

विजुअल डिफेक्ट या साइटलेसनेस का ट्रीटमेन्ट कारण पर डिपेन्ट करता है। तीसरी दुनिया के देशों में जहां रिफरेक्टिव एरर की वजह से हममें से कई लोगों की आई साइड वीक है, केवल प्रिस्क्राइब करने और चश्मा लगाने देने से मामला हल हो जाएगा।

न्यूट्रिशनल कारणों के लिए कैटरेक्ट सर्जरी

साइटलेसनेस के न्यूट्रिशनल रीज़न को अक्सर डाइट में बदलाव द्वारा एड्रेस किया जाता है। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो कैटरेक्ट से अंधे हुए हैं। ऐसे कई मामलों में कैटरेक्ट सर्जरी ने उन मरीज़ों की आंखों की रोशनी ठीक की है।

संक्रामक कारणों के लिए दवा

साइटलेसनेस में सूजन और संक्रामक कारणों का ट्रीटमेन्ट अक्सर दवा के साथ ड्रॉप्स या गोलियों के रूप में किया जाता है। कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की मदद वह मरीज़ ले सकते हैं, जिनकी विज़न कॉर्नियल स्कारिंग की वजह से सही नहीं है।

दृष्टिहीनता (साइटलेसनेस) से बचाव – Sightlessness Se Bachaav

साइटलेसनेस को रोकने का सबसे अच्छा तरीका धूप का चश्मा पहनना और साग खाना है, जिससे आपकी आंखों की रोशनी को बचाने के साथ फ्यूचर में होने वाली विज़न प्रॉब्लम को दूर कर सकता है। हालाँकि निम्नलिखित उपायों को देखना महत्वपूर्ण है:

स्वस्थ भोजन (Healthy Diet)

एक हैल्दी मील जिस पर आपको विचार करना चाहिए, वह पालक या काले सलाद के साथ शुरू होता है, जिसमें ब्राइटली कलर वेजिटेबल्स होती हैं। इसके साथ ही हरी पत्तेदार डाइट में शामिल ल्यूटिन (lutein) और ज़ेक्सैन्थिन (zeaxanthin) पोषक तत्व प्रदान करके आई डिसीज़ के रिस्क को कम करने में मदद करेगा। आंखों को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आप अपने डाइट में निम्नलिखित सब्ज़ियां शामिल कर सकते हैं:

  1. पीली और नारंगी सब्जियां जैसे गाजर और शकरकंद विटामिन ए के लिए
  2. स्ट्रॉबेरी, संतरा और आम जैसे फल विटामिन सी के लिए
  3. सैल्मन और मछली सूखी आंखों से राहत के लिए टियर प्रोडक्शन को रोकने के लिए

नियमित आंखों की जांच (Regular Eye Check-ups)

ग्लूकोमा और डाइबिटीज़ रोग जैसी समस्याओं को रोकने के लिए रेगुलर आई टेस्ट कराना एक महत्वपूर्ण तरीका है। विज़न प्रॉब्लम वाले ज़्यादातर लोगों को साल में एक बार अपने ऑप्थलमोलॉजिस्ट को यह सुनिश्चित करने के लिए देखना चाहिए कि उनका विज़न नहीं बदला है।

धूप के चश्मे का प्रयोग (Use of Sunglasses)

बाहर जाते समय सनग्लासेस का इस्तेमाल करने से आपकी आईसाइड सुरक्षित रहती है। पराबैंगनी (यूवी) विकिरण के कारण हाइपरसेंसिटिव होने से आपकी आंखों के आसपास की स्किन बॉडी पर सबसे पतली हो सकती है। आईलिड के अंदर और आंखों के आसपास कई प्रकार के कार्सिनोमा, जैसे कार्सिनोमा (carcinoma) और मेलेनोमा (melanoma) बन सकते हैं, जिससे आंखों को बड़ा नुकसान होता है। सनग्लासेस में यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) (लॉन्ग और शॉर्ट वेव) किरणों से पूरी तरह से 100 प्रतिशत सुरक्षा होनी चाहिए।

हम “समाज के वंचित वर्गों”(underprivileged sections of society) के लिए चैरिटेबल सर्विस भी प्रोवाइड करते हैं, क्योंकि हम दुनिया को रहने के लिए एक खुशहाल बनाने में विश्वास करते हैं।

अगर किसी व्यक्ति को आई ट्रीटमेन्ट करवाना है, लेकिन वह ट्रीटमेन्ट का खर्च उठाने में असमर्थ है, तो वह हमारे अस्पताल आ सकता है, जहां उनका पूरा ट्रीटमेन्ट “फ्री या बहुत मामूली कीमत पर” किया जाएगा। 

आई मंत्रा पर स्माइल आई सर्जरी की कीमत के बारे में अधिक जानने के लिए हमें +91 -9711115191 संपर्क करें या आप हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जा सकते हैं।

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Doctor Shweta Jain
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Cataract, Retina, Glaucoma, LASIK
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Dr. Surbi Taneja
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Dr. Harleen Kaur
Cataract, Retina, Glaucoma, LASIK

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

विज़न लॉस होने पर आपकी सुनने, सूंघने, स्वाद और स्पर्श की इंद्रियों में सुधार नहीं होता है, जबकि विज़न लॉस हो चुके लोग फोकस करना और बेहतर सुनना सीखते हैं। साथ ही अन्य इंद्रियों से रिलेटेड इंफॉर्मेशन पर ज़्यादा ध्यान देते हैं।

थेरेपी के साथ भी 20 वर्षों के दौरान कम से कम 15% मामलों में ग्लूकोमा साइटलेसनेस का कारण बन सकता है। हालांकि ग्लूकोमा आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, जिसके ट्रीटमेन्ट के साथ विज़न लॉस को कुछ वक्त के लिए रोककर या उलट कर प्रोग्रेस में देरी की जा सकती है।

विज़ुअली इंपेयर लोग अक्सर अपनी मेमोरी का उपयोग करके ज़्यादा वक्त बिताई हुई जगहों पर घूमते हैं। ज़्यादातर विज़ुअली इंपेयर लोग कम परिचित रास्तों पर बाधाओं को ढूढ़ने के लिए सफेद बेंत का इस्तेमाल करते हैं, जबकि कुछ लोग गड्ढों, कर्ब, कारों और अन्य खतरों के बारे में चेतावनी के लिए पालतू कुत्ता पालते हैं।

एक ही समय में एक या दोनों आंखों में विज़न लॉस हो सकता है। यह अक्सर एक अंतर्निहित समस्या का सिग्नल होता है, जैसे कि ब्लड क्लॉट। ब्लड क्लॉट आंखों में अपर्याप्त रक्त प्रवाह (insufficient blood flow) का कारण बनता है, जिसकी वजह से सेकंड से लेकर मिनटों तक आइसाइड लॉस हो सकता है।

आपके रेटिना में एक टाइट ब्लड वेसल का होना वाहिका-आकर्ष (vasospasm) का कारण बनती है, जो ब्लड फ्लो में कटौती करता है, जिससे एक आंख में टैम्परेरी विज़न लॉस हो सकता है। कई स्थितियों से वासोस्पास्म हो सकता है, इनमें एक रेटिना माइग्रेन, एथेरोस्क्लेरोसिस और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं।

ग्रे-आउट विज़न लाइट और रंग के एक कथित लुप्त होने के साथ-साथ कुछ मामलों में पेरिफेरल के नुकसान की विशेषता है। लो ब्लड प्रेशर से प्रेरित हाइपोक्सिया (Hypoxia) (दिमाग में ऑक्सीजन का लो लेवल) अक्सर बेहोशी या ब्लैक आउट होने का कारण बनता है।

डायबिटीज़, डायबिटिक रेटिनोपैथी, कैटरेक्ट, डिजेनेरेशन और ग्लूकोमा साइटलेसनेस के सबसे आम कारण हो सकते हैं।

हम प्रोफेशनल हेल्प के बिना अपनी दृष्टि को सुधार नहीं सकते हैं। आंखों से जुड़ी समस्या के लिए कोई तेज और आसान हल नहीं है, लेकिन अच्छे न्यूट्रिशन और डाइट के साथ आप अभी भी अपना विज़न नेचुरली और अपने दम सुधार सकते हैं। इसलिए हमेशा की तरह इस बारे में अपने आंखों के डॉक्टर से चर्चा करें।

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