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काला मोतियाबिंद या ग्लूकोमा आमतौर पर आंख के अंदर प्रेशर के निर्माण से जुड़ा होता है जिसे इंट्राओक्युलर प्रेशर (आईओपी) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब आंख के अंदर फ्लयूड, एक्यूओस ह्यूमर आंख से बहना बंद हो जाता है। ग्लूकोमा में आई फ्लयूड ड्रेनिंग सिस्टम ब्लॉक हो जाता है, जिससे प्रेशर बनता है। फ्लयूड प्रेशर निर्माण को ऑप्टिक नर्व के बिगड़ने के साथ-साथ जेनेटिक फैक्टर्स के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। आंख की ऑप्टिक नर्व इमेजेस को ब्रेन तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती है।
ग्लूकोमा अगर ठीक नहीं किया जाता या इलाज नहीं किया जाता, तो यह गंभीर और पूरी तरह से डेमैज भी हो सकता है और दृष्टि भी जा सकती है। कई बार जब तक दृष्टि हानि होना शुरू नहीं हो जाती, तब तक ग्लूकोमा में कोई दर्द या परेशानी नहीं होती है। इसलिए ग्लूकोमा जैसी आंखों की बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए नियमित आंखों की जांच करवाना आवश्यक है। दिल्ली/एनसीआर में बेस्ट ग्लूकोमा परामर्श प्रदान करने वाले बेस्ट नेत्र रोग विशेषज्ञों से परामर्श लेने के लिए आईमंत्रा से संपर्क करें।
ओपन-एंगल ग्लूकोमा के वेरिएंट में शामिल हैं:
नॉर्मल-टेंशन ग्लूकोमा (जिसे लो-प्रेशर ग्लूकोमा भी कहा जाता है) पीओएजी के समान है, जो ऑप्टिक नर्व डैमेज के परिणामस्वरूप फील्ड विज़न लॉस की ओर जाता है।
पीओएजी (POAG) ग्लूकोमा का एक बहुत ही कॉमन टाइप है। इस टाइप के आई डिफेक्ट में व्यक्ति की पेरिफेरल विज़न बिना कोई अन्य लक्षण दिखाई दिए कम हो जाती है।
यह ग्लूकोमा का एक रेयर फॉर्म है और यह आंख के ड्रेनेज एंगल के बंद होने के कारण होता है। यह आमतौर पर 30 से 40 वर्ष की आयु को प्रभावित करता है।
एक्यूट एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा में अचानक लक्षण पैदा हो जाते हैं, जैसे आंखों में दर्द, सिरदर्द, तेज रोशनी के आसपास हैलोज़, फैली हुई पुतलियाँ, लाल आँखें, नोएसिया आदि।
This is a type of glaucoma that could arise from factors other than natural factors and could be attributed to things like an eye injury or an infection, inflammation>
यह ग्लूकोमा का वह टाइप है जिसमें फ्लयूड आंख के ड्रेनेज एंगल तक नहीं पहुंच सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आईरिस और कॉर्निया के बीच ड्रेन की जगह बहुत छोटी हो जाती है।
यह एक प्रकार का ग्लूकोमा है जो बच्चे अपने माता-पिता से जन्म के समय प्राप्त करते हैं। ये बच्चे ड्रेनेज सिस्टम में खराबी के साथ पैदा होते हैं।
ग्लूकोमा को कई डॉक्टरों द्वारा ‘साइलेंट थीफ ऑफ विज़न (Silent Thief of Vision)’ माना गया है क्योंकि यह बिना किसी या बहुत कम लक्षणों के साथ आता है और कई लक्षण आपकी दृष्टि को डैमेज करने के बाद ही दिखाई देते हैं। हालाँकि आपको किस प्रकार का ग्लूकोमा हो सकता है, इसके आधार पर कुछ लक्षण हैं जो ग्लूकोमा का जल्दी पता लगाने और मैनेजमेंट करने के लिए हो सकते हैं। वो हैं:
अफसोस की बात है कि इस टाइप का ग्लूकोमा दृष्टि के गंभीर नुकसान से पहले कोई लक्षण नहीं दिखाता है। यह सलाह दी जाती है कि अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या होने के कारण आप भी ग्लूकोमा के रिस्क को महसूस करते हैं, तो आपको नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच कराते रहना चाहिए। यह इस डिफैक्ट को बेहतर ढंग से ट्रैक करने, निदान करने और मैनेज करने में मदद करेगा।
इस प्रकार के ग्लूकोमा का पहला साइन साइड विज़न/पेरिफेरल विज़न का नुकसान है। हालाँकि परिवर्तन सूक्ष्म हैं और इसलिए इसे स्वीकार करना कठिन हो सकता है।
कई लोगों ने इसे “अपने जीवन का सबसे दर्दनाक आंखों का दर्द” बताया है। यह ग्लूकोमा टाइप कुछ सबसे दर्दनाक लक्षण पैदा करता है, जैसे-
जन्मजात ग्लूकोमा बच्चों में जन्म के दौरान होता है और इसके लक्षण पहले कुछ वर्षों में ही सामने आ सकते हैं। इसमे शामिल हैं:
अगर आपकी आंख में चोट लगी हो, सूजन हो या यहां तक कि एडवांस मोतियाबिंद भी हो, तो ग्लूकोमा होने की संभावना है और इनमें से ज़्यादातर मामलों में आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ यह जांच करेगा कि आपको ग्लूकोमा भी है या नहीं।
आपको ग्लूकोमा होने का खतरा है अगर आप-
ग्लूकोमा एक ऐसी कंडिशन नहीं है जो किसी भी लक्षण को तब तक प्रस्तुत करती है जब तक कि उसके दुष्प्रभाव शुरू नहीं हो जाते। इस बीमारी का भी पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता है, बस इसे मैनेज करने की ज़रूरत है, इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि दृष्टि के पूरी तरह से नुकसान के रिस्क को कैसे कम किया जाए। ग्लूकोमा के रिस्क को कम करने के लिए यहां कुछ स्टेप्स बताए गए हैं।
क्योंकि शुरुआत में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए सलाह दी जाती है कि कुछ हफ्तों या कम से कम 1 महीने में एक बार व्यापक आंखों की जांच ज़रूर करवाएं।
शुरुआत में आपका नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों पर प्रेशर कम करने के लिए प्रिस्क्रिप्शन आईड्रॉप या किसी प्रकार की ऑरल मेडिसिन देगा। हालांकि अगर ये दवाएं कोई परिणाम नहीं देती हैं, तो दृष्टि की हानि से बचने के लिए सर्जरी की ज़रूरत होती है।
ग्लूकोमा के इलाज के लिए पहले उपाय के रूप में सर्जरी की सलाह नहीं दी जाती है। हालांकि अगर आपकी आंख की कंडिशन लगातार खराब होती जा रही है, तो फिर आपको इसके बारे में विचार करना चाहिए, अगर अन्य ट्रीटमेंट और मैनेजमेंट टेकनिक सही रिज़ल्ट देने में फेल हो जाते हैं।
ग्लूकोमा के इलाज के लिए अलग-अलग प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाएं इस प्रकार हैं:
इसका उपयोग क्लॉग्ड ट्यूब्स को साफ करने और निर्मित फ्लयूड प्रेशर को दूर करने के लिए किया जाता है। ग्लूकोमा के लिए लेज़र सर्जिकल प्रक्रियाएं भी कई प्रकार की होती हैं, जो नीचे दी गई हैं:
इस प्रक्रिया में सर्जन स्केलेरा (आंख का सफेद भाग) में एक छोटा सा कट लगाता है और टिश्यू के कुछ मैश को हटा देता है। ऐसा माना जाता है कि यह आंखों में टिश्यू को ड्रेंज करने में मदद करता है और कुछ आईओपी (IOP) प्रेशर से राहत देता है।
क्योंकि ग्लूकोमा में आई ड्रेनेज सिस्टम लड़खड़ाने लगता है। आंखों से फ्लयूड निकालने का एक तरीका फ्लयूड को बाहर निकालने के लिए एक ट्यूब के साथ एक आर्टिफिशियल सिस्टम को इंप्लांट करना होता है।
इस प्रक्रिया में सर्जन आंख के ड्रेनेज ट्यूब में चीरा लगाने के लिए ट्रैबेक्टोम नामक एक हीटिंग डिवाइस का उपयोग करता है। यह टिश्यू के मैश को हीट भेजता है और टीश्यू के निर्माण के साथ-साथ प्रेशर को दूर करने में मदद करता है।
कोई भी सर्जिकल प्रक्रिया कॉम्प्लिकेशन्स फ्री नहीं होती है। यहां कुछ रिस्क और कॉम्प्लिकेशन्स हैं, जो ग्लूकोमा के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट के साथ हो सकती हैं।
ग्लूकोमा उपचार की पूरी कीमत उस प्रक्रिया या परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है जिससे आप गुजरते हैं। उपचार की कीमत 3,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच अलग-अलग होती है। ग्लूकोमा के उपचार में शामिल कुछ प्रक्रिया, इंजेक्शन, परीक्षण और सर्जरी की अनुमानित कीमत नीचे दी गई है:
उपचार | कीमत (₹) |
---|---|
ओसीटी (OCT) | 2000-3000 |
यैग लेज़र – सिंगल आई (Yag Laser – Single eye) | 2000-3000 |
ग्रीन लेज़र – सिंगल आई (Green Laser – Single Eye) | 2000 – 3000 |
येग ईरिडोटॉमी (YAG iridotomy) | 2000 – 3000 |
गॉनियोस्कॉपी (Gonioscopy) | 500 – 1000 |
विज़ुअल फील्ड टेस्ट (Visual Field Test) | 1000 – 2000 |
कॉर्नियल पैचीमेट्री (Corneal pachymetry) | 500 – 1000 |
आईमंत्रा फाउंडेशन समाज के वंचित वर्गों को चैरीटेबल और फ्री ग्लूकोमा उपचार सेवाएं प्रदान करता है। कोई व्यक्ति जिसे आंखों के इलाज की ज़रूरत है, लेकिन ग्लूकोमा के इलाज का खर्च वहन करने में असमर्थ है, वह हमारे अस्पताल आ सकता है और उसका पूरा इलाज फ्री आ फिर बहुत मामूली कीमत पर किया जाएगा।
भारत में मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सबसे अच्छे नेत्र अस्पतालों में से एक है, जैसे एम्स, शंकरा नेत्रालय, एलवीपीईआई और आईमंत्रा। आईमंत्रा (Eye Mantra) ग्लूकोमा के इलाज में सबसे आगे है और इसके डॉक्टरों द्वारा अब तक 1,000 से अधिक आंखों का ऑपरेशन किया जा चुका है।
आईमंत्रा में हम भारत में सबसे अच्छा ग्लूकोमा उपचार प्रदान करते हैं। हमारी सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला में दिल्ली-एनसीआर में सस्ती कीमत पर लेज़र और अन्य सर्जिकल प्रक्रियाओं पर आधारित ग्लूकोमा उपचार और ग्लूकोमा मैनेजमेंट शामिल हैं।
ग्लूकोमा आमतौर पर आंख के अंदर प्रेशर के निर्माण से जुड़ा होता है जिसे इंट्राओक्युलर प्रेशर (आईओपी) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब आंख के अंदर फ्लयूड एक्यूओस ह्यूमर आंख से बाहर निकलना बंद कर देता है।
ओपन-एंगल ग्लूकोमा के वेरिएंट में प्राइमरी ओपन-एंगल ग्लूकोमा (पीओएजी), नॉर्मल-टेंशन ग्लूकोमा (एनटीजी), पिगमेंटरी ग्लूकोमा, स्यूडोएक्सफोलिएशन ग्लूकोमा और सेकेंडरी ग्लूकोमा शामिल हैं।
अगर आप आंखों के अंदर सूजन, विज़न में हेलॉज़, लाइट सेंस्टिविटी आदि का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको ग्लूकोमा की जांच करवानी चाहिए।
“ग्लूकोमा टेस्ट” की कीमत “फ़ील्ड (Fields) + ओसीटी (OCT) + पैची (Patchy) + गोनियो (Gonio)” सहित, 3,000 रुपये तक हो सकती है। दूसरे टेस्टों की कीमत आईमंत्रा पर 3,000 रुपये से कम है।
कोई भी सर्जरी रिस्क से फ्री नहीं होती है। ग्लूकोमा सर्जरी से जुड़े कुछ रिस्क में आंखों में लालपन, दर्द, खून बहना आदि शामिल हैं। आपको बाद में मोतियाबिंद भी हो सकता है।
अंधापन ग्लूकोमा के सबसे प्रतिकूल प्रभावों में से एक है। और भले ही यह ज़रूरी न हो यदि आप सही समय पर निदान और उपचार कर लें, तो आप ग्लूकोमा से होने वाली दृष्टि के नुकसान से बच सकते हैं।
आंखों का कोई नॉर्मल प्रेशर नहीं है, लेकिन एक औसत व्यक्ति का आईओपी 12 से 22 मिलीग्राम एचजी के बीच होता है।
वैसे तो ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा इसकी सलाह नहीं दी जाती है। मरिजुआना वैज्ञानिक रूप से कुछ घंटों के लिए आंखों के प्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है। लेकिन क्योंकि ग्लूकोमा के इलाज के लिए पूरे दिन आंख से प्रेशर छोड़ना पड़ता है, इसलिए यह संभव नहीं है।
यहां तक कि अगर किसी को यह ऑप्शन चुनना है, तो उसे इसका प्रचुर मात्रा में सेवन करना होगा, जिसका शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है।
भारत में कई अच्छे ग्लूकोमा सर्जन हैं। आईमंत्रा में कुछ टॉप ग्लूकोमा डॉक्टर/सर्जन हैं। डॉक्टर श्वेता जैन भारत में बेस्ट ग्लूकोमा सर्जनों में से एक हैं। डॉक्टर श्वेता जैन ने अब तक 1000 से अधिक ग्लूकोमा सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं। आईमंत्रा ग्लूकोमा सर्जरी कार्यक्रम के परिणाम कई लोगों के लिए बेहतर साबित होते हैं। ग्लूकोमा सर्जरी के बाद कई मरीज़ों को बेहतर स्थिति का अनुभव होता है।
ए1/10, ए1 ब्लॉक, ब्लॉक ए, पश्चिम विहार, वेस्ट दिल्ली-110063
बी62 – प्रशांत विहार, रोहिणी सेक्टर-14, सीआरपीएफ स्कूल के सामने, नॉर्थ दिल्ली