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आँखें हमारे शरीर का सबसे नाज़ुक हिस्सा होती हैं। हमारी आँखों में अलग-अलग प्रकार की समस्या देखने को मिलती है, जैसे- आँखों की रोशनी का कम हो जाना, आँखों से पानी आना, आँखों का फड़फड़ना आदि। इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे आंखों में दबाव या दर्द क्या होता है, इसका क्या कारण है, अगर आपको यह परेशानी है, तो आँखों के डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए, इस परेशानी से कैसे बचा जा सकता है और इसके उपचार क्या-क्या हैं। आंखों में दबाव के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए इस पेज को अंत तक पढ़ें। आंखों में दबाव होना या दर्द महसूस होना, आँखों की बाक़ी समस्या से एकदम अलग है। इसका यह मतलब नहीं है कि यह दर्द आपकी आँखों के अंदर पहले से मौज़ूद किसी समस्या की वजह से हुआ हो। अकसर ये देखा गया है कि यह आपके मस्तिष्क के दूसरे हिस्से से शुरू होता है। आँखों की कुछ समस्याओं से आँखों में दर्द और दृष्टि से जुड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं कि वह आंखों में दबाव का कारण बने। यह समस्या कई बार तनाव, सिरदर्द, क्लस्टर सिरदर्द, माइग्रेन आदि जैसे सिरदर्द की वजह से भी हो जाती है। ग्लूकोमा हमारी आँख के अंदर दबाव निर्माण का एक परिणाम है लेकिन इसे दबाव के किसी भी कारण में नहीं गिना जा सकता। आँखों के रोग जैसे गुलाबी आँखें हो जाना या आँखों में एलर्जी हो जाने से आँखों में दर्द तो हो सकता है लेकिन इससे आंखों में दबाव नहीं हो सकता। आँखों के पीछे होने वाले दबाव या दर्द में जलन और चुभन का अहसास होता है। कई बार इसकी वजह से आँखों में खिचाव भी अधिक बढ़ जाता है।
आंखों में दबाव या दर्द के होने की कोई एक वजह नहीं है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे- सिरदर्द, साइनस की समस्या, ग्रेव्स रोग, ऑप्टिक न्यूरिटिस, दाँत का दर्द, गंभीर या पुरानी चोटें, ग्लूकोमा इत्यादि। ये वो सभी कारण हैं जिनकी वजह से आंखों में दबाव और दर्द की समस्या पैदा हो जाती है। इन सभी कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे पढ़ें।
आंखों में दबाव या दर्द का होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन जब ये समस्या लंबे समय तक बनी रहे या ज़्यादा पुरानी हो जाए, तो यह आपको परेशानी में डाल सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप सही समय पर डॉक्टर से सही परामर्श लें और जल्द-से-जल्द अपने आँखों के पीछे के दबाव का इलाज शुरू करें। कई बार देखा जाता है कि इस बीमारी को लोग बहुत बड़ी बीमारी मान लेते हैं और जल्दी घबरा जाते हैं लेकिन आपको घबराने की नहीं बल्कि सही समय पर इसके लक्षणों की पहचान करके अपना इलाज शुरू करने की ज़रूरत है। जब आपको लगे कि आपकी आँखों की रोशनी कम हो रही है, आँखों में जलन महसूस हो, बार-बार सिर में दर्द हो या चेहरे पर सूजन दिखाई दे, तो आप तुरंत आँखों के चिकित्सक के पास जाएँ और अपनी परेशानी के बारे में खुलकर बात करें। किसी-किसी मामले में आपको आँखों के चिकित्सक के अलावा ईएनटी (कान, नाक और गला) विशेषज्ञ, डेंटिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट से भी परामर्श लेना पड़ा सकता है। आप जिस किसी भी आँखों के चिकित्सक या विशेषज्ञ के पास जाएँ लेकिन वह ये निर्धारित करने में सक्षम होना चाहिए कि आपकी आंखों में दबाव या दर्द महसूस होने का क्या कारण है। वह आपको अपने अलावा अन्य बीमारियों से संबंधित विशेषज्ञों के पास जाने की भी सलाह दे सकता है जैसे- ईएनटी विशेषज्ञ, जो साइनस और एलर्जी की समस्याओं का इलाज करता है, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जो आँखों से जुड़ी समस्याओं का इलाज करता है, न्यूरोलॉजिस्ट, जो मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं का इलाज करता है आदि।
कई बार ऐसा भी होता है कि विशेषज्ञ भी किसी-किसी मरीज़ की परेशानी को पकड़ नहीं पाते, जिसके लिए उन्हें कुछ टेस्ट करने ज़रूरी हो जाते हैं, ताकी बीमारी का जल्द ही पता लगाया जा सके। वह हार्मोन का स्तर निर्धारित करने के लिए खून की जाँच करते हैं, जो थायरॉयड द्वारा उत्पन्न हार्मोन ग्रेव्स रोग के निदान में ज़रूरी है। इसके अलावा बीमारी का गहराई से पता लगाने के लिए डॉक्टर सीटी स्कैन की मदद लेते हैं, जो मस्तिष्क और शरीर के बाकी अंगों की अच्छे के जाँच करता है। मस्तिष्क और शरीर की जाँच करने के लिए एमआरआई स्कैन भी एक तकनीकी साधन है। यदि किसी मरीज को साइनस की समस्या है, तो कई बार उसकी जाँच के लिए ऐंडोस्कोपी करनी पड़ती है, जिसमें कैमरे की मदद से नाक के अंदर के हिस्से को देखा जाता है। इन सभी तकनीकी उपचारों के बारे में विस्तार से जाननेै के लिए नीचे पढ़ें।
आंखों में दबाव और दर्द को आसानी से ठीक किया जा सकता है यदि आप इस बीमारी की पहचान होते ही समय पर अपना इलाज शुरू कर देते हैं। किसी भी तरह की लापरवाही आपको मुसीबत में डाल सकती है। आँखों के पीछे दबाव का उपचार आपके लक्षणों और उसके कारणों पर निर्भर करता है। यदि आपके आँखों के पीछे के दबाव का कारण साइनस है, तो आपका डॉक्टर आपके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स की सलाह देगा। अगर आपकी यह परेशानी ज़्यादा पुरानी है, तो आपको तीन से चार हफ्तों तक एंटीबायोटिक का कोर्स करना पड़ सकता है। इसके अलावा आप नमक के पानी से अपनी आँख धोकर घरेलू उपचार भी कर सकते हैं, जिससे आपको लाभ मिलेगा। आँखों के पीछे दबाव और दर्द को दूर करने के लिए दर्द निवारक का भी उपयोग किया जाता है।
अगर आपको लगता है कि आपकी आँखों के पीछे दबाव या दर्द के अन्य लक्षण भी हैं, जो दूर नहीं हो रहे हैं, तो फिर आपको बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यदि बीमारी ज़्यादा बढ़ जाती है, तो जिस आँखों के विशेषज्ञ को आपने दिखाया है, वह आपको सर्जरी करवाने के लिए बोल सकता है। हालाँकि सर्जरी का विकल्प सबसे अंतिम विकल्प होता है। डॉक्टर या आँखों का विशेषज्ञ सबसे पहले यही कोशिश करता है कि बीमारी को दवाओं और घरेलू उपचार से ही सही किया सके। अंत में आप अपनी आँखों के पीछे के दबाव के इलाज के लिए अपने डॉक्टर से नियमित जाँच करवाते रहें। यदि आप अपना इलाज हमारे यहाँ से करवाना चाहते हैं, तो अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हमारी अन्य सेवाओं में रेटिना सर्जरी , स्पेक्स रिमूवल , मोतियाबिंद सर्जरी शामिल हैं।