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कॉन्ट्रा सर्जरी को चिकित्सा क्षेत्र में लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइल्यूसिस या लेसिक भी कहते हैं, जो एक अपवर्तक यानी रिफ्रेक्टिव सर्जरी है। आमतौर पर सर्जनों द्वारा इसका इस्तेमाल दृष्टि में सुधार के लिए किया जाता है। यह सर्जरी एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑपथलमॉलजिस्ट) या चिकित्सा चिकित्सक (मेडिकल डॉक्टर) द्वारा की जाती है, जो आंखों की बीमारियों के इलाज में माहिर हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया का मकसद दृष्टि में सुधार करके आपको चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत से छुटकारा दिलवाना है। ज्यादातर मामलों में यह प्रक्रिया सफल होती है, जिससे मरीजों को दृष्टि में जरूरी सुधार का अनुभव होता है।
यह सर्जरी अलग-अलग अपवर्तक त्रुटियों का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। इनमें नज़दीकीपन (मायोपिया), दूरदृष्टि (हाइपरोपिया या फरसाइटेडनेस) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिग्मेटिज्म) जैसी समस्याएं शामिल हैं। बेहतर नतीजे सहित कई अन्य कारणों से कॉन्ट्रा सर्जरी ज्यादातर डॉक्टरों और मरीजों में लोकप्रिय हो रही है। अगर आप भी यह सर्जिकल प्रक्रिया करवाना चाहते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। यह सर्जरी आपकी स्थिति में सुधार करके आपको युवा और ज्यादा आकर्षक बनाने में मदद कर सकती है। इस पोस्ट में आपको कॉन्ट्रा सर्जरी का अर्थ, उपयोग, कार्य सहित इसके फायदे और नुकसान की जानकारी प्रदान की गई है। साथ ही चर्चा के दौरान हम आपके कॉन्ट्रा सर्जरी से संबंधित सभी सवालों के जवाब भी देंगे। इनसे आपको यह जानने में में मदद करेंगे मिलेगी कि क्या कॉन्ट्रा सर्जरी आपके लिए सही विकल्प है।
कॉन्ट्रा सर्जरी के कई अलग-अलग प्रकार हैं। हालांकि, आंखों से संबंधित अलग-अलग प्रकार की स्थितियों में इसका उपयोग किया जाना आम है। कॉन्ट्रा सर्जरी से इलाज की जाने वाली कुछ सबसे सामान्य स्थितियों में शामिल है:
मोतियाबिंद आंख की एक आम स्थिति है, जो आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ लोगों में देखी जाती है। इस स्थिति में मरीज की आंख का लेंस बादल बन जाता है। अनुपचारित रहने या देर से इलाज किये जाने पर इससे दृष्टि संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा कॉन्ट्रा विजन सर्जरी को मोतियाबिंद हटाने और इसे आर्टिफिशियल लेंस से बदलने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
ग्लूकोमा एक गंभीर आंख की स्थिति है, जो किसी व्यक्ति के लिए स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकती है। यह स्थिति अक्सर आंख के अंदर बहुत ज्यादा दबाव बढ़ने से पैदा होती है। यही दबाव आंख में मौजूद ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है। सर्जनों द्वारा कॉन्ट्रा सर्जरी का उपयोग आंख में दबाव को कम करने और ऑप्टिक तंत्रिका को ज्यादा नुकसान होने से बचाने के लिए किया जाता है।
उम्र संबंधी मैक्युलर डीजेनेरेशन यानी एएमडी एक सामान्य उम्र से संबंधित आंख की स्थिति है। एज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन के नाम से लोकप्रिय इस बीमारी को मरीजों में दृष्टि हानि की बड़ी वजह माना जाता है। यह स्थिति आमतौर पर मैक्युला के बिगड़ने से होती है, जो कि केंद्रीय दृष्टि के लिए जिम्मेदार आंख का हिस्सा है। एएमडी वाले लोगों में दृष्टि में सुधार के लिए इस प्रकार की सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आंख का पर्दा फटना यानी रेटिना अलग होना (रेटिनल डिटैचमेंट) आंख की अन्य गंभीर स्थितियों में से एक है। स्थायी दृष्टि हानि की मुख्य वजह बनने वाली यह स्थिति तब होती है, जब रेटिना (आंख के पीछे की प्रकाश-संवेदनशील परत) आंख के बाकी हिस्सों से अलग हो जाती है। साथ ही रेटिना को दोबारा जोड़ने और आंख को ज्यादा नुकसान से बचाने के लिए भी इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है।
डायबिटीज से होने वाली रेटिनोपैथी को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। यह डायबिटीज की एक सामान्य जटिलता है, जिससे दृष्टि हानि भी हो सकती है। इस स्थिति में रेटिना की रक्त वाहिकाएं डैमेज हो जाती हैं, जिससे रक्तस्राव और सूजन की समस्या हो सकती है। सर्जरी के इस प्रकार का इस्तेमाल अक्सर क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं की मरम्मत और आगे होने वाली दृष्टि हानि को रोकने के लिए किया जा सकता है।
यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन आंख के अंदर छोटा-सा चीरा लगाते हैं। डैमेज हिस्से का पता लगाने के बाद सर्जन दृष्टि संबंधी किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए लेजर का इस्तेमाल करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर एक घंटे से भी कम समय लगता है और आप उसी दिन घर जा सकते हैं। इस प्रकार की सर्जरी की एक अन्य खासियत यह है कि इसमें टांके लगाने की ज़रूरत नहीं होती है। साथ ही प्रक्रिया के दौरान किए गए चीरे इतने छोटे होते हैं, कि वह अपने आप ठीक हो जाते हैं।
सर्जरी का यह प्रकार मरीजों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इन्हीं में से कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं:
अगर आप कॉन्ट्रा सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या यह आपके लिए सही है। वह प्रक्रिया के जोखिमों और फायदों को समझने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा सर्जन सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको सबसे बेहतर संभव देखभाल प्राप्त हो।
हर सर्जरी की तरह कॉन्ट्रा विजन के भी कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनमें सबसे आम दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:
इसके अन्य कम आम दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
अगर आप इनमें से किसी भी दुष्प्रभाव का अनुभव करते हैं, तो आपके लिए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। आमतौर पर इस प्रकार की सर्जरी को मरीजों के लिए सबसे सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है। हालांकि, किसी भी प्रकार की सर्जरी से हमेशा कोई न कोई जोखिम जरूर जुड़ा रहता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले अपने डॉक्टर से सभी संभावित जोखिमों और दुष्प्रभावों पर चर्चा करना सुनिश्चित करें। इस तरह आप जान सकते हैं कि कॉन्ट्रा सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं।
अगर आप कॉन्ट्रा सर्जरी करवाना चाहते हैं, तो लेख की बताई गई बातों पर विचार करना आपके लिए बेहद जरूरी है। खासतौर से आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यह सर्जिकल प्रक्रिया करने वाले सर्जन अनुभवी और योग्य हैं या नहीं। अपने सर्जन से प्रक्रिया के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करें और जानने की कोशिश करें कि इसमें क्या शामिल है।
साथ ही सर्जरी से गुजरने से पहले प्रश्न पूछना और किसी भी चिंता को व्यक्त करना सुनिश्चित करें। इन बातों को ध्यान में रखने से कॉन्ट्रा सर्जरी करवाना आपके लिए एक आसान विकल्प बन सकता है। अगर आपको यह ब्लॉग पोस्ट मददगार लगी है, तो इसे कॉन्टौरा सर्जरी पर विचार कर रहे अपने दोस्तों या पारिवारिक सदस्यों के साथ साझा करें।
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