Eye Diseases

बच्चों में नेत्र रोग और उनका उपचार – Bacchon Mein Netra Rog Aur Unka Upchar

बच्चों में नेत्र रोग – Bacchon Mein Netra Rog

छोटी सी उम्र में चीजों को देखना बहुत जरूरी है, और अगर बच्चे विज़न से रिलेटिड किसी दिक्कत से पीड़ित हैं, तो यह चिंता का विषय है। एक बार में विज़न डैमेज का निदान करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अलग-अलग तकनीकों के आने के साथ अब आंख से रिलेटिड सभी कंडिशन्स का निदान और उपचार संभव हो गया हैं। बच्चों की आंखों की बिमीरियों का इलाज अब सबसे अच्छे दिल्ली के नेत्र अस्पताल में किया जा सकता है। अब आइए बच्चों में पाए जाने वाले कॉमन आई डिसीज़ पर चर्चा करें और यह भी जानें कि एक सर्जन किस तरह उन रोगों को ऑपरेट करके खत्म कर सकता है।

विज़न की कॉमन कंडिशन और उपचार – Vision Ki Common Condition Aur Upchar

बढ़ती उम्र में बच्चों को आंखों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

दृष्टिवैषम्य (Astigmatism)

 

  • दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) बचपन में होने वाला एक सामान्य नेत्र रोग है, जो धुंधली दृष्टि पैदा करता है। यह तब होता है, जब कॉर्निया असमान आकार का होता है, या कभी-कभी आंख के अंदर लेंस की वक्रता (curvature) के कारण होता है। एक असमान आकार का कॉर्निया लेंस लाइट को रेटिना पर सही ढंग से फोकस करने से रोकता है। नतीजतन देखा जा सकता है – दृष्टि किसी भी दूरी से धुंधली हो जाती है। इससे आंखों पर तनाव बढ़ जाता है और इससे सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
  • दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) अक्सर अन्य दृष्टि रोगों जैसे मायोपिया और हाइपरोपिया के साथ होता है। साथ में ये विज़न कंडिशन रिफ्रेक्टीव एरर से संबंधित हैं, क्योंकि वे बदलती हैं कि आंखें कैसे झुकती हैं या लाइट को किस तरह को रिफ्रेक्टीड करती हैं।
  • एक कॉम्परेसिव ऑप्टोमेट्रिक टेस्ट में दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) का  टेस्ट भी शामिल होगा। अगर जरूरी हुआ, तो आपका ऑप्टोमेट्रिस्ट चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस भी दे सकता है, जोकि लाइट के आंखों में प्रवेश करने के तरीके को बदलकर दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) में सुधार करता है।

लक्षण: धुंधली दृष्टि

उपचार: चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस, ऑर्थोकरैटोलॉजी, लेजर, और एक अन्य रिफ्रेक्टीव सर्जरी – लासिक सर्जरी 

(h3)एपिफोरा  ((h3)Epiphora)

  • किसी भी उम्र में हो सकता है। यह एक या दोनों आँखों में समस्या पैदा कर सकता है।
  • आंखों में पानी आने के दो प्रमुख कारण हैं। ब्लॉक लैक्रीमल डक्टस और हद से ज्यादा आँसुओं का प्रोडक्शन।
  • एपिफोरा लैक्रिमल ड्रेनेज के लॉस के कारण आँसू के ओवरफ्लोइंग को इंडिकेट करता है। यह आंसू प्रोडक्शन और आंसू के नुकसान के बीच बैलेंस में एक रोग की वजह से होता है।
  • एपिफोरा अक्सर टियर फिल्म और आंखों की लेयर की कठिनाइयों की वजह से होता है, न कि लैक्रिमल जल निकासी के स्ट्रक्चनल ब्लॉकेज के कारण।

कंजंक्टिवोक्लासिस (Conjunctivochalasis) अपर लैक्रिमल सिस्टम एपिफोरा की कम पहचानी जाने वाली कंडिशन है।

लक्षण: कम दिखना, आंखों के आसपास सूजन और आंखों में रेडनेस।

उपचार: एंटीबायोटिक उपचार, आई ड्रॉप और सर्जरी

 

हाइपरोपिया (Hyperopia)

 

  • हाइपरोपिया को दूरदृष्टि (farsightedness) के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह एक ऐसी कंडिशन है जहां एक बच्चा अपने पास मौजूद वस्तु की तुलना में बहुत दूर से वस्तुओं को साफ तौर पर देख सकता है। यह कंडिशन आमतौर पर हाइपरमेट्रोपिया पर अप्लाई होती है।
  • दूरदृष्टि (farsightedness) वाले लोगों को आमतौर पर सिरदर्द या आंखों में खिंचाव होता है। यहां तक ​​कि पास की सीमा में काम करते समय भेंगापन या थकान भी महसूस होने लगती है।
  • यह दृष्टि कठिनाई तब होती है, जब आंख में प्रवेश करने वाली लाइट रेज़ सीधे रेटिना के पीछे के बजाय उस पर फोकस करती हैं। इसमें पीड़ित व्यक्ति की आंख की पुतली नार्मल से कम होती है।

लक्षण: आंखों में खिंचाव, सिरदर्द।

उपचार- चश्मा पहनना, कॉन्टैक्ट लेंस, स्क्विंट आई ट्रीटमेंट,  लसिक एंड सीके सर्जरी।

 

पीडियाट्रिक मोतियाबिंद (Pediatric Cataracts)

 

  • पीडियाट्रिक मोतियाबिंद बचपन की ब्लाइंडनेस की वजह बनता जा रहा है। बाल मोतियाबिंद से संबंधित ब्लाइंडनेस को जल्द ही पहचान कर और सही मैनेजमेंट  के साथ मैनेज्ड किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों का निदान रेगुलर टेस्ट से किया जाता है। जबकि कुछ की पहचान माता-पिता द्वारा ल्यूकोकोरिया या स्ट्रैबिस्मस देखने के बाद की जा सकती है।

  • रिस्क फैक्टर में ग्लूकोमा, रेटिना डिटेचमेंट, इंफेक्शन और अधिक सर्जरी की मांग शामिल है।
  • सर्जरी के बाद बच्चें को अक्सर कॉन्टैक्ट लेंस, आंख में डाले गए इंट्राओकुलर लेंस या चश्मे के कुछ क्रम की जरूरत होती है।
  • अगर एम्ब्लियोपिया हो गया है, तो बच्चे को पैचिंग की जरूरत हो सकती है। इस उपचार में कमजोर आंख में विज़न को उत्तेजित करने के लिए स्ट्रॉग आंख को ढंकना शामिल है।

लक्षण: पुतली में धूसर या सफेद क्लाउडीनेस, लाल आँख और निस्टागमस।

उपचार– मोतियाबिंद की सर्जरी और कॉन्टैक्ट लेंस

पलक की ग्रंथि में गांठ (Chalazion)

  • पलक की ग्रंथि में गांठ (Chalazion) आपकी पलक पर दर्द रहित सूजन है। यह ऊपरी या निचली पलक से टकरा सकता है। चालाज़िया ठीक आंतरिक स्टाई से निकलती है, जो अब खतरनाक नहीं हैं। ये पुटी जैसी सूजन, पलक में एक तेल ग्रंथि के चारों ओर बनती हैं। इसके कारण लाल, सूजी हुई पलकों की शिकायत हो सकती हैं।
  • चलाजियन ऊपर और नीचे की पलकों की छोटी मेइबोमियन ग्लैंड में से एक में रुकावट के कारण बनता है। ये ग्लैंड्स ऑयली आंखों को नम करने में मदद करती हैं। मेइबोमियन ग्लैंड्स में सूजन या वायरस, चालाज़िया के बिल्ट- इन कारण हैं।

लक्षण: धुंधली दृष्टि, आंखों में सूजन और रेडनेस

उपचार– एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड शॉट्स, सर्जरी, गर्म पानी का कंप्रेस

 

एम्ब्लियोपिया (Amblyopia)

  • एम्ब्लियोपिया तब होता है जब एक आंख आलसी हो जाती है, क्योंकि यह दूसरी आंख की तरह तेज तस्वीर नहीं ले पाती है। एम्ब्लियोपिया के सामान्य कारण स्ट्रैबिस्मस, रिफ्रेक्टीव एरर, लटकती पलक और मोतियाबिंद हैं।
  • यह एक दृष्टि से संबंधित विकार है जिसमें एक आंख प्रिस्क्राइब्ड चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के साथ भी नॉर्मल विजुअल एक्यूटी तक पहुंचने में विफल हो जाती है।
  • एक और सामान्य कारण आंखों का गलत अलाइनमेंट है, जिसे स्ट्रैबिस्मस कहा जाता है।
  • स्ट्रैबिस्मिक एम्ब्लियोपिया के उपचार में आंखों को एडजस्ट करने के लिए स्ट्रैबिस्मस सर्जरी शामिल है। इसके साथ प्रमुख आंख पर आई पैच का उपयोग किया जाता है।

लक्षण: एक आंख में धुंधली दृष्टि।

उपचार– विजन थेरेपी (ऑर्थोप्टिक), आई पैच, सर्जरी, एट्रोपिन ड्रॉप्स और चश्मा।

मायोपिया (Myopia)

  • मायोपिया एक रिफ्रेक्टिव एरर है, जो बच्चों में एक नेत्र रोग के रूप में पाई जाती है। यह तब होता है, जब आंख प्रकाश को अच्छी तरह से रिफ्रेक्टीड नहीं करती है। प्रकाश पूरी तरह से अभिसरण (convergence) नहीं करता है, इसलिए इमेजिस साफ नहीं होती हैं। मायोपिया में पास की चीजें साफ दिखती हैं लेकिन दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
  • मायोपिया शब्द को दूर की वस्तुओं को देखते समय पलकों को आधा बंद करने की आदत के कारण जोड़ा गया था, ताकि उन्हें स्टेनोटिक स्लिट का सहारा मिल सके।
  • यह तब होता है जब आईबॉल बहुत बड़ा होता है, या कॉर्निया बहुत गोल होता है। नतीजतन, आंख में प्रवेश करने वाली रोशनी सही ढंग से एडजस्ट नहीं होती है, और दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं।
  • रिफ्रेक्टिव सर्जरी चश्मे या कॉन्टेक्ट की आपकी जरूरत को कम सकता है। सबसे पॉपुलर प्रक्रियाएं एक्साइमर लेजर से की जाती हैं।

लक्षण: ब्लड शुगर लेवल में बदलाव, आंखों में खिंचाव और सिरदर्द

उपचार: आई ड्रॉप, ऑर्थो-के या सीआरटी, पीआरके या लैसिक सर्जरी, चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस

 

सेंट्रल रेटिनल वेन ऑक्लूजन (CRVO)

  • रेटिना में एक मुख्य धमनी और एक मुख्य शिरा होती है। शिरा को  सेंट्रल रेटिना नस कहा जाता है। सीआरवीओ इस नस के लिए एक रुकावट है, जो ब्लड और एक्सट्रा लिक्विड फ्लूड को रेटिना में रिसाव करने के लिए नस बनाता है। यह लिक्विड अक्सर मैक्युला नामक सेंट्रल विज़न के लिए निहित रेटिना के एरिया में मिलता है। जब मैक्युला हिट हो जाता है, तो सेंट्रल विज़न धुंधली हो जाती है।
  • सीआरवीओ दो प्रकार के होते हैं – इस्केमिक सीआरवीओ (Ischemic CRVO) और गैर-इस्केमिक सीआरवीओ (Non-ischemic CRVO) और यह बच्चों के नेत्र रोग हो सकते हैं।

लक्षण: दर्द रहित विज़न लॉस

उपचार: एंटी-वीईजीएफ इंजेक्शन, पीआरपी सर्जरी

निष्कर्ष – Nishkarsh

ऊपर लिखी सभी बिमारियां बच्चों की आंखों से जुड़ी ही सामान्य बीमारियां हैं, और इनका इलाज दवाओं और अलग-अलग सर्जरी से किया जा सकता है, जैसे कि मोतियाबिंद सर्जरी, भेंगापन उपचार आदि। सर्जरी करवाने से पहले ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। इसके लिए माता-पिता आसानी से एक  पर्सनल लोन या स्वास्थ्य बीमा के लिए जाएं। बच्चे इतने छोटे होते हैं कि उन्हें ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, इसलिए पहले उनके स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाए।

अपने बच्चों की आंखों को लेकर रिस्क ना लें, सर्जरी से संबंधित विभिन्न सेवाओं के लिए हमारी वेबसाइट  Eyemantra पर संपर्क करें। हमारे पास  ग्लूकोमा सर्जरी, स्पेसिफिकेशंस हटानाकंप्यूटर विजन सिंड्रोम के साथ और भी कई आंखों से जुड़ी सर्जरी के ऑप्शन मौजूद है। 

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