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अगर आपका मोबाइल और टेलीविजन की स्क्रीन का बहुत ज्यादा काम होता है, तो इसका मतलब है कि आप ब्लू लाइट या अल्ट्रा वॉइलेट लाइट से एक्सपोज हो रहे हैं हालाँकि इस बात का कोई साइंटिफिक एविडेन्स नहीं है जो ये साबित कर सकता है कि ब्लू लाइट आपकी आँखों को या आपको कितना नुकसान पहुँचा सकती है। आमतौर पर इससे आपके शरीर को काफी नुक्सान हो सकता है इसलिए डॉक्टर आपको मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी भी स्क्रीन पर काम करते समय हमेशा ब्लू लाइट फ़िल्टर वाला चश्मा पहनने की सलाह देते हैं।
आजकल के दिनों में हम सभी दिनभर विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करते हैं – स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, और टेलीविजन। इन डिवाइसों से आने वाली ब्लू लाइट हमारी आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है। ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों का उपयोग इस हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है। इस ब्लॉग में, हम आपको ब्लू लाइट और ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों के बारे में सबकुछ बताएंगे, जिनका उपयोग आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए कैसे कर सकते हैं।
दरअसल दिन के समय में ब्लू लाइट आपके शरीर को उत्तेजित करती है जिससे आपको काम करने में मदद मिलती है लेकिन अगर आप रात के समय में ब्लू लाइट में काम करते हैं तो ये आपके रूटीन को डैमेज कर सकती है इससे रात के समय आपकी नींद में रुकावट पैदा होती है और आप नींद न आने जैसी दूसरी बीमारियों से पीड़ित होते हैं ब्लू लाइट के ज्यादा एक्सपोजर से आँखों में सूखेपन जैसी बीमारियाँ होती है यही नहीं इसके हद्द से ज्यादा एक्सपोजर के कारण आपकी आँख में मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती है।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑपथलमॉलजिस्ट (american academy of Ophthalmology) की गाइड लाइन्स के हिसाब से ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेज का ज्यादा रोल नहीं होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हर डिवाइस में ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेज पहले से ही लगा होता है। इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली किरणें शरीर तक आने से पहले ही रुक जाती हैं, इसलिए इन्हें पहनना आपके लिए ज़रूरी नहीं है, लेकिन अगर आप आंखों के लिए ज़्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो आप ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मोबाइल या कोई दूसरा डिवाइस यूज़ करते समय आप ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेज का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको स्क्रीन से जुड़े किसी भी काम में इसकी ज़रूरत पड़ती है या 10 से 12 घंटे तक कम्प्यूटर पर काम करना पड़ता है, तो आपको हर 20 मिनट में 20 सैंकड का एक ब्रेक लेना चाहिए। इसमें आपको 20 फीट दूर रखी किसी वस्तु को देखने की सलाह दी जाती है, जिसे 20-20-20 का नियम कहते हैं।
इस तरह 20-20-20 का नियम लगातार स्क्रीन को देखने से होने वाले आपके डिजिटल आई स्ट्रेन यानी आंखों पर पड़ने वाले डिजिटल तनाव को कम करता है। इससे आपकी आंखों पर पड़ने वाले ब्लू लाइट के असर में काफी हद तक कमी आती है। साथ ही आपको किसी भी कम्प्यूटर या ब्लू लाइट फिल्टर वाले चश्मे का इस्तेमाल करने की कम ज़रूरत पड़ती है। इस तरह आपको आंखों की उचित देखभाल में काफी मदद मिल सकती है।
ब्लू लाइट के लंबे समय तक संवेदनशील सामने आने पर यह आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। यह कुछ मुख्य प्रभावों में शामिल हो सकता है:
a. नींद की तंगी: ब्लू लाइट सप्ताह के भीतर रात को समय पर सोने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह मेलाटोनिन की निर्माण को कम कर सकता है, जिसे नींद की हॉर्मोन कहा जाता है।
b. डिजिटल आई सिंड्रोम: ब्लू लाइट के दुरुपयोग का परिणाम स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से आता है, जिसे ‘डिजिटल आई सिंड्रोम’ कहा जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में दर्द, सूजी, और आँखों का तनाव शामिल हैं।
c. आंखों का सुखना और लाल होना: ब्लू लाइट के दुरुपयोग से आपकी आंखों के सुखने का खतरा बढ़ सकता है, जो ड्राई आई के रूप में जाना जाता है।
दरअसल ब्लू लाइट फिल्टर चश्मे एक विशेष प्रकार की कोटिंग के साथ आते हैं, जो ब्लू लाइट के कुछ अंशों को ब्लॉक करते हैं। इसे डिजिटल डिवाइसों का उपयोग करते समय आपकी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों के कई लाभ हैं, जो आपकी आंखों के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं:
a. बेहतर नींद: इन चश्मों का उपयोग रात को सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने से पहले किया जा सकता है, जो नींद की गुणवत्ता को सुधार सकता है।
b. डिजिटल आई सिंड्रोम को कम करने में सहायक: ब्लू लाइट फिल्टर चश्मे डिजिटल आई सिंड्रोम के लक्षणों को कम कर सकते हैं, जैसे कि आँखों का दर्द और सूजन।
c. आँखों के सूखेपन में कमी: ये चश्मे ड्राई आई के खतरे को कम कर सकते हैं, क्योंकि वे ब्लू लाइट के कुछ हानिकारक प्रभावों को रोक सकते हैं।
अब जब आपने ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों के लाभों के बारे में जान लिया है, तो यह समय है कि आप इन्हें कैसे चुन सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं:
a. डॉक्टर की सलाह: सबसे पहले, आई चेकअप के लिए अपने नेत्र विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त करें। वे आपकी आंखों की आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और आपको उपयुक्त फिल्टर चश्मों की सलाह देंगे।
b. फिल्टर की गुणवत्ता: ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों की गुणवत्ता का ध्यान दें। यह आपके आंखों को सही तरीके से सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
c. समर्थन और स्टाइल: जब आप चश्मों का चयन कर रहे हैं, तो समर्थन और आपके स्टाइल के आधार पर एक डिज़ाइन चुनें। आपको चश्मों को दिनभर पहनना होगा, इसलिए एक आरामदायक डिज़ाइन की तलाश में रहें।
ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों की सही देखभाल करना महत्वपूर्ण है ताकि वे आपकी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रख सकें। यहां कुछ सुझाव हैं:
a. साफ़ करें: अपने चश्मों को नियमित नरम सूती कपड़े से साफ़ करें, और उन्हें धूप में सुखाने दें।
b. सुरक्षा संरक्षण: चश्मों को धूप, पानी, और अन्य कठिनाइयों से बचाएं।
c. डॉक्टर के साथ नियमित जाँच: अपने नजर विशेषज्ञ के साथ नियमित रूप से मिलें और अपने चश्मों की जरूरत को जाँचने और अपडेट करने के लिए सलाह लें।
इस ब्लॉग के माध्यम से हमने ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों के महत्व को समझाया है और इनके उपयोग के लाभों की चर्चा की है। आपकी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए यह एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य कर सकते हैं, खासकर जब आप डिजिटल डिवाइसों का उपयोग लंबे समय तक कर रहे हैं।
ब्लू लाइट फिल्टर चश्मों को अपने डॉक्टर की सलाह पर चुनना महत्वपूर्ण है और आपके आंखों के अनुसार उनका उपयोग करना चाहिए। इन चश्मों के साथ सही देखभाल करने से, आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और डिजिटल डिवाइसों के साथ बेहतर अनुभव कर सकते हैं।
आपकी आंखों की सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए आपको उनकी देखभाल का ध्यान रखना चाहिए। ब्लू लाइट फिल्टर चश्मे इसके एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं और आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
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