लेसिक या लेज़र-असिस्टेड सीटू केराटोमिल्यूसिस (Laser-Assisted Situ Keratomileusis), दृष्टि सुधार या चश्मा हटाने के लिए एक सुरक्षित सर्जरी है। यह आंख की असामान्य स्थितियों जैसे मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिगमेटिस्म के इलाज के लिए की जाने वाली एक करैक्टिव आई सर्जरी है। इस लेज़र आई सर्जरी में स्ट्रोमा नामक कॉर्निया की एक लेयर को फिर से आकार दिया जाता है ताकि लाइट रेटिना पर ज़्यादा सटीक रूप से फोकस्ड हो। यह आई सर्जरी आंख के सामने के हिस्से को ठीक करने के लिए अत्यधिक फंक्शनल लेज़र और परिष्कृत उपकरणों (sophisticated tools) के साथ ठंडी पराबैंगनी किरणों (cool ultraviolet rays) का उपयोग करती है। आंखों के लिए लेज़र उपचार आमतौर पर एक दर्द रहित प्रक्रिया है और दोनों आंखों के लिए मुश्किल से लगभग 20 मिनट लगते हैं।
कॉन्टैक्ट लेंस और चश्मे की तुलना में इन एरर्स को बेहतर तरीके से हल करने के लिए लेसिक प्रभावी साबित हुई है। लेज़र करेक्टिव आई सर्जरी निम्नलिखित समस्याओं को हल करने में मदद करती है, जैसे-
मायोपिया या निकटदृष्टिदोष आंख की एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख पास की वस्तुओं पर पूरी तरह से फोकस कर सकती है लेकिन दूर की वस्तुएं ठीक से फोकस्ड नहीं होती हैं। इससे सिरदर्द और आंखों में खिंचाव के साथ-साथ दूर की वस्तुओं की पहचान न कर पाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मायोपिया के लिए लेज़र आई सर्जरी सुधार में उद्देश्य मूल रूप से रेटिना पर लाइट को ठीक से फोकस करने में मदद करने के लिए कॉर्निया को फ्लैटन करना है।
हाइपरोपिया या दूरदर्शिता कई मायनों में मायोपिया की विपरीत स्थिति है, जहां आंख दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकती है लेकिन आसपास की वस्तुओं को देखना करना कठिन होता है। मायोपिया की तरह हाइपरोपिया पर अगर जल्दी से ध्यान न दिया जाए, तो गंभीर सिरदर्द और धुंधली दृष्टि हो सकती है। हाइपरोपिया के लिए लेज़र आई सर्जरी का उद्देश्य आंख को बड़ा करना और आंख की फोकस करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए कॉर्निया को थोड़ा सख्त बनाना है।
दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) एक बहुत ही कठिन शब्द की तरह लग सकता है लेकिन इसका मूल रूप से मतलब है कि आंखें पूरी तरह गोल नहीं होती हैं। मूल रूप से दृष्टिवैषम्य में आंखों की वक्रता (Curvature) पूरी तरह से सिमेट्रिकल नहीं होती है और कॉर्निया अनियमित होता है। कॉर्निया में अनियमितता के कारण लाइट चारों ओर बिखर जाती है और दृष्टि में विकृति पैदा हो जाती है। दृष्टिवैषम्य के लिए करैक्टिव आई लेसिक सर्जरी में कॉर्निया के अनियमित भागों को चुनिंदा रूप से बदलकर आंख की वक्रता को सुचारू और समरूपता में बनाया जाता है।
लेसिक प्रक्रिया के दौरान स्पेसिफिकली ट्रेंड आई सर्जन:
लेसिक प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 20 मिनट लगते हैं। सर्जरी के बाद किसी और के साथ घर जाएं।
भारत की लगभग आधी आबादी को दृष्टि की समस्या है। लेकिन अब इसे ठीक करना आसान हो गया है क्योंकि लेसिक सर्जरी व्यावहारिक रूप से सभी दृष्टि समस्याओं के लिए एक सुरक्षित और उचित समाधान प्रदान करती है। लेसिक सर्जरी के कुछ लाभ हैं, जैसे-
यह लेसिक सर्जरी के लिए आधार मानक है। इस मेथड में एक ब्लेड का उपयोग करके कॉर्निया फ्लैप बनाया जाता है।
यह स्टेंडर्ड लेसिक का एडवांस वर्ज़न है और आज की सबसे हाई-लेवल लेसिक सर्जरी है। कॉर्नियल फ्लैप बनाने के लिए ब्लेड का उपयोग करने के बजाय, फ्लैप बनाने के लिए फेमटोसेकंड लेज़र का उपयोग किया जाता है। पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमेटेड है। फेम्टो लेसिक के साथ हाई लेवल की प्रोटेक्शन और एफिसिएंसी की गारंटी है।
स्माइल एक फ्लैपलेस, ब्लेडलेस और ड्रेसिंग-फ्री सर्जरी है। रिकवरी में कुछ दिन लगते हैं, लगभग 7 से 10 दिन। स्माइल के साथ सर्जरी के ड्राई आई इफैक्ट कम होते हैं।
आईसीएल दुनियाभर में अपनाई जाने वाली सबसे हाई विज़न करैक्शन प्रक्रिया है। विज़न करैक्शन एरर्स के लिए उल्लेखनीय परिणाम जानने के लिए एस्फेरिकल लेंस को ठीक किया जाता है और आंख के नेच्युरल लेंस पर रखा जाता है।
कॉन्टूरा लेसिक द्वारा मान्यता प्राप्त चश्मा हटाने की सर्जरी में सुधार है। सर्जरी के साथ हाई लेवल एक्यूरेसी मुख्य रूप से आंख की टॉपोग्राफिकल मैपिंग के कारण होती है। कॉन्टूरा प्यूपिलरी एक्सिस के बजाय विज़ुअल एक्सिस पर काम करता है। विज़ुअल एक्सिस पर यह उपचार तेज विज़ुअल क्लेरिटी लाता है।
कमजोर दृष्टि के लिए मैनस्ट्रीम के उपचार के रूप में लैसिक बहुत ही दुर्लभ जटिलताओं के साथ एक सुरक्षित प्रक्रिया है। हमारे द्वारा की गई लेज़र स्पेक्स रिमूवल सर्जरी ने लोगों को हमेशा के लिए अपना चश्मा छोड़ने में मदद की है।
आंखों के चश्मे की पावर | चश्मा हटाने की प्रक्रिया |
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-1 से -8 | सभी लेज़र प्रक्रिया (आईसीएल, कॉन्टूरा और लेसिक) |
-8 से -18 | आईसीएल |
+1 से +5 | कॉन्टूरा विज़न/लेसिक |
+5 से +10 | आईसीएल और आरएलई |
लेसिक आई सर्जरी प्रक्रिया की कीमत उस प्रक्रिया पर बहुत निर्भर करती है जिसके लिए आप जाते हैं। टेक्नोलॉजी जितनी एडवांस्ड होगी कीमत उतनी ही ज़्यादा होगी। हालांकि कीमत में सर्जरी करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ की विशेषज्ञता और शिक्षा भी शामिल है। भारत में केवल कुछ नेत्र विशेषज्ञों के पास ऐसी प्रक्रियाओं को करने का प्रशिक्षण और अनुभव है।
आईमंत्रा हॉस्पिटल सबसे अच्छे दामों पर लेसिक आई सर्जरी वाले टॉप आंखों के अस्पतालों में से एक है। स्टेंडर्ड ब्लेड लेसिक ₹15,000 से शुरू है। दिल्ली में ब्लेडलेस लेसिक प्रक्रिया की कीमत ₹65,000 और ₹90,000 (लगभग) के बीच अलग-अलग हो सकती है। बेशक प्रत्येक मामले की जटिलता और उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया के अनुसार कीमत अलग-अलग होती है। यहाँ पर कीमत बताई गई है, जैसे-
उपचार | कीमत (₹) |
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स्टेंडर्ड लेसिक (Standard Lasik) | 15,000 – 30,000 |
सी लेसिक (C Lasik) | 30,000 – 55,000 |
आई लेसिक – ब्लेडलेस (I Lasik – Bladeless) | 80,000 – 90,000 |
कॉन्टूरा विज़न – ब्लेडलेस (Contura Vision – Bladeless) | 100,000 – 130,000 |
स्माइल – ब्लेडलेस / फ्लेपलेस (Smile – Bladeless / Flapless) | 100,000 – 130,000 |
भारत में लेसिक लेज़र सर्जरी के लिए कई अच्छे अस्पताल हैं, जिनमें हैदराबाद में एल.वी. प्रसाद आई इंस्टीट्यूट और चेन्नई में शंकरा नेत्रालय, दिल्ली में एम्स और आईमंत्रा शामिल हैं। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में लेसिक लेज़र सर्जरी के लिए आईमंत्रा आई सेंटर को सबसे अच्छा माना जाता है।
आईमंत्रा में कुशल नेत्र रोग विशेषज्ञों की एक टीम हैं जो चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए लेसिक (LASIK), स्माइल (SMILE), कॉन्ट्यूरा (Contura) और आइसीएल (ICL) सर्जरी करने में कुशल हैं।
अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस से संतुष्ट नहीं हैं और चश्मा पहनने से राहत पाने की जरूरत है, तो आप लेसिक लेज़र, स्माइल, कॉन्ट्यूरा विज़न या आईसीएल को आईमंत्रा से कम कीमत पर करवा सकते हैं।
क्या आप चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस और लेसिक सर्जरी के बीच कनफ्यूज़्ड हैं? खैर, इसका जवाब मुख्य रूप से 2 बातों पर निर्भर करता है: प्रेफरेंस और बजट:
कुछ लोग चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनना पसंद करते हैं। इसलिए उन्हें सर्जरी के लिए जाने की ज़रूरत नहीं होती है। अगर आप चश्मा पहनने का प्लान नहीं बनाते हैं, तो आप कॉन्टैक्ट लेंस या लेसिक लेज़र, स्माइल, कॉन्ट्यूरा विज़न और कई अन्य प्रक्रियाओं के लिए जा सकते हैं। ये चश्मा हटाने के सबसे अच्छे तरीके हैं और बिना किसी दर्द के एक आसान प्रक्रिया हैं।
चश्मा हटाना या लेसिक सर्जरी करना महंगा है। एक अच्छे आई सेंटर पर आई सर्जरी लगभग 30,000 से शुरू होगी। तो चश्मा या लेंस के लिए लगभग 2000 से 3000 प्रति वर्ष खर्च होंगे। तो अगर आपके पास यह बजट है, तो आप चश्मा हटाने की सर्जरी के लिए जा सकते हैं।
लेसिक सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है जो चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की ज़रूरत को खत्म या कम कर देती है। एक एग्ज़ाइमर लेज़र निकट दृष्टि (Nearsightedness), दूरदर्शिता (Farsightedness) और दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) को ठीक करने के लिए कंप्यूटर कंट्रोल्ड एक्यूरेसी के साथ कॉर्निया को धीरे-धीरे नया आकार देती है।
लेसिक सर्जरी मायोपिया (निकटदृष्टि), हाइपरोपिया (दूरदृष्टि) और एस्टिगमेटिस्म (दृष्टिवैषम्य) जैसी दृष्टि समस्याओं को ठीक करने के लिए की जाती है।
लेसिक सर्जरी की शुरुआती कीमत 15,000/- रुपये प्रति आंख है लेकिन यह 2 लाख रुपये तक जा सकती है।
लेसिक सर्जरी में आमतौर पर प्रत्येक आंख के लिए 15 से 20 मिनट का समय लगता है और यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आपको क्या समस्या है।
यह जानने के लिए कि आप लेसिक सर्जरी के लिए योग्य उम्मीदवार हैं, उसके लिए निम्नलिखिति बातों को पूरा होनी चाहिए, जैसे-
लेसिक के लिए जाने से पहले निम्नलिखित तैयारी होनी चाहिए, जैसे-
लेज़र प्रक्रियाएं काफी सेफ हैं। ये प्रक्रियाएं यूएस-एफडीए से अपरुव्ड सर्टिफिकेशन भी हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें मानव आंखों के लिए सुरक्षा मंजूरी दी गई है। हालांकि किसी भी दूसरी सर्जिकल प्रक्रिया की तरह इसमें कुछ कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं जो प्रक्रिया से पहले उचित जांच करने पर काफी रेयर होती हैं।
कुछ मरीज़ों को आंखों में हल्का सूखापन का अनुभव हो सकता है जो आमतौर पर ल्यूब्रिकेटिंग ड्रॉप्स से राहत देता है और समय के साथ गायब हो जाता है। कुछ लोगों को रात के समय टेप्रेरी हेलोस का भी अनुभव हो सकता है जो समय के साथ कम भी हो जाता है। लेसिक के तुरंत बाद व्यक्ति को हल्का भारीपन और दृष्टि का धुंधलापन महसूस हो सकता है। ये प्रक्रिया के दौरान उपयोग की जाने वाली आई ड्रॉप को सुन्न करने के प्रभावों के कारण होते हैं। ये सभी रेयर हैं और आपके डॉक्टर द्वारा आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
नहीं, लेसिक सर्जरी एक दर्दनाक प्रक्रिया नहीं है। कई मरीज़ों ने अनुभव किया कि उनकी लेसिक सर्जरी में दर्द का अहसास नहीं होता है। लेसिक आई सर्जरी से पहले आंख को पूरी तरह से सुन्न करने के लिए एनेस्थेटिक ड्रॉप्स डाले जाते हैं। सर्जरी से पहले मरीज़ को आराम देने के लिए माइल्ड सेडेटिव दिया जाता है।
हां, कई मरीज़ों को एक ही दिन दोनों आंखों का इलाज कराने में ज़्यादा मदद मिलती है।
हां, लेज़र विज़न करेक्शन के बाद डिस्टेंस करेक्शन नॉर्मली परमानेंट होता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ बदलाव भी होते हैं, भले ही आपकी लेसिक सर्जरी हुई हो या नहीं।
एफडीए से अपरुव्ड लेज़र विज़न करेक्शन प्रक्रियाएं जैसे लेसिक सर्जरी, इसमें कॉम्प्लिकेशन के कम परसेंटेज के साथ फाइनल रिज़ल्ट की हायर प्रडिक्टेब्लिटी है। इसके अलावा पुरानी नॉन-लेज़र प्रक्रियाओं में आमतौर पर सुधार के लिए ऑटोमैटिक लेज़रों के बजाय मैन्युअल रूप से की जाने वाली सर्जरी शामिल होती है।
ए1/10, ए1 ब्लॉक, ब्लॉक ए, पश्चिम विहार, वेस्ट दिल्ली-110063
बी62 – प्रशांत विहार, रोहिणी सेक्टर-14, सीआरपीएफ स्कूल के सामने, नॉर्थ दिल्ली