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भेंगापन (स्क्विंट) आई ट्रीटमेंट या स्ट्रैबिस्मस ट्रीटमेंट एक ऐसी कंडिशन को ठीक करने के लिए जरूरी आई ट्रीटमेंट है, जिसमें आंखें ठीक से अलाइन नहीं होती हैं। एक आंख एक जगह पर फोकस होती है, जबकि दूसरी आंख अंदर की ओर, ऊपर की ओर, नीचे की ओर या बाहर की ओर मुड़ती है। आप कह सकते हैं कि दोनों आंखें एक वक्त पर एक ही स्थान पर देखने और फोकस करने में असमर्थ रहती हैं।
यह परमानेंट तौर पर हो सकता है, या रुक-रुक कर भी संभव है।
यह आमतौर पर इसलिए होता है, क्योंकि आंख और पलक की मूवमेंट को कंट्रोल करने वाली एक्सटर्नल मांसपेशियां एक साथ काम नहीं करती हैं। या यह मस्तिष्क में किसी विकार की वजह से हो सकता है। जिसका अर्थ है कि आंखें ठीक से कोर्डिनेट नहीं कर पाती हैं।
स्ट्रैबिस्मस भी बायनोकुलर विज़न और 3डी चश्मे से देखना असंभव बना देता है, इसलिए व्यक्ति के लिए डिप्थ परशेप्शन की सराहना करना कठिन होता है।
अनुमान है कि इस प्रॉब्लम से दुनिया की लगभग 4% आबादी प्रभावित है।
हालांकि बच्चों में यह प्रॉब्लम आम है और यह अस्पष्टता या आलसी आंखों (अम्ब्लोपिया) से जुड़ा हो सकता है। हालांकि वयस्कों में इसके लिए स्क्विंट सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, जब यह या तो हाल ही में अधिग्रहित भेंगापन हो या बचपन से एक परमानेंट कंडिशन हो।
जब वयस्कों द्वारा भेंगापन (स्क्विंट) आई ट्रीटमेंट की जरूरत होती है, तो इसे आमतौर पर वयस्क स्ट्रैबिस्मस (Adult Strabismus) कहा जाता है।
भेंगेपन के कारण कई व्यक्तियों की लाइफ क्वालिटी का लेवल कम हो जाता है, सिर्फ यही नहीं इसकी वजह से घर के अंदर और बाहर काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। विज़न लॉस में से एक डिप्थ परशेप्शन का नुकसान है, इसके प्रभाव से डिस्टेंस परशेप्शन भी असंभव हो जाता है।
यह डेली रूटीन के कामों को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है जैसे:
डिप्थ परशेप्शन कम होने से न केवल निराशा या गुस्सा आता है, बल्कि ऐसे रोगियों में गिरने और दुर्घटनाओं का खतरा भी ज्यादा होता है। डिप्थ परशेप्शन का नुकसान तब ज्यादा प्रमुख हो जाता है, जब हम जिन चीजों को देख रहे होते हैं, उनके बीच कम विजुअल कंट्रास्ट होता है। अच्छे डिप्थ परशेप्शन के लिए दो स्वस्थ कामकाजी आंखों का एक साथ काम करना जरूरी हैं, तो अगर आपकी एक आंख सही है, तो डिप्थ परशेप्शन का नुकसान कम हो जाता है। हालांकि इस विज़न लॉस को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता है, यदि आप कुछ रणनीतियों और विज़न एड्स का पालन करते हैं जो आपको इसे बेअसर करने में मदद मिल सकती हैं।
वयस्कों को भेंगेपन आंखों के उपचार की जरूरत हो सकती है जब:
यह सब लक्षण सामाजिककरण (socializing) को अजीब बनाते हैं। इसलिए ये लक्षण रोजगार और सामाजिक अवसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
वयस्कों में बचपन से ही भेंगी (स्क्विट) आँखें हो सकती हैं या वे वयस्कता में इस समस्या का शिकार हो सकते है। एक वयस्क में विकसित होने वाला नया स्क्विंट इस तरह की स्थितियों से पैदा हो सकता है:
वयस्कों में भेंगापन का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। भेंगेपन आंखों का उपचार उसकी गंभीरता और मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।
यहां तीन ऑप्शन दिए गए हैं, जिनकी मदद से आपके भेंगापन का इलाज किया जा सकता है, जैसे-
मांसपेशियों का व्यायाम वयस्कों में भेंगापन के एक ऐसे रूप का इलाज करने में मदद कर सकते हैं, जिसमें आंखें करीबी काम या पढ़ने के लिए खुद को अलाइन नहीं कर सकती हैं। इस स्थिति को अभिसरण अपर्याप्तता (convergence insufficiency) कहा जाता है। ऐसी स्थिति में आंखों के व्यायाम खासतौर से मददगार होते हैं।
आस-पास के काम के लिए आपको दोनों आंखों को किताबों, सुई और धागे या कंप्यूटर स्क्रीन जैसी नज़दीकी वस्तुओं पर इंगित करने की जरूरत होती है। आंखों का केर्डिनेटिड एक्शन और भीतर की ओर फोकस करना अभिसरण (convergence) कहलाता है। आंखों को एक साथ अंदर की ओर फोकस करने के लिए फिर से एक्सरसाइज करने में मदद के लिए आप घर पर कुछ कनवर्जेन्स व्यायामों को आजमा सकते हैं। हालांकि वयस्कों में स्क्विंट के अन्य मामलों में आंखों की मांसपेशियों के व्यायाम शायद ही कभी फायदेमंद होते हैं।
प्रिज्म वाला चश्मा वयस्कों में डबल विज़न से जुड़े हल्के भेंगेपन को ठीक कर सकता है। प्रिज्म एक क्लियर पच्चर के आकार का लेंस होता है, जो प्रकाश की किरणों को मोड़ने या रिफ्रेक्ट करने का काम करता है। जब कोई डबल विज़न व स्क्विंट वाला वयस्क इसे पहनता है, तो प्रिज्म आई ग्लास इमेज को एक साथ अलाइन करता है, ताकि आंखें केवल एक ही इमेज को देख सकें।
प्रिज्म को चश्मे के फ्रेम के बाहर काटा जा सकता है या सीधे लेंस में ही बनाया जा सकता है।
ये विशेष प्रिज्म आई ग्लासेस हल्के से मध्यम भेंगेपन और डबल विज़न की देखभाल करने में इफेक्टीफ हैं। अक्सर वयस्क शुरुआती भेंगेपन को खुद ही हल करने लगते हैं, इसलिए डॉक्टर मरीज को इस बीच आराम से रखने के लिए इनका इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
आमतौर पर प्रिज्म आई ग्लास डबल विज़न के ज्यादा सीरियस मामलों को ठीक नहीं करता है, जहां इमेज बहुत दूर होती हैं। यह डबल विज़न की समस्या कमजोर या तंग मांसपेशियों की वजह से हो सकती है।
आंखों की मांसपेशियों की सर्जरी भेंगी आंखों के उपचार का सबसे आम तरीका है और यह हाईली स्पेशलाइज्ड सर्जरी है। आमतौर पर भेंगेापन तब होता है, जब आंख की मांसपेशियां या तो बहुत सख्त होती हैं या बहुत कमजोर होती हैं। आई डॉक्टर सर्जिकली चयनित आंख की मांसपेशियों को एक या दोनों आंखों पर ढीला, कसकर या दोबारा व्यवस्थित करते हैं, तो आंखों को एक साथ काम करने के लिए दोबारा बैलेंस किया जा सकता है और अलाइन किया जा सकता है।
यह स्क्विंट सर्जरी आंखों को दोनों आंखों से इमेज को मिलाने में मदद करती है। यह कॉस्मेटिक और फंक्शनल इलाज दोनों के रूप में काम करता है।
ज्यादातर लोगों को लगता है कि वयस्कों में भेंगपन की सर्जरी कॉस्मेटिक कारणों से सख्ती से की जाती है। हालाँकि यह आमतौर पर सच नहीं होता है। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप एक जरूरी फंक्शनल लाभ हो सकता है। यह कारण बनता है:
वयस्कों में नेत्र मांसपेशियों की सर्जरी कितनी सफल होती है?
कई वयस्क मरीज़ इस ग़लतफ़हमी में रहते हैं कि इस समस्या को ठीक करने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है, या उनका मानना होता है कि भेंगापन उपचार में रिस्क ज्यादा होता है। इसके अलावा ऑप्थामोलोजिस्ट और प्राइमरी केयर डॉक्टर इसी तरह की गलत सूचना दे सकते है।
जबकि फैक्ट यह है कि ज्यादातर वयस्क रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है और लगभग 80% सर्जरी सफल होती हैं, जिसके नतीजतन एक सर्जिकल प्रोसेस के साथ संतोषजनक (satisfactory) अलाइनमेंट होता है। इसके अलावा इसमें कुछ गंभीर कॉम्प्लिकेशन के साथ अपेक्षाकृत कम रिस्क होता है, जोकि बहुत रेयर हैं।
ज्यादातर रोगियों को पहली सर्जरी के साथ ही अलाइनमेंट और फोकस में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलते है। चाहे उन्हें एक अतिरिक्त सर्जिकल प्रोसेस की जरूरत ही क्यों ना हो। यह भेंगेपन के टाइप और गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ रोगियों के लिए थोड़ा सा भेंगापन प्रिज्म आई ग्लास के इस्तेमाल से कॉस्मेटिक रूप से सही किया जा सकता है।
अगर आपके मामले में भेंगापन बचपन से ही है और अम्ब्लोपिया (आलसी आंख) से जुड़ा हुआ है, तो रिजल्ट कम अनुमानित हो सकते हैं। ऐसे मामलों के लिए भेंगापन सुधार उल्टा हो सकता है या सफलतापूर्वक शुरू की गई सर्जरी के कुछ समय बाद ओकुलर अलाइनमेंट में बदलाव हो सकते हैैं।
किसी भी मामले में आपका डॉक्टर आपकी स्पेशफिक कंडिशन के लिए भेंगेपन की सर्जरी के रिस्क और लाभों पर चर्चा करेगा और आपको किसी एक रिजल्ट पर पहुंचने में मदद करेगा। हालांकि वयस्कों में स्ट्रैबिस्मस सर्जरी हाईली कोस्ट इफेक्टीव है। स्ट्रैबिस्मस का सामना करने वाले कई वयस्कों को नॉन-सर्जिकल तरीकों से आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
लोकल एनेस्थीसिया से जुड़े रिस्क काफी रेयर होते हैं, फिर भी कुछ इंफेक्शन जैसे दिमाग के काम में कमी, निमोनिया या मृत्यु को एनेस्थीसिया से जोड़ा जा सकता है। सर्जरी के रिस्क में विज़न लॉस, ब्लीडिंग, रेटिना डिटेचमेंट या इंफेक्शन शामिल है, लेकिन ऐसी कॉम्प्लिकेशन की घटना बहुत रेयर है। यह भी हो सकता है कि सर्जरी के ठीक बाद आंखें काम करना शुरू न करें, कभी-कभी दूसरी सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। कंजंक्टिवा के नीचे ब्लीडिंग एक सप्ताह से एक महीने तक आंख को लाल रंग का रूप दे सकती है। इसके अलावा कॉर्निया में खरोंच या घर्षण, टांकों का रिएक्शन, दर्द या पुटी के गठन (cyst formation) और साथ ही निशान का विकास भी कभी-कभी हो सकता है।
स्क्विंट सर्जरी से किसी भी सीरियस कॉम्प्लिकेशन की संभावना जो आंख के विज़न को प्रभावित कर सकती है, बहुत रेयर है। हालांकि किसी भी सर्जरी के कुछ खास रिस्क होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
किसी भी प्रकार की सर्जरी में ज़्यादा ब्लीडिंग और इंफेक्शन का होना एक पॉसिबल रिस्क है। आपको प्रोसेस से पहले ब्लड को पतला करने वाली दवाओं के संबंध में अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है, ताकि भारी ब्लीडिंग के रिस्क को कम किया जा सके। अपने चीरों को ड्राई और साफ रखने से आप इंफेक्शन से बच सकते है।
क्या मैं अपने भेंगापन का इलाज करवाने के लिए बहुत बूढ़ा हूँ?
भेंगेपन के साथ एक वयस्क के रूप में आपको पहले बताया गया होगा कि इसमें सुधार नहीं किया जा सकता है। यह पूरी तरह सच नहीं है। ज्यादातर मामलों में आंखों की मांसपेशियों की सर्जरी सभी उम्र के वयस्कों के लिए एक सफल, सुरक्षित और प्रभावी भेंगेपन का उपचार है। वास्तव में सर्जरी के लिए कभी देर नहीं होती है।
गलत अलाइन आँखों को ठीक करने के अलावा यह उपचार बायनोकुलर विज़न को सही कर कर सकता है और कुछ मामलों में परिफेरल विज़न में भी सुधार हो सकता है। सर्जरी के बाद कई रोगियों को एहसास होता है कि इससे उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ा है। अंत में वे उन भारी चश्मे या पैच से छुटकारा पा सकते हैं जिनसे वे स्ट्रगल कर रहे होते हैं।
यहां तक कि अगर आप 70 या 80 के दशक में हैं, तो आपको अपने आई स्पेशलिस्ट से इस पर बातचीत करनी चाहिए। स्क्विंट आई ट्रीटमेंट सर्जरी किसी भी उम्र में की जा सकती है। सर्जरी के लिए एकमात्र कॉन्ट्राइंडिकेशन (contraindication) कोई भी संबंधित बीमारियां हैं जो बुजुर्गों में इसकी सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं। रोगी की लाइफ क्वालिटी में ड्रामेटिक सुधार के कारण ज्यादातर लोगों के लिए ऑपरेशन बेहद सेफ और इफेक्टीव होते हैं।
स्क्विंट ट्रीटमेंट सर्जरी आमतौर पर ज्यादातर लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग करके एक आउट पेशेंट के बेस पर की जाती है। सर्जरी के बाद आपको कुछ दर्द या परेशानी महसूस हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता है और इसका इलाज पेरासिटामोल से किया जा सकता है। दवा जो आसानी से ओवर-द-काउंटर खरीदी जा सकती है। दर्द के लिए उपयोगी दवाएं जैसे- कोडीन या हाइड्रोक्विनोन कभी-कभी इनकी जरूरत हो सकती हैं। यह आपके आई स्पेशलिस्ट द्वारा प्रिस्क्राइब्ड की जाएंगी। आप कुछ दिनों के अंदर ही अपनी रेगुलर रूटीन की एक्टीविटीज वापस कर सकते हैं।
यदि भेंगेपन से परेशान वयस्क इसके इफेक्ट में है या उसे बताया गया था कि उसका इलाज नहीं किया जा सकता है या यह कि उपचार जोखिम भरा है, तो उन्हें दिल्ली में स्ट्रैबिस्मस में स्पेशलाइजेशन वाले आई हॉस्पिटल के बारे में सोचना चाहिए, जैसे कि आई मंत्रा हॉस्पिटल। अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711118331 इस नंबर पर कॉल करें। आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं।
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