Eye Care

आंखों की जलन क्या है?: कारण और उपचार – Aakhon Ki Jalan Kya Hai?: Kaaran Aur Upchar

 

Contents

आंखों की जलन क्या हैं? – Aakhon Ki Jalan Kya Hai?

आंखों में जलन आंख की ही एक कंडिशन है। कुछ लोगों को आंखों में जलन तब होती है, जब वे सुबह उठते हैं या जब उनके रहने की कंडिशन में बदलाव होता है। आंख की यह कंडिशन बहुत असहज हो सकती है और व्यक्ति के नार्मल विज़न के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।

आंखों में जलन के कई कारण होते हैं और यह आमतौर पर होने वाले लक्षण के रूप में आंखों की अन्य कंडिशन्स और बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है। कई मामलों में आंखों में जलन के साथ सूजन और खून वाली आंखों (bloody eyes) के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। यह एक गंभीर आंख की कंडिशन का संकेत दे सकते है जिसके लिए मेडिकल केयर की जरूरत पड़ सकती है। यह हवा- पानी में अचानक बदलाव या आपकी आंखों में हल्के केमिकल -बेस्ड प्रोडक्ट्स के मिलने की वजह से भी हो सकता है।

इसे आमतौर पर घर पर ही ठीक किया जा सकता है, क्योंकि यह ज्यादातर किसी व्यक्ति की डाइट या लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से होता है। गर्म और ड्राई हवा के लंबे समय तक कॉन्टेक्ट में रहने के कारण भी कुछ लोगों को यह जलन महसूस होने लगती है, जिससे आँखों में नमी वाष्पित हो जाती है।

जलन लंबे समय तक नहीं रहती है और एक या दो दिनों में नेचुरली ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह दिक्कत तीन दिनों से अधिक समय तक बनी रहती है तो आपके लिए जरूरी है कि एक ऑप्टोमेट्रिस्ट से मेडिकल एडवाइस ले लें। वह आपकी आंखों में रेगुलर होने वाली जलन के अन्य कारणों का पता लगाने का काम करेंगे और आपकी जलन वाली आंखों का सही उपचार भी कर देंगे।

आँखों में जलन के कारण- Aakhon Mein Jalan Ke Kaaran

आंखों में जलन के कारण डिहाइड्रेशन और ब्लेफेराइटिस जैसे कॉम्पलेक्स हो सकते हैं।

ड्राई आईज  (Dry Eyes)

आंखों में जलन एक बहुत ही कॉमन लक्षण है, जिसे आप ड्राई आईज की कंडिशन में महसूस कर सकते हैं। ड्राई आईज आंख से जुड़ी एक कंडिशन है, जिसमें आंख की पलक में मौजूद मेइबोमियन ग्लाइंड कुछ कारणों से ब्लॉक हो जाती है और आंखों की नमी बनाए रखने वाले जरूरी तेलों को नहीं छोड़ती है।

आंखों में जलन पैदा करने वाली ड्राई आईज की कंडिशन टेम्परेरी हो सकती है या परमानेंट हो सकती है। आंख में टेम्परेरी जलन कॉन्टैक्ट लेंस पहनने और दवाओं के कुछ साइड- इफेक्टस के कारण होती है। कोल्ड को ठीक करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं आमतौर पर तरल पदार्थ को सुखाकर काम करती हैं, जिससे आंखों में तरल पदार्थ भी सूख सकता है। परमानेंट या क्रोनिक ड्राई आईज आंख में तेल के अनुचित स्राव (inappropriate discharge) की वजह से होती हैं। इस तरह की आंखों की जलन से छुटकारा पाने के लिए सही मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।

ऐसी स्टडी भी हुई है जो बताती हैं कि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से आंखों में जलन होती है जिसके कारण मोनोपॉज के दौरान आंखों में ड्राईनेस हो जाती है। पुरुषों में ऐसे हार्मोनल बदलाव होने की संभावना कम होती है, यही वजह है कि पुरुषों को आंखें शुष्क होने है या फिर आंखों में जलन की शिकायत कम होती है। 

 

पटैरिजियम  (Pterygium)

पटैरिजियम (Pterygium) या पिंग्यूकुला (pinguecula) को सर्फर आई भी कहा जाता है। यह कंडिशन सूर्य की हानिकारक रेज़ के ज्यादा कॉन्टेकट में आने की वजह से पैदा होती है और यही फिर आंखों में जलन का कारण बनती है। इसमें आंख के कंजंक्टिवा पर एक वृद्धि होती है, जो आमतौर पर पीले धब्बे के रूप में रिवील होती है इसे ही पिंग्यूकुला के रूप में जाना जाता है। यह पटैरिजियम बनाने के लिए बढ़ता है। यह कुछ मामलों में आंख के कॉर्निया वाले हिस्से को कवर कर लेता है।

पिंग्यूकुला आंख के कंजंक्टिवा हिस्से पर एक प्रोटीन, वसा या कैल्शियम जमा करता है, जोकि आंखों के कोने पर नाक के करीब दिखाई देता है। पटैरिजियम एक फ्लैशी टिश्यू है जोकि एक आकार तक बढ़कर व्यक्ति की नार्मल विज़न को डिस्टर्ब कर सकता है। सूरज की यूवी किरणों का एक्सपोजर इसका मुख्य कारण है, लेकिन यह धूल और हवा के कॉन्टेक्ट में आने के कारण भी बढ़ सकता है। टिश्यू के हद से ज्यादा डेवलपमेंट के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन डिपोजिशन के धब्बे होने पर ऑप्थामोलोजिस्ट द्वारा दिए गए आईड्रॉप से आसानी से इलाज किया जा सकता है।

ब्लेफेराइटिस  (Blepharitis)

ब्लेफेराइटिस भी आंख से जुड़ी एक कंडिशन है, जो आंखों में जलन का कारण बनती है। कंडिशन में आमतौर पर इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया के कारण जलन और एलर्जी से पलकें सूज जाती हैं। इस कंडिशन में आंखों में सूजन, जलन और दर्द होता है। जिन लोगों की ऑयली स्कीन, रूसी और ड्राई आंखें होती हैं, उन्हें अक्सर ब्लेफेराइटिस होने का खतरा होता है। इसमें आंखों में सूजन के साथ-साथ पलकों पर तेल की परत जम जाती है, जिसे डैंड्रफ जैसे गुच्छे के रूप में देखा जा सकता है। आंखों में जलन तब तक बनी रह सकती है जब तक ब्लेफेराइटिस का ठीक से इलाज नहीं हो जाता।

 

कंजंक्टिवाइटिस  (Conjunctivitis)

कंजंक्टिवाइटिस आंखों के कंजंक्टिवा हिस्से में इंफेक्शन के कारण आंखों में जलन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा में इंफेक्शन के कारण आंखों के सफेद हिस्से में मौजूद ब्लड वैसेल्स सूज जाती हैं और चिड़चिड़ी हो जाती हैं। इसकी वजह से आंखें सूज जाती हैं और लाल हो जाती हैं, जिससे बाद आंखों में जलन होती है। आंखों में इंफेक्शन वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी के कारण हो सकता है। अगर आपको पानी के डिस्चार्ज और आंखों में जलन के साथ लाल रंग के भी लक्षण देखने को मिल रहें है, तो काफी हद तक यह पॉसिबल है कि आपको नेत्रश्लेष्मलाशोथ (कंजंक्टिवाइटिस) हो सकता है और आपको इसके लिए तुरंत उपचार की जरूरत पड़ सकती है। नेत्रश्लेष्मलाशोथ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, इसलिए खुद को अलग करना, उचित सफाई बनाए रखना और जल्द से जल्द मेडिकल हेल्प लेना करना जरूरी है।

 

ओकुलर रोसैसिया  (Ocular Rosacea)

ओकुलर रोसैसिया आंख से जुड़ी एक बीमारी है, जो एक क्रोनिक स्कीन रोग से शुरू होती है जिसे रोसैसा कहा जाता है। इस रोग के कारण चेहरे में ब्लड वैसेल्स सूज जाती हैं और लाल रंग की दिखाई देती हैं और जब यह आंख तक पहुंचती है तो यह रेडनेस और जलन का कारण बन जाती है, जिससे आंखों में रोसैसिया हो जाती है। यह रोग माथे, नाक, गाल और ठुड्डी पर मुंहासे जैसा दिखाई दे सकता है जिससे त्वचा में रेडनेस आ जाती है। एक व्यक्ति को रोसैसिया या ओकुलर रोसैसिया दोनों हो सकते हैं।

इस बीमारी का कारण बनने वाले कारकों में ब्लॉक आई ग्लैंड, पर्यावरण, बैक्टीरिया और बरौनी के पार्टिकल्स शामिल हैं। यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है और परिवार में विभिन्न पीढ़ियों के जरिए भी लग सकता है। अगर इस कंडिशन में उचित उपचार नहीं किया जाता है, तो इससे विज़न लॉस हो सकता है।

 

एलर्जी  (Allergens)

आंखों के कॉन्टेक्ट में आने पर एलर्जी और जहरीले रसायन आंखों में जलन पैदा करते हैं। पोलेन और जानवरों की रूसी जैसी एलर्जी का अचानक प्रकट होना थोड़े समय के लिए जलन पैदा कर सकता है और जब वातावरण फिर से एलर्जी से फ्री हो जाता है तो यह सेसीटिवटी को कम कर सकता है। धूल और रेत से आंखों में पानी आने के साथ जलन भी हो सकती है। आंखों में रहने पर यह बड़ी जलन अल्सर की वजह बन सकती है और आंखों में जलन पैदा कर आंखों को इनफेक्टीड कर सकती है। आंखों में एलर्जी एलर्जिक राइनाइटिस या एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस जैसी स्थितियों के साथ हो सकती है।

आंखों के अंदर मौजूद एलर्जी के कारण आंखें सूज सकती हैं और इस से पानी आ सकता है जिससे आंखों में जलन हो सकती है। आंखों के कॉन्टेक्ट में आने पर शैंपू और कंडीशनर में मौजूद जहरीले रसायन आंखों में जलन पैदा करते हैं और यह एक टेम्परेरी सनसेशन है, क्योंकि जब आप अपनी आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह धोते हैं, तो यह सनसेशन दूर हो जाती है।

 

आंखों में इंफेक्शन  (Eye Infection)

आंखों के इंफेक्शन से भी कुछ लोगों की आंखों में जलन हो सकती है। यह इंफेक्शन बैक्टीरिया, वायरस, कवक, अनक्लीन कॉन्टैक्ट लेंस, एक्सपायर्ड आई ड्रॉप्स, कॉन्टैक्ट लेंस शेयर करने से, अनक्लीन कॉन्टैक्ट लेंस तरल पदार्थ और आंखों के मेकअप को शेयर करने के कारण हो सकते है। ऐसी कंडिशन में जलन बिना किसी मेडिकल हेल्प या नेचुरली कम हो जाती है। आंखों में जलन के साथ-साथ आंखों में इंफेक्शन के अन्य लक्षण भी होते हैं जिनमें- जलन, खुजली और आंखों से पानी निकलना शामिल है।

 

आंख में साइड इफेक्ट्स  (Eye injury)

आंख की छोटी-मोटी चोट ही आंखों में जलन, खुजली और डिस्चार्ज का कारण बनती है। यह चोट कुछ स्पोर्टस एक्टीविटीज के कारण या बिना किसी सेफ्टी चश्मे के लेबोटरी में रसायनों के साथ काम करने की वजह से लग सकती है। कॉन्टैक्ट लेंस लगाते और निकालते समय उंगलियों के नाखून भी आंखों को चोट पहुंचा सकते हैं।

 

दवाओं के दुष्प्रभाव  (Side Effects of Medicines)

बाजार में ऐसी कई दवाएं मौजूद हैं जिनके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और आंखों में जलन के साथ-साथ ड्राई आंखें भी हो सकती हैं। इससे आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और आंखें ड्राई हो जाती हैं। दवाएं खरीदने से पहले ऐसी दवाएं लेने से बचें, जिनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, ड्यूरेटिक, सेडेटिव, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टामाइन, बीटा-ब्लॉकर्स, फ़ेनोथियाज़िन, नेज़ल डीकॉन्गेस्टेंट, एट्रोपिन और दर्द निवारक हों।

 

आंखों में खिंचाव (Eyestrain)

ज्यादातर लोगों में आंखों में जलन का सबसे आम कारण आंखों में खिंचाव है। आंखों में जलन का कारण बनने वाली आंखों का तनाव कम रोशनी की स्थिति में पढ़ने से लेकर लंबे समय तक स्क्रीन देखने के बीच में  सही ब्रेक के बिना अलग-अलग हो सकता है। यह मायोपिया, हाइपरोपिया और दृष्टिवैषम्य (astigmatism) जैसी आंखों की पूर्व कंडिशन्स के कारण भी हो सकता है। गलत करेक्टीव लेंस पहनने से भी आंखों में खिंचाव हो सकता है जिससे आंखों में जलन हो सकती है। बिना सही चश्मा पहने तेज रोशनी के कॉन्टेक्ट में आने से तेज रोशनी में रुकावट आ सकती है, जिससे आंखों में खिंचाव और जलन भी हो सकती है।

 

  • ऑप्थामोलोजिस्ट से मिलें

कोई भी आंख में जलन की कंडिशन से पीड़ित हो सकता है और एक या दो दिनों में नेचुरली ठीक हो सकता है। अगर आपको आंखों में जलन के अलावा अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो किसी ऑप्थामोलोजिस्ट के पास आपकी आंखों की जांच के लिए किसी और बीमारी के होने से पहले जाना जरूरी है जिससे आंखों में जलन हो सकती है। डॉक्टर आपकी आंखों की कंडिशन के अनुसार बेस्ट उपचार देने में आपकी मदद करेंगे।

 

आंखों की जलन का उपचार – Aakhon Ki Jalan Ka Upchar

घरेलू नुस्खों की मदद से इसका इलाज घर पर आसानी से किया जा सकता है। केवल जिन कंडिशन्स में लक्षण गंभीर दिखाई दे सकते हैं, उन्हें सही मेडिकल केेयर देने की जरुरत होती है।

कुछ उपयोगी घरेलू उपचार जो जलन को ठीक करने में मदद करेंगे:

आंखें धोना (Rinsing Eyes)

आंखों को गुनगुने पानी से धोने से आंखों की जलन दूर होती है। आंखों को धोने से इस जलन को आसानी से ठीक किया जा सकता है। आंखों में एलर्जी और केमिकल्स के कॉन्टेक्ट के कारण होने वाली जलन को पानी से अच्छी तरह से धोकर दूर किया जा सकता है।

 

गर्म और ठंडा संपीड़न (Warm And Cold Compress)

गर्म और ठंडे सेक का उपयोग सूखी या गुलाबी आंखों के कारण होने वाली जलन के उपचार में भी किया जा सकता है। इसमें एक कटोरी में गर्म या ठंडा पानी लिया जाता है और उसमें एक साफ कपड़े को भिगोया जाता है। कपड़े से एक्सट्रा पानी निकाल दिया जाता है और फिर कपड़े को पलकों पर कुछ मिनट के लिए रखा जाता है। यह प्रोसेस तब तक दोहराया जाता है जब तक कि आंखों की जलन दूर न हो जाए।

 

आंखों की सफाई (Cleaning Eyes)

अनक्लीन पलकों के कारण होने वाली सूजन से आंखों में जलन होती है, जिसे रुई के फोहे से बेबी शैम्पू और पानी का मिक्सचर लगाने से ठीक किया जा सकता है। यह मिक्सचर आंख को साफ करता है और सूजन और जलन से तुरंत राहत देता है।

हाइड्रेशन (Hydration)

आंखों की जलन को ठीक करने का सबसे बुनियादी घरेलू उपाय है, थोड़े नम वातावरण में हाइड्रेटेड रहना। लंबे समय तक डिहाइड्रेट रहने से आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं और गर्म और ड्राई हवा से भी हवा में मौजूद नमी में कमी आ सकती है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि यदि आप गर्म और ड्राई पर्यावरणीय परिस्थितियों (dry environmental conditions) में रहते हैं, तो हाइड्रेटेड रहने के साथ-साथ ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।

 

20-20-20 नियम (20-20-20 Rule)

लंबे समय तक स्क्रीन के इस्तेमाल से आंखों में जलन के साथ आंखों पर दबाव पड़ता है, इसलिए ऐसी आंखों की कंडिशन से बचने के लिए 20-20-20 नियम का पालन करना जरूरी है, जिसमें कहा गया है कि स्क्रीन देखने के प्रत्येक 20 मिनट के बाद आपको 20 सेकंड के लिए एक वस्तु को देखना होगा जो आपसे 20 फीट दूर रखी गई है। यह नियम आंखों की प्रॉब्लम होने के रिस्क को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा आप आंखों में  जलन को कम करने के लिए अपने ऑप्थामोलोजिस्ट द्वारा बताए गए कंप्यूटर चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यूवी रेज़ से प्रोटेक्शन (UV Rays Se Protection)

सूर्य की हानिकारक किरणों के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आने से आंखों में जलन हो सकती है, जिसे धूप के चश्मे के इस्तेमाल से आसानी से रोका जा सकता है। ये चश्मा सूरज की यूवी रेज़, ड्राई हवा और धूल के कणों को रोकेंगा और आपकी आंखों को डैमेज होने से बचाएंगा।

 

खीरा  (Cucumber)

पतले कटे हुए खीरे के स्लाइस को लगाने से भी आंखों की एलर्जी या जलन को दूर करने में मदद मिलती है। खीरे के पतले टुकड़े काट कर कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रख देते हैं और फिर पलकों पर लगा लें। खीरे की ठंडक आंखों की जलन से राहत दिलाने में मदद करती है।

 

गुलाब जल (Rosewater)

आंखों की जलन से राहत पाने के लिए गुलाब जल का प्रयोग भी किया जा सकता है। ठंडे गुलाब जल में डूबा हुआ रुई का फोहा पलक के ऊपर रखा जा सकता है। गुलाब जल में प्राकृतिक उपचार गुण होते हैं और यह आंखों के आसपास मौजूद सूजन से छुटकारा दिलाता है।

 

आर्टिफीशियल आंसू (Artificial Tears)

दिन में कम से कम 4 बार आर्टिफीशियल आंसू के प्रयोग से भी आँखों में मौजूद जलन को कम किया जा सकता है। सूखी और चिड़चिड़ी आँखों जैसी अन्य आँखों की कंडिशन को भी आर्टिफीशियल आंसू के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है।

आंखों को आराम दें (Give Rest To Eyes)

पलकों में कोई जलन या दर्द होने पर अपनी आंखों को मलने से खुद को रोकें। इसके बजाय कम रोशनी वाले कमरे में अपनी पलकों को थोड़े समय के लिए बंद कर लें। इससे आपकी आंखों को जलन से राहत मिलेगी। इसके बाद कॉन्टैक्ट लेंस हटा दें और कुछ समय के लिए चश्मे का इस्तेमाल करें।

सावधानी – saavdhani

अगर आंखों में सूजन, डिस्चार्ज या आंखों में रेडनेस जैसे अन्य लक्षणों के साथ आंखों में जलन हो तो डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको लाइट के प्रति सेसीटिवटी महसूस होती है, या विज़न में कोई बदलाव होता है तो यह सलाह दी जाती है कि जलन वाली आंख के बिल्ट- इन वजहों को तय करने के लिए ऑप्थामोलोजिस्ट से कंसल्ट करें।

अगर आपकी आंखों में लंबे समय से जलन हो रही है या थोड़े- थोडे़ अंतराल पर होती है, तो आपका डॉक्टर स्लिट लैंप टेस्ट, विजुअल फील्ड टेस्ट जैसी आंखों की जांच कर सकता है और डॉक्टर आपके कंजंक्टिवा और आपके विज़न की भी जांच कर सकते हैं। इसके अलावा उन दवाओं का सेवन करना बंद कर दें जिनसे कोई साइड इफेक्ट हो रहा हो। इसके अलावा किसी भी पर्यावरणीय परिस्थितियों से बचें जो आपकी आंखों की हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं। आंखों को हेल्थी रखने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए नुस्खे और टाइम- टेबल का पालन करें। 

निष्कर्ष – Nishkarsh

स्वस्थ आंखों के सुझावों के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट Eyemantra.in पर जा सकते हैं। हमारे एक्सपर्ट आपको हमारे पास मौजूद सभी सेवाओं की जानकारी डिटेल में देंगे। हम रेटिना सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी, लेसिक सर्जरी आदि कई तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं। आईमंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए या फिर हमारी सेवाओं के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमें +91-9711115191 पर कॉल कर सकते हैं या आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं।