Eye Care

आंख की चोट और उपचार – Aankh Ki Chot Aur Upchar

आंख में चोट क्या है? Aankh Mein Chot Kya Hai?

थोड़ी सी भी आंख में चोट (Eye Injury) आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है, जिसके के लिए आपको बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। आंखों में चोट लगने से लेकर आपकी आंखों में गलती से ड्रेन क्लीनर के छींटे मारने जैसी कई चीजों से आंखों में चोट लग सकती है। अध्ययनों के अनुसार दुनिया भर में हर साल आंखों की चोट के लगभग 50 मिलियन मामले सामने आते हैं। आंखें नाजुक ऊतकों (Delicate Tissues) से बनी होती हैं जिन्हें विशेष सुरक्षा की आवश्यकता होती है। आंखों की सभी चोटें गंभीर नहीं होती हैं लेकिन सुरक्षित रहना और आंखों को स्वस्थ रखना बेहतर है क्योंकि कुछ चोटें आपकी दृष्टि को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती हैं। 

सबसे आम आंख की चोटें – Sabse Aam Aankh Ki Chotein

आंखों की सबसे आम चोटों (Most Common Eye Injuries) में शामिल हैं-

सूजन (Swelling)

आंखों और पलकों में सूजन आंखों की सबसे आम समस्याओं में से एक है। यह आमतौर पर आंख पर प्रभाव के कारण होती है। कुछ लोग सूजन को बहुत ही लापरवाही से लेते हैं, हालांकि जो केवल आंखों की सूजन जैसे लगती है, वह कभी-कभी बेहद खतरनाक हो सकती है।  

ऐसे कई मामले हैं जिनमें आंखों में सूजन के कारण आंखों में अंदरूनी क्षति हुई है और आंखों की हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है। अस्थायी राहत के लिए आप अपनी आंखों पर आइस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि सूजन और दर्द बहुत ज़्यादा बढ़ गया है तो स्थिति बिगड़ने से पहले मेडिकल हेल्प लेने की सलाह दी जाती है। आंखों को न छुएं और न ही रगड़ें क्योंकि इससे आंखों को गहरा नुकसान हो सकता है।  

कॉर्नियल एब्रेशन (Corneal Abrasions)

इसे खरोंच वाली आंख (scratched eye) के रूप में भी जाना जाता है। यह तब होता है जब कोई धूल, लकड़ी का टुकड़ा, रेत या कोई अन्य कण आंख में चला जाता है और कॉर्निया को खरोंचता है। यह आमतौर पर तब होता है जब ये बाहरी चीज़ें आंखों में घुस जाती हैं जिससे खुजली और दर्द होता है। इसलिए हमें अपनी आंखों में खुजली करने की इच्छा होती है और हम आमतौर पर ऐसा करते हैं। जब हम आंखों को रगड़ते हैं, तो यह कॉर्निया पर खरोंच पैदा करता है जिससे धुंधली दृष्टि और आंखों में पानी आता है। आंखों को रगड़ने की बजाय ठंडे पानी से धोने की सलाह दी जाती है। 

कॉर्नियल एब्रेशन से आंखों में लालपन, खारिश और प्रकाश लाइट से ज़्यादा सेंस्टिविटी हो जाती है। अगर आपकी आंखें बहुत असहज महसूस करती हैं, तो चिकित्सा सहायता लें। डॉक्टर आपकी आंखों का टेस्ट करेंगे और उचित उपचार के साथ उसका आकलन करेंगे। आपको कॉर्नियल एब्रेशन या ऐसी किसी भी आंख की चोट/बीमारी के बारे में बहुत सतर्क रहना होगा क्योंकि कभी-कभी इससे अंधापन हो जाता है।

केमिकल बर्न्स (Chemical Burns)

रासायनिक जलन या केमिकल बर्न आंखों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। इसलिए प्रॉडक्ट्स में वार्निंग लेबल भी होते हैं जैसे “आंखों से संपर्क से बचें।” कभी-कभी गलती से इनमें से कुछ उत्पाद हमारी आंखों में चले जाते हैं। थोड़ी सी भी मात्रा अत्यधिक सूजन और जलन का कारण बनती है। सबसे बुरा तब होता है जब यह अंधेपन का कारण बनता है।

इसलिए यह स्थिति बहुत खतरनाक होती है, जितनी जल्दी हो सके आंखों के डॉक्टर से मिलें। केमिकल सब्सटेंस को धोने के लिए आंख में कुछ भी डालना या लगाना आग में फ्यूल डालने जैसा है। ऐसे मामलों का इलाज केवल डॉक्टर ही कर सकते हैं। इसलिए अपने आप कुछ भी न करें क्योंकि इससे केवल आंखों को नुकसान ही होगा। यह ध्यान रखें कि आप दुर्घटना के बाद नियमित जांच के लिए डॉक्टर के पास जाएं और अपनी दवाओं को समय से लेते रहें।

ट्रॉमेटिक इरिटिस (Traumatic Iritis)

जब आईरिस आंख के रंगीन हिस्से में सूजन की समस्या होती है, तो इसे ट्रॉमेटिक इरिटिस कहा जाता है। इसके प्रमुख लक्षण लालपन, दर्द और धुंधली दृष्टि हैं। यह आंखों में कट या तेज़ प्रेशर के कारण होता है। 

ट्रॉमेटिक इरिटिस एक चीज़ पर फोकस करने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है और सिरदर्द का कारण बन सकता है। इसलिए अगर आपको अपनी दृष्टि से संबंधित कोई समस्या है या आंखों में समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लें। चोट के मूल कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंखों की अलग-अलग तरीके से जांच करेंगे और आपकी आंखों को आराम मिल सके उसके लिए कुछ आई ड्रॉप्स लिखेंगे। आमतौर पर इसका उपचार लगभग एक या दो हफ्ते तक चलता है। 

आंख में खून बहना (Bleeding In The Eye)

यह तब होता है जब आंख के सफेद हिस्से की वाहिकाओं (वेसेल्स) से खून का रिसाव होता है। यह स्थिति वास्तव में जितनी गंभीर होती है, उससे कहीं अधिक गंभीर प्रतीत हो सकती है। यह छींक या खांसी जैसी सामान्य समस्याओं के कारण होता है। आमतौर पर ये दर्द रहित होते हैं और अपने आप ही गायब हो जाते हैं। हालांकि आगे की किसी भी समस्या से बचने के लिए डॉक्टर द्वारा अपनी आंखों की जांच कराने की सलाह दी जाती है। 

हाइफेमास (Hyphemas)

यह एक अन्य प्रकार का नेत्र रक्तस्राव है। यह कॉर्निया और आईरिस के बीच होता है और यह बहुत गंभीर होता है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है। यह आमतौर पर ट्रॉमा या असामान्य रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) के कारण होता है। यह तब भी हो सकता है जब आपको आंखों में कोई इंफेक्शन हो जाए। इसके लक्षणों में दर्द और धुंधली दृष्टि शामिल हैं। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें ताकि स्थिति और खराब न हो। 

रेडिएशन (Radiation)

सूरज की यूवी किरणें (UV Ray’s) आंखों के लिए बहुत हानिकारक होती हैं क्योंकि इससे आंखों में जलन हो सकती है। यदि धूप में बहुत अधिक उजागर हो, तो आपकी आंखें लाल हो सकती हैं और लाइट सेंस्टिविटी, अत्यधिक आंसू का उत्पादन हो सकता है और यह महसूस हो सकता है कि आंखों में कुछ है।

विकिरण के सबसे खराब मामलों में मोतियाबिंद या मैक्युलर डीजेनरेशन, रेटिना के एक छोटे से क्षेत्र का टूटना होता है।

इसलिए जब भी आप बाहर हों, तो उचित यूवी प्रोटेक्शन लेंस का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि आपका सूरज के साथ सीधा आई कॉन्टैक्ट न हो। स्थिति हाथ से निकलने से पहले अगर आपको दृष्टि संबंधी कोई समस्या है, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें। 

आंख की चोट का उपचार – Aankh Ki Chot Ka Upchar

आंख की चोट का उपचार उसकी गंभीरता और तीव्रता पर निर्भर करता है। यदि आपको या आपके बच्चे की आँखों में गंभीर चोट लगी है, तो बिलुकल न सोचें और जल्द-जल्द से चिकित्सा सहायता लेें। हालांकि कुछ मामूली मामलों में इलाज घर पर ही किया जा सकता है। इसके कुछ तरीके हो सकते हैं, जैसे-

  • ठंडा सेक
  • आंखों की ड्राप
  • आँखो के पैच
  • आँखों को झपकाना

डॉक्टर को कब दिखाएं? Doctor Ko Kab Dikhayein?

जैसा कि अभी कहा गया है, आंखों की कई छोटी-मोटी चोटों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। लेकिन अगर स्थिति ज़्यादा खराब है और आपको अपने दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई हो रही है और परेशानी हो रही है, तो आपको चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। 

निम्नलिखित लक्षण होने पर डॉक्टर को बुलाएँ या उसके पास जाएँ, जैसे-

  • दृष्टि में बदलाव होना
  • आँखों में सूजन
  • गंभीर दर्द
  • आंखों और भौंहों के आसपास दर्द
  • टोर्न पलकें

आंख की चोट के बचाव – Aankh Ki Chot Ke Bachav

अपनी आंखों की सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है कि केमिकल चीज़ों के साथ काम करते समय या जब आप मेटल या कांच के आसपास हों, तो सुरक्षा चश्मा (सेफ्टी ग्लासेस) या काले चश्मे पहनें। इसके अलावा जब आप ट्रिमर या लीफ ब्लोअर जैसे उपकरणों का उपयोग कर रहे हों तो सुरक्षा चश्मा पहनें।

अगर आप स्क्वैश और रैकेटबॉल जैसे खेल खेल रहे हैं, तो आई गार्ड पहनना ना भूलें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जब भी आप स्विमिंग के लिए जाएं, तो अपने स्विमिंग गॉगल्स पहनें क्योंकि क्लोरीन वाला पानी भी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। किसी भी गंभीर आंख की चोट के लिए चिकित्सा सहायता लें और स्थिति के बिगड़ने का घर पर इंतजार न करें।

आंखों की चोटें कई कारकों के परिणाम हैं, इसलिए आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए और जितना हो सके अपनी आंखों की रक्षा करनी चाहिए। हमारी आंखों के ऊतक (टीशू) बहुत नाजुक होते हैं और बहुत आसानी से डेमेज हो जाते हैं। हालांकि अगर आपको आंख में चोट लग जाती है, तो सुनिश्चित करें कि आप इसका उचित तरीके से इलाज करें। यदि चोट मामूली है और इसका इलाज घर पर किया जा सकता है, तो यह अच्छा और यदि सुनिश्चित नहीं है तो आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और स्थिति के खराब होने के इंतजार न करें।

निष्कर्ष – Nishkarsh

आंखों से जुड़ी किसी भी समस्या की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट www.eyemantra.in पर जाएं या आंखों की किसी भी प्रकार की समस्या होने पर दिल्ली के बेस्ट आंखों के हॉस्पिटल आई मंत्रा में आज ही विज़िट करें।

आई मंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए हमें +91-9711115191 पर कॉल करें  या आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम के अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी सुरक्षा के लिए आपको बेस्ट ऑप्शन की सलाह देंगे।

हम रेटिना सर्जरी, लेसिक सर्जरी, भेंगापन सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी, ग्लूकोमा सर्जरी आदि सेवाएं भी प्रदान करते हैं।