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हम में से बहुत से लोग काम के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। हमारा जीवन पूरा कंप्यूटर चालित हो गया है, क्योंकि यह काम को आसान और तेज़ करने में मदद करता है। हालांकि स्क्रीन के बहुत अधिक एक्सपोजर से आंखों में खिंचाव जैसी कुछ कॉमन प्रॉब्लमस हो सकती हैं। कंप्यूटर के कारण आंखों में खिंचाव नौकरी से जुड़ी एक बड़ी शिकायत बन गया है। स्टडीज से पता चलता है कि 50 से 90 प्रतिशत कंप्यूटर वर्कर्स में तनाव और अन्य परेशान करने वाले विजुअल लक्षण होते हैं, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह कंप्यूटर करियर नहीं है, जो आंखों के स्वास्थ्य के नुकसान पहुंचाता है। यह अधिक काम करके आपकी आंखों पर एक्सट्रा प्रेशर डाल रहा है। अगर आपके पास कंप्यूटर की नौकरी है, तो अपने कार्यालय के घंटों या स्पेशिफाइड घंटों से अधिक काम न करें। अगर आप ज्यादा काम करते हैं और रोज थकी हुई आंखों का अहसास करते हैं, तो आपको कई आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इससे पहले कि आपकी आंखें खराब हों, आपको इसकी गंभीरता का एहसास होना चाहिए।
आप सभी प्रकार की स्क्रीन पर हमेशा फ्लक्स का उपयोग करें और ब्राइटनेस को ऑप्टीमम लेवल पर रखें और फिर काम करें। लैपटॉप या कंप्यूटर पर कभी भी अंधेरे में काम न करें, कमरे में हमेशा रोशनी का कोई दूसरा ब्राइट सोर्स रखें, क्योंकि अंधेरा होने पर आपकी आंखों के लिए लाइट के एक स्पेशिफिक प्वाइंट को देखना हेल्दी नहीं है। आंखों के तनाव को लगातार नजरअंदाज करने पर बार-बार होने वाली तनाव की चोट या एककोशिकीय अनुकूलन (unicellular adaptation) का रिजल्ट होता है। यहां आंखों के तनाव को कम करने के कुछ उपाय दिए गए हैं-
इसके लिए आप 20-20-20 के नियम का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप बस हर 20 मिनट में अपने मॉनिटर से दूर किसी ऐसी वस्तु पर फोकस करें जो आपसे 20 फीट दूर हो आपको इस वस्तु को कम से कम 20 सेकंड के लिए देखना है।
कंप्यूटर स्क्रीन आपकी आंख से 25 इंच से अधिक और होरीज़ोनटल लेवल से 6 इंच नीचे होनी चाहिए। कंप्यूटर खरीदते समय हमेशा एक एडजेस्टेबल मॉनिटर आर्म के बारे में सोचें। ऐसे में आप अपने मॉनिटर को हर समय फ्री होकर एडजस्ट कर सकेंगे। इसके अलावा आपको यह ध्यान देना है कि यह हमेशा सही स्थिति में हो। अपने कंप्यूटर को ऐसी जगह पर रखें जहाँ लाइट सीधे आपकी आँखों पर न पड़े। कंप्यूटर स्क्रीन देखते समय छत और खिड़कियों से रंगों या ब्लाइंड या पर्दे के साथ फैली हुई रोशनी का उपयोग करें।
आर्मरेस्ट वाली कुर्सी का उपयोग करें जो आपकी रीढ़ की हड्डी को भी सहारा दे, और आपके सिर की स्थिति आपकी कुर्सी की ऊंचाई से थोड़ी नीचे की ओर झुकी होनी चाहिए। इसके अलावा यह तय करें कि आपके पैर फर्श पर सीधे- सपाट हैं या नहीं। एक अच्छी सिटींग पोजिशन आपको आंखों के तनाव से बचाएगी।
ब्राइटनेस को कम करने के लिए अपनी स्क्रीन की ब्राइटनेस को मीडियम से एडजेस्ट करें। एंटी-ग्लेयर स्क्रीन चुनें जो आपके कंप्यूटर स्क्रीन से आपकी आंखों में प्रवेश करने के लिए लाइट रिफ्लेक्शन के अमाउंट को कम करती है। ये एंटी-ग्लेयर फिल्टर कुछ हद आपको आराम पहुंचा सकते हैं, लेकिन ये आंखों की सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं। अगर आप अपने कंप्यूटर का उपयोग बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्राइटनेस पर कर रहे है, तो भी आपकी आंखों को गंभीर चोट लग सकती है, इसलिए इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है।
अपने विंडोज़/मैक पीसी पर फ्लक्स स्थापित करें। यह आपके परिवेश के अनुसार आपकी स्क्रीन का सेटिंग रंग बदल सकता है। अगर आपको अंधेरी जगह पर काम करना है तो आप नाइट मोड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि जितना हो सके एडवर्स कंडिशन में अपने कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बचें। स्टडी से पता चला है कि विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर आपके चश्मे को प्रोटेक्ट कर सकते हैं। जैसे कि नीली रोशनी और उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन। इस विधि का उपयोग आप आंखों के तनाव और पीठ दर्द को कम करने के लिए कर सकते हैं।
पलकें बार-बार झपकने से आपकी आंखों को थोड़ा लेकिन बहुत जरूरी ब्रेक मिलता है। बार-बार पलकें झपकाने से आपकी आंख की सामने की लेयर नम रह सकती है, जो आपकी आंखों को हेल्थी रखने के लिए बहुत जरूरी है। जब आप कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो आप अक्सर पलक झपकना भूल जाते हैं। अब यह गलती न करें।
आंखों के व्यायाम करने से आपकी दृष्टि में कई पॉजिटीव बदलाव आएंगे।हालांकि आंखों के व्यायाम से आंखों के विकारों का इलाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह एक्सरसाइज आपको लंबे समय तक आंखों की बीमारियों से बचा सकती हैं। आंखों का व्यायाम कहीं भी किया जा सकता है और इसमें केवल एक या दो मिनट का समय लगता है। यह एक पॉजिटीव बात है कि आई एक्सरसाइज का प्रोग्राम ऑनलाइन पढ़ाने वाले पंजीकृत डॉक्टर्स के माध्यम से उपलब्ध है।
एक हेल्दी लाइफस्टाइल हेल्दी डाइट और अपने डेली रूटीन में कुछ फिजिकल एक्टिविटीज को शामिल करके हासिल किया जा सकता है। एक हेल्दी बॉडी हेल्दी आँखों के पोषण के लिए जिम्मेदार होती है। इसकी मदद से आप एक स्वस्थ जीवन के अनुकूल रह सकते हैं
विशेष रूप से नारंगी और पीले रंग के फलों में हाई क्वांटीटी में विटामिन और पोषक तत्व होते हैं, जो आंखों के लिए हेल्दी माने जाते हैं। ऐसे कई फूड प्रोडक्ट्स हैं जो नेचुरल मेडिसिन की तरह होते हैं। हालांकि हमें फल आसानी से उपलब्ध होते हैं और इन्हें डेली रुटीन में खाया जा सकता है।
अगर आप किसी नज़दीकी जगह पर रहते हैं या काम करते हैं, तो हर दिन थोड़ी ताजी हवा लेना सुनिश्चित करें। अपनी आंखों और शरीर को भी कुछ ताजी हवा देने के लिए या तो सुबह जल्दी या शाम को टहलने जाएं।
अपना चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस बुद्धिमानी से चुनें। फैंसी चुनें से ज्यादा अपनी आंखों के आराम का ध्यान रखें। अगर आप कंप्यूटर आई स्ट्रेन का सामना कर रहे हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपकी आंखों की पावर बदल गई है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। अगर आपको कोई परेशानी महसूस हो तो अपनी आंखों की जांच करवाएं।
आपके शरीर में पानी की कमी से आंखों की समस्याएं जैसे आंखों में खिंचाव और सिरदर्द हो सकता है। अगर आप बिना पानी पिए कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते हैं तो आपकी आंखों में खुजली हो सकती है।
इनमें से किसी भी स्टेप में बहुत ज्यादा प्रयास या पैसा नहीं लगाना पड़ता और इसे किसी भी जगह पर किया जा सकता है। आंखों के तनाव को दूर रखने के लिए ये छोटे-छोटे उपाय करें। आप काम करने वाला चश्मा भी पहन सकते हैं, क्योंकि वे लेंस की तुलना में ज्यादा आरामदायक होते हैं। यहां तक कि अगर आपकी आंखों की पावर कम हो गई है, तो भी आप काम करते समय एंटी-ग्लेयर चश्मा पहन सकता हैं। यह अकेले ही आपकी आंखों को काफी आराम पहुंचा सकते है और कंप्यूटर की वजह से होने वाले आंखों के तनाव को भी रोक सकते है।
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