आज के समय को देखें तो लगभग हर आबादी चश्मे का उपयोग करती है। इसके अनुसार हर व्यक्ति की अपनी जरूरतें होती हैं, जिसमें पढ़ने, ड्राइविंग और स्क्रीन का सामना करने जैसे कई ज़रूरी कामों के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है आंखों की दृष्टि का साफ होना। मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के साथ तरह-तरह के चश्मे ने ग्राहकों की हर ज़रुरत को पूरा किया है। इन्हीं में से एक हैं एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लासेज़, लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते कि हर काम के लिए किस तरह का चश्मा चाहिए होता है।
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आई केयर बिज़नेस में इस एंटी-रिफ्लेक्टिंग चश्मे को ए.आर. कोटिंग ग्लासेज़ कहते हैं। एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लास एक खास तरह का चश्मा होता है, जिसमें लेंस आपके चश्मे के लेंस से गुजरने वाले प्रकाश को संचारण (transmittance of light) का इस्तेमाल करने में मदद करता है। इन्हें टेलीस्कोप, बाइनोकुलर, कैमरों या चश्मे सहित किसी अन्य ऑप्टिकल सर्फेस में भी इस्तेमाल किया जाता है।
एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लास की कोटिंग हाइली टेक्नीक मैकेनाइजेशन में से किसी एक प्रक्रिया के ज़रिए की जाती है, जिसमें से एक है वैक्यूम डिपोजिशन टेक्नोलॉजी। लेंस पर एंटी-ग्लेयर ग्लास लगाते समय कई सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे-
अब तक आप एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लास क्या होते हैं और इनका प्रोडक्शन कैसे होता है ये जान गए हैं। फिर सवाल आता है कि क्या ये आपकी आंखों के लिए फायदेमंद हैं। क्या ये उपयोग करने लायक हैं? अगर हां, तो किस लेवल तक या सामान्य चश्मे से किस तरह अलग हैं?
आपके प्रश्न का उत्तर इसके गुणों में निहित है जो यह अपने यूज़र्स के लिए पेश करता है। आप उन चश्मे के साथ कैसे दिखते हैं, उनसे आपका विज़न कितना अच्छा है और पूरे दिन उनके इस्तेमाल के बाद आप कैसा फील करते हैं, इसमें ये एक मेन रोल प्ले करते हैं।
लंबे समय तक चलने वाला चश्मा (Longer-lasting glasses): ज़्यादा वक्त तक इस्तेमाल होने वाले चश्मे नाज़ुक होने की वजह से उन पर आसानी से खरोंच आ जाती है। एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लास को इस तरह के कोटिंग से शील्ड करने से इसका खतरा कम हो जाता है। इन चश्मों के इस्तेमाल से आपके द्वारा इन चश्मों पर खर्च लागत कम हो जाएगी, क्योंकि चश्मे जितना कम खराब होंगे आपको उन्हें बदलने की उतनी ही कम ज़रूरत होगी।
सबसे अच्छा एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटेड ग्लास चुनना कठिन हो सकता है। अगर आप इसे लेकर दुविधा में हैं, तो आपको किसी प्रोफेशनल के पास जाना चाहिए। वे आपके सवालों को ज़्यादा अच्छे से आपकी लाइफ-स्टाइल और आपके काम के हिसाब से सुलझा सकेंगे, क्योंकि अलग तरह के एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लास कोटिंग की अलग परतों के साथ बनाए जाते हैं। जितनी ज़्यादा परतें होंगी, उतने ही ज़्यादा रिफ्लेक्शन खत्म होते हैं। उनके उद्देश्यों के साथ ए.आर कोटिंग ग्लास में से कुछ निम्नलिखित हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि ज़्यादा वक्त तक स्क्रीन पर काम करने वाले लोगों को ए.आर कोटिंग का इस्तेमाल करना चाहिए, जो ब्लू लाइट के रिस्क को कम करता है।
क्या आपको अपने ए.आर कोटिंग ग्लास से सावधान रहने की ज़रूरत है? इसका जवाब है हाँ। यह सच है कि नॉन-कोटेट की तुलना में वे कम खराब होते हैं, लेकिन एक बार इन पर खरोंच आने के बाद ये साफ दिखने लगते हैं। इसलिए साफ करते वक्त उन्हें गीला करें। एंटी-रिफ्लेक्टिंग लेंस के लिए आपको सूखे कपड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये कोटिंग को खराब कर देते हैं।
ए.आर कोटिंग ग्लास इन दिनों बहुत जरूरी हैं। आपको इस पर विचार करते हुए अपनी आंखों के बारे में ज़्यादा सावधान रहना चाहिए। लैक ऑफ विज़न बच्चों और बड़ों में ऑंखों में सबसे आम समस्या है। इसलिये अपने डॉक्टर के सलाह लेकर ही अपने लिए सूटेबल एंटी-रिफ्लेक्टिंग ग्लासेज़ लें।
ऑंखों के इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि प्रोफेशनल द्वारा ऑंखों की देखभाल और ऑंखों की नियमित जांच। वह आपकी आंखों की समस्या के उपचार के सबसे अच्छे तरीके का सुझाव देने में सक्षम होंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं। आई मंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं। हमारी और दूसरी सर्विस में आई टेस्ट, आई सर्जरी, इम्प्लाटेंबल कोलामर लेंस सर्जरी आदि शामिल है।