Contents
- 1 फोटो रिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी क्या है? Photorefractive Keratectomy Kya Hai?
- 2 पीआरके बनाम लेसिक सर्जरी – PRK v/s Lasik Surgery
- 3 पीआरके सर्जरी की ज़रूरत – PRK Surgery Ki Zarurat
- 4 पीआरके सर्जरी के फायदे – PRK Surgery Ke Benefits
- 5 पीआरके सर्जरी से पहले – PRK Surgery Se Pehle
- 6 पीआरके से पहले क्या करें? PRK Se Pehle Kya Karein?
- 7 पीआरके लेजर सर्जरी प्रक्रिया – PRK Laser Surgery Process
- 8 लेजर सर्जरी रिकवरी – Laser Surgery Recovery
- 9 पीआरके के बाद दृष्टि – PRK Ke Baad Vision
- 10 पीआरके लेजर सर्जरी के रिस्क – PRK Laser Surgery Ke Risk
- 11 निष्कर्ष – Nishkarsh
फोटो रिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी क्या है? Photorefractive Keratectomy Kya Hai?
फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टोमी या पीआरके एक प्रकार की लेजर सर्जरी है, जिसे अपवर्तक त्रुटियों (रिफ्रैक्टिव एरर) का इलाज यानी दृष्टि समस्याओं को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह अपवर्तक त्रुटि तब होती है, जब आपकी आंख प्रकाश को ठीक से अपवर्तित (रिफ्रेक्ट) नहीं करती है।
कॉर्निया यानी आंख की संरचना में स्पष्ट सामने के हिस्से को फिर से आकार देने के लिए कई अलग-अलग सर्जिकल तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। सभी दृष्टि सुधार सर्जरी (विजन करेक्शन सर्जरी) में लेजर का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके कॉर्निया की आकृति को बदलने पर काम करती हैं। इस प्रकार इससे गुजरने वाला प्रकाश आंख के पिछले हिस्से में स्थित रेटिना पर ठीक से केंद्रित हो जाता है और कई अलग-अलग सर्जिकल तकनीकों का इस्तेमाल करके कॉर्निया को फिर से आकार दिया जा सकता है।
पीआरके लेज़र सर्जरी का इस्तेमाल निकटदृष्टिता (मायोपिया), दूरदृष्टिता (हाइपरोपिया) और दृष्टिवैषम्य जैसी गंभीर आंखों की समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी और दृष्टि में सुधार के लिए आपकी अपवर्तक त्रुटि को ठीक करने की ज़रूरत होती है, जिसके लिए पीआरके लेजर सर्जरी की जाती है। एक प्रकार से यह स्पेक्स रिमूवल यानी चश्मा हटाने की सर्जरी है, क्योंकि यह आपके कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मे की ज़रूरत को कम या खत्म भी कर सकती है।
पीआरके बनाम लेसिक सर्जरी – PRK v/s Lasik Surgery
पीआरके लेजर सर्जरी में आंखों का डॉक्टर आपके कॉर्निया का आकार बदलने के लिए एक लेजर का इस्तेमाल करते हैं। लेसिक की तरह पराबैंगनी प्रकाश के इस पल्सिंग बीम को कॉर्नियल फ्लैप के नीचे के बजाय कॉर्निया की सतह पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लेजर आपके कॉर्निया का आकार बदल देता है, जिससे प्रकाश किरणों के रेटिना पर फोकस करने के तरीके में सुधार होता है। प्रकाश कॉर्निया के ज़रिए गुज़रता है और फिर आपकी आंख के पीछे रेटिना पर केंद्रित होता है। दूसरी तरफ लेसिक यानी एक अन्य प्रकार की लेजर सर्जरी आपके कॉर्नियल फ्लैप के नीचे काम करती है।
ऐसे लोग जो सूखी आंखें (ड्राई आईज़) या पतली कॉर्निया से पीड़ित हैं और रिफ्रैक्टिव सर्जरी करवाना चाहते हैं, तो उनके लिए पीआरके एक अच्छा विकल्प होगा। इस प्रकार की आंखों की समस्याओं के लिए लेसिक सर्जरी की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे कॉर्निया की संवेदनशीलता कम होने के साथ ही ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है।
इसके अलावा अगर आपकी लाइफस्टाइल बहुत एक्टिव है या आप काम कर रहे हैं, तो पीआरके आपके लिए लेसिक या ऐसी अन्य प्रक्रियाओं से बेहतर साबित हो सकता है। इसका कारण लेसिक या दूसरी सर्जरी की तरह काटे जाने वाला आपके कार्निया का एक फ्लैप है, जो पीआरके लेजर सर्जरी में काटना शामिल नहीं है। अगर आप हद से ज़्यादा एक्टिव हैं, तो कॉर्नियल फ्लैप गलती से हट सकता है जो समस्या का कारण हो सकता है।
पीआरके सर्जरी की ज़रूरत – PRK Surgery Ki Zarurat
- 18 साल या उससे ज़्यादा (आदर्श रूप से 21 साल से ज़्यादा, क्योंकि तब तक दृष्टि बदलने की गुंजाइश ज़्यादा होती है)।
- पिछले एक साल में आपकी आंखों के प्रिस्क्रिप्शन में कोई बदलाव ना आया हो।
- आपकी आंख में अपवर्तक त्रुटि एक होनी चाहिए, जिसका इलाज पीआरके से किया जा सकता है।
- कॉर्निया स्वस्थ और आपका संपूर्ण आंखों का स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा है।
पीआरके किसे नहीं करवानी चाहिए?
निम्नलिखित समस्याओं वाले मरीज़ों को पीआरके लेजर सर्जरी की सलाह नहीं दी जाती है:
- एक अनिश्चित (बदलती) अपवर्तक त्रुटि
- स्किन या अन्य बीमारी, जो उपचार को प्रभावित कर सकते हैं।
- पुराने निशान
- कॉर्नियल घर्षण (कॉर्नियल अब्रेशन) या बीमारी
- एडवांस स्टेज ग्लूकोमा
- मोतियाबिंद से प्रभावित दृष्टि
- अनियंत्रित डायबिटीज और शुगर की जांच
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला
- आंखों के इंफेक्शन की हिस्ट्री
पीआरके सर्जरी के फायदे – PRK Surgery Ke Benefits
पीआरके चश्मे या लेंस से छुटकारा पाने की सर्जरी है। इस चश्मा हटाने की सर्जरी ने मायोपिया या हाइपरोपिया वाले लाखों लोगों को आत्मनिर्भर किया है। कम जटिलता दर वाली इस प्रक्रिया में परिणाम काफी अनुमानित है यानी एक प्रकार से यह कम अपवर्तक त्रुटियों का उपचार है।
- पीआरके की मदद से नज़दीकीपन (हाइपरोपिया) को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। पीआरके लेजर सर्जरी के बाद लगभग 90 प्रतिशत मरीज़ों की दृष्टि 6 में से 6 होती है और सर्जरी के एक साल बाद उन्हें चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की ज़रूरत नहीं होती है। एक अनुमान के मुताबिक 95 प्रतिशत से ज़्यादा लोगों को लगता है कि वह काम कर सकते हैं और उन्हें चश्मा या कॉन्टैक्ट पहनने की ज़रूरत नहीं है।
- पीआरके कुछ मरीज़ों में लेसिक के लिए बेहतर हो सकता है यानी जिनके पास पतली कॉर्निया या अनियमित कॉर्नियल सतह हैं, क्योंकि पीआरके लेसिक सर्जरी के मुकाबले में कम कॉर्नियल टिश्यू को खत्म करता है।
- तकनीकी रूप से पीआरके आधुनिक लेजर उपचार प्रणाली का इस्तेमाल करते वक्त लेसिक सर्जरी की तुलना में कहीं ज़्यादा आसान है।
- मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान जिन मरीजों की आंखों में आर्टिफिशियल लेंस लगाए गए हैं, उनकी दृष्टि में सुधार के लिए पीआरके काफी मदद कर सकता है।
- इसमें कोई कॉर्नियल फ्लैप नहीं बनाया जाता है, इसलिए आंखों के सर्जनों और मरीज़ों को बाद में फ्लैप में होने वाली किसी भी जटिलता के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
पीआरके सर्जरी से पहले – PRK Surgery Se Pehle
सर्जरी से पहले आपके कॉर्निया की मोटाई का पता लगाया जाता है। इसके बारे में आंखों के डॉक्टर आपकी जीवनशैली के आधार पर आपकी ज़रूरतों के बारे में चर्चा करेंगे। उदाहरण के लिए अगर आप खेलकूद में हैं, तो आप सर्जरी से दूरदृष्टि की तलाश कर सकते हैं। इसलिए पीआरके के लिए अपनी ज़रूरतों पर चर्चा करना ज़रूरी है।
जिन लोगों को पीआरके सर्जरी की ज़रूरत है और चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के बिना परफेक्ट विज़न पाना चाहते हैं, वह इसका जोखिम उठाते हैं। पीआरके लेजर सर्जरी लोगों को करेक्टिव लेंस के बिना अपने रोजमर्रा के ज़्यादातर काम करने में सक्षम बनाती है। हालांकि, रात में पढ़ने या गाड़ी चलाने जैसे कुछ कामों के लिए आपको चश्मा पहनने की ज़रूरत हो सकती है।
आपके आंखों के सर्जन आपकी आंखों की पूरी तरह से जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आप पीआरके के लिए सही कैंडिडेट हैं। इसके साथ ही आंखों के डॉक्टर आपको अन्य आंखों की बीमारियों के बारे में समझाएंगे, जो आपको पीआरके करवाने से रोक सकते हैं।
पीआरके से पहले क्या करें? PRK Se Pehle Kya Karein?
- आपको आंखों की पूरी सेहत की जांच करवानी चाहिए।
- अपनी दृष्टि में बदलाव होने या नहीं होने का पता लगाने के लिए अपनी दृष्टि की जांच करें। इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि अपवर्तक त्रुटि कितनी ज़्यादा है। साथ ही आप यह भी जान सकते हैं कि क्या आपकी दृष्टि को ठीक करने के लिए पीआरके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑपथलमॉलजिस्ट) यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको आंखों की कोई अन्य समस्या तो नहीं है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अन्य समस्याएं आपकी सर्जरी को प्रभावित या जटिल कर सकती हैं और पीआरके लेजर सर्जरी उन अन्य समस्याओं को पहले से ज़्यादा खराब कर सकती है।
- नेत्र रोग विशेषज्ञ आपके कॉर्निया की सतह को माप लेकर उसका मैप तैयार करेंगे। इससे कॉर्निया की मोटाई की जांच और कॉर्निया की सतह का सटीक माप लिया जाता है। इसके बाद इन मापों का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर-बेस्ड लेज़र को प्रोग्राम करने के लिए किया जाता है।
- इससे आपकी पुतली के आकार को भी मापा जा सकता है।
पीआरके लेजर सर्जरी प्रक्रिया – PRK Laser Surgery Process
फोटो रिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी (पीआरके) लेजर सर्जरी प्रक्रिया में आमतौर पर पीआरके सर्जरी एक आउट पेशेंट सर्जरी सेंटर में की जाती है। लगभग 15 मिनट में होने वाली इस प्रक्रिया के निम्नलिखित चरण हैं:
- आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करके आपकी आंख को कुछ समय के लिए एनेस्थेटाइज किया जाएगा।
- पलक झपकने से रोकने के लिए आपकी आंख पर एक आईलिड होल्डर रखा जाएगा।
- इसके बाद आपके कॉर्निया पर कोशिकाओं की बाहरी परत (एपिथेलियम लेयर) हटाई जाती है। ऐसा करने के लिए एक खास ब्रश, ब्लेड, लेजर या अल्कोहल सॉल्यूशन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- आपको प्रकाश के एक बिंदु पर घूरने के लिए कहा जाएगा, ताकि आंखें न हिलें।
- इसके बाद कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। लेजर एक खास उपकरण से आता है, जिसे आपकी आंखों के माप के साथ प्रोग्राम किया जाता है।
लेजर सर्जरी रिकवरी – Laser Surgery Recovery
सर्जरी के ठीक बाद आंखों के ऊपर एक “बैंडेज” कॉन्टैक्ट लेंस लगाया जाएगा, ताकि इसे ठीक करने में मदद मिल सके।
- सर्जरी के बाद आपको घर ले जाने के लिए परिवार के किसी सदस्य की ज़रूरत होगी। सर्जरी के बाद आदर्श रूप से आपको घर पर ही रहना और आराम करना चाहिए।
- इस दौरान आपको काम से कुछ दिनों की छुट्टी लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आपको सर्जरी के बाद 7 से 10 दिनों तक आंखों पर ज़ोर डालने वाली किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उपचार प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
- पीआरके के बाद 2 से 3 दिनों तक आपको आंखों में कुछ दर्द हो सकता है, जिसे आमतौर पर दवा से कंट्रोल किया जा सकता है। बहुत कम मामले ऐसे होते हैं, जिसमें शायद ही कुछ लोगों को दर्द से राहत के लिए प्रिस्क्रिप्शन दर्द निवारक आई ड्रॉप या अन्य दवा की ज़रूरत हो सकती है। अगर आपका दर्द दवाओं से भी दूर नहीं होता है, तो इसके बारे में अपने आंखों के डॉक्टर से पूछें।
- आपको एक महीने तक अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ के बताए अनुसार आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होगी। उपचार प्रक्रिया में मदद करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन ध्यान से करें।
- पीआरके सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय तक आपको बाहर जाते वक्त धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्जरी के बाद सूरज की रोशनी और यूवी किरणों के संपर्क में आने से कॉर्नियल पर निशान पड़ सकते हैं, जिसके कारण दृष्टि से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
पीआरके के बाद आपको सबसे पहले धुंधली दृष्टि का अनुभव होगा। जैसे-जैसे अगले दिनों में आप ठीक होंगे, वैसे ही दृष्टि में भी धीरे-धीरे सुधार होगा। इस प्रकार सबसे बेहतर दृष्टि पाने में आपको सामान्य रूप से एक महीना या उससे ज़्यादा समय लगता है।
पीआरके के बाद दृष्टि – PRK Ke Baad Vision
पीआरके करवाने वाले लगभग 90 प्रतिशत लोग बिना चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के 6 में से 6 की दृष्टि या उससे बेहतर प्राप्त कर सकते हैं। यह जानना बेहद ज़रूरी है कि पीआरके प्रेसबायोपिया को ठीक नहीं कर सकता। पास की वस्तुओं को देखने में यह सामान्य और उम्र से संबंधित दृष्टि की हानि है। ऐसे में बेहतर दूर दृष्टि वाले लगभग सभी लोगों को 40 साल की उम्र के बाद अपवर्तक सर्जरी के साथ या उसके बिना पढ़ने के चश्मे (रीडिंग ग्लासेस) की ज़रूरत होगी।
प्रेसबायोपिया में मदद करने के लिए कुछ लोगों को मोनोविजन पाने के लिए सबसे पहले पीआरके सर्जरी करवाना ज़रूरी होता है। दूसरे शब्दों में, एक आंख को थोड़ा निकट दृष्टि में छोड़ दिया जाता है और दूसरी आंख को दूर दृष्टि के लिए एडजस्ट किया जाता है। हमारा दिमाग इस प्रकार बदलता है कि निकट दृष्टि का इस्तेमाल पास के कामों के लिए किया जाता है, जबकि दूसरी आंख दूर की वस्तुओं को देखती है। मोनोविजन सभी के लिए ज़रूरी नहीं है। यह देखने के लिए कि क्या आप इस करेक्शन को करवा सकते हैं, आपको पहले कॉन्टैक्ट लेंस के साथ मोनोविजन आज़माने के लिए कहना चाहिए।
पीआरके लेजर सर्जरी के रिस्क – PRK Laser Surgery Ke Risk
अन्य सभी सर्जरी की तरह पीआरके में समस्याओं या जटिलताओं के खतरे हैं, जिन पर आपको निम्नलिखित विचार करने चाहिए, जैसे-
- लाइट के आसपास ग्लेयर और हैलोज़ (खासकर रात में)
- कॉर्निया खराब होना
- कॉर्निया में धुंधलापन या क्लाउडीनेस छाना
- कॉर्नियल इंफेक्शन
आपकी दृष्टि को कम या ज़्यादा सही किया जा सकता है और इनमें से ज़्यादातर समस्याओं को चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या अतिरिक्त लेजर सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, इसकी मदद से बिना किसी दृष्टि हानि के इलाज किया जा सकता है, जिसमें बहुत दुर्लभ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-
- चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस इस्तेमाल करने के बाद भी पहले की तुलना में खराब दृष्टि हो सकती है। (इसे बेस्ट-करेक्टेड विजन लॉस भी कहा जाता है)
- अंधापन
अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनने में असहज महसूस नहीं करते हैं, तो आपको अपवर्तक सर्जरी की ज़रूरत नहीं है। ऐसे में आप और आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ पीआरके के रिस्क और रिवॉर्ड का आंकलन कर सकते हैं।
निष्कर्ष – Nishkarsh
आपको अपनी आंखों का इलाज दिल्ली के बेस्ट आंखों के हॉस्पिटल आई मंत्रा में करवाने की सलाह दी जाती है। पीआरके लेजर सर्जरी दर्दरहित है, जिसमें कुछ ही मिनटों का समय लगता है। इस प्रक्रिया में नवीनतम तकनीकों, उपकरणों, स्वच्छता और आंखों के सर्जन के पूरे ध्यान का इस्तेमाल करते हुए सटीकता और अनुभव की ज़रूरत होती है, जिसके लिए आप हमारे आई मंत्रा हॉस्पिटल में विज़िट कर सकते हैं।
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