मोतियाबिंद(Cataract)

मधुमेह मोतियाबिंद: कारण, लक्षण और उपचार- Diabetic Motiyabind: Karan, Lakshan aur Upchar

मधुमेह मोतियाबिंद क्या है?- Diabetic Cataract in Hindi

मधुमेह मोतियाबिंद एक मधुमेह जटिलता है जो आंखों को प्रभावित करती है। यह आंख के पीछे (रेटिना) प्रकाश के प्रति संवेदनशील ऊतक के रक्त वाहिकाओं को नुकसान के कारण होता है।

सबसे पहले, मधुमेह रेटिनोपैथी में कोई लक्षण नहीं हो सकता है या केवल हल्की दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन इससे अंधापन हो सकता है।

टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह वाले किसी भी व्यक्ति में स्थिति विकसित हो सकती है। आपको मधुमेह जितना अधिक समय तक रहेगा और आपका रक्त शर्करा जितना कम नियंत्रित होगा, आपको इस नेत्र संबंधी जटिलता के विकसित होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

मधुमेह मोतियाबिंद का कारण क्या है?- Causes of Diabetic Cataract in Hindi

जैसे की हमने जाना की हमारी आँखों के अंदर जो रक्त वाहिकाएं होती है वो आमतौर पर काफी मजबूत होती है. और इनसे खून कभी भी लीक नहीं होता। लेकिन अगर आपको मधुमेह है तो रक्त वाहिकाएं के कमजोर होने के कारण उनमें से खून लीक होने लगता है. और ये खून आपके पर्दे के बीच में या आगे जो आपकी वेट्रिक्स कैविटी उसके अंदर आ जाता है जिसे आपकी दृष्टि धुंधली हो जाती है. तो कभी भी आपके पर्दे के ऊपर मधुमेह संबंधित रक्तस्राव हो जाती है या आपके पर्दे पर कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. जिससे पर्दे पर सूजन आ जाती है, जिसका कारण आपका बढ़ता मधुमेह होता है.

रेटिनोपैथी बढ़ने पर आंखों की रोशनी कम होने लगती है। हालत बिगड़ने पर रोशनी पूरी तरह से जा सकती है। मधुमेह के अलावा अगर मरीज ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट या किडनी डिसीज से जूझ रहता है तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। डायबिटीज से 20% से 40% मरीजों में रेटिनोपैथी हो सकती है।

मधुमेह मोतियाबिंद के लक्षण- Symptoms of Diabetic Cataract in Hindi

आंख का लाल होना काफी सारी बीमारियों में देखा गया है. पहले शुरूवाती चरण में मधुमेह रेटिनोपैथी की स्तिथी में देखने में कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन यह एक विस्तृत जांच के बाद ही आपके आंख के डॉक्टर निष्कर्ष पर आते है की आपकी आंख पर शुगर का असर है या नहीं है। जैसे-जैसे स्थिति बढ़ रही है, आप मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी के लक्षण देख सकते हैं। जैसे की:

  • आपके विजन में काले तार और धब्बे का तैरना दिख सकता है. या फिर जो लाइन सीधी दिखती है वो टेढ़ी दिखने लगती है.
  • धुंधली दृष्टि या पढ़ने या लिखने में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना.
  • अस्थिर दृष्टि
  • आपके विजन में डार्क या खाली क्षेत्रों दिखना
  • दृष्टि का खोना

ये भी कहा जाता है कि शुरूवात के 2-3 साल में रोगी को कुछ पता नहीं चलता है. इसलिए जिन रोगी को भी मधुमेह रेटिनोपैथी या मधुमेह है, तो उसमें हम रोगी को सलाह देते है की आपको आंख में कुछ प्रॉब्लम आई है या नहीं आ रही. आप एक बार अपना आंख का वार्षिक जांच जरूर कराए जिसे पता चल सके की आपको दिक्कत है या नहीं है. और जैसे ये बीमारी आगे बढ़ती जाती है वैसे ही रक्ततस्राव भी बढ़ती जाती है, जिसके कारण हमारे रेटिना पर खिचाव बनने लगता है. जिससे पर्दा पूरे तरीके से अपनी जगह से हिल जाता है. उसको हम रेटिनल डिटैचमेंट कहते है.

मधुमेह मोतियाबिंद के प्रकार- Types of of Diabetic Cataract in Hindi

मधुमेह रेटिनोपैथी दो प्रकार की होती है:

प्रारंभिक मधुमेह रेटिनोपैथी(Early diabetic retinopathy)

इस अधिक सामान्य रूप में  जिसे नॉनप्रोलिफेरेटिव मधुमेह रेटिनोपैथी कहा जाता है। जिसमे नई रक्त वाहिकाएं नहीं बढ़ रही हैं। जब आपके पास एनपीडीआर होता है, तो आपके रेटिना में रक्त वाहिकाओं की दीवारें कमजोर हो जाती हैं। छोटे जहाजों की दीवारों से छोटे-छोटे उभार निकलते हैं, कभी-कभी रेटिना में द्रव और रक्त का रिसाव होता है। बड़े रेटिनल वाहिकाओं का विस्तार शुरू हो सकता है और व्यास में भी अनियमित हो सकता है। एनपीडीआर हल्के से गंभीर तक बढ़ सकता है क्योंकि अधिक रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं।

कभी-कभी रेटिनल रक्त वाहिका क्षति से रेटिना के मध्य भाग (मैक्युला) में द्रव (एडिमा) का निर्माण होता है। यदि मैकुलर एडीमा दृष्टि कम हो जाती है, तो स्थायी दृष्टि हानि को रोकने के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।

उन्नत मधुमेह रेटिनोपैथी(Advanced diabetic retinopathy)

मधुमेह रेटिनोपैथी इस अधिक गंभीर प्रकार की प्रगति कर सकती है, जिसे प्रोलिफेरेटिव मधुमेह रेटिनोपैथी के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार में खराब रक्त वाहिकाएं बंद हो जाती हैं, जिससे रेटिना में नई, असामान्य रक्त वाहिकाओं का विकास होता है। ये नई रक्त वाहिकाएं नाजुक होती हैं और आपकी आंख के केंद्र को भरने वाले स्पष्ट, जेली जैसे पदार्थ में रिसाव कर सकती हैं।

आखिरकार, नई रक्त वाहिकाओं के विकास से निशान ऊतक आपकी आंख के पीछे से रेटिना को अलग कर सकता है। यदि नई रक्त वाहिकाएं आंख से तरल पदार्थ के सामान्य प्रवाह में बाधा डालती हैं, तो नेत्रगोलक में दबाव बन सकता है। यह बिल्डअप उस तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है जो आपकी आंखों से छवियों को आपके ऑप्टिक तंत्रिका तक ले जाती है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लूकोमा होता है।

मधुमेह मोतियाबिंद का इलाज- Treatment of Diabetic Cataract in Hindi

इसकी सबसे अहम बात है की इसे रोक सके। नियमित जांच करवाते रहिए। अगर मधुमेह के कोई भी प्रारंभिक परिवर्तन होंगे पर्दे में तो उसे जल्दी पकड़ लेंगे। और शुगर नियंत्रण करवाने से इसको हम आगे बढ़ने से रोक सकते है. बहुत ही प्रारंभिक मामलों में आपको कोई भी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। और शुगर नियंत्रण करने से ही कम हो जाती है.

अगर आपकी बीमारी थोड़ी बढ़ जाती है और आपको माइल्ड नॉनप्रोलिफेरेटिव मधुमेह रेटिनोपैथी होती है तो उन मामलों में पैनेरेटिनल फोटोकैग्यूलेशन कर सकते है जिससे की आपके नए रक्त वाहिकाएं बनी है। और जो टपकाती हुई रक्त वाहिका उनको हम लेजर करके जला देते है. जिससे नए रक्त वाहिकाएं का लीक होना बंद हो जाता है. अगर आपको सिवीर मधुमेह रेटिनोपैथी (severe diabetic retinopathy) है, साथ ही साथ आपको मैक्युलर इडिमा(पर्दे की सूजन) भी है तो इन मामलों में लेजर के साथ ही साथ आँखों में एंटी वेजफ इंजेक्शन देने जरूरी होते है. और ये इंजेक्शन हर महीनें दिए जाते है.

अगर आपके आंख में रक्त आ गया है या पर्दा सरक गया है तो विट्रोक्टोमी सर्जरी करके हम आंख के पर्दे को जगह पर ला सकते है. और अगर bleeding हो गई है तो हम blood को निकाल सकते है.

मधुमेह मोतियाबिंद से होने वाला खतरा- Risk of diabetic cataract in hindi

डायबिटीज से पीड़ित किसी भी रोगी को मधुमेह रेटिनोपैथी हो सकता है। आंख से जुड़ी इस समस्या के विकसित होने का खतरा इन स्थिति में बढ़ सकता है. जैसे की:

  • लंबे समय से मधुमेह रहना, जितने अधिक समय तक आपको मधुमेह होगा डायबिटिक Retinopathy होने का खतरा उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है।
  • गर्भावस्था
  • तम्बाकू चबाना
  • वृध्दावस्था में ब्लड शुगर के लेवल को ठीक से कंट्रोल ना कर पाना
  • हाई ब्लड प्रेशर भी मधुमेह रेटिनोपैथी का एक जोखिम कारक हो सकता है
  • हाई कोलेस्ट्रॉल

निष्कर्ष- Conclusion

आखिर में कहना चाहुंगी की मधुमेह रेटिनोपैथी में सबसे अहम चीज है की इसका रोकथाम कर सके। अगर आपको मधुमेह है तो आँखों का नियमित जांच करवाते रहे हर तीन से चार महीनें। जिसमें दवाई डाल के आपके आंख के पर्दे का चेकअप बहुत जरूरी है। और ये होने के बाद अगर आपको कोई प्रारंभिक लक्षण है डायबिटीज के तो उसे गंभीर ले. और अपने ब्लड शुगर कंट्रोल में रखे. मधुमेह रेटिनोपैथी की प्रगति होने से बचाना एक मात्र उपाय है.

आई मंत्रा – Eye Mantra

कैटरेक्ट सर्जरी के बारे में नई जानकारी के लिए अपने प्री-ऑपरेटिव नेत्र परीक्षण और कैटरेक्ट सर्जरी परामर्श के दौरान हमारे आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें।

आंखों से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं। हमारे विशेषज्ञों से संपर्क करने के लिए और आई मंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए हमें +91-9711115191 पर कॉल करें या eyemantra1@gmail.com मेल करें।

हमारी अन्य सेवाओं में न्यूरो-ऑप्थल्मोलॉजी, पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी, स्क्विंट करेक्शन और कई अन्य शामिल हैं। ग्राहक हमारी पहली प्राथमिकता हैं।