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काली आंखें या ब्लैक आइज़ (Black Eyes) तब होती हैं, जब आंखों के आसपास की स्किन के नीचे के टिशू पर चोट लग जाती है। ज्यादातर मामलों में चोट फोकस के बजाय चेहरे को ही इफेक्ट करती है।
आंख के आसपास के टिशू के भीतर चोट के निशान के नीले-गहरे रंग की वजह से इसे काली आंख कहा जाता है। यह केशिकाओं या छोटी ब्लड वैसेल्स की वजह से त्वचा के नीचे ब्लड का रिसाव होने के कारण होता है।
इस तरह की काली आँख का दूसरा नाम “shiner” हो सकता है। इसका मेडिकल नाम पेरिऑरबिटल हेमेटोमा (periorbital hematoma) है।
जैसे-जैसे तरल पदार्थ आंख के आसपास की जगह में जमा होते जाता हैं, चोट, सूजन और पफ्फीनेस नतीजतन बढ़ने लगती है। इससे आंख खोलना मुश्किल हो जाता है। विज़न अस्थायी रूप से धुंधला हो सकता है। आंख के आसपास दर्द भी हो सकता है और नार्मली आपको सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है।
ध्यान रहे कि आपको अंदर किसी भी तरह की ब्लींडिग के लिए मेडिकल हेल्प की ज़रूरत पड़ सकती है, क्योंकि ऐसे में आपकी आंखें डैमेज हो सकती है जिससे विज़न संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर किसी व्यक्ति को आंख के आसपास के हिस्से में चोट लगती है, तो उससे कुछ सूजन आने की संभावना हो सकती है। इसके बाद यह सूजन फैल जाएगी और त्वचा का रंग बदल जाएगा। सबसे पहले यह लाल होगा, फिर यह धीरे-धीरे नैवी रंग में तब्दील होगा। बाद में यह गहरे बैंगनी और लास्ट में यह काले रंग में बदल जाएगा। इसमें होने वाला दर्द लगातार महसूस किया जा सकता है या जब कोई इस प्रभावित क्षेत्र को छूता है, तब यह दर्द और बढ़ सकता है।
कभी-कभी फोकस पर लाल धब्बे भी दिखाई देते हैं। यह अक्सर सबकोन्जंक्टिवल हेमरेज (subconjunctival haemorrhage) होता है। यह हमेशा दो से तीन सप्ताह के बाद ठीक हो जाता है और इसके बाद कुछ ही दिनों में इसकी सूजन कम हो जाती है। समय के साथ यह गहरा रंग भी कुछ दिनों के बाद धीरे-धीरे फीका पड़ने लगेगा जैसे- नैवी रंग से बैंगनी या काले से पीले-हरे रंग में। इसके कारण विज़न संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एक काली आंख की समस्या आमतौर पर एक से दो सप्ताह के भीतर गायब हो जाती है और इसे आमतौर पर मेडिकल अटेंशन देने की ज़रूरत नहीं होती है। डॉक्टर को कब दिखाएं? अगर फोकस में खून है या आपको तेज़ सिरदर्द की शिकायत है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
एक काली आंख आमतौर पर मेडिकल हस्तक्षेप के बिना ठीक हो जाती है, लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा सीरियस होने का संकेत हो सकता है। इस मामले के दौरान, इसे मेडिकल अटेंशन देने की ज़रूरत पड़ सकती है।
किसी भी सिर की चोट के साथ सबसे बड़ी चिंता यह तय करना है कि कोई सिर का फ्रैक्चर तो नहीं है या कोई हेमेटोमा तो नहीं है, जो आंखों जैसे ज़रूरी स्ट्रक्चर को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा यह जानना भी ज़रूरी है कि दिमाग के अंदर कोई ब्लींडिग या सूजन तो नहीं है। कई लक्षण संकेत दे सकते हैं कि ये कॉम्प्लिकेशन्स मौजूद हैं।
आइस पैक लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है, लेकिन सीधे बर्फ न लगाएं।
बर्फ काली आंख की सूजन और परेशानी को कम करने में मदद कर सकती है। व्यक्ति को पहले दिन के दौरान हर घंटे के चौथाई घंटे और दूसरे दिन में पांच बार बर्फ लगानी चाहिए।
डॉक्टर आमतौर पर आपको बर्फ और एसिटामिनोफेन जैसे घरेलू उपचार की सलाह दे सकता है। अगर उन्हें चेहरे की हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी गंभीर चोट का पता लगता है, तो वह उस व्यक्ति को एक्सपर्ट के पास भेजे देंगे।
रोकथाम- कई उपाय हैं जो दर्दनाक चोट की संभावना को कम कर सकते हैं, जिनमें काली आंख शामिल हैं।
काली आंखों या ब्लैक आई के बचाव के टिप्स कुछ इस प्रकार हैं-
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