काली आंखें (ब्लैक आइज़): लक्षण, कारण और उपचार – Kaali Aankhein (Black Eyes): Lakshan, Karan Aur Upchar

black eyes

काली आंखें/ब्लैक आइज़ क्या हैं? Kaali Aankhein/Black Eyes Kya Hain?

काली आंखें या ब्लैक आइज़ (Black Eyes) तब होती हैं, जब आंखों के आसपास की स्किन के नीचे के टिशू पर चोट लग जाती है। ज्यादातर मामलों में चोट फोकस के बजाय चेहरे को ही इफेक्ट करती है।

आंख के आसपास के टिशू के भीतर चोट के निशान के नीले-गहरे रंग की वजह से इसे काली आंख कहा जाता है। यह केशिकाओं या छोटी ब्लड वैसेल्स की वजह से त्वचा के नीचे ब्लड का रिसाव होने के कारण होता है।

इस तरह की काली आँख का दूसरा नाम “shiner” हो सकता है। इसका मेडिकल नाम पेरिऑरबिटल हेमेटोमा (periorbital hematoma) है।

जैसे-जैसे तरल पदार्थ आंख के आसपास की जगह में जमा होते जाता हैं, चोट, सूजन और पफ्फीनेस नतीजतन बढ़ने लगती है। इससे आंख खोलना मुश्किल हो जाता है। विज़न अस्थायी रूप से धुंधला हो सकता है। आंख के आसपास दर्द भी हो सकता है और नार्मली आपको सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है।
ध्यान रहे कि आपको अंदर किसी भी तरह की ब्लींडिग के लिए मेडिकल हेल्प की ज़रूरत पड़ सकती है, क्योंकि ऐसे में आपकी आंखें डैमेज हो सकती है जिससे विज़न संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

लक्षण और प्रभाव – Lakshan Aur Prabhav

अगर किसी व्यक्ति को आंख के आसपास के हिस्से में चोट लगती है, तो उससे कुछ सूजन आने की संभावना हो सकती है। इसके बाद यह सूजन फैल जाएगी और त्वचा का रंग बदल जाएगा। सबसे पहले यह लाल होगा, फिर यह धीरे-धीरे नैवी रंग में तब्दील होगा। बाद में यह गहरे बैंगनी और लास्ट में यह काले रंग में बदल जाएगा। इसमें होने वाला दर्द लगातार महसूस किया जा सकता है या जब कोई इस प्रभावित क्षेत्र को छूता है, तब यह दर्द और बढ़ सकता है।

कभी-कभी फोकस पर लाल धब्बे भी दिखाई देते हैं। यह अक्सर सबकोन्जंक्टिवल हेमरेज (subconjunctival haemorrhage) होता है। यह हमेशा दो से तीन सप्ताह के बाद ठीक हो जाता है और इसके बाद कुछ ही दिनों में इसकी सूजन कम हो जाती है। समय के साथ यह गहरा रंग भी कुछ दिनों के बाद धीरे-धीरे फीका पड़ने लगेगा जैसे- नैवी रंग से बैंगनी या काले से पीले-हरे रंग में। इसके कारण विज़न संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

एक काली आंख की समस्या आमतौर पर  एक से दो सप्ताह के भीतर गायब हो जाती है और इसे आमतौर पर मेडिकल अटेंशन देने की ज़रूरत नहीं होती है। डॉक्टर को कब दिखाएं? अगर फोकस में खून है या आपको तेज़ सिरदर्द की शिकायत है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

एक काली आंख आमतौर पर मेडिकल हस्तक्षेप के बिना ठीक हो जाती है, लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा सीरियस होने का संकेत हो सकता है। इस मामले के दौरान, इसे मेडिकल अटेंशन देने की ज़रूरत पड़ सकती है।

किसी भी सिर की चोट के साथ सबसे बड़ी चिंता यह तय करना है कि कोई सिर का फ्रैक्चर तो नहीं है या कोई हेमेटोमा तो नहीं है, जो आंखों जैसे ज़रूरी स्ट्रक्चर को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा यह जानना भी ज़रूरी है कि दिमाग के अंदर कोई ब्लींडिग या सूजन तो नहीं है। कई लक्षण संकेत दे सकते हैं कि ये कॉम्प्लिकेशन्स मौजूद हैं।

  • नाक या कान से खून बहना
  • ध्यान की सतह पर रक्त या ध्यान लगाने में असमर्थता
  • दो काली आंखें, जो एक फ्रैक्चर्ड स्कल का संकेत दे सकती हैं।
  • दुर्घटना के समय या उसके बाद चेतना (consciousness) का नुकसान
  • दौरे या उल्टी
  • लगातार विज़न प्रॉब्लम
  • डबल विज़न
  • ऐसा महसूस होना कि आँख के भीतर कुछ है।
  • आंखों को हिलाने में दिक्कत, सिरदर्द जोकि दो दिनों तक रहता है। 

काली आंखों का कारण – Black Eyes Ka Karan 

  • फाइटिंग फॉल्स पर शेयर और सड़क यातायात दुर्घटनाएं काली आंख की कॉमन वजह हैं।
  • काली आंख तब हो सकती है, जब किसी व्यक्ति के चेहरे पर कोई चीज़ लग जाए। यह एक गेंद, एक मुट्ठी, एक दरवाजा या कोई अन्य वस्तु हो सकती है।
  • कुछ प्रकार के डेंटल या फेसलिफ्ट के बाद भी काली आंख हो सकती है। चोट लगना कई दिनों के लिए काली आंख का कारण बन सकता है।
  • काली आंख अपने आप में खतरनाक नहीं है और इसलिए इसका रंग आमतौर पर आंख के आसपास चोट लगने की वजह से होता है। हालांकि कभी-कभी यह ज्यादा सीरियस कंडिशन का सिग्नल होता है।
  • दोनों आंखों के आसपास चोट लगना, जिसे रैकून आंखें कहा जाता है, सिर के फ्रैक्चर या अन्य तरह की सिर की चोट का संकेत दे सकती है। इस तरह की चोट को तुरंत मेडिकल अटेंशन देने की ज़रूरत पड़ती है। 

घरेलू उपचार – Gharelu Upchar

आइस पैक लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है, लेकिन सीधे बर्फ न लगाएं।

बर्फ काली आंख की सूजन और परेशानी को कम करने में मदद कर सकती है। व्यक्ति को पहले दिन के दौरान हर घंटे के चौथाई घंटे और दूसरे दिन में पांच बार बर्फ लगानी चाहिए।

क्या न करें 

  • आइस पैक को जोर से ना दबाएं।
  • बर्फ को सीधे चोट वाले हिस्से पर ना लगाएं
  • बर्फ को सीधे स्किन पर अप्लाई ना करें। एक कपड़े का इस्तेमाल करें।

मेडिकल उपचार – Medical Upchar

डॉक्टर आमतौर पर आपको बर्फ और एसिटामिनोफेन जैसे घरेलू उपचार की सलाह दे सकता है। अगर उन्हें चेहरे की हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी गंभीर चोट का पता लगता है, तो वह उस व्यक्ति को एक्सपर्ट के पास भेजे देंगे। 

क्या हो सकता है 

  • अगर सिर या ब्रेन में चोट का शक है, तो इसके इलाज के लिए एक न्यूरोसर्जन की सिफारिश की जाती है।
  • असामान्य लक्षण कान, नाक, गले या आसपास के एरिया में किसी अप्रत्याशित इंफेक्शन की वजह से तो नहीं हैं। यह जांचने का काम एक ईएनटी विशेषज्ञ (ENT specialist) कर सकता है।
  • आंख से संबंधित चोट के लिए एक ऑप्थामोलोजिस्ट से इलाज करवाया जाएगा।

रोकथाम- कई उपाय हैं जो दर्दनाक चोट की संभावना को कम कर सकते हैं, जिनमें काली आंख शामिल हैं। 

काली आंखों के लिए बचाव – Black Eyes Ke Liye Bachav 

काली आंखों या ब्लैक आई के बचाव के टिप्स कुछ इस प्रकार हैं-

  • सीढ़ियां और फर्श को केबल अव्यवस्था और अन्य वस्तुओं से परे रखें खासकर उन जगहों में जहां लोग चलते हैं।
  • बाहर जाते समय धूप का चश्मा या सही शेड्स पहनें, ताकि इंफेक्शन या पहले से चोट लगी आंख को कोई और नुकसान न हो।
  • खेल और व्यायाम जैसी ज़ोरदार फीजिकल एक्टीविटीज से ब्रेक लें क्योंकि यह पहले से इफेक्टीव आंख के लिए ज्यादा खतरा पैदा कर सकती हैं।
  • सोने के अलावा हमेशा अपना सिर ऊंचा रखें। यह आपके ब्लड को सही से सर्कुलेट होने में मदद करेगा। इसकी वजह से ब्लड आपकी  चोटिल आंख के आस-पास के एरिया में जमा भी नहीं होगा।
  • अपनी डाइट में विटामिन-सी की मात्रा बढ़ाएं या विटामिन सी से भरपूर क्रीम लगाएं। यह ब्लड वैसेल्स को मजबूत करने के साथ-साथ चोट को कम करने में मदद करता है। 
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर और सही देखभाल के साथ लें। 
  • सीढ़ियां और फर्श को केबल अव्यवस्था और अन्य वस्तुओं से परे रखें खासकर उन जगहों में जहां लोग चलते हैं। 
  • प्रोटेक्टीव गियर लगाएं। जो लोग ऐसी एक्टिविटीज में भाग लेते हैं, जिनसे चेहरे पर चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि मार्शल आर्ट, मुक्केबाजी आदि। ऐसे खेलों के कॉन्टेकट में आने वाले लोगों को प्रोटेक्टीव गियर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसी तरह साइकिल चलाते समय या मोटरबाइक चलाते समय हेलमेट लगाना जरूरी है।

निष्कर्ष – Nishkarsh

अपनी आंखों का इलाज करवाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी आई केयर प्रोफेशनल के पास जाएं और अपनी आंखों का रेगुलर टेस्ट करवाएं। वहां आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के लिए बेस्ट ऑप्शन चुना जाएगा। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं। अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें [email protected] पर मेल करें। हमारी अन्य सेवाओं में रेटिना सर्जरी, स्पेक्स रिमूवल और मोतियाबिंद ऑपरेशन के साथ अन्य सेवाएं भी शामिल हैं।

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