दृष्टि (Vision)

धुंधली दृष्टि: कारण, लक्षण और उपचार – Dhundhli Drishti: Kaaran, Lakshan Aur Upchaar

धुंधली दृष्टि क्या है? Dhundhli Drishti Kya Hai?

आँखों से साफ दिखाई न देना या चीज़ों का धुंधला-धुंधला दिखाई देना धुंधली दृष्टि या आपके द्वारा देखी जा रही छवियों में कमी की ओर इशारा करता है। इसे आप कह सकते हैं कि वस्तुओं को आप ठीक तरह से देखने में असमर्थता महसूस कर रहे हैं। यह समस्या एक आँख में भी हो सकती है और दोनों आँखों में भी। आँखों में धुंधली दृष्टि की समस्या मायोपिया, निकटता, दूरदर्शिता, प्रेस्बोपिया या एस्टिगमैटिस्म की वजह से हो सकती है। अपनी दृष्टि के अनुसार लेंस या चश्मे का उपयोग करके इस तरह के समस्याओं में सुधार किया जा सकता है। हालाँकि, कभी-कभी यह नेत्र रोग होने का भी संकेत दे सकता है। धुंधली दृष्टि की परेशानी का अनुभव आप एक आँख में और कभी-कभी दोनों आँखों में भी कर सकते हैं। यह इसके कारणों पर निर्भर करता है। धुंधली दृष्टि विभिन्न अन्य स्वास्थ्य कारणों का भी लक्षण हो सकती है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि यह सीधे आँख से संबंधित हो, जैसे कि माइग्रेन या स्ट्रोक। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट से भी अस्थायी रूप से दृष्टि धुंधली हो सकती हैं। कभी-कभी यह समस्या अन्य लक्षणों के साथ जन्म होती है, जो इसके कारण पर निर्भर करता है। यह समस्या सिरदर्द के साथ हो सकती है, आँखों के लाल होने के साथ हो सकती है और आँखों में जलन के साथ भी हो सकती है। इस आर्टिकल से आप आँखों की धुंधली दृष्टि क्या है, इसके लक्षण क्या-क्या हैं, इसके होने के क्या कारण हैं, इसका उपचार क्या है आदि बातों के बारे में जान सकते हैं।  

धुंधली दृष्टि के कारण – Dhundhli Drishti Ke Kaaran

आपकी आँखों की तेज और स्पष्ट दृष्टि आपकी कई चीज़ों में मदद करती है, जैसे आपको सड़क के संकेतों को पढ़ने की आवश्यकता हो या फिर आप एक थिएटर में फिल्म देख रहे हैं, तो आपकी दृष्टि का साफ होने बेहद ज़रूरी है। धुंधली दृष्टि आपके काम में बाधा डाल सकती है या आपके काम करने के फोकस को भी कम कर सकती है। साफ दिखाई न देने पर आपका अपने काम पर ध्यान केंद्रीत नहीं हो पाएगा। यह आपकी दृष्टि की पूरी रेखा या आपकी दृष्टि के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकती है। यह केवल एक आँख में धुंधली दृष्टि भी हो सकती है। धुंधली दृष्टि की समस्या नीचे दिए गए किसी भी कारणों की वजह से हो सकती है, जैसे-  

तनाव (Strain)

जब आप लंबे समय से किसी कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं या फोन की स्क्रीन को लगातार देखते रहते हैं और अपनी पलकों को झपकना ही भूल जाते हैं, तो यह तनाव का कारण बन जाता है। जब आप पलक झपकते हैं और आपकी आँखों की सतह पर आँसू फैल जाते हैं, जो उन्हें चिकना, साफ और तरोताजा रखता है। जब हम किसी चीज या किसी काम पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम अपनी पलकों को बहुत कम झपकाते हैं। इसलिए आपको अपनी पलकों को ज़्यादा झपकना चाहिए लेने, काम से कुछ देर का ब्रेक लेना चाहिए, 20-20-20 नियम याद रखना चाहिए। इस नियम में आप प्रत्येक 20 मिनट में, 20 सेकंड के लिए, 20 फीट दूर रखी गई किसी भी वस्तु को देखें, या अपने दृष्टि तनाव को रोकने के लिए चारों ओर भी देख सकते हैं। आप अपनी आँखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए यहाँ से कुछ नेत्र व्यायाम की जाँच भी कर सकते हैं। 

सूजन (Inflammation)

आँखों पर सूजन का आ जाना भी धुंधली दृष्टि का कारण बन सकता है। यह समस्या तब होती है, जब आप सोते हुए अपने लेंसों को निकालना भूल जाता हैं या आप अपने चश्मे को ठीक से साफ नहीं करते हैं। कुछ चीजों को नजरअंदाज करने से भी यह संक्रमण हो सकता है। जब आप कॉन्टैक्ट लेंस लंबे समय तक पहने रहते हैं और जब आपकी आँखों से पानी निकलता है, तो आपको धुंधला दिखाई देने लगता है। कमज़ोर इम्यून सिस्टम की वजह से हुई बीमारियाँ, जो आपके शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करती हैं, जैसे कि सोरायसिस, रुमेटीइड अर्थराइटिस आदि आपकी आँखों में सूजन पैदा कर सकते हैं। 

मोतियाबिंद (Cataract)

जब आप अपनी 40 वर्ष की आयु पार कर लेते हैं, तो आप देखेंगे कि पढ़ने जैसे बारीक कार्यों पर ध्यान देना कठिन हो जाता है। आपकी आँख के अंदर का स्पष्ट लेंस पहले जितना लचीला नहीं रहता है। यह बूढ़ा होने का एक सामान्य हिस्सा है। आपको अपनी आँखों की जाँच दिल्ली के नेत्र अस्पताल में करानी चाहिए और अपनी आवश्यकतानुसार पढ़ने के लिए चश्मा, लेंस या सर्जरी निर्धारित करें। मोतियाबिंद में आँखों के सामने के स्पष्ट लेंस में धुंधलापन छा जाता है। हालांकि यह बड़े लोगों के बीच एक आम समस्या है लेकिन छोटे लोग भी इस समस्या से ग्रस्त हैं। मोतिबंद के मरीज़ों का रात में देखना कठिन हो जाता है और उनकी आँखें ज्यादा रोशनी या चकाचौंध बर्दाश्त नहीं कर पाती।

गर्भावस्था के दौरान (During Pregnancy)

यह समस्या तब होती है, जब आपके प्लेसेंटा में रक्त वाहिकाएँ (ब्लड वेसेल्स) बहुत पतली होती हैं और सही से काम नहीं करती हैं। इस स्थिति में आपके साथ सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ और धुंधली दृष्टि की समस्या भी हो जाती है। इसलिए ऐसी महिलाओं को तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। उचित उपचार के बिना आपका जीवनध कठिनाइयों का कारण बन सकता है। 

कॉर्निया का खराब हो जाना (Cornea Damage)

जब हमारी आँखें सूखने लगती हैं या जब हमें महसूस होता है कि हमारी आँख के अंदर कोई छोटा कण है, तो हम अपनी आँखों को रगड़ना शुरू कर देते हैं। इससे कॉर्निया को नुकसान पहुँचता है। आँख की चोट के कारण भी कॉर्निया खराब हो सकता है। आँखों में धूल या मिट्टी चले जाने के बाद, हमें अपनी आँखों को रगड़ने के बजाय, अपनी आँखों को साफ पानी से धोना चाहिए। आप उन्हें हाइड्रेट करने के लिए कई बार तेजी से झपकी भी ले सकते हैं। लेकिन आप अपने नेत्रगोलक (आईबॉल) को बिलकुल भी छुएँ नहीं और न ही उन्हें रगड़ें। यदि यह परेशानी लंबे समय तक बनी रहती है, तो अपने नेत्र चिकित्सक से मिलें। 

आँखों का कमजोर हो जाना (Weak Eyesight)

आँखें तब कमजोर होती हैं, जब आपके नेत्रगोलक (आईबॉल) का आकार अंडकार होता है और गोल नहीं होता या आपके कॉर्निया या आपके लेंस में सही वक्र (राइट कर्व) नहीं होता। तब आँखों की रोशनी सही जगह पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर सकती। यह केवल कुछ दूरी (Nearsighted और Farsighted) या Astigmatism (विकृत दृष्टि) पर स्पष्ट रूप से देखने के लिए नेतृत्व कर सकता है। ऐसी स्थितियों में चश्मा, कॉन्टेक्ट लेंस या छोटी सर्जरी से ही इसे ठीक किया जा सकता है। 

जीवनशैली से जुड़े रोग (Lifestyle Diseases)

मधुमेह, उच्च रक्तचाप, खराब पोषण या अन्य ऐसी बीमारियाँ, जो हमारी जीवन शैली से जुड़ी होती हैं, यह भी हमारी आँख को प्रभावित कर सकती है। मधुमेह वाले लोगों को रेटिनोपैथी और अन्य नेत्र रोग होने की संभावना ज़्यादा होती है। जब आपकी ब्लड शुगर नियंत्रण से बाहर हो जाती है, तो तरल पदार्थ आपकी आँख के लेंस में रिस सकता है और इसमें सूजन आ जाती है। 

माइग्रेन (Migraine)

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, ऐसे 4 लोगों में से लगभग 1 को धुंधली दृष्टि की परेशानी देखने को मिलती है। यह समस्या आमतौर पर पहले दर्द से शुरू होती है और लगभग एक घंटे तक रहती है। हालाँकि, अगर यह समस्या आपकी केवल एक आँख में होती है, तो यह गंभीर मामला हो सकता है। इसलिए आपको तुरंत अपने डॉक्टर से इसकी जाँच करवानी चाहिए। 

रेटिना को नुकसान पहुँचना (Damage to the Retina)

रेटिना आपकी आँख के पीछे एक सतह के रूप में होता है, जहाँ से प्रकाश केंद्रित होता है और छवि बनाता है। यदि वह सतह सूज जाती है या फट जाती है, तो छवि खो जाती है। गलत आहार, धूम्रपान, पुरानी आँख की चोट, आँखों के रोग और उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य की समस्याओं से मैक्यूलर एडिमा और रेटिना की समस्याएँ बढ़ सकती हैं। 

धुंधली दृष्टि के लक्षण – Dhundhli Drishti Ke Lakshan

जिन लोगों को लगता है कि उन्हें धुंधली दृष्टि के संकेत हैं, तो ऐसे लोगों को तुरंत किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। जिन लोगों को अन्य बीमारियाँ हैं, जो रेटिना खराब होने का कारण बनती हैं, (उदाहरण के लिए, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या सिकल सेल रोग) वह जितनी जल्दी हो सके अपनी आँखों की जांच करवाएँ। कुछ दिनों के भीतर ही उन्हें अच्छे आँखों के डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हालाँकि, अगर आपकी आँखों की दृष्टि धीरे-धीरे महीनों या वर्षों से कम हो रही है, लेकिन गंभीर रूप से बिगड़ी नहीं है और इसके कोई लक्षण भी नहीं हैं, तो आप एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक इंतजार कर सकते हैं। आपको अपनी आँखों की जाँच दिल्ली के एक अच्छे नेत्र अस्पताल में किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ या ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा करवानी चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ इसलिए क्योंकि वे सभी प्रकार की आँखों की समस्या और उसके उपचार (सर्जिकल और नॉनसर्जिकल) में अच्छे जानकार होते हैं। ऑप्टोमेट्रिस्ट चिकित्सक, आपके चश्मे और कॉन्टेक्ट लेंस को निर्धारित करके आपकी समस्या का निदान और उपचार करने में विशेषज्ञ होते हैं। हालाँकि, कभी-कभी ऑप्टोमेट्रिस्ट कुछ अन्य आँखों की समस्याओं का भी निदान कर सकते हैं और मरीज़ को आगे उपचार के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भी भेज सकते हैं। लोगों को आमतौर पर एक नेत्र रोग विशेषज्ञ को ही दिखाना चाहिए अगर उन्हें किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। जिन लोगों को धुंधली दृष्टि की समस्या है, उन्हें नीचे दिए लक्षणों की तरफ ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, जैसे- 

  • दृष्टि में अचानक परिवर्तन हो जाना,
  • केवल एक आँख में गंभीर रूप से दृष्टि का कम हो जाना, भले ही उसके लक्षण धीरे-धीरे शुरू हों,
  • आँखों में दर्द होना (आँखों को पर या उसके बिना),
  • एक विशेष जगह पर दृष्टि का कम होना (जिसे विजुअल फील्ड डिफेक्ट कहा जाता है),
  • ह्यूमन इम्यूनोडिफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) संक्रमण या एड्स, या इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाली अन्य स्थिति। उदाहरण के लिए, कीमोथेरेपी या अन्य इम्यून-सपरेसिंग दवाओं का उपयोग।

धुंधली दृष्टि के उपचार – Dhundhli Drishti Ke Upchaar

धुंधली दृष्टि के लिए उपचारित करें: EyeMantra

धुंधली दृष्टि का उपचार केवल धुंधला होने के कारण पर ही निर्भर करता है। मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिगमेटिस्म जैसी समस्याओं को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। कॉन्टेक्ट लेंस इन समस्याओं के लिए एक बेहतर और लाभदायक विकल्प है लेकिन आपको अपने लेंसों के प्रति ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है जैसे कि उन्हें सही ढंग से पहनें, उन्हें ठीक से साफ करें और उन्हें लंबे समय तक आँखों के अंदर छोड़ने से बचें। यदि आप अपनी इस समस्या का परमानेंट इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप लसिक आई सर्जरी करवा सकते हैं। यह एक तेज़ और दर्द रहित प्रक्रिया है। यह सर्जरी आपको लंबे समय तक चलने वाले परिणामों के साथ धुंधली दृष्टि को पूरी तरह से सही कर देती है। धुंधली दृष्टि, जो मधुमेह जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होती है, उसके लिए आपको सही दवा लेने की भी ज़रूरत होती है। याद रखें कि आप अपनी आँखों को बहुत अधिक तनाव न दें। अपनी आँखों को आराम देने की कोशिश करें। थकान को ज़्यादा न होने दें और पर्याप्त नींद लें। इस बात का पूरा ख़्याल रखें कि आपकी आँखें सूखी न रहें। आवश्यकता पड़ने पर आप डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा धुंधली दृष्टि के अन्य उपचार भी हैं, जैसे-

  • मोतियाबिंद को मोतियाबिंद सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ मामलों में नेत्र रोग विशेषज्ञ फेकमैलिसिफिकेशन सर्जरी की भी सलाह देते हैं। इन दोनों सर्जरी में, साफ और आर्टिफिशियल लेंस के साथ धुंधली दृष्टि वाले लेंस को बदल दिया जाता है।
  • डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज विट्रेक्टॉमी, लेजर कोएग्यूलेशन और लेजर सर्जरी जैसी सर्जरी से किया जाता है।
  • गर्भावस्था के दौरान धुंधली दृष्टि का होना एक अस्थायी स्थिति है। इसलिए आमतौर पर इसके इलाज के लिए केवल चश्मा ही निर्धारित किया जाता है। प्रसव (डिलिवरी) के 6 हफ्ते के अंदर महिला की सामान्य दृष्टि वापस आ जानी चाहिए। ऐसा न होने पर अपने डॉक्टर को दिखाएँ।
  • ड्राई आई सिंड्रोम उपचार में आर्टिफिशियल आई ड्रॉप और ऑइंटमेंट शामिल हैं। आँसू को रोकने के लिए कुछ पंक्चुअल प्लग का उपयोग भी किया जा सकता है।
  • ग्लूकोमा से जुड़ी धुंधली दृष्टि का इलाज लेजर सर्जरी की मदद से किया जा सकता है।
  • आँखों के रोग जैसे कि मायोपिया, हाइपरोपिया, प्रेस्बोपिया और एस्टिग्मेटिस्म को चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस और लसिक आई सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।

आप अपनी आँखों की जाँच नेत्र रोग विशेषज्ञ से नियमित रूप से करवाता रहें। वह आपके नेत्र रोगों के शुरुआती लक्षणों का निदान कर सकते हैं और उसके शुरुआत में ही उनका इलाज कर सकते हैं। वह आपको सही समय पर सही सलाह भी देगें। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट Eyemantra.in पर जा सकते हैं और मोतियाबिंद सर्जरी, चश्मा हटाने, रेटिना सर्जरी आदि के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। यदि आप आईमंत्रा पर अपनी अपॉइंटमेंट बुक करना चाहते हैं, तो +91-9711115191 पर कॉल करें या आप हमें eyemantra1@gmail.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं ।