Eye Diseases

लाल ऑंखें (ब्लडशॉट/रेड आई): कारण, समाधान और उपचार – Laal Aankhein (Bloodshot/Red Eye): Karan, Samadhan Aur Upchar

लाल आँखें क्या हैं? Laal Aankhein Kya Hain?

लाल ऑंखें या ब्लडशॉट आई (Bloodshot Eye) संभवतः ऑंख की सतह पर मौजूद ब्लड वेसल के विस्तार या फैलाव की वजह से हो सकती हैं। आमतौर पर यह किसी बाहरी वस्तु/पदार्थ आपकी ऑंखों में जाने या इंफेक्शन से होता है। ज्यादातर मामलों में ऑंखों का लालपन अस्थायी होता है, जो जल्द साफ हो जाती है। इस आर्टिकल में हम इस प्रक्रिया को आसान बनाने के कुछ तरीकों पर गौर करेंगे। 

लाल आँखों के कारण – Laal Aankhon Ke Karan

कई लोगों को लाल ऑंखों का अनुभव हुआ होगा, इसमें कंजंक्टिवा (conjunctiva) और स्केलरा (sclera) में लाल या गुलाबी रंग की धारियां अप्रिय लग सकती हैं, जो ज्यादातर सफेद होते हैं। लाल आंखों में खुजली, आंसू और जलन जैसे सभी सामान्य लक्षण आपकी परेशानी का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर लाल ऑंखें एक बाहरी जलन (एलर्जेन) की वजह से होती है, जैसे:

  • पराग
  • पालतू जानवर
  • स्विमिंग पूल से क्लोरीन
  • धूल
  • मोल्ड
  • परफ्यूम
  • सिगरेट का धुआं

आपकी ऑंखें इरिटेंट दूर करने के लिए हिस्टामाइन नाम का एक पदार्थ बनाती हैं, जो ऑंख की सतह के नीचे की छोटी रक्त वाहिकाओं (Small Blood Vessels) को फैलाकर उनमें सूजन पैदा करती है।

ज्यादातर मामलों में लाल-ऑंखों से कोई हानि नहीं होती, इसलिए इसका उपचार या घरेलू उपचार से इसमें अच्छी प्रतिक्रिया  मिलती है। इसके एलर्जेन का पता लगा कर लाल ऑंखों का इलाज ज़्यादा अच्छे से किया जा सकता है। लाल-ऑंखों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन ऑंखों की लालिमा (रेडनेस) के कुछ मामलों में चिकित्सकीय निदान और चिकित्सकीय नुस्खे की भी ज़रूरत होती है। 

लाल आँखों के लिए समाधान – Laal Aankhon Ke Liye Samadhan

लाल ऑंखों के लिए सही उपाय उसके कारण पर निर्भर करता है। आमतौर पर कई तरीकों से लाल आँखों या ब्लडशॉट आईज़ में आराम मिलता है, जैसेः 

  • गर्म सेक (Warm Compress)- ऑंखों का नज़दीकी एरिया संवेदनशील होता है, इसलिए एक तौलिये/साफ कपड़े को गर्म पानी में डुबोकर बाहर निकालें। तापमान को उचित स्तर पर बनाए रखें और लगभग दस मिनट के लिए अपनी ऑंखों को तौलिये से ढक लें। यह प्रक्रिया गर्मी क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के साथ आपकी पलकों के आसपास तेल के उत्पादन में तेजी लाने में भी मदद कर सकता है। यह आपकी ऑंखों की चिकनाई को कंट्रोल करने की अनुमति देगा।
  • ठंडा सेक (Cool Compress)- अगर गर्म सेक से इसमें आराम नहीं मिलता, तो आप इसका विपरीत तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं। एक तौलिये/साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़ने के बाद दस मिनट के लिए अपनी ऑंखों पर लगाएं। इससे आपको बल्डशॉट आइज़ में अल्पकालिक राहत के साथ सूजन से आराम भी मिलता है। यह प्रक्रिया जलन से होने वाली खुजली को भी कम कर सकती है। इस दौरान आपको अपनी ऑंखों के आसपास के अधिक तापमान से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी हालत और बगड़ सकती है।
  • आर्टिफिशियल आँसू (Artificial Tears)- जैसे ऑंसू आपकी ऑंखों को चिकनाई देकर साफ रखने में मदद करते हैं। उसी तरह कृत्रिम आँसू (आर्टिफिशियल टियर) आपकी आँखों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए अल्पकालिक या दीर्घकालिक सूखेपन को दूर कर सकते हैं। अगर नेत्र चिकित्सक आपको ठंडे कृत्रिम आँसू की सलाह देते हैं, तो इस घोल को आप रेफ्रिजरेट में रख सकते हैं।

लाल ऑंखों के लिए उपचार – Laal Aankhon Ke Liye Upchar

यदि आपको रोज़ाना ऑंखों में लालपन (रेडनेस) और जलन महसूस होती हैं, तो आपको अल्पकालिक समाधानों से हटकर सोचना पड़ सकता है। नीचे बताए गए कुछ जीवनशैली में बदलाव से आपको इन लक्षणों में राहत मिलेगी। इसके बाद भी समस्या बनी रहने पर अपने चिकित्सक से परामर्श लें। 

कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग ना करें

अगर आपकी ऑंखों में पुराना लालपन हैं और आप कॉन्टैक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं, तो यह समस्या आपके आईवियर से संबंधित हो सकती है, क्योंकि कुछ कॉन्टैक्ट लेंस की सामग्री इंफेक्शन या जलन को बढ़ा सकती है। आगर आपने हाल में अपने लेंस बदले हैं या लंबे समय से आपके पास एक ही तरह का लेंस इस्तेमाल करते हैं, तो रेडनेस दिखाई देने पर अपने आंखों के डॉक्टर से परामर्श करें। नेत्र चिकित्सक समस्या का पता लगाने में आपकी मदद करेंगे।

आपके द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा कॉन्टैक्ट सॉल्यूशन आपकी ऑंखों को भी प्रभावित कर सकता है। कुछ सॉल्यूशन लेंस मेटीरियल के साथ कॉम्पेटिबल नहीं हो सकते हैं, इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आप अपने लेंस के लिए कॉम्पेटिबल कॉन्टैक्ट सॉल्यूशन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अपनी डाइट पर ध्यान दें

हाइड्रेटेड नहीं रहने से आपकी ऑंखों में खून की कमी हो सकती है। आमतौर पर एक व्यक्ति को पर्याप्त तरल संतुलन बनाए रखने के लिए दिन में लगभग 8 कप पानी ज़रूर पीना चाहिए। 

इनफ्लेमेट्री फूड्स (inflammatory foods) ज्यादा मात्रा में खाने से ऑंखों में लालिमा (रेडनेस) हो सकती है। ज़्यादा मात्रा में खाये गए प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड और डेयरी प्रोडक्ट सूजन पैदा कर सकते हैं। खाने वाले पदार्थ की मात्रा सीमित करके या आहार में सूजन कम करने वाले ज़्यादा खाद्य पदार्थों को शामिल करके इससे बचा जा सकते है।

रिसर्च से साबित हुआ है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ सूजन कर सकते हैं। आमतौर पर ओमेगा -3 फैटी एसिड मछली में पाए जाते हैं। आप सैल्मन, बीज, नट्स और अलसी जैसे ओमेगा -3 देने वाले सप्लीमेंट्स पर भी स्विच कर सकते हैं। 

अपने आसपास के वातावरण का ध्यान रखें

पर्यावरण आपकी ऑंखों को प्रभावित करने वाला एक बड़ा कारक है। आपके लगातार पराग या धुएं जैसी एलर्जी से घिरे रहना भी इस समस्या का कारण हो सकता है। इसके आलावा शुष्क हवा, नमी और हवा भी आपकी ऑंखों को प्रभावित कर सकती है।  

ऑंख में लालपन के कारण – Aankh Mein Lalpan Ke Karan

आमतौर पर आपकी ऑंखों में लालपन या रेडनेस के कई कारण हो सकते हैं, जैसेः

गुलाबी आँख (कंजक्टिवाइटिस) – Pink Eye (Conjunctivitis)

गुलाबी ऑंख (कंजक्टिवाइटिस) के नाम से ही पता चलता है कि इसमें ऑंख के क्षेत्र में सूजन हो सकती है। ज़्यादा संक्रामक स्थिति तीन रूपों में प्रकट होती है: बैक्टीरियल, वायरल और एलर्जी। 

आमतौर पर बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस का इलाज डॉक्टर की बताई गई एंटीबायोटिक दवा से किया जाता है। जबकि वायरल कंजक्टिवाइटिस का इलाज ठंडे सेक और ठंडे आर्टिफिशियल ऑंसू से किया जा सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर दो हफ्ते में दिखने लगते हैं। 

एलर्जी (Allergens)

ज़्यादातर लोगों को पराग के संपर्क में आने से ऑंखों में जलन होती है। जलन को कम करने के लिए पराग की मात्रा सबसे अधिक होने पर अंदर रहें। यह ज्यादातर मध्य सुबह और शाम की शुरुआत के दौरान होता है। सावधानी बरतते हुए बाहर हवा चलने पर आपको ऑंखों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

ब्लेफेराइटिस (Blepharitis)

ब्लेफेराइटिस एक सामान्य सूजन से ज़ुड़ा ऑंख का विकार है, जिससे ऑंख के क्षेत्र में रेडनेस होती है। इसके अलावा कुछ और कारण भी हो सकते हैं, जैसे-

  • खुजली (Itchiness)
  • क्रस्टिंग (Crusting)
  • जलन (Burning)
  • फड़कना (Flaking)

एंटीबायोटिक्स ब्लेफेराइटिस के खिलाफ प्रभावी होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। पारंपरिक उपचार में पलकों को साफ रखने और गर्म सेंक का इस्तेमाल करने ज़रूरत होती है। 

निष्कर्ष – Nishkarsh

अपनी ऑंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है आई केयर प्रोफेशनल द्वारा आपकी ऑंखों की नियमित रूप से जांच। नेत्र देखभाल पेशेवर आपकी ऑंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे।

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