Contents
- 1 पलकों का गिरना (आईलैशेज़ फॉलिंग) क्या है? Palkon Ka Girna (Eyelashes Falling) Kya Hai?
- 2 पलकों के गिरने के कारण – Eyelashes Falling Ke Karan
- 3 पलकों के गिरने और बालों के झड़ने के कारण – Eyelashes Falling Aur Hair Loss Ke Karan
- 4 डॉक्टर के पास कब जाएं? Doctor Ke Paas Kab Jayein?
- 5 अच्छी पलकों के लिए स्वच्छता – Good Eyelashes Ke Liye Hygiene
- 6 आंखों के मेकअप के लिए सेफ्टी टिप्स – Eye Make-up Ke Liye Safety Tips
- 7 निष्कर्ष – Nishkarsh
पलकों का गिरना (आईलैशेज़ फॉलिंग) क्या है? Palkon Ka Girna (Eyelashes Falling) Kya Hai?
पलकों का गिरना कॉस्मेटिक फ्रिंज माना जाता है, लेकिन आंखों को प्रोटेक्ट करने के कारण पलकें सिर्फ कॉस्मेटिक कॉम्पोनेन्ट से ज्यादा नहीं हैं। हमारी पलकें छह से दस हफ्ते की साइकल में बढ़ती हैं और गिरने के बाद खुद को बदल लेती हैं। आमतौर पर दिन में एक या पांच बार तक पलकों का गिरना सामान्य माना जाता है, लेकिन पलकों का ज़्यादा गिरना आंखों की समस्या का एक लक्षण या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में स्वास्थ्य समस्याओं का मूल कारण हो सकता है, जिसे मदरोसिस (Madarosis) भी कहते हैं।
पलकों के गिरने के कारण – Eyelashes Falling Ke Karan
लोगों को औसत संख्या से ज़्यादा पलकें गिरने का अनुभव कई कारणों से हो सकता है। पलकों के गिरने के कुछ सामान्य कारण हैं:
कॉस्मेटिक्स से जलन- पलकों के गिरने का एक मुख्य कारण आंखों का हैवी मेकअप इस्तेमाल करना या आंखों का मेकअप नहीं हटाना भी हो सकता है। साथ ही लैश एक्सटेंशन या लैश कर्लर्स के इस्तेमाल से भी पलकों को भारी नुकसान होता है। काजल और लैश ग्लू के ज़्यादा इस्तेमाल से भी पलकों में एलर्जी हो सकती है।
ब्लेफेराइटिस- खुजली या जलन के साथ पलकों का लाल होना या सूजन ब्लेफेराइटिस का संकेत हो सकता है। यह पलकों के आधार के नज़दीक तेल ग्रंथियां ब्लॉक होने के कारण हो सकता है, जिससे पुरानी सूजन और आईलैश फॉलिकल्स में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
ट्रिकोटिलोमेनिया- कोई व्यक्ति तनाव या इमोशनल डिस्ट्रेस के कारण अपनी ही पलकें खींचने लगता है, जिसे ट्रिकोटिलोमेनिया कहते हैं।
स्किन कैंसर- पलकों का औसत संख्या से ज़्यादा गिरना स्किन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। इसमें ज़्यादा हानिकारक कोशिकाओं के फैलने से कैंसर पलकों की ग्रोथ को रोक सकता है।
शरीर पर अन्य बालों के झड़ने के साथ पलकों का गिरना
भौंहों और सिर के झड़ते बालों के साथ-साथ पलकों का लगातार गिरना एक सिस्टमैटिक स्वास्थ्य समस्या या स्थिति का संकेत हो सकता है।
पलकों के गिरने और बालों के झड़ने के कारण – Eyelashes Falling Aur Hair Loss Ke Karan
पलकों के गिरने या शरीर के दूसरे अंगों से बाल टूटने के कारण निम्नलिखित हैं, जैसे-
एलोपेसिया- इस ऑटो-इम्यून बीमारी में शरीर बालों के रोम पर अटैक करता है, जो शरीर पर पूर्ण या आंशिक बालों के झड़ने की वजह बन सकता है। किसी भी सर्जरी, पुरानी बीमारी, फ्लू, एनीमिया या बुखार आदि से अचानक और अस्थायी बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है, जो गंभीर एलोपेसिया का संकेत हो सकता है।
थायरॉइड डिसऑर्डर- शरीर के हार्मोन नियंत्रित करने वाली ग्रंथि को थायरॉयड ग्रंथि के तौर पर जाना जाता है, जो शरीर के गले में मौजूद होती है। पलकों और अन्य बालों के झड़ने का कारण हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है, जिसे हार्मोन के अतिप्रवाह या ओवरफ्लो की स्थिति भी कहते हैं। थायरॉइड विकार पलकों के गिरने और बालों के झड़ने के अलावा हृदय गति बढ़ना, वजन में बदलाव और ब्लड प्रेशर की वजह भी बन सकता है।
पलकों के गिरने और बालों के झड़ने के कुछ सामान्य कारण हैं:
- तनाव
- पोषक तत्वों की कमी
- रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के कारण होने वाले हार्मोन में बदलाव
- रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी
- रयूमेटायड अर्थराइटिस, ल्यूपस और स्क्लेरोडर्मा जैसी सूजन संबंधी पुरानी बीमारियां
- कई तरह की दवाओं का सेवन
डॉक्टर के पास कब जाएं? Doctor Ke Paas Kab Jayein?
- दोनों आंखों से पलकों का गिरना
- आइब्रो और स्कैल्प से बाल झड़ना
- त्वचा में बदलाव जैसे खुजली, लालपन और स्केल्पिंग आदि के साथ पलकों का गिरना
- दृष्टि हानि होना
- आंखों के आसपास दबाव महसूस होना
अच्छी पलकों के लिए स्वच्छता – Good Eyelashes Ke Liye Hygiene
आप रोज़ाना अपने चेहरे और पलकों को जेंटल साबुन और पानी से धोकर अपनी पलकों को स्वस्थ रख सकते हैं। पलकों में मौजूद ग्रंथियां स्वाभाविक तौर पर आंखों को चिकनाई देती हैं, इसलिए पलकों में लोशन और मॉइस्चराइज़र के इस्तेमाल की कोई ज़रूरत नहीं है। प्रोटीन, सब्जियां, फल और पर्याप्त आयरन वाले एक संतुलित आहार से लंबी और भरी हुई पलकों को बनाए रखने में मदद मिलती है।
लैश एक्सटेंशन और ग्लू पलकों के लिए सुरक्षित क्यों नहीं हैं?
बरौनी यानी लैश एक्सटेंशन लगाने की प्रक्रिया से पलकों या कॉर्निया में ट्रॉमा और इंफेक्शन जैसी समस्याओं का जोखिम रहता है। एक्सटेंशन या गोंद के अस्वच्छ इस्तेमाल की वजह से इंफेक्शन विकसित हो सकता है, क्योंकि गोंद में मौजूद कई तत्व आंखों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं। इसमें से कई सामग्रियों में एलर्जेन फॉर्मलडिहाइड होता है, जिससे आंखों में दर्द, खुजली, लालपन, सूजन और अस्थायी दृष्टि हानि भी हो सकती है।
अगर कोई व्यक्ति एक्सटेंशन को रगड़ता या खींचने की कोशिश करता है, तो इससे प्राकृतिक पलकें भी टूट सकती हैं। ऐसा करने से बरौनी कूप यानी आईलैश फॉलिकल्स को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है। लैश एक्सटेंशन लगाने से फाइबर आंख के ऊतकों के नीचे फंस सकते हैं, जिन्हें हटाने के लिए सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है।
आंखों के मेकअप के लिए सेफ्टी टिप्स – Eye Make-up Ke Liye Safety Tips
आंखों का मेकअप इस्तेमाल करते वक्त आंखों की सुरक्षा के लिए स्टेप्स:
- सिर्फ उन्हीं कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करने की कोशिश करें, जिन्हें आंखों के आसपास इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया गया है। जितना संभव हो बिना जांच वाले या कठोर केमिकल वाले आंखों के सभी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट लगाने से बचें।
- आप किसी पर्टिकुलर आंखों के मेकअप का इस्तेमाल सिर्फ तीन महीने के लिए ही करें, क्योंकि क्रीमी या लिक्विड आई मेकअप में इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया आसानी से पनप सकते हैं।
- किसी व्यक्ति को “गुलाबी आंख” जैसी आंखों का इंफेक्शन होने पर लगाए गए सभी मेकअप को हटा दें और इंफेक्शन खत्म होने तक आंख पर किसी भी तरह का मेकअप लगाने से बचें।
- आंखों के मेकअप को कभी किसी से शेयर न करें।
- स्टोर में सैंपल मेकअप के इस्तेमाल से बचने की कोशिश करें।
- एक वक्त में सिर्फ एक ही नए आंखों के मेकअप का इस्तेमाल करें। खासतौर से ऐसे लोग जिन्हें एलर्जिक रिएक्शन जल्दी होता है। कभी भी आंखों का कोई नया मेकअप तब तक न खरीदें, जब तक आप पिछले मेकअप से कोई रिएक्शन नहीं होने को लेकर सुनिश्चित नहीं हो जाते।
- कोई भी मेकअप करने से पहले हमेशा अपने चेहरे और पलकों को साफ करें।
- मेकअप को हमेशा लैश लाइन के बाहर और आंखों से दूर लगाएं, जिससे ऑयल ग्लैंड में किसी भी तरह की रुकावट से बचा जा सके।
- अगर काजल या किसी दूसरे मेकअप की वजह से लैशेज आपस में चिपकी हुई हैं, तो इन्हें अलग करने के लिए किसी भी तेज या नुकीली चीज इस्तेमाल न करें, क्योंकि किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल आपकी आंख में चोट, लालपन और इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
- रात को सोने से पहले आंखों का पूरा मेकअप हटाना न भूलें, क्योंकि मेकअप नहीं हटाने से आंखों में जलन और खुजली हो सकती है।
- हाल ही में हुई आंखों की सर्जरी वाले व्यक्ति को नेत्र रोग विशेषज्ञ की अनुमति मिलने तक आंख में या उसके आसपास कोई भी मेकअप लगाने से बचना चाहिए।
- मटेलिक एलिमेंट्स, ग्लिटर, स्पार्कल पाउडर या ऐसा कोई भी दूसरा मेकअप प्रोडक्ट इस्तेमाल करते वक्त पूरी सावधानी बरतें, क्योंकि इस दौरान फ्लैंक्स आंखों में गिर सकते हैं, जिससे जलन पैदा हो सकती है। अक्सर आंखों के लेंस पहनने वाले लोगों को आंखों पर ग्लिटर लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कॉर्निया में जलन हो सकती है।
आंखों से मेकअप कैसे हटाएं?
- वैसलीन सबसे असरदार मेकअप रिमूवर में से एक है। आंखों को सुखदायक और चिकनाई का एहसास देने वाली वैसलीन बिना खींचें या कठोर टगिंग के मेकअप को हटाने में मदद करती है।
- बेबी शैम्पू एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा रिकमेंडेट प्रोडक्ट है, जिससे पलकों को सुरक्षित तौर पर धोने और आंखों के आसपास से मेकअप को हटाने में मदद मिलती है। टीयर-फ्री बेबी शैम्पू से आंखें धोने की सलाह खासतौर से उन लोगों को सलाह दी जाती है, जो चालाज़ियन और ब्लेफेराइटिस से ग्रस्त हैं।
- आंखों का मेकअप रिमूवर इस्तेमाल करते वक्त सावधान रहें।
- आंखों पर मेकअप रिमूवर लगाने के बाद अपनी आंखों को अच्छी तरह से साफ करें।
- सभी मेकअप अवशेषों को हटाने के लिए पलकों बेस के साथ कॉटन का इस्तेमाल करें।
- आंखों का मेकअप हटाने के लिए स्क्रब इस्तेमाल करते वक्त ज़्यादा सावधानी बरतें, क्योंकि स्क्रब से मेकअप साफ करने से आंखों में खरोंच या जलन हो सकती है।
- आंखों से मेकअप हटाते वक्त पलकों के प्रति कोमल और सावधान रहें। आंखों में किसी भी धूल या कण को जाने से बचाना ज़रूरी है, क्योंकि पलकें किसी भी हवा की गति को रोककर आंखों को सूखने से बचाने में भी मदद करती हैं।
निष्कर्ष – Nishkarsh
अपनी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेत्र देखभाल पेशेवर के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे।
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