पलकों पर गांठ (आई चालाज़ियन): लक्षण, कारण और उपचार – Eye Chalazion: Lakshan, Karan Aur Upchar

Eye Chalazion

पलकों पर गांठ (आई चालाज़ियन) क्या है? Eye Chalazion Kya Hai?

आई चालाज़ियन (Eye Chalazion) आंख की पलकों पर एक छोटी सी गांठ है, जो ज़्यादा दर्दनाक नहीं होती और ना ही कुछ हफ्तों से ज़्यादा रहती है। चालाज़िया या चालाज़ियन को कुह-ले-ज़ी-ऑन के नाम से भी जाना जाता है। यह आपकी पलकों के अंदरूनी हिस्से पर एक गांठ की तरह होता है। यह ज्यादातर दर्द रहित होता है और धीरे-धीरे पलकों पर बढ़ता है। यह पलकों के आसपास मेइबोमियन ग्लेंड्स यानी छोटी तेल ग्रंथियों में सूजन का कारण बनता है और ऊपरी ढक्कन के नीचे आंसू ग्रंथियों को ब्लॉक करता है।

आंखों को नम रखने के लिए आपकी मेइबोमियन ग्लेंड्स जिम्मेदार होती हैं। इनमें से किसी एक ग्रंथि का निकास ठीक से नहीं हो पाने पर यह चालाज़िया के विकास का कारण बनते हैं। मूल रूप से यह पलकों के मेइबोमियन ग्रंथियों का एक पुराना ग्रैनुलोमेटस इज़ाफ़ा है।   

पलकों पर गांठ के लक्षण – Eye Chalazion Ke Lakshan

symptoms

पलकों पर गांठ या आई चालाज़ियन के लक्षणों में शामिल हैं,जैसे

  1. एक चालाज़ियन का नतीजा पलक के चारों ओर एक छोटे, लाल सूजन वाले क्षेत्र में होता है।
  2. धीरे-धीरे बढ़ने वाला चालाज़ियन दर्द रहित होता है।
  3. ऊपरी या निचली पलक पर सूजन आती है।
  4. यह आंखों में पानी आने की वजह भी बनते हैं।
  5. चालाज़ियन से आंखों में जलन होती है।
  6. आई चालाज़ियन से धुंधली दृष्टि हो सकती है।

पलकों पर गांठ के कारण – Eye Chalazion Ke Karan 

आई चालाज़ियन या आंख की पलक पर गांठ मेइबोमियन ग्रंथियों में से किसी एक के ब्लॉक होने की वजह से हो सकती है। ऊपरी और निचली पलकों में मौजूद यह ग्रंथियां तेल का उत्पादन करती हैं। यह आंख की सतह को चिकनाई देती हैं और इसे नम बनाती हैं। ग्रंथियों में किसी एक की रुकावट से सूजन पैदा हो सकती है, जिससे आई चालाज़ियन हो सकती है। रोसैसिया नाम की बीमारी वाले लोगों को आंखों की पलक पर गांठ होने का खतरा होता है। रोसैसिया के दौरान चेहरे की त्वचा के नीचे लालपन और सूजे हुए दाने हो जाते हैं। इसके अलावा मुंहासे, क्रोनिक ब्लेफेराइटिस और वायरल कंजक्टिवाइटिस वाले लोगों में भी आई चालाज़ियन के होने का खतरा रहता है। आमतौर पर चालाज़िया का निदान उन लोगों में किया जाता है, जिनमें सेबोरिया, मुंहासे, रोसैसिया, पुरानी ब्लेफेराइटिस या पलक की लंबे समय की सूजन जैसी स्थिति होती है।

पलकों पर गांठ के बचाव – Eye Chalazion Ke Bachav

बस कुछ आसान स्टेप्स के ज़रिए आप चालाज़िया को दोबारा होने से रोक सकते हैं, जैसे- 

  • गंदी या कई दूसरे लोगों द्वारा छुई जाने वाली सतहों को छूने से बचें या छूने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
  • जब तक बहुत ज़रूरी ना हो दिन भर अपने चेहरे और आंखों को छूने से बचने की कोशिश करें।
  • कॉन्टैक्ट लेंस लगाने और हटाने से पहले हमेशा अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
  • सोने से पहले आंखों को अच्छी तरह से साफ करें, जिसमें आंखों का मेकअप या दूसरे संभावित परेशानियों को हटाना शामिल है।
  • आंखों के मेकअप या आंखों के पास इस्तेमाल किए गए किसी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को कभी शेयर ना करें।
  • मेकअप प्रोडक्ट्स के साथ-साथ आंखों की क्रीम पर एक्सपायरी डेट की जांच करें और एक्सपायर्ड प्रोडक्ट या क्रीम को फेंक दें।

आई चालाज़ियन आंखों की एक बहुत ही आम बीमारी है। सही दवाएं बिना किसी जटिलता के आई चालाज़ियन का ठीक और आसानी से इलाज कर सकती हैं। 

पलक पर फुंसी और पलक पर गांठ में अंतर – Eye Stye Aur Eye Chalazion Mein Antar 

आई चालाज़ियन और आई स्टाई में लोग अक्सर कन्फ्यूज़न में रहते हैं क्योंकि दोनों ही दिखने में एक जैसे होते हैं। यह दोनों लिंप्स हैं जो आंखों के क्षेत्र में दिखाई दे सकते हैं। एक आसान स्टाई एक्सोक्राइन ग्लेंड में बस बैक्टीरिया होता है, लेकिन कभी-कभी वह छोटी जलन ग्रंथि के पूरे ब्लॉक में विकसित हो सकती है। यह अक्सर एक और संभावित जटिलता है, जिसे चालाज़ियन कहा जाता है। यह बहुत बड़ा और दर्दनाक हो सकता है, जिससे आपकी दृष्टि तक प्रभावित हो सकती है। यह इंफेक्शन आपकी पलक के बचे हुए हिस्से, गाल या आपके चेहरे के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है। यहां सेल्युलाइटिस एक खतरा हो सकता है। आपको ज़्यादातर समय इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन इसे याद रखने में कोई दिकक्त नहीं है। चालाज़ियन एक ग्रंथि के ब्लॉक होने के कारण पलक पर होने वाली एक गांठ है, जबकि एक स्टाई एक संक्रमित ग्रंथि या कूप की वजह से होती है।  

पलकों पर गांठ का निदान – Eye Chalazion Ka Nidan 

आई चालाज़ियन का निदान आंखों के डॉक्टर द्वारा किया जा सकता है। आंखों के डॉक्टर पलक पर गांठ को करीब से देखकर आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। इससे यह निर्धारित किया जा सकेगा कि यह गांठ एक आई चालाज़ियन है या आई स्टाई।

पलकों पर गांठ का उपचार – Eye Chalazion Ka Upchar

clinical treatment

डॉक्टर आपको आई चालाज़ियन के इलाज का सबसे अच्छा तरीका बता सकते हैं, लेकिन आंखों की कोई दूसरी परेशानी होने से पहले वॉर्म कम्प्रेस यानी गर्म सेक आई चालाज़ियन का इलाज का एक बेहतर तरीका है। आपके डॉक्टर पलकों के उभार से छुटकारा दिलाने के लिए आपको आंखों पर गर्म सेक लगाने का सही तरीका बताएंगे। दवाओं से भी आई चालाज़ियन को ठीक किया जा सकता है। आपके डॉक्टर आई चालाज़ियन के इलाज के अन्य तरीके में एक टॉपिकल दवा लिख ​​सकते हैं। कभी-कभी चालाज़िया से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए ओरल दवाओं की सलाह भी दी जाती है।

कुछ मामलों में सर्जिकल प्रक्रिया भी इस्तेमाल की जा सकती है। छोटी पलकों के उभार के लिए किसी उपचार की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन कभी-कभी चालाज़िया का कारण बनने वाली रुकावट ठीक नहीं होती और जटिलताओं का कारण बनती है। गांठ के बढ़ने पर डॉक्टर सर्जरी से इसके इलाज का सुझाव दे सकते हैं। आंखों के सर्जन चीरा लगाने से पहले एनेस्थीसिया की मदद से आंख के नज़दीकी क्षेत्र को सुन्न करते हैं, जिसके बाद पलक के नीचे से उभार की सामग्री को साफ किया जाता है। इसके अलावा चालाज़िया के इलाज की एक और प्रक्रिया है जिसमें आप कॉर्टिकोस्टेरॉइड का इंजेक्शन लगाने से पलकों के उभार से छुटकारा पा सकते हैं।

पलकों पर गांठ का घरेलू उपचार

home remedies

घर पर ज़रूरी है कि चालाज़ियन का कोई निचोड़ या पॉपिंग न हो, क्योंकि इससे और जटिलताएं हो सकती हैं। उपचार प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए आप घर पर यह कार्य कर सकते हैं, जैसे- 

1)  गर्म सेक लगाएं 

प्रभावित आंख पर गर्म सेक की मदद से ग्रंथि नलिकाओं को ब्लॉक करने वाले किसी भी कठोर तेल को नरम किया जा सकता है। इससे नलिकाओं को ज़्यादा आसानी से खोलने और निकालने में मदद मिलती है, जिससे जलन भी कम हो सकती है। गर्म सेक बनाने और इस्तेमाल के लिए ज़रूरी हैः

  • एक कटोरी गर्म पानी में एक मुलायम और साफ कपड़े को भिगो दें।
  • फालतू पानी को निकाल दें।
  • 10 से 15 मिनट के लिए नम कपड़े या पैड को पलकों पर लगाएं।
  • कंप्रेस को गर्म रखने के लिए उसे बार-बार गीला करते रहें।
  • इसे दो बार दोहराएं, जब तक सूजन कम न हो जाए।

2) धीरे-धीरे मालिश करें 

हर एक दिन कुछ मिनटों के लिए पलकों की धीरे से मालिश करें। इससे तेल नलिकाओं को ज़्यादा आसानी से निकालने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसकी कोशिश करते वक्त बहुत आराम से करें और ज़्यादा देर तक मालिश न करें। इसमें रफ रबिंग भी मददगार साबित हो सकती है। ऐसा करने से पहले किसी भी इंफेक्शन के खतरे को कम करने के लिए आपके हाथ साफ होना ज़रूरी है। 

3) गर्म टी बैग का प्रयोग करें

गर्म कपड़े के विकल्प के तौर पर आप एक गर्म टी बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी बैग हाइजीनिक होता है और लंबे समय तक गर्म रहता है। टी बैग से दर्द में तुरंत राहत मिल सकती है, लेकिन आंतरिक स्टाई या चालाज़ियन के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि चाय का पानी आंख के अंदर जाने से समस्या और बढ़ सकती है।

निष्कर्ष – Nishkarsh

आई चालाज़ियन या आई स्टाई जैसी आंख की किसी भी समस्या के लिए प्रशिक्षित और अनुभवी नेत्र रोग द्वारा उचित परीक्षण और उपचार ज़रूरी है। आंखों से संबंधित किसी भी समस्या की अधिक जानकरी या परामर्श के लिए हमारी बेवसाइट eyemantra,in पर जाएं।

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