सूखी आंखों के लिए इंटेंस पल्स्ड लाइट (आईपीएल) उपचार – Dry Eyes Ke Liye Intense Pulsed Light (IPL) Upchar

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सूखी आंखें क्या हैं? Dry Eyes Kya Hain?

सूखी आंखों की स्थिति में आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनते और न ही आंखों में पर्याप्त चिकनाई बनती है। इससे ड्राई आई सिंड्रोम जैसी आंखों की गंभीर समस्या हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण मीबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन यानी एमजीडी है। आंख का लाल होना, आंखों में सूजन और आंखों में जलन के साथ लगातार पानी आने जैसे कई लक्षण हैं, जो सूखी आंख की समस्या की पहचान करने में मदद करते हैं।

मीबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन (एमजीडी) –  Meibomian Gland Dysfunction (MGD)

यह संशोधित वसामय ग्रंथियां आंसू फिल्म की लिपिड संरचना के स्राव में मदद करती हैं। यह पलक के ऊपरी और निचले हाशिये पर स्थित होते हैं, जिसमें मौजूद कुछ रोगाणुरोधी गुण आंखों के अंदर सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकने का काम करते हैं। इन ग्रंथियों के इस असामान्य कामकाज से मीबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन यानी एमजीडी होता है। यह पुरानी बीमारी आंसू फिल्म की अस्थिरता की जानकारी का कारण बनती है।

टियर फिल्म का काम समय से पहले आंसुओं के वाष्पीकरण के द्वारा आंख को सूखने से रोकना है। टियर फिल्म में अस्थिरता का प्रभाव आंख पर पड़ता है, जिसके कारण आंखों में जलन और लालपन होता है। इसके अलावा मीबोमियन ग्रंथियों के आसपास दिखाई देने वाली एक पुरानी सूजन इंफ्लेमेटरी मीडिएटरों को स्रावित करती है, जो बदले में ग्रंथियों की गतिविधियों को बढ़ाने का काम करती है।

इंटेंस पल्स्ड लाइट ट्रीटमेंट (आईपीएल) – Intense Pulsed Light Treatment (IPL)

इंटेंस पल्स्ड लाइट उपचार को आईपीएल ट्रीटमेंट भी कहते हैं। आईपीएल एक नॉर्मल थेरेपी है, जिसे त्वचाविज्ञान या डर्मेटोलॉजी में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसे फोटो फेशियल के नाम से भी जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल त्वचा और उसके विकारों के उपचार के लिए किया जाता है। यह उपचार मुंहासे, डार्क स्पॉट यानी काले धब्बे, जन्म के निशान, खिंचाव के निशान और त्वचा के रंग को कम करने में भी उपयोगी है। सांवली त्वचा वाले लोग इससे छुटकारा पाने के लिए इसे इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं, रेटिनोइड क्रीम का इस्तेमाल करने वाले, हल्की संवेदनशीलता वाले या बहुत गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को इंटेंस पल्स्ड लाइट ट्रीटमेंट (आईपीएल) उपचार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

ऑप्थल्मोलॉजी में आईपीएल उपचार – Ophthalmology Mein IPL Upchar

आईपीएल को ड्राई आई सिंड्रोम के उपचार के लिए हाल ही में पेश किया गया है, जो मीबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन की वजह से होता है। सूखी आंखों में इस्तेमाल की जाने वाली इस सहायक थेरेपी को इसकी गैर-आक्रामक प्रकृति के लिए सभी मरीज़ अच्छी तरह से एक्सेप्ट करते हैं। पूरी तरह से सुरक्षित इस उपचार के ज़्यादा प्रभाव और बहुत कम प्रतिकूल दुष्प्रभाव हैं।

मैकेनिज्म ऑफ एक्शन – Mechanism Of Action

हालांकि यह अभी भी आईपीएल उपचार की क्रिया के तंत्र के बारे में स्पष्ट नहीं है। सूखी आंखों के लिए इस आईपीएल उपचार की व्याख्या करने वाले कई तरह के सिद्धांत हैं, जैसे-

सुपरफिशियल ब्लड वेसेल्स डिस्ट्रक्शन:

रोसैसिया मुंहासे की समस्या से ग्रस्त मरीज़ों में इंफ्लेमेटरी मीडिएटर होते हैं, जो मीबोमियन ग्रंथियों की सूजन को ट्रिगर करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ग्लैंड्स डिसफंक्शन होती है। इंटेंस पल्स्ड ट्रीटमेंट के दौरान मेलेनिन या हीमोग्लोबिन जैसे क्रोमोफोर प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके उस ऊर्जा को गर्मी में बदल देते हैं, जो थ्रोम्बोसिस यानी वेसल्स के अंदर थक्का बनने और ब्लड वेसल्स के डैमेज की वजह बनता है।

ब्लड वेसल्स के इस डैमेज से पलकों और मीबोमियन ग्लैंड के आसपास की सूजन दूर हो जाती है। आईपीएल उपचार से उत्पादित एक सिंगल पल्स वेसल के तापमान को लगभग 80 डिग्री सेल्सियस से 90 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा देती है, जो बल्ड वेसल्स के थ्रोम्बोसिस और डैमेज की वजह बनने के लिए पर्याप्त है।

मेबम फ्ल्यूड की विस्कोसिटी में कमी:

मीबोमियन ग्रंथियों से बने मेबम द्रव में सामान्य मूल्य के मुकाबले चिपचिपाहट बढ़ जाती है और मरीज़ के प्रतिरोधी एमजीडी से पीड़ित होने पर मीबोमियन ग्रंथियों के अंदर तापमान बढ़ने का कारण बनता है। कम शब्दों में कहें, तो आईपीएल उपचार त्वचा के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है, जो बदले में मेबम तरल पदार्थ को कम चिपचिपा बनाता है। द्रव की चिपचिपाहट कम होने से यह ग्रंथियों के खुलने और मीबोमियन ग्रंथियों के सामान्य कामकाज में मदद करता है।

आईपीएल उपचार प्रक्रिया – IPL Upchar Prakriya

इंटेंस पल्स्ड लाइट (आईपीएल) ट्रीटमेंट इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण तरंग वेवलेंथ, पल्स ड्यूरेशन और पल्स इंटरवल्स में भी नियम दिखाते हैं। मरीज़ की त्वचा के प्रकार पर उपचार की तीव्रता निर्भर करती है। इन उपकरणों में लगभग 8.5 से 20जे की कम-तीव्रता वाली ऊर्जा होती है, जिसमें पहले से ही ड्राई आई मोड सेट होता है। आंखों के ऊपर प्रोटेक्टिव आई शील्ड लगायी जाती जाती है, इसलिए इलाज किया जाने वाला क्षेत्र मेकअप फ्री होना चाहिए और उस क्षेत्र पर अल्ट्रासाउंड जेल को कवर किया जाना चाहिए।

  • डिस्पोजेबल इंटेंस पल्स्ड लाइट (आईपीएल) ट्रीटमेंट पैड आंखों के ऊपर रखे जाते हैं।
  • फिर मरीज़ के चेहरे पर ओवरलैपिंग फ्लैश के ज़रिेए एक अल्ट्रासाउंड जेल रखा जाता है, ताकि उपचार पूरे क्षेत्र में सुचारू रूप से हो सके।
  • इसके बाद डॉक्टर जेल को सावधानी से हटाकर धीरे से ग्रंथि को दबाते हैं और मरीज़ को प्रोपैराकाइन (एक प्रतिशत) दिया जाता है।
  • डॉक्टर लगातार दबाव से कम से कम 30 सेकंड के लिए ग्रंथि क्षेत्र को धीरे से दबाते हैं।
  • अपर लिड ट्रीटमेंट के बाद, लोअर लिड की लंबाई के साथ भी यही दोहराया जाता है।
  • ग्रंथि को दबाने के बाद मरीज़ को एनएसएआईडी या दूसरी एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं।
  • ऊपरी पलकों का सीधे इलाज नहीं किया जाता, क्योंकि इससे पलकों के अंदर प्रकाश के प्रवेश और आंखों की सतहों के माध्यम से अवशोषण का जोखिम होता है।

आंखों के पूरे इलाज के बाद मरीज़ को दर्द और सूजन में कमी महसूस होती है। यह उपचार मरीज़ को हर तीस दिनों में एक बार दिया जाता है।

आईपीएल उपचार की सुरक्षा – IPL Treatment Ki Safety 

यह ट्रीटमेंट मेथड अपने गैर-आक्रामक प्रकृति की वजह से मरीज़ों के साथ ही ऑप्थल्मोलॉजिस्ट्स में भी अच्छी तरह पॉपुलर है। आंखों की सुरक्षा को अनदेखा करने से परमानेंट ओक्युलर डैमेज और पुतली या ग्लूकोमा की स्थितियों में रुकावट पैदा करने वाली अंतःस्रावी सूजन जैसी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए साइड इफेक्ट से बचने के लिए आई शील्ड का इस्तेमाल ज़रूरी है। इसके अलावा यह दर्द, फफोले बनना और आंखों की पिगमेंटेशन में वृद्धि या कमी का कारण भी बन सकता है।

उपचार का प्रभाव – Upchar Ka Prabhav

सूखी आंखों पर आईपीएल उपचार के प्रभाव को समझने के लिए किए एक अध्ययन से पता चला कि चालीस साल से ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्गों के मुकाबले युवाओं ने प्रकाश के प्रति ज़्यादा संवेदनशीलता दिखाई। इंटेंस पल्स्ड लाइट ट्रीटमेंट का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं दिखा, बल्कि इस उपचार से गुजरने वाले मरीज़ों ने आंसू टूटने के समय (टीबीयूटी) में सुधार दिखाया। यह एक व्यक्ति में सूखी आंखों की तीव्रता को निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सूचकांक है। इस अध्ययन में मरीज़ों में मेबम चिपचिपाहट और ओक्लयुर असुविधा के लक्षणों बढ़ने के साथ-साथ गंभीर सूखी आंखें थीं। अलग-अलग मरीज़ों मे लालपन, आंखों में हल्की जलन और भौंहों से बालों के झड़ने जैसै कुछ प्रतिकूल प्रभाव दिखाए।

जोखिम कारक – Risk Factors

कभी-कभी इस उपचार के दौरान मरीज़ को कुछ जोखिम हो सकता है यानी मरीज़ की त्वचा पर निशान, सूजन या त्वचा से खून पहने का अहसास हो सकता है। इसके अलावा रंग में बदलाव देखे जाने के साथ ही त्वचा पर छाले भी बन जाते हैं और इस उपचार से त्वचा के संक्रमित होने का जोखिम भी रहता है।

दीर्घकालिक उपचार

इंटेंस पल्स्ड लाइट ट्रीटमेंट लाभकारी प्रभाव लंबे वक्त में दिखाता है, लेकिन उपचार की क्षमता बनाए रखने के लिए हर तीस दिनों में एक बार-बार सेशन किया जाना ज़रूरी है। आईपीएल उपचार से आंखों की सतह में सुधार होने के साथ ही लक्षणों में कमी आती है और मीबोमियन ग्लैंड्स सेक्रेशन भी बढ़ जाता है। उपचार लेने के बाद छह महीने तक मीबोमियन ग्रंथियों का खुलना देखा जाता है।

निष्कर्ष – Nishkarsh

इंटेंस पल्स्ड लाइट ट्रीटमेंट मेथड एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जो मीबोमियन ग्रंलैंड्स डिसफंक्शन के कारण होने वाली सूखी आंखों के उपचार में ज़्यादा परिणाम दिखाती है। सूखी आंखें या आंखों से जुड़े किसी भी परामर्श के लिए आज ही हमारे दिल्ली स्थित आईमंत्रा हॉस्पिटल में विज़िट करें। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।

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