गुलाबी आंख (कंजक्टिवाइटिस) के अलग-अलग प्रकार – Gulabi Aankh (Conjunctivitis) Ke Alag-Alag Prakar

conjunctivitis

गुलाबी आंखें (कंजक्टिवाइटिस) क्या है? Gulabi Aankhein (Conjunctivitis) Kya Hai? 

कंजक्टिवाइटिस या कंजंक्टिवा की सूजन को आमतौर पर “गुलाबी आंख” या “लाल आंख” या “आंख आना” कहा जाता है। इस मामले में दर्द, जलन, खरोंच या खुजली हो सकती है। आंख के सफेद भाग में सूजन भी हो सकती है। लोगों में आम सर्दी के अन्य लक्षणों के साथ वायरल इंफैक्शन हो सकता है जो लोगों के बीच आसानी से फैल जाता है। यह अक्सर दोनों आंखों को प्रभावित करता है क्योंकि संक्रमण आसानी से एक आंख से दूसरी आंख में फैल सकता है। ऐसा होने से रोकने के लिए संक्रमित आंख को छूने से बचना बहुत ज़रूरी है। यदि आप इसे किसी भी कारण से छूते हैं, तो अपने हाथों को तुरंत धोएं। अपने खुद के तौलिये और वॉशक्लॉथ का उपयोग करना और उन्हें अन्य लोगों के साथ शेयर न करना भी एक अच्छा विचार है। आंखों में सूजन आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया (संक्रामक कंजक्टिवाइटिस) जैसे कीटाणुओं के कारण होती है। यह अक्सर एलर्जी (एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस) के कारण होता है। 

लक्षण – Lakshan 

गुलाबी आंख या आंख आना या कंजक्टिवाइटिस के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं- 

  • आंखों का लाल होना (EYE REDNESS): गुलाबी आंख होना बहुत आम है और शायद ही कभी यह किसी लंबे समय तक होने वाली समस्या या दृष्टि क्षति (विज़न डेमेज) का कारण बनती है।
  • सूजी हुई, लाल आंखें (SWOLLEN, RED EYELIDS): एलर्जिक रिएक्शन में आमतौर पर दोनों आंखें प्रभावित हो जाती हैं। इसमें पलकों पर सूजन आ जाती है, विशेष रूप से बैक्टीरियल इंफेक्शन और एलर्जी के साथ होना आम है।
  • आंसू (TEARS): वायरल और एलर्जिक पिंकआई में आंसू का बढ़ना यानी आंखों से पानी आना आम बात है।
  • आँखों में खुजली या जलन (ITCHY OR BURNING EYES): यह गुलाबी आंखें यानी कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम लक्षण है।
  • आंखों से पानी निकलना (DRAINAGE FROM THE EYES): यदि आँख से हरे-पीले रंग का तरल पदार्थ (फ्ल्यूड) निकलता है, तो इससे बैक्टीरियल पिंकआई के कारण होने की अधिक संभावना है।
  • क्रस्टी आइलिड्स (CRUSTY EYELIDS): कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित लोगों को नींद के दौरान उत्पन्न होने वाले आंखों से डिस्चार्ज के कारण सुबह के समय उनकी आंखें बंद हो सकती हैं।
  • लाइट से सेंस्टिविटी (SENSITIVITY TO LIGHT): हल्की संवेदनशीलता (Mild Sensitivity) सामान्य है लेकिन गंभीर दर्द, लाइट के प्रति गंभीर संवेदनशीलता और दृष्टि में परिवर्तन सभी संक्रमण के लक्षण हैं जो कंजंक्टिवा से आगे फैल सकते हैं। यदि आप इस प्रकार की समस्याओं का अनुभव करते हैं, तो यह सुझाव दिया जाता है कि जांच के लिए डॉक्टर के पास जाएं।
  • आंख में किसी बाहरी कण का महसूस होना (FOREIGN FEELING IN THE EYE): गुलाबी आंख या कंजक्टिवाइटिस में ऐसा महसूस हो सकता है कि आपकी आंख में कुछ है जैसे आंख में रेत या मिट्टी चली गई हो। आमतौर पर बच्चे अपनी गुलाबी आंख के बारे इस तरह से ही बताते हैं। 

कंजक्टिवाइटिस के प्रकार – Conjunctivitis Ke Prakar 

गुलाबी आंखें या कंजक्टिवाइटिस के अलग-अलग प्रकार निम्नलिखिति हैं-

Types of Conjunctivitis

वायरल कंजक्टिवाइटिस (Viral Conjunctivitis

यह सर्दी, फ्लू या अन्य रेस्पिरेट्री इनफैक्शन के लक्षणों के साथ हो सकता है। आमतौर पर यह एक आंख से शुरू होता है और कुछ ही दिनों में दूसरी आंख में फैल सकता है। आंख से डिस्चार्ज आमतौर पर गाढ़ा होने के बजाय पानी जैसा होता है। नाक से आंखों तक फैलने वाले संक्रमण के कारण लोगों को इस प्रकार की गुलाबी आंख होती है। 

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (Bacterial Conjunctivitis) 

ज्यादातर डिस्चार्ज (मवाद) से जुड़ा होता है, जिससे पलकें आपस में चिपक जाती हैं। कभी-कभी यह कान के संक्रमण के साथ होता है। एक जीवाणु संक्रमण बिना किसी उपचार के दस दिनों तक रह सकता है। लेकिन इलाज से यह एक या दो दिन में कम हो सकता है। यह बच्चों में देखा जाने वाला सबसे आम प्रकार है।

बैक्टीरियल पिंक आई होने का सबसे आम तरीका है:

  • अपनी वस्तुओं को किसी और के साथ शेयर करना
  • गंदे हाथों से आंख को छूना
  • बिना साफ किये या पुराने मेकअप और मेकअप ब्रश का उपयोग करना

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस आमतौर पर दोनों आंखों में होता है। यह आंखों में तेज खुजली, आंसू और सूजन पैदा कर सकता है। एलर्जी के लक्षणों के साथ हो सकता है, जैसे कि नाक में खुजली, छींकना, गले में खराश या अस्थमा। कॉमन एलर्जी जिससे कंजक्टिवाइटिस हो सकता है उनमें शामिल हैं घास, जानवरों की रूसी और धूल। एलर्जी कंजक्टिवाइटिस के बारे में सकारात्मक बात यह है कि यह अन्य लोगों के लिए संक्रामक नहीं है।

जलन के कारण होने वाला कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis Caused By Irritants)

इसमें आंखों में पानी आ सकता है और मवाद या कीचड़ का स्राव हो सकता है। आंख में रासायनिक छींटे आंखों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

क्या पिंक आई कॉन्टैगियस है? Kya Pink Eye Contagious Hai? 

गुलाबी आंख ज़्यादा संक्रामक (Contagious) हो सकती है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। इसलिए यदि आपको गुलाबी आंख की समस्या है, तो यह ध्यान रखें कि आप अपनी आंखों को अपने हाथों से बिलकुल भी न छुएं और भले ही आप तुरंत अपने हाथ धो लें। कभी-कभी अगर आप संक्रमित हाथों से अपनी आंखों को छूते हैं, तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।

वायरल या बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के लिए जीवित रहने का समय 24 से 72 घंटे है। इसका मतलब है कि 24 घंटे से 72 घंटे तक संक्रमित कण आपके हाथ में मौजूद रहते हैं यदि आप उन्हें ठीक से नहीं धोते हैं। अधिकांश बैक्टीरिया सतह पर 6 से 8 घंटे तक जीवित रहते हैं जबकि यह कुछ दिनों तक भी जीवित रह सकते हैं।

यह इंफेक्शन यानी गुलाबी आंख हाथ मिलाने, गले मिलने या चुंबन करने के रूप में ज़्यादा करीब आने या कॉन्टैक्ट बनाने के माध्यम से एक-दूसरे को पास किया जा सकता है। खांसने या छींकने से भी इसके बैक्टीरिया फैल सकते हैं।

उपचार – Upchar 

गुलाबी आंख के उपचार के लिए आप कुछ चीज़ें घर पर ही कर सकते हैं, जैसे- 

  • अगर आप किसी एक का उपयोग कर रहे हैं, तो अपने कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करना बंद कर दें।
  • कॉन्टैक्ट लेंस के एक नए पेयर का उपयोग करें जब आप उन्हें दोबारा पहने।
  • इंफेक्शन होने पर किसी भी तरह का आई मेकअप करना बंद कर दें।
  • पुराना मेकअप न लगाएं क्योंकि इससे आंख गुलाबी हो जाती है।
  • हर दिन एक नए तौलिये का प्रयोग करें।
  • अपने हाथों को बार-बार धोएं, खासकर आंखों को छूने के बाद।
  • अपनी आंखों के कॉन्टैक्ट में आने वाली कोई भी चीज़ शेयर न करें।
  • कुछ मिनट के लिए अपनी आंखों पर एक ठंडा, डम्प वॉशक्लॉथ लगाएं।
  • अपनी आंखों को दिन में कम से कम चार से पांच बार धोएं, खासतौर पर सोने से पहले इन्हें धो लें। 

डॉक्टरों द्वारा प्रदान किये जाने वाले उपचार और दवाएं 

डॉक्टर आमतौर पर कई एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स लिखते हैं और वे आपको आपके कंजक्टिवाइटिस या इससे निपटने के लिए आपकी स्थिति के आधार पर दवाएं प्रदान कर सकते हैं। सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो आपको करनी चाहिए वह है अपनी आंखों को थोड़ा आराम देना। ध्यान रखें कि आप डॉक्टर के साथ अपनी अपॉइंटमेंट्स को मिस न करें, भले ही आपको लगता हो कि आप ठीक हो गए हैं और जब तक डॉक्टर आपको दवाएं बंद करने के लिए न कहें, तब तक अपनी दवाएं बिलकुल भी बंद न करें। दवाओं का कोर्स बीच में छोड़ देने से परेशानी और ज़्यादा बढ़ सकती है क्योंकि हो सकता है कि तब तक आपका संक्रमण जड़ से ठीक न हुआ हो। 

निष्कर्ष – Nishkarsh

गुलाबी आंख जिसे कंजक्टिवाइटिस के रूप में भी जाना जाता है, बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण होता है। यह आसानी से लोगों के बीच फैल सकता है। इसलिए सावधान रहें और अगर आप गुलाबी आंख से पीड़ित हैं, तो लोगों के क्लोज़ कॉन्टैक्ट में न आएं। अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और अपनी आंखों को हाथों से न छुएं।

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