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कॉन्ट्रा विजन और लेसिक सर्जरी में अंतर करने के लिए आपको इनकी उचित जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। ट्रेडिशनल लेसिक आंखों की यह लेजर सर्जरी है। यह कॉर्निया (आंख के सामने की स्पष्ट सतह) को फिर से आकार देकर दृष्टि को ठीक करती है। कॉन्ट्रा विजन या टोपोग्राफी-गाइडेड लेसिक को ‘एडवांस कस्टम व्यू वेवफ्रंट लेसिक’ भी कहते हैं। यह आपकी आंख की विस्तृत स्थलाकृतिक (टोपोग्राफी) मानचित्र बनाने के लिए विशेष मैपिंग तकनीक का उपयोग करती है। इससे सर्जन आपकी दृष्टि में मौजूद खामियों को ज्यादा सटीक रूप से टारगेट और ठीक कर सकते हैं।
इस प्रकार की सर्जरी उच्च-क्रम के एब्रेशन में भी सुधार करती है। कॉर्निया में मौजूद यह छोटी-छोटी खामियां ही चकाचौंध, रोशनी के आसपास चमकते घेरे और अन्य दृश्य विकृतियों की वजह बन सकती हैं। इसलिए, अगर आप भी आंखों की लेजर सर्जरी करवाने पर विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको कॉन्ट्रा विजन और लेसिक में अंतर पता होना चाहिए। दृष्टि से संबंधित इन समस्याओं को ठीक करने के लिए दोनों ही प्रक्रियाएं लोकप्रिय विकल्प हैं, लेकिन उनमें कुछ जरूरी अंतर हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम प्रत्येक प्रक्रिया के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे। इससे आप अपनी जरूरतों के अनुसार उपयुक्त सर्जरी का चुनाव कर सकते हैं।
लेसिक एक प्रकार की अपवर्तक यानी रिफ्रेक्टिव सर्जरी है। आमतौर पर लेसिक को दृष्टि में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। इसकी मदद से कई लोगों ने सफल नतीजे प्राप्त किए हैं। लेसिक में कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए एक लेजर का उपयोग करना शामिल है। आमतौर पर यह निकट दृष्टिदोष (मायोपिया), दूरदर्शिता (फरसाइटेडनेस) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिग्मेटिज्म) जैसी अपवर्तक त्रुटियां को ठीक करती है, जिससे दृष्टि को सुधारने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार की सर्जरी से अक्सर लोगों के लिए चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा पाना संभव हो जाता है।
कॉन्ट्रा विजन और लेसिक के बीच मुख्य अंतर यह है कि कॉन्ट्रा विजन लेसिक का नया और ज्यादा सटीक प्रकार है। कॉन्ट्रा में डॉक्टर आपकी आंख का नक्शा तैयार कर सकते हैं। साथ ही वह आपको ज्यादा कस्टमाइज उपचार योजना भी प्रदान कर सकते हैं। ट्रेडिशनल लेसिक की तुलना में इसके दुष्प्रभाव अक्सर कम होते हैं, जिससे आपकी दृष्टि समग्र रूप से बेहतर होती है। इसका एक अन्य बड़ा अंतर यह है कि कॉन्ट्रा विजन उच्च-क्रम के एब्रेशन को सही कर सकता है। जबकि, ट्रेडिशनल लेसिक से ऐसा करना संभव नहीं है।
उच्च-क्रम वाले एब्रेशन आपकी दृष्टि में मौजूद वह खामियां हैं, जिन्हें चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल से ठीक नहीं किया जाता है। अगर आपकी पिछली लेसिक सर्जरी हो चुकी है और समय के साथ आपकी दृष्टि में बदलाव आता जा रहा है, तो कॉन्ट्रा विजन आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कॉन्ट्रा विजन में डॉक्टर आपको सबसे बेहतर संभव नतीजे देने के लिए उपचार योजना को एडजस्ट कर सकते हैं।
कभी-कभी कॉन्ट्रा विजन के साथ सह-प्रबंधन बहुत जरूरी होता है। इसका मतलब है कि आपको परामर्श के लिए एक आंखों के डॉक्टर से संपर्क करना होगा। इसके बाद वह आपको एक लेसिक सर्जन के पास भेज सकते हैं, जो आपके लिए एक विशेष उपचार योजना तैयार करते हैं। लेसिक पर विचार कर रहे लोगों को अपने डॉक्टर से पूछना चाहिए कि क्या कॉन्ट्रा विजन उनके लिए सही सर्जरी है। यह स्पष्ट दृष्टि प्राप्त करने का सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे आपको जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में भी मदद मिल सकती है।
एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी कॉन्ट्रा विजन लेसिक से मिलती-जुलती है। हालांकि, सर्जनों द्वारा दोनों ही प्रक्रियाओं में दृष्टि को सही करने के लिए एक अलग तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए सर्जन लेजर के बजाय कॉन्ट्रा विजन में एक एक्सीमर लेजर का उपयोग करते हैं। इस प्रकार की लेजर ट्रेडिशनल लेजर की तुलना में कॉर्निया के विशेष हिस्सों को ज्यादा सटीक रूप से टारगेट करने में सक्षम है। यह सर्जरी के नतीजों को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकती है। साथ ही लोगों के लिए अकेले लेसिक की तुलना में बेहतर दृष्टि प्राप्त करना संभव बनाती है।
दोनों में से किसी एक आंख की सर्जरी कराने के अलग-अलग फायदे हो सकते हैं। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप आंखों की सर्जरी में क्या देख रहे हैं और आपकी आंखों के लिए सबसे उपयुक्त क्या है। इस पोस्ट में हम दोनों ही सर्जरी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आपको एक बेहतर और प्रभावी फैसला लेने में मदद मिल सके।
लेसिक इन-दिनों बहुत लोकप्रियता हासिल कर रही है। अगर दृष्टि में सुधार की बात करें, तो यह नेत्र विशेषज्ञों द्वारा एक आजमाया और परखा हुआ तरीका है। वहीं, कॉन्ट्रा विजन अपेक्षाकृत नई तकनीक है, लेकिन इससे लोगों में कुछ बेहतरीन नतीजे भी प्राप्त हुए हैं। इन दोनों प्रक्रियाओं के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं, जिनके बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे:
कॉन्ट्रा विजन और लेसिक दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। इनके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वह आपको ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपके लिए कौन सी सर्जरी सबसे बेहतर और असरदार है।
आई मंत्रा हॉस्पिटल मरीजों को कॉन्ट्रा विजन और लेसिक सर्जरी दोनों की पेशकश करके खुश है। नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों प्रक्रियाओं के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं। साथ ही इनसे मरीजों को बेहतर दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। अगर आप यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि आपकी आंखों से संबंधित समस्या के लिए कौन सी प्रक्रिया सही है, तो आज ही आई मंत्रा के अनुभवी डॉक्टरों से संपर्क करें। वह आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ फैसला लेने में मदद कर सकते हैं। परामर्श शेड्यूल करने के लिए आज ही हमारे आई मंत्रा हॉस्पिटल में विजिट करें।
कॉन्ट्रा विजन और लेसिक उपचार प्रदान करने वाले प्रमुख अस्पतालों में से एक आई मंत्रा में अनुभवी और योग्य सर्जन हैं। यह आपकी आंखों से संबधित समस्या का इलाज करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हालांकि, आपको आंखों के पूरे निदान और जांच के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरु करवानी चाहिए। इसीलिए, आंखों की देखभाल और मार्गदर्शन के लिए आज ही हमारे कॉन्ट्रा सर्जन से परामर्श करना सुनिश्चित करें।
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