Contents
क्या आपने कभी सोचा है कि आप अपनी आंखों को सभी दिशाओं में कैसे घुमाते हैं? आपकी आंखों की इन गतिविधियों को छह मांसपेशियों से नियंत्रित किया जाता है। ये मांसपेशियां नेत्रगोलक (आईबॉल) को अलग-अलग दिशाओं में यानी ऊपर, नीचे, बाएँ और दाएँ घुमने और लुढ़कने देती हैं, लेकिन कमजोर आंख की मांसपेशियां आंख को एक जगह नहीं रोक सकतीं।
आंखों की गतिविधियां नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों के नाम हैं, सुपीरियर रेक्टस, अवर या इंफीरियर रेक्टस, मेडियल रेक्टस, लेटरल रेक्टस, अवर ऑब्लिक और सुपीरियर ऑब्लिक। अपने नेत्रगोलक को तेज़ी से हिलाने के लिए इन मांसपेशियों का स्वस्थ होना ज़रूरी है। इन मांसपेशियों का संकुचन कई कारकों के कारण प्रभावित हो सकता है।
कमजोर आंख की मांसपेशियों वाले व्यक्ति को दोहरी दृष्टि, धुंधली दृष्टि और आंखों की थकान जैसी समस्या हो सकती है। आजकल की जिंदगी हद से ज़्यादा कंप्यूटर संचालित है, जिससे आंखों में खिंचाव और आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। कमजोर आंख की मांसपेशियों से देर से फोकस या फोकस न करने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि आंख की मांसपेशियां नेत्रगोलक को एक जगह पर नहीं रहने देती।
आपको कमजोर आंख की मांसपेशियों वाले व्यक्ति में दोनों नेत्रगोलक के बीच गैर-समन्वय दिख सकता है। ऐसे में उनकी गति एक दूसरे के साथ सिंक्रनाइज़ नहीं होगी और इससे आंखों में खिंचाव के साथ आंखों की नसें कमजोर होने की समस्याएं भी हो सकती हैं।
आंखों की कमज़ोर मांसपेशियों के कई कारण हो सकते हैं। यह ज्यादातर आपकी जीवनशैली से जुड़े हैं, जिसमें जेनेटिक एक खास कारण हो सकता है। अगर आपके परिवार में कमज़ोर आंखों की मांसपेशियों वाला कोई व्यक्ति है, तो इसकी ज़्यादा संभावना है कि आप भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। आप ऐसी जन्मजात बीमारियों में मदद नहीं कर सकते, लेकिन इसके कुछ कारणों पर काम किया जा सकता है, जैसे-
हानिकारक प्रकाश के संपर्क में आना
अक्सर आपकी आंखों के बहुत तेज रोशनी के संपर्क में आने से उन्हें नुकसान हो सकता है। पराबैंगनी (यूवी) जैसी हानिकारक किरणें भी हमारी आंखों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए हानिकारक प्रकाश किरणों के संपर्क से बचने के लिए आपको हमेशा सुरक्षात्मक चश्मा इस्तेमाल करना चाहिए।
खराब क्वालिटी वाले मेकअप का इस्तेमाल करना
अपने चेहरे या आंखों पर कुछ भी लगाते वक्त सावधान रहें, क्योंकि कम क्वालिटी वाले मेकअप ज्यादा इस्तेमाल करने से आपकी आंखों को नुकसान होता है। इसे देखे बिना ही कई लोग एक्सपायर्ड मेकअप इस्तेमाल करते हैं, जो आपकी दृष्टि की परेशानी का मुख्य कारण बनता है।
स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताना
कंप्यूटर से जुड़े काम की वजह से आपको पूरे दिन डिजिटल स्क्रीन को देखना पड़ता है, जिससे आपकी आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं। आजकल बच्चों की लाइफस्टाइल का ज्यादातर वक्त टीवी और फोन को देखने में ही चला जाता है। इससे उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है और जीवन तकनीक से संचालित होने के कारण आप इसके महत्व को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आप समय-समय पर अपनी आंखों को आराम दें।
आंखों की जांच न कराना
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) आपको सालाना अपनी आंखें जांच कराने की सलाह देते हैं। इसे नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें, खासकर जब आप पहले से ही चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं। आंखों की पावर में उतार-चढ़ाव रहता है, इसलिए बीच-बीच में अपनी आंखों की जांच कराए बिना सालों तक पुराने कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें।
अपनी आंखों को ज़्यादा रगड़ना
आंखों को रगड़ने से आपकी आंखों की नसों को आराम के बजाय नुकसान हो सकता है। ज़रूरत से ज़्यादा आंखें रगड़ने से उनमें बैक्टीरिया और धूल के कण फैल जाते हैं, जो लंबे समय तक आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
कमजोर आंख की मांसपेशियों के लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज़ हैं, जैसे-
पलकें झपकाना आंखों की मांसपेशियों को आराम देने के लिए एक बेसिक एक्सरसाइज़ है, जिससे आंखों को नम रखने, आंखों में कीटाणुओं को जाने से रोकने और आपकी आंखों के पूरे स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है। अगर आप डिजिटल स्क्रीन का सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो यह व्यायाम एक अच्छा रूप है जिसमें आपको हर दस सेकंड बाद पलकों को झपकाना होता है।
20/20/20 नियम से अपने फोकस को बदलने के लिए आपको हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए 20 सेमी दूर देखना होता है। यह सिर्फ आपकी आंखों की मांसपेशियों को ही शांत नहीं करता, बल्कि दृष्टि में सुधार करके आपको दूसरे आंखों के विकारों से भी बचाता है। अगर आपका काम स्क्रीन से जुड़ा है, तो अपना फोकस दूर की वस्तुओं या इसके विपरीत शिफ्ट करें।
आंखें इधर-उधर नहीं घुमाने और एक निश्चित स्थान पर निश्चित एंगल से लंबे वक्त तक फोकस करने से हमारी आंखों की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। इसके लिए आपको समय-समय पर अपनी आंखों को घुमाने के साथ ही अपने नेत्रगोलक को एक-एक करके सूई की दिशा में और सूई की उल्टी दिशा में घुमाना होता है।
फ्लेक्सिंग से हमारी आंख की मांसपेशियां अलग-अलग दिशाओं में चलती हैं, जैसे स्ट्रेचिंग करने से हमारे शरीर की मांसपेशियां चलती हैं। इसके लिए अपने सिर को आगे की तरफ करके सीधे बैठें या खड़े हो जाएं। अपने सिर को ऊपर, नीचे, बाएँ और दाएँ दिशा में घुमाए बिना अपने नेत्रगोलक को घुमाएं। ऐसा समय-समय पर करीब दस बार करें।
अपनी आंखों को अपने हाथों से ढ़क लें और कुछ मिनट के लिए पलकों को झपकाएं। पूरे दिन कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों को इस एक्सरसाइज़ से वास्तव में आराम मिलता है।
सही समय पर सोना अपनी आंखों को आराम देने का सबसे आसान और कारगर तरीका है, इसलिए रोज़ाना सात से आठ घंटे की नींद लें।
स्वस्थ आहार स्वास्थ्य संबंधी हर समस्या का इलाज है। नियमित तौर पर पोषक तत्वों से भरपुर डाइट लेने से आंखों से जुड़ी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं। ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स आपकी आंख की मांसपेशियों को लंबे वक्त तक स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इनमें आप विटामिन सी और ई से भरपूर फल, ओमेगा ओ-3 फैटी एसिड, ज़ेक्सैन्थिन और कॉपर का सेवन कर सकते हैं। इनके अलावा आप अन्य पोषण वाली चीज़ें भी ले सकते हैं, जैसे-
एम्ब्लियोपिया या आलसी आंख (Lazy Eye) में एक आंख दूसरी आंख से बेहतर काम करती है। इसमें आपका मस्तिष्क आपकी सिर्फ एक आंख के संकेतों पर फोकस करके दूसरी आंख को नज़रअंदाज़ करता है। इस विकार में एक आंख कमजोर होने से दोनों आंखों के बीच का तालमेल बिगड़ जाता है।
ओफ्थाल्मोप्लेजिया आंखों की बीमारी है, जिसमें आंख की मांसपेशियां कमजोर या पैरालाइज हो जाती हैं। इस स्थिति में आंख की एक या उससे ज़्यादा मांसपेशियां प्रभावित हो सकती हैं।
असंरेखित आंख की मांसपेशियों की वजह से दोहरी दृष्टि यानी डिप्लोपिया की समस्या हो सकती है। डिप्लोपिया में आपको एक वस्तु की दो छवियां दिखाई देती हैं। कमजोर आंख की मांसपेशियों के साथ देखी जाने वाली कोई भी चीज आपको डबल दिखाई देती है, जिसे डबल विज़न भी कहते हैं।
कमजोर आंख की मांसपेशियों के लिए दवाएं
आमतौर पर कमजोर आंखों की मांसपेशियों के इलाज के लिए दवाएं उम्र बढ़ने के खिलाफ पोषक तत्व होती हैं। इनमें आंखों की क्रीम और आई ड्रॉप आंखों की कमजोर मांसपेशियों के इलाज में मदद कर सकते हैं। कमजोर आंख की मांसपेशियों में दी जाने वाली दवाएं हैंः
नोट- कोई भी दवा बिना किसी डॉक्टर की सलाह के न लें।
कमजोर आंखों की मांसपेशियों के इलाज का सबसे बेहतर तरीका है कि आप आंखों के डॉक्टर या आई केयर प्रोफेशनल के पास जाएं और अपनी आंखों की नियमित रूप से जांच करवाएं। डॉक्टर या आई केयर प्रोफेशन ही आपको आंखों की बीमारी के इलाज के सबसे बेहतर तरीके बता सकते हैं।
आंखों के किफायती और बेहतर उपचार के लिए आज ही आई मंत्रा हॉस्पिटल में विज़ट करें। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं। अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हम रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी सहित कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।