पलकों की सूजन (ब्लेफेराइटिस) क्या है? Palkon Ki Sujan (Blepharitis) Kya Hai?
ब्लेफेराइटिस (Blepharitis) एक ओकुलर स्थिति है जो पलकों में सूजन का कारण बनती है। यह स्थिति पलक के किनारे पर दोनों आंखों को प्रभावित करती है। पलकों की सूजन यानी ब्लेफेराइटिस को भारत में आंखों की एक सामान्य स्थिति के रूप में वर्णित किया गया है। इसका इलाज थोड़ा मुश्किल है। हालांकि यह आंखों की रोशनी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और संक्रामक भी नहीं है।
इसमें आंखों में लालपन, सूजन और दर्द हो सकता है और पलकों के आसपास जलन भी हो सकती है। ऑयली स्किन, डेंड्रफ या रोसकिया वाले लोगों में यह स्थिति आम है। यह उन लोगों में अधिक दिखाई देता है जिनकी पलकों के ऊपर अधिक बैक्टीरिया होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप रूसी जैसे गुच्छे बन जाते हैं। जिन लोगों की पलकों में तेल ग्रंथियों (oil glands) की समस्या होती है, उन्हें भी पलकों की सूजन या ब्लेफेराइटिस होने की आशंका होती है।
सामान्य लक्षण – Samanya Lakshan
ब्लेफेराइटिस के लक्षण सुबह के समय ज्यादा बढ़ जाते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं-
आँखों से पानी आना
आँखों में जलन और चुभन महसूस करना
चिकनाई और खुजली वाली पलकें
लाल और सूजी हुई पलकें
आंखों के आसपास की स्किन का फड़कना
पलकें चिपकना
बार-बार झपकना
लाइट से सेंस्टिविटी
ब्लेफेराइटिस के कारण – Blepharitis Ke Kaaran
ब्लेफेराइटिस का सही कारण क्या है इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। लेकिन इस स्थिति के कुछ संभावित कारण यहां दिए गए हैं, जैसे- सिर और भौंहों की रूसी (सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस), आंखों का संक्रमण, पास की तेल ग्रंथियों का बंद होना और रोसैसिया (चेहरे के लालपन की त्वचा की स्थिति)। एलर्जी इस बीमारी का एक और कारण है क्योंकि किसी व्यक्ति को कुछ आंखों की दवाओं, कॉन्टैक्ट लेंस आदि से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। आंखों के मेकअप से भी एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है जिससे ब्लेफेराइटिस भी हो सकता है। आई माइट्स और लाइस भी इस स्थिति को जन्म दे सकते हैं। सूखापन ब्लेफेराइटिस के कुछ सामान्य लक्षणों को भी प्रोत्साहित कर सकता है।
ब्लेफेराइटिस के प्रकार – Blepharitis Ke Prakar
पलकों की सूजन या ब्लेफेराइटिस निम्नलिखित दो प्रकार का होता है-
एंटीरियर पलक पर सूजन (Inflammation on Anterior eyelid): इस तरह की सूजन आंख के बाहर आपकी पलकों के आसपास होती है। एंटीरियर पलक की सूजन के कारण आपकी भौहों पर रूसी की उपस्थिति या आपकी आंखों पर एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है।
पोस्टीरियर पलक पर सूजन (Inflammation on Posterior eyelid): यह सूजन आपकी आंख के करीब स्थित पलकों के अंदरूनी किनारे पर होती है। इसके पीछे का कारण ऑयल ग्लैंड्स का खराब होना हो सकता है।
ब्लेफेराइटिस के लिए सावधानियां – Blepharitis Ke Liye Savdhaniya
ब्लेफेराइटिस का कोई संभावित या पक्का इलाज नहीं है लेकिन इसकी कुछ सावधानियां और कंट्रोल करने के उपाय हैं जो आप कर सकते हैं, जैसे-
गर्म सिकाई करें: गर्म पानी में भिगोया हुआ एक साफ कपड़ा लें और उसके थोड़ा सूखने तक प्रतीक्षा करें और फिर इसे अपनी बंद आंख पर लगभग एक मिनट के लिए रखें। जितनी बार आवश्यक हो इस प्रक्रिया को दोहराएं। यह पलकों के चारों ओर चिपके हुए पदार्थ को साफ करने और आस-पास की ऑयल ग्लैंड्स को बंद होने से बचाने में मदद करेगा। एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी उपलब्ध है जो आपकी पलकों के आसपास की ऑयल ग्लैंड्स को खोलने के लिए गर्मी और मालिश का उपयोग करता है। यह उपचार केवल नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है।
अपनी पलकों को स्क्रब करें: एक साफ कपड़े या रुई के फोहे को गुनगुने पानी में मिलाकर बेबी शैम्पू में डुबोएं। 15 सेकंड के लिए धीरे-धीरे बरौनी आईलैश साफ करने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
अपने डॉक्टर से परामर्श करें: आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको ब्लेफेराइटिस के इलाज के लिए एंटीबायोटिक ऑइटमेंट लिख सकता है। ऑइटमेंट आपको अपनी पलकों के ऊपर उंगली या रुई के फाहे से लगाना है। इसे अपने डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार एप्लाई करें। आपका डॉक्टर ऑरल एंटीबायोटिक दवा भी लिख सकता है।
आई ड्रॉप्स का उपयोग करें: नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको आर्टिफिशियल आँसू या स्टेरॉयड इयर ड्रॉप्स के साथ समस्या का इलाज करने का सुझाव दे सकते हैं जो लालपन, खराश और सूखी आंख में मदद कर सकते हैं। यह आपकी ऑयल ग्लैंड्स के साथ भी अनुकूल रूप से काम कर सकता है।
आंख और स्किन की स्वच्छता बनाए रखें: अपनी आंखों, त्वचा और बालों के लिए हाइजीनिक आदतों को अपनाएं। यह इस बीमारी के लिए आपके जोखिम को सीमित कर देगा। अपनी पलकों को नियमित रूप से गर्म पानी से धोएं। अपने बालों, सिर और भौहों को धोने के लिए एंटीबैक्टीरियल शैम्पू का प्रयोग करें। नए एंटी-बैक्टीरियल स्प्रे हैं जो ब्लेफेराइटिस के विकास को सीमित करेंगे।
अपनी आंखों को चिकना रखें: आर्टिफिशियल आंसू आपको कुछ राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
डैंड्रफ और माइट्स से बचाव करें: डैंड्रफ ब्लेफेराइटिस में योगदान देता है, इसलिए एंटी-डैंड्रफ शैम्पू का उपयोग करने से मदद मिल सकती है।
ब्लेफेराइटिस की कॉम्प्लिकेशन्स – Blepharitis Ki Complications
ब्लेफेराइटिस की कॉम्प्लिकेशन्स या समस्याएं निम्नलिखित हैं, जैसे-
पलकें कम होना: इस समस्या से पीड़ित होने पर पलकें झड़ सकती हैं और असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।
स्किन की समस्याएं: ब्लेफेराइटिस की पुरानी प्रकृति के कारण आपकी पलकों के आसपास की त्वचा झुलसी हुई लग सकती है। पलकों के किनारे अंदर या बाहर की ओर मुड़ सकते हैं।
गीली और सूखी आंखें: ऑयल ग्लैंड्स से ऑयल के स्राव से अत्यधिक मात्रा में आंखों में आंसू आ सकते हैं। पानी, तेल और मवाद आंसुओं के रूप में बाहर निकलते हैं। इससे आंख में पानी आ जाता है। आंसू की यह असामान्य मात्रा आपकी पलकों को हर समय नम बनाए रखेगी और नम पलकें आपको परेशान कर देंगी। यह आपकी आँखों को या तो बहुत ड्राई या बहुत गीला बना देंगी।
स्टाई: एक स्टाई को एक संक्रमण के रूप में समझा जा सकता है जो पलकों के ऊपर या उसके आसपास विकसित होता है। इसके परिणामस्वरूप आपकी पलक के किनारे पर एक दर्दनाक गांठ हो जाती है। आमतौर पर यह पलक की सतह के आसपास दिखाई देता है।
चलाजियन: यदि पलक के पास की ऑयल ग्लैंड में से एक में रुकावट होती है, तो चलाजियन (Chalazion) या पलक में गांठ होने की सबसे अधिक संभावना होती है। इस रुकावट के कारण तेल ग्रंथियां सूज जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप पलकें सूज जाती हैं और लाल हो जाती हैं। यह आंखों की दूसरी समस्या में भी बदल सकता है।
गुलाबी आंखें: ब्लेफेराइटिस से बार-बार गुलाबी आंख हो सकती है, जिसे आँख आना या कंजक्टिवाइटिस भी कहते हैं।
कॉर्निया की चोट: लगातार जलन आपके कॉर्निया के आसपास दर्द पैदा कर सकती है। यदि आपकी आंखों में पर्याप्त पानी नहीं है, तो यह आपके कॉर्नियल इंफैक्शन होने के रिस्क को बढ़ा देगा।
ब्लेफेराइटिस का निदान – Blepharitis Ka Nidaan
ब्लेफेराइटिस का इलाज निम्नलिखित टेस्टों और प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जा सकता है, जैसे-
नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थेलमोलॉजिस्ट) के साथ अपॉइंटमेंट लें: डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं और मैग्निफाइंग उपकरणों के माध्यम से स्थिति का निरीक्षण कर सकते हैं।
स्वाब टेस्टिंग: कुछ मामलों में डॉक्टर पलक के चारों ओर बनने वाले तेल और पपड़ी का सैंपल लेकर स्वाब टेस्टिंग (swab testing) कर सकते हैं। लिये गये सैंपल का आगे बैक्टीरिया, फंगल या एलर्जी का पता लगाने के लिए टेस्ट किया जा सकता है।
ब्लेफेराइटिस का उपचार – Blepharitis Ka Upchar
इस समस्या से बचने या इसे कंट्रोल करने के लिए खुद से किए गए हाइजिन के उपाय आपके लिए ही काम करेंगे। यदि खुद की गई देखभाल के उपाय प्रभावी साबित नहीं होते हैं, तो आपका डॉक्टर आपको इसके इलाज के लिए कुछ दवाएँ लिखेंगे, जैसे-
इंफैक्शन से लड़ने के लिए दवा: एंटीबायोटिक्स ऑरल मेडिकेशन, साथ ही ऑइंटमेंट ब्लेफेराइटिस के लिए बहुत प्रभावी साबित हुए हैं। इनसे मरीजों को काफी राहत मिलती है। आई ड्रॉप इस स्थिति का इलाज करने का एक और तरीका है।
सूजन के लिए दवा: स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स और ऑइंटमेंट सूजन को कंट्रोल करने और अन्य उपचारों का काम नहीं देने वाले लोगों के इलाज के लिए मुख्य सोर्स हैं। इसलिए आपके डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक और एंटी-इनफ्लेमेट्री दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं।
इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाली दवाएं: टॉपिकल साइक्लोस्पोरिन (रेस्टैसिस) ब्लेफेराइटिस के कुछ लक्षणों में राहत प्रदान करने के लिए साबित हुई है।
निष्कर्ष – Nishkarsh
ब्लेफेराइटिस की कोई वैकल्पिक (ऑल्टरनेटिव) दवाएं नहीं हैं जिनमें लक्षणों को कम करने की क्षमता हो। लेकिन ओमेगा-3 से भरपूर आहार आपको इस स्थिति में किसी तरह से मदद कर सकता है। ओमेगा -3 से भरपूर भोजन में सैलमन, टूना, ट्राउट, अलसी और अखरोट शामिल हैं।
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