Contents
इस धरती पर जन्म लेने वाले हर एक व्यक्ति की अपनी खासियत होती है। प्रकृति सभी व्यक्तियों को अलग-अलग तरह के चेहरे के आकार, आंखें, त्वचा और बालों के रंग के साथ ही बालों के पैटर्न आदि देती है और इन्हीं में से एक है आंख पर तिल या आई मोल। यह बच्चों में जन्म से ही मौजूद हो सकते हैं या जीवन में कभी भी विकसित हो सकते हैं। आमतौर पर इन्हें आपके शरीर पर त्वचा की पिगमेंट सेल्स के एक स्पॉट या समूह के तौर पर माना जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इसके बारे में ऐसा बहुत कुछ है जो आप नहीं जानते।
मेडिकल टर्म में मोल यानी तिल को नेवी या नेवस और फ्रेकल्स कहते हैं। इसके अलावा आंख पर तिल को आंखों की झाई या आंख के नेवस भी कहा जाता है। आंख पर तिल के बारे में कुछ सबसे ज़रूरी बिंदु हैं, जिन पर आपको ध्यान देने की ज़रूरत है।
ज़ाहिर तौर पर आपके पास अपने ऑप्थल्मोलॉजिस्ट को दिखाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। आपके श्वेतपटल (स्केलरा) के रंग में बदलाव लगने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ को कुछ वक्त के लिए आंखों पर तिल की नियमित जांच करनी होगी। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलने के दौरान हर बार उनके पास नेवस की छवियां होंगी, जिनकी तुलना पिछली छवि से की जाएगी। इसके ज़रिए उन्हें नेवस के स्थिर या आकार और आकृति में बढ़ने की जानकारी देने में मदद मिलेगी।
प्रोफेशनल कोरॉइडल नेवस के मामले में ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। यह इमेजिंग तकनीक प्रकाश की तरंगों के इस्तेमाल से आपके रेटिना की स्पष्ट और संपूर्ण तस्वीरें लेती है। कोरॉइडल नेवस आंख के अंदर मौजूद तिल है, इसलिए इस तकनीक से नेवस की बेहतर जांच में काफी मदद मिलती है।
आंख पर तिल के कोई भी लक्षण दिखने पर नियमित रूप से अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। वह ज़रूरत के हिसाब से आपको हर छह महीने में या उससे पहले बुलाएंगे। अगर नेवस एक या दो साल में नहीं बढ़ता, तो यह हानिकारक या कैंसर नहीं है। हालांकि आपके बाद के सालों में इसके कहीं भी विकसित होने गुंजाइश है। निर्धारित नियमित आंखों के परीक्षण फॉलो करने की सबसे ज़्यादा सलाह दी जाती है।
एक हेल्दी आईबॉल को “स्क्लेरा” के नाम से भी जाना जाता है। आंख का यह सफेद भाग पूरी तरह सफेद होता है और अगर ऐसा नहीं है तो क्या होगा? आपके श्वेतपटल में सफेद रंगद्रव्य की कमी का मतलब कुछ गलत होने का संकेत हो सकता है। कई कारणों से आपकी आंखों का रंग सफेद के अलावा दूसरे रंग में बदल सकता है।
आपकी आंख में एक तिल एक पिगमेंट सेल है, लेकिन इसके थोड़े बड़े आकार को पिगमेंट सेल्स का समूह कहते हैं। पिगमेंट सेल्स का यह समूह मेलानोसाइट्स से बना होता है। यही कोशिका आपके बालों, त्वचा और आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार होती है। अब सवाल आता है कि तिल कैसे बनते हैं? दरअलस यह मेलानोसाइट कोशिकाएं शरीर के ऊतकों में हर जगह मौजूद होती हैं, जिसके कभी-कभी इकट्ठा होने से तिल बनते हैं।
दृश्यता के आधार पर आंख पर तिल दो भागों में बांटे जा सकते है, जैसे:
आंख पर मौजूद यह तिल दिखाई दे भी सकते हैं और नहीं भी। आंख पर दिखने वाले यह तिल आंख के बाहरी हिस्से पर बना समूह होता है। आमतौर पर आंखों पर इस तरह के तिल आपकी नग्न आंखों को दिखाई देते हैं, जो कई प्रकार के हो सकते हैं:
कंजक्टिवल नेवस
नेवस का यह प्रकार आंख पर तिल के सबसे आम प्रकारों में से एक है। यह पारदर्शी शीट पर एक धब्बे जैसा निशान होता है, जिसे कंजक्टिवा कहा जाता है और यह नेत्रगोलक को ढकता है। आंखों में दिखने के बाद कुछ समय के लिए यह हल्का और काला हो जाता है। इसके आलावा आंख में मौजूद तिल का रंग पीला या भूरा तक हो सकता है। हालांकि आमतौर पर कंजक्टिवल नेवस से आपकी आंखों या दृष्टि को नुकसान नहीं होता, लेकिन बढ़ने से यह कैंसर जितना खतरनाक हो सकता है। ऐसे मामलों में इसे मेलेनोमा कहते हैं। इसे आंख में दिखाई देते ही आपको अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के साथ ही नियमित जांच ज़रूर करवानी चाहिए।
आइरिस फ्रेकल
आइरिस फ्रेकल के मेलेनोमा में विकसित नहीं होने की वजह से यह हानिकारक नहीं होते हैं। वहां आइरिस में गहरे भूरे रंग की कुछ झाइयां दिखाई देती हैं। त्वचा या आंखों के ऐसे तिलों के लिए मेलेनिन ज़िम्मेदार होता है, जिसे आईरिस फ्रेकल्स कहा जाता है।
आइरिस-नेवी
यह आइरिस नेवी तिल के बाकी प्रकारों की तरह है, लेकिन इनके आकार में अंतर होता है। आईरिस-नेवी के मुकाबले आईरिस फ्रेकल्स आकार में छोटे होते हैं और इसलिए वक्त के साथ बड़े होने के कारण यह हानिकारक हो जाते हैं। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जैसे-जैसे यह बढ़ता है, यह आपके स्ट्रोमा में चला जाता है। यह कैंसर नहीं है, लेकिन ऐसे मामलों में एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थल्मोलॉजिस्ट) को आंख पर उस तिल या आईरिस-नेवी नाम वाले रंगीन भाग की जांच करने की ज़रूरत होती है।
यह तिल आंख पर नहीं दिखाई देने वाली श्रेणी में आते हैं। कहीं पीछे होने की वजह से यह ज्यादा खतरनाक होते हैं। आप खुद को नुकसान पहुंचाने वाली उन चीजों पर बहुत अच्छे से एक्शन ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका इनके बारे में जानना ज़रूरी होता है। क्या होगा अगर यह समस्या दूसरी तरफ है? यहां उन समस्याओं का एक उदाहरण दिया गया है:
कोरॉइडल नेवस
आंख के अंदर पाया जाने वाला कोरॉइडल नेवस ज़्यादा स्पेसिफिक होने के लिए अपनी जगह रेटिना के नीचे बनाता है। यहां मौजूद ऊतक की एक परत को कोरॉइड कहा जाता है, जिसके बढ़ने पर आपको चिकित्सा सहायता की ज़रूरत होगी। मेलेनोमा में विकसित होने की संभावना वाले कोरॉइडल नेवस का रंग ग्रे, पीला और भूरा हो सकता है। इसके साथ ही यह कई रंगों के हो सकते हैं। कभी-कभी द्रव जनरेट करने वाला यह नेवस का लगातार बढ़ने पर नारंगी रंग का हो जाता है।
आमतौर पर हानिकारक नहीं होने वाले आंख पर तिल दृष्टि को प्रभावित नहीं कर सकते हैं, लेकिन आईबॉल पर मौजूद एक बाहरी नेवस के मामले में यह आपकी दृष्टि को परेशान कर सकते हैं। ऑप्थल्मोलॉजिस्ट आंख पर मौजूद तिल हटाने के लिए सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि ऐसे मामले काफी कम ही देखे जाते हैं।
आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ ज़रूरत नहीं होने पर उपचार शुरू नहीं करेंगे, लेकिन ज़रूरत होने पर वह रेडिएशन, लेजर थेरेपी या कुछ अन्य उपचार शुरू कर सकते हैं। आपको और आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ को नेवस को बारीकी से देखने के लिए इंतज़ार की ज़रूरत है। मरीज़ों पर कैंसर के उपचार से गंभीर समस्याओं की संभावना होने पर इस तरह का उपचार ही एकलौता विकल्प बचा है।
अगर आपको लगता है कि आंख पर तिल से कोई समस्या नहीं है, तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन इसको लेकर सतर्क रहें और लापरवाही न बरतें। अगर इसके कारण आंखों में दर्द, दृष्टि से जुड़ी समस्याएं या कोई परेशानी होती है, तो आपको तुरंत अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
अपनी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेत्र देखभाल पेशेवर के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। नेत्र देखभाल पेशेवर आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
दिल्ली के बेस्ट आंखों के हॉस्पिटल आईमंत्रा में अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आज ही +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हमारी सेवाओं में रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी सहित कई अन्य सेवाएं शामिल हैं।