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फोटोक्रोमिक लेंस को प्रकाशवर्णी लेंस के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य लेंस की तरह दिखने वाले फोटोक्रोमिक लेंस हमारे धूप में चलते समय अपने आप काले हो जाते हैं। इसका कारण सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणें (UV Rays) हैं, जो फोटोक्रोमिक लेंस में मौजूद मॉलिक्यूल्स को प्रभावित करती हैं और इसलिए यह लेंस अपना रंग बदलते हैं।
फोटोक्रोमिक लेंस तेज रोशनी में गहरे रंग के हो जाते हैं और इसीलिए, यह लेंस सभी प्रकाश व्यवस्था की स्थिति में सबसे अच्छी दृष्टि प्रदान करते हैं। फोटोक्रोमिक लेंस का सबसे अच्छा और बहुत पॉपुलर ब्रांड ट्रांजिशन है, जिसके कारण इन लेंसों को ट्रांजिशन लेंस भी कहते हैं। इसके अलावा इन लेंसों को अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो इस प्रकार हैं:
फोटोक्रोमिक और पोलराइज़्ड लेंस यानी धूप का चश्मा एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं, क्योंकि धूप के चश्मे में औजूद एक सेट टिंट हमारी आंखों को चमक से बचाता है। यह परिवर्तनशील नहीं होते, जबकि फोटोक्रोमिक लेंस आसानी से आसपास मौजूद प्रकाश की प्रकृति के हिसाब से ढ़ल जाते हैं।
नियमित धूप का चश्मा (Regular Sunglasses) पोलराइजेशन के साथ प्रकाश की वेवलेंथ की सिर्फ एक निश्चित मात्रा को ही रोकता है, लेकिन फोटोक्रोमिक लेंस कार्बन-बेस्ड होते हैं और इसलिए लेंस में मौजूद मॉलिक्यूल्स पराबैंगनी किरणों पर प्रतिक्रिया करते हैं। यह लेंस प्रकाश को अवशोषित करता है, जिसके कारण आकार में बदलाव होता है और लेंस गहरा दिखने लगता है। लेंस की डार्कनेस मौजूद प्रकाश की मात्रा पर निर्भर करती है। ऐसे में प्रकाश जितना तेज होता है, लेंस उतना ही गहरा होता है।
आमतौर पर लेंस को गहरा होने में 30 सेकंड तक का समय लगता है और जब कोई व्यक्ति किसी इनडोर एरिया में वापस जाता है, तो उसे वापस सामान्य होने में 2 से 5 मिनट का समय लग सकता है। फोटोक्रोमिक लेंस हमारी आंखों को हानिकारक यूवी किरणों से बचाते हैं, इसलिए उन्हें हमारी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यह लेंस प्लास्टिक, कांच या पॉली कार्बोनेट से बने होते हैं। अलग-अलग लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों के आधार पर अलग-अलग तरह के लेंस निर्धारित किए जाते हैं।
फोटोक्रोमिक लेंस को पूरे दिन दैनिक आधार पर यानी सामान्य चश्मों की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लेंस सभी के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन यह खासतौर से उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं, जो लगातार घर से बाहर या घर के अंदर रहते हैं। बच्चों के लिए इन लेंसों की सबसे ज़्यादा सलाह दी जाती है, क्योंकि वह बाहर खेलने में ज़्यादा समय बिताते हैं और इस दौरान यह लेंस उनकी आंखों को धूप से बचाकर रखता है।
फोटोक्रोमिक लेंस को चुनने के लिए एक नेत्र देखभाल पेशेवर से परामर्श करें, क्योंकि वह आपके मार्गदर्शन में मदद करेंगे और आपको निर्धारित किए गए सभी चश्मे के बारे में बताएंगे। वह आपको सबसे अच्छा चश्मा ढूंढ़ने में भी मदद करेंगे, जो आपकी आंखों की ज़रूरत के हिसाब से काम करेंगे। उनसे परामर्श के दौरान आपके बिजी शेड्यूल थोड़ा वक्त ज़रूर लग सकता है, लेकिन निश्चित रूप से यह आपके लिए फायदेमंद होगा।
इन लेंसों को “ट्रांजिशनल लेंस” भी कहा जाता है, क्योंकि यह खुद को प्रकाश की स्थिति के आधार पर एडजस्ट करता है। तेज रोशनी के संपर्क में आने पर यह काला हो जाता है और हानिकारक यूवी किरणों से हमारी आंखों को बचाता है। सामान्य धूप के चश्मे के मुकाबले में फोटोक्रोमिक लेंस के इस्तेमाल करने के ज़्यादा फायदे हैं, क्योंकि यह प्रकाश की स्थिति के आधार पर खुद को ढाल लेता है, जिससे आपको अपने साथ कई लेंस ले जाने की ज़रूरत नहीं होती है।
फोटोक्रोमिक लेंस में सामान्य लेंस के साथ-साथ पोलराइज़्ड लेंस दोनों की खासियत है, लेकिन हर चीज की अपनी एक सीमा होती है। इसका मतलब है कि यह लेंस गाड़ी चलाते वक्त पहनने के लिए सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि यह विंडशील्ड को ब्लॉक कर देते हैं। इन लेंस पर मौसम का भी प्रभाव होता है, जो चश्मों के लिए बहुत अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में ध्यान दें कि अपने लिए कोई भी लेंस चुनने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है, जिसमें वह आपकी आंखों के लिए सबसे बेहतर लेंस का मार्गदर्शन करेंगे।
आपकी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप नेत्र देखभाल पेशेवर से अपनी आंखों की नियमित रूप से की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज का सर्वोत्तम तरीके से आंकलन करने में सक्षम हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
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