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एक आंखों के चश्मे के लेंस में मज़बूती और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की कोटिंग होती है। यह कोटिंग ज़रूरी मकसद को पूरा करने के लिए की जाती है, जो सिंगल विज़न, बाइफोकल और प्रोग्रेसिव लेंसों वाले सभी तरह के चश्मे के लिए मौजूद हैं। चश्मा खरीदने से पहले आपको उसकी कोटिंग पर एक नज़र ज़रूर डालनी चाहिए। साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि यह कैसे फायदेमंद है।
चश्मे के लेंस की कोटिंग्स के चार प्रकार होते हैं, जैसे-
एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग चश्मे के लेंस की सतहों से किसी भी तरह की परछाई या रिफ्लेक्शन को खत्म कर देती है। कोई प्रतिबिंब नहीं होने पर ज़्यादा प्रकाश लेंस से गुज़र सकता है और इस तरह यह कम डिस्ट्रैक्शन के साथ दृश्य तीक्ष्णता यानी विज़ुअल एक्विटी को ऑप्टिमाइज़ करता है। किसी भी रिफ्लेक्शन से चश्मे का लेंस लगभग अदृश्य नहीं बनता, जिससे आंखों की तरफ ज़्यादा ध्यान आकर्षित होता है। एक ऊंची तकनीकी प्रक्रिया के इस्तेमाल से एंटी-रिफ्लेक्टिव लेंस कोटिंग लागू की जाती है, जिसमें वैक्यूम डिपोजिशन तकनीक भी शामिल होती है। परछाई को कम करने के लिए लेंस में ज़्यादा परतें होती हैं। इस तरह सात परतों के साथ कुछ एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग की जाती है।
एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग लेंस के फायदे
स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताने पर एंटी-रिफ्लेक्टिव लेंस कोटिंग आराम के साथ तेज दृष्टि और कम चमक प्रदान कर सकती है।
एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग लेंस की देखभाल कैसे करें?
आपके ऑप्टिशियन्स लेंस की एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग को साफ करने के लिए प्रोडक्ट की सलाह देंगे। कठोर केमिकल वाले सामान्य लेंस क्लीनर लेंस में एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग वाले लेंस को खरोंच से बचाने के लिए हमेशा लेंस गीला होने के बाद ही साफ करना चाहिए। यह कोटिंग रिफ्लेक्शन को रोकती हैं, जिसकी वजह से इस पर खरोंच ज़्यादा दिखाई देती है।
एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग कब लें?
अगर आप स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा वक्त बिताते हैं, तो ऑप्टिशियन आपको एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग की सलाह देते हैं। यह कोटिंग नीली रोशनी को फिल्टर करने का काम भी करती है। आप इस कोटिंग के लिए फिट हैं या नहीं, यह आपके ऑप्टिशियन आपकी जीवनशैली के आधार पर बताएंगे।
एंटी-फॉग कोटिंग में फैक्टरी-अप्लाइड कोटिंग होती है, जिसे फॉग-फ्री कहते हैं। यह लेंस पर नमी के कंडेनसेशन को खत्म कर देता है, जिसे फॉगिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
एंटी-फॉग कोटिंग के फायदे
चश्मा इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए खरोंच बहुत आम है, इसलिए महंगे चश्मे खरीदना और फिर उन्हें गिरा देना सही नहीं है। इससे चश्मे का शीशा तो नहीं टूटता, लेकिन खरोंच ज़रूर लग जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए चश्मे को खरोंच से बचाने के लिए उन पर एंटी-स्क्रैच कोटिंग की जाती है। कांच के आगे और पीछे यह कठोर सुरक्षात्मक परत चश्मे को सुरक्षित रखने में मदद करती है।
स्क्रैच रेसिस्टेंट कोटिंग के फायदे
खरोंच प्रतिरोधी कोटिंग या स्क्रैच रेसिस्टेंट कोटिंग के कई फायदे हैं, जैसे-
स्क्रैच रेसिस्टेंट कोटिंग चश्मे को लंबी ज़िंदगी देती है, क्योंकि इसके कारण चश्मे के टूटने की कम गुंजाइश हो जाती है।
लेंस से खरोंच कैसे हटाएं?
स्क्रैच रेसिस्टेंट कोटिंग से खरोंच को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कांच को खरोंच से बचाने के लिए आपको इन सावधानियों का पालन करना चाहिए, जैसे-
आपके चश्मे के लेंस पर आने वाली छोटी-छोटी खरोंचों को कपड़े और टूथपेस्ट जैसी घरेलू सामग्री के ज़रिए ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर सर्कल्स को हल्के से रगड़ा जाए, तो खरोंचों की मरम्मत की जा सकती है। इसके साथ ही पानी से गाढ़ा पेस्ट बनाकर बेकिंग सोडे का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
क्या स्क्रैच रेसिस्टेंट लेंस मेरे लिए सही हैं?
उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सक्रिय जीवनशैली है:- अगर आप नियमित रूप से खेल खेलते हैं, तो स्क्रैच-प्रतिरोधी कोटिंग आपके लिए बिल्कुल सही हैं। आप कोटिंग से शारीरिक संपर्क का सामना कर सकते हैं। अगर आपका दिमाग भूलने वाला है और आप चश्मे को असुरक्षित छोड़ देते हैं, तो यह चश्मे आपके लिए ही बने हैं।
सूरज की यूवी किरणें न सिर्फ हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हैं, बल्कि इन यूवी किरणों का हमारी आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। हद से ज़्यादा यूवी किरणों के संपर्क में आने से कॉर्निया में सूजन या आंखों में सनबर्न हो सकता है। इसके अलावा इनसे लाल आंखें, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या आंखों में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। लंबे वक्त तक यूवी किरणों का संपर्क मोतियाबिंद, रेटिना के नुकसान, मैकुलर डिजनरेशन या पर्टिजिया का कारण भी बन सकता है। यूवी प्रोटेक्शन कोटिंग पराबैंगनी किरणों को पूरी तरह से आंखों तक पहुंचने से रोकती है। जैसे सनस्क्रीन हमारी त्वचा को यूवी डैमेज से बचाता है, उसी तरह यूवी प्रोटेक्शन कोटिंग हमारी आंखों को यूवी किरणों से बचाते हुए उन्हें हमारी आंखों तक पहुंचने से रोकती है।
पराबैंगनी धूप का चश्मा हमारी आंखों को यूवी-ए और यूवी-बी किरणों से बचाता है। यह यूवी किरणों से शत प्रतिशत सुरक्षा देते हुए आंखों को नीली रोशनी से बचाता है। यूवी प्रोटेक्शन चश्मे कई तरह की कोटिंग के साथ आते हैं, जिसके कई फायदे हैं। आपकी जीवनशैली के आधार पर इनमें से कुछ की सलाह आपके आंखों के डॉक्टर भी देते हैं।
आपकी आंखों के इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि आप नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ से करवाएं। एक अनुभवी नेत्र चिकित्सक से परामर्श और कोटिंग से संबंधित अधिक जानकारी के लिए हमारे दिल्ली स्थित आईमंत्रा सेंटर में विज़िट करें या हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
आईमंत्रा में अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें। आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं। आईमंत्रा में प्रदान की जाने वाली हमारी अन्य सेवाओं में रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी सहित कई सेवाएं शामिल हैं।