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लेसिक (LASIK) सर्जरी को लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमिलेसिस भी कहते हैं, जिसे हाइपरोपिया, मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म जैसी आंखों की असामान्य स्थितियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी दृष्टि सुधार और चश्मा हटाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है, जिसे सबसे अच्छे लेसिक सर्जनों द्वारा किया जाना चाहिए। इस सर्जरी में कॉर्निया की एक परत को नया आकार दिया जाता है, जिसे स्ट्रोमा कहा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि बाहर से आने वाला प्रकाश रेटिना पर ज़्यादा सटीक रूप से केंद्रित हो सके। कॉर्निया की परत को ठीक करने के लिए ज़्यादा कार्यात्मक लेजर और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि कई मामलों में इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर ठंडी पराबैंगनी किरणों का उपयोग करते हैं।
लेसिक सर्जरी बेहतर तरीके के करने वाले कुछ सर्वश्रेष्ठ लेसिक सर्जन निम्नलिखित हैंः
डॉ. श्वेता जैन दिल्ली के आई मंत्रा हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञों की विशेषज्ञ डॉ. श्वेता सर्वश्रेष्ठ लेसिक सर्जनों में से एक हैं, जिन्हें नेत्र विज्ञान में 10 से ज़्यादा वर्षों का अनुभव है। डॉ. श्वेता ने वर्ष 2011 में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2014 में नेटबोर्ड नई दिल्ली से डीएनबी की डिग्री प्राप्त की। नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में माहिर डॉ. श्वेता हर सर्जरी को बेहतर तरीके से करती हैं। यही कारण हैं, कि डॉ. श्वेता की सफलता दर बहुत ज़्यादा है। वह एक भरोसेमंद डॉक्टर होने के साथ ही आई मंत्रा की एक सम्मानित डॉक्टर भी हैं।
डॉ. पूनम गुप्ता मौजूदा समय में आई मंत्रा हॉस्पिटल में कार्यरत हैं, जिन्हें नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में 8 से ज़्यादा वर्षों का अनुभव है। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय के बीजे मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने बाद गुरु नानक आई सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएस नेत्र विज्ञान की पढ़ाई पूरी की। डॉ. पूनम मोतियाबिंद और भेंगापन की विशेषज्ञ हैं, लेकिन इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ लेसिक सर्जनों में से एक डॉ. पूनम को कई सफल सर्जरी में सर्जिकल अनुभव है।
डॉ. रजत जैन दिल्ली स्थित आई मंत्रा हॉस्पिटल में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह भारत के उन बहुत कम डॉक्टरों में से एक हैं, जिन्हें आंशिक-मोटाई (पार्शियल थिकनेस) वाले केराटोप्रोस्थेसिस करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसके साथ ही डॉ. रजत के पास 10,000 से ज़्यादा मोतियाबिंद सर्जरी और 400 कॉर्निया ट्रांसप्लांट का अनुभव है। उन्होंने बच्चों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट भी किया है, जिससे स्पष्ट ज़ाहिर होता है कि उनका हर काम बहुत सटीक और बेहतर है।
डॉ. नेहा मोहन आई मंत्रा की एक अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक हैं। उन्होंने रेटिना डिटेचमेंट सर्जरी, मैकुलर होल सर्जरी और अन्य अलग-अलग रेटिना सर्जरी के लिए कई विट्रोक्टोमी की हैं और यूवाइटिस में उनका विशेष प्रशिक्षण है। यही वजह है कि यूवाइटिस के प्रति डॉ. नेहा के समर्पण ने उनके शोध पत्र को वर्ष 2012 में यूवाइटिस सोसाइटी ऑफ इंडिया की बैठक में सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार का दर्जा प्रदान किया जा चुका है।
डॉ. ललित चौधरी वर्तमान में नई दिल्ली के श्री गंगा राम अस्पताल में कार्यरत हैं। सिद्धांतों, सटीकता, सुरक्षा और पारदर्शिता वाले डॉ. ललित एक सर्टिफाइड एस्थेटिक और प्लास्टिक सर्जन हैं। उन्होंने चार अग्रणी संस्थानों से एस्थेटिक और माइक्रो वैस्कुलर प्लास्टिक सर्जरी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके अलावा नेत्र विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ डॉ. ललित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का हिस्सा रह चुके हैं। हर काम को बखूबी करने वाले डॉ. ललित के पास कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सूचकांक प्रकाशन हैं।
यह सभी दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, हालांकि किसी को डॉक्टर से आंख का पूरा विश्लेषण और जांच कराने के बाद ही भेंगापन सर्जन के पास जाना चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ अन्य जांच करने के बाद ही यह बता सकते हैं कि आपको सर्जरी की जरूरत है या नहीं। आई मंत्रा उन प्रमुख आंखों के अस्पतालों में से एक है, जहां हर समस्या का उपचार उपलब्ध है। आई मंत्रा के नेत्र रोग विशेषज्ञ बेहद कुशल और अनुभवी हैं, जो पहले आपकी आंखों का पूरी तरह से निदान करते हैं और फिर किसी ज़रूरी उपचार के बारे में आपको बताते हैं।
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