Contents
सोते समय आंखों में कीचड़ आना या आंखों में पपड़ी जमना (स्लीप क्रस्ट) आंख की सुरक्षात्मक प्रक्रिया का एक अवशेष है। आमतौर पर इस चिपचिपे पदार्थ को आई गूप या आई गंक के नाम से जाना जाता है, जो हमारे जागने के बाद आंख के कोने में या पलकों के किनारे पर पाया जाता है।
सोते समय आंखों में कीचड़ मुख्य रूप से बलगम, एक्सफ़ोलीएटेड त्वचा कोशिकाओं, तेल और आंसू वाहिनी द्वारा उत्पादित आंसू का एक बचा हुआ मिश्रण है। यह हानिरहित होता है और आंखों से गंदगी को हटाने का एक तरीका है। आमतौर पर आप इसे सुबह अपनी आंखों के अंदरूनी कोने पर देख सकते हैं, जिसे साफ पानी से धीरे से पोंछने की सलाह दी जाती है।
दिन के समय जागते वक्त हमारी कंजक्टिवा सामान्य बलगम बनाती है और मीबोमियन ग्रंथियों द्वारा बनने वाले अन्य तेलों को पलकों को झपका कर बाहर निकाल दिया जाता है। तीन परतों से बनी एक टियर फिल्म हमारी आंखों को नम और स्वस्थ रखती है। रात को सोते समय हम पलकें नहीं झपका पाते हैं, जिसके कारण आंखों के कोने पर और पलकों की रेखा के साथ अलग-अलग ग्रंथियों से आंखों का स्राव जमा हो जाता है। आंखों का स्राव कठोर, पपड़ीदार, चिपचिपा और गीला हो सकता है।
क्या सोते समय आंखों में पपड़ी जमा होना सामान्य है?
जब हम जागते हैं, तो हमारी आंखों के कोने में या पलकों की रेखा के साथ चिपचिपा पदार्थ मिलना सामान्य है जो हर किसी की आंखों में हो सकता है। आंखों की पपड़ी आमतौर पर गेरू या पीले रंग की दिखती है। सख्त और खुरदुरी दिखने वाली यह पपड़ी साफ, चिपचिपी, पतली या पानी वाली भी हो सकती हैं।
आंखों में कीचड़ अलग-अलग प्रकार के होते हैं और कुछ विशिष्ट नहीं होते हैं। इनमें से कुछ स्लीप क्रस्ट को आंखों में किसी संक्रमण होने का लक्षण माना जाता है। इन्हीं स्थितियों में से एक ब्लेफेराइटिस है, जो सुबह नींद की पपड़ी का कारण बनती है।
ब्लेफेराइटिस पलकों की सूजन है और आमतौर पर यह दोनों आंखों को प्रभावित करती है। यह समस्या पलकों के आधार के पास तेल ग्रंथियों के दबने की वजह से होती है, जिससे आंखों में या आसपास जलन और लालपन होता है।
आंखों में कीचड़ के कुछ लक्षण असामान्य हैं, जैसे-
अगर आपको आंखों में कीचड़ के साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत किसी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें।
सोते समय आंखों में बनने वाले कीचड़ या पपड़ी के अलावा कई अलग-अलग प्रकार की आंखों की स्थिति दर्दनाक आंखों के डिस्चार्ज और सूजन का कारण बन सकती है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
नवजात शिशुओं की आंखों में भी कीचड़, पपड़ी और बलगम (स्लीप क्रस्ट) जमा हो सकता है, लेकिन इससे आंखों में संक्रमण भी विकसित हो सकता है। कुछ नवजात शिशुओं में आंसू नलिकाएं (टियर डक्ट) पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं, जिससे यह नलिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों की आंखों से पूरे दिन हरे-पीले रंग का डिस्चार्ज होता है, जिससे आंखें कोमल, लाल और सूजी हुई हो जाती हैं। इस तरह के संक्रमण को गर्म सेक से कम किया जा सकता है। खासतौर से सुबह के समय आंखों में जमा होने वाले कीचड़ अपेक्षाकृत सामान्य होते हैं, लेकिन कभी-कभी यह संक्रमण का संकेत भी देते हैं। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ही इसके उचित उपचार की सलाह देने के साथ ही इसके लिए सही दवाएं लिख सकते हैं।
आंखों से निकलने वाली सामान्य कीचड़ को घर पर हटाना आसान होता है। अगर यह पपड़ी सख्त लगती है, तो पानी का इस्तेमाल करते हुए उन्हें साफ हाथों से धीरे से पोंछ लें। आपको अपनी आंखों को गंदे हाथों से साफ नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना सूजन और संक्रमण का कारण भी हो सकता है। अच्छी आंखों की स्वच्छता आंखों में जमा होने वाले कीचड़ या पपड़ी की परत को कम कर सकती है, जो इस प्रकार है:
आंखों की स्वच्छता बनाए रखें- आंखों को गर्म पानी से पोंछकर साफ रखना उन उपायों में से एक है, जिसे इस्तेमाल करके आप आंखों की स्वच्छता को बरकरार रख सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपनी आंखों को कीटाणुओं और बैक्टीरिया से बचाना चाहिए।
अगर आप भी ऐसा कोई लक्षण अनुभव कर रहें हैं, तो आज ही हमारे दिल्ली के आई मंत्रा हास्पिटल में विज़िट करें, जहां अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों की हमारी टीम आपकी बीमारी के इलाज का सर्वोत्तम तरीके से इलाज करने में पूरी तरह सक्षम है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जा सकते हैं। अपनी अपॉइंटमेट बुक करने के लिए हमें अभी +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हम रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी आदि सेवाएं प्रदान करते हैं।