आंखों के नीचे सूजन और काले घेरे: कारण और उपचार – Aankhon Ke Niche Sujan Aur Dark Circles: Karan Aur Upchar

How to get rid of puffy eyes

आंखों के नीचे सूजन (पफी आइज़) क्या हैAankhon Ke Niche Sujan (Puffy Eyes) Kya Hai?   

आंखों के नीचे दिखने वाले काले घेरे या डार्क सर्कल्स (Dark Circles) और आंखों के नीचे सूजन या फूली हुई आंख (Puffy Eyes) कम नींद और कम आराम जैसे कई कारकों के कारण होती हैं। इसके अलावा कई कारणों से होने वाली आंखों में सूजन और काले घेरे को पेरिऑर्बिटल पफनेस भी कहते हैं, जिसमें आंख के आसपास सूजन और पफनेस होती है। 

आंखों के नीचे सूजन या सूजी हुई आंखें किसी बीमारी या किसी तरह की गंभीर मेडिकल समस्या का संकेत नहीं हैं। हालांकि किसी व्यक्ति के पूरी नींद नहीं लेने या तनावपूर्ण स्थितियों में होने की वजह से आंखों के नीचे काले घेरे बनते हैं। आई बैग्स में आंखों के नीचे हल्की सूजन होती है, जिसे आमतौर पर उम्र बढ़ने की समस्या माना जाता है यानी ज़्यादातर यह बुज़ुर्ग लोगों में देखी जाती है।

आंखों के नीचे सूजन के कारण – Puffy Eyes Ke Karan 

आंख के नीचे तरल पदार्थ के बढ़ते संचय की वजह से आंख के नीचे सूजन होती है। तरल पदार्थ के इस संचय को एडिमा कहा जाता है। आंखों के पास सूजन और पफनेस या काले घेरे और सूजी हुई आंखें सबसे आम हैं, क्योंकि आंख की नज़दीकी त्वचा की परत वास्तव में पतली होती है और सूजन प्रमुख रूप से देखी जाती है।

ऐसे कई कारक हैं जो सूजी हुई आंखों और काले घेरे के विकास का कारण बनते हैं, जिनके परिणामस्वरूप आंख के नीचे तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जैसेः

  • नमक का अत्यधिक सेवन आंख की रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) के पास नमक की बढ़ती मात्रा आंख के अंदर द्रव प्रतिधारण का कारण बन सकती है।
  • अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो इसकी वजह से आपकी आंख के नीचे सूजन विकसित होने की संभावना होती है।
  • साइनस की समस्या से भी आंखें सूज सकती हैं। 
  • पानी की कमी या डिहाइड्रेशन
  • तनावपूर्ण स्थिति के कारण भी किसी व्यक्ति की आंखों के नीचे काले घेरे का विकास हो सकता है, जो आमतौर पर काम करने वाले लोगों में देखे जाते हैं।
  • नींद में कमी और ज़्यादा थकान भी काले घेरे और सूजी हुई आंखों का कारण है।
  • सूजी हुई आंखें या पफी आइज़ को विरासत यानी पीढ़ियों से चली आ रही विशेषताएं कहा जाता है। इसके मुताबिक चेहरे की कुछ विशेषताएं पीढ़ियों से विरासत में मिली होती हैं।
  • बढ़ती उम्र इसका सबसे आम कारण है। उम्र बढ़ने से आंखों के नज़दीक सूजन और पफनेस का विकास होता है।
  • ज़्यादा रोने से भी आंखें सूज सकती हैं।
  • ज़्यादा नींद लेने से आंखों में सूजन आ सकती है। इसका कारण है सोते समय आंखों का नहीं झपकना, जिससे तरल पदार्थ जमा हो जाता है और परिणामस्वरूप असामान्य रूप से आंखें सूजी और फूली हुई दिखती हैं। जागने के बाद एक या दो घंटे में आंखों की सूजन कम हो जाती है और फंसे हुए तरल पदार्थ को रक्त वाहिकाओं में वापस सर्कुलेशन के लिए भेज दिया जाता है।

तनाव होने पर

तनावपूर्ण परिस्थितियों में सूजी हुई आंखों के मुकाबले काले घेरे होने की ज़्यादा संभावना होती है। काले घेरे इसलिए बनते हैं, क्योंकि तनाव और काले घेरों में गहरा संबंध होता है। जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो चेहरे के अलावा शरीर के दूसरे सभी हिस्सों में खून का प्रवाह होता है। तनाव की इस स्थिति की वजह से व्यक्ति का चेहरा पीला पड़ जाता है। ऐसे में आंख के नीचे की रक्त वाहिकाएं खून के प्रवाह से वंचित रह जाती हैं और आंखों के नीचे काले घेरे बनते हैं।

उम्र बढ़ने पर

किसी व्यक्ति की बढ़ती उम्र के दौरान कई शारीरिक बदलाव होते हैं, जैसे बालों का झड़ना, सफेद बालों का बढ़ना और झुर्रियों का बनना। इन सबके बीच नज़र आने वाला आम बदलाव आंखों की सूजन है।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आंख के नीचे वसायुक्त ऊतक का संचय होता है। यह संचय आंख के नीचे की त्वचा को आगे की तरफ धकेलता है, जिससे आई बैग का निर्माण होता है। आंख के नीचे फैटी टिशू का काम आंख के अंदर बोनी आई सॉकेट के नीचे नेत्रगोलक (Eyeball) को सुरक्षा देना है।

इस बदलाव के पीछे का तंत्र उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के रूप में एक सेप्टम नामक झिल्ली का पतला होना है, जो ऊपरी और निचली दोनों पलकों में वसायुक्त ऊतक को बनाए रखने में मदद करती है। वसायुक्त ऊतक का हर्नियेशन होता है, जिसे आगे की तरफ धकेला जाता है। इससे आंख के नीचे बैग या उभार बन जाते हैं।

एलर्जी होने पर

Allergic reactions

किसी व्यक्ति को एलर्जिक प्रतिक्रिया होने पर उसके शरीर के अंदर मौजूद कुछ कोशिकाएं हिस्टामाइन रिलीज़ करती हैं। इसमें एक रसायन शरीर पर कई असर दिखाता है। शरीर के अंदर रक्त वाहिकाओं से तरल पदार्थ का निकलना हिस्टामाइन के इन्हीं प्रभावों में से एक है। लीक होने वाले ये तरल पदार्थ कभी-कभी आसपास के ऊतकों में फंस जाते हैं, जिससे एडिमा यानी तरल पदार्थ का संचय हो सकता है।

आंखों के नीचे सूजन का उपचार – Puffy Eyes Ka Upchar 

सूजी हुई आंखों का उपचार इन तरीकों से किया जा सकता है:

आई ड्रॉप्स (Eye Drops)

एलर्जिक प्रतिक्रिया की वजह से होने वाली आंखों की सूजन और काले घेरे के लिए आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे आंखों की जलन को कम करने में भी मदद मिलेगी।

पानी (Water)

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद मिल सकती है।

ठंडा सेक (Cold Compress)

Cold Compress

सूजी हुई आंखों में कोल्ड कंप्रेस या आइस कंप्रेस का इस्तेमाल करने से मदद मिल सकती है। इसके अलावा सूजन वाले हिस्से पर खीरे की स्लाइस या कोल्ड टी बैग्स लगाने जैसे कुछ घरेलू उपचारों से आंखों की सूजन को कम किया जा सकता है।

क्रीम (Creams)

खासतौर से काले घेरे और सूजी आंखों के इलाज के लिए बनाई गई आंखों की क्रीम और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें। ऐसी खास तरह की क्रीम में फेनाइलफ्राइन होता है, जिसका इस्तेमाल वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर के रुप में किया जाता है, जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है। यह सूजी हुई आंखों के व्यास को कम करता है, जिससे रक्त वाहिकाओं को कसकर द्रव के रिसाव को कम करने में मदद मिलती है और आंखों के आसपास की सूजन को कम किया जा सकता है। 

आहार और पूरी नींद (Diet And Enough Sleep) 

शरीर के अंदर एडिमा को कम करने और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के लिए आहार में पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ होने चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त आराम और उचित नींद से काले घेरे और सूजी हुई आंखों की स्थिति को कम किया जा सकता है।

काले घेरों का उपचार – Dark Circles Ka Upchar  

काले घेरे तनावपूर्ण परिस्थितियों में बनते हैं, इसलिए रक्त वाहिकाओं को कसकर इन्हें छोटा बनाना काफी आसान हो जाता है और इससे काले घेरे के इलाज में मदद मिल सकती है। पर्याप्त नींद लेकर और सिर को ऊंची जगह पर रखकर सोने से काले घेरों को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही कंसीलर जैसे कॉस्मेटिक्स से डार्क सर्कल्स को कम करने में मदद मिलती है और ब्लड वेसेल्स के सिकुड़ने से डार्कनेस कम होती है। 

जटिलताएं – Complications 

काले घेरे और सूजी हुई आंखें यह जोखिम कारक दिखा सकती हैं यानी ये स्थितियां किसी दूसरी मेडिकल समस्या का संकेत या लक्षण हो सकती हैं, जैसे थायराइड। थायराइड की समस्या से पीड़ित मरीज़ की आंखें फूली हुई दिख सकती हैं। इसके अलावा फूली या सूजी हुई आंखें ग्रेव्स डिजीज का लक्षण हो सकती हैं। ग्रेव्स रोग जैसी थायराइड की समस्या में मांसपेशियों और ऊतकों में सूजन आ जाती है।

काले घेरे और सूजी हुई आंखें आंखों में इंफेक्शन या एलर्जी होने का संकेत भी हो सकती हैं। आंखों में इंफेक्शन से आंख के आसपास सूजन आ जाती है और यह सूजन पलकों को भी प्रभावित कर सकती है। सूखी आंखों की स्थिति में सूजी हुई आंखें और काले घेरे भी विकसित हो सकते हैं। कभी-कभी गुर्दे की विफलता जैसे अंग की विफलता से पूरे शरीर में सूजन आ सकती है और आंखें सूज जाती हैं।

उम्र बढ़ने की समस्या के मामले में सूजी हुई आंखों का उपचार कॉस्मेटिक सर्जरी से संभव है, जिसे कॉस्मेटिक सर्जन की मदद से किया जाता है। कई कॉस्मेटिक विकल्पों में आईलिड ब्लेफेरोप्लास्टी, लेज़र स्किन ट्रीटमेंट और कुछ स्किन केयर प्रोडक्ट शामिल हैं। ब्लेफेरोप्लास्टी में आंख की मांसपेशियों के अंदर अतिरिक्त वसायुक्त ऊतकों को हटाकर त्वचा के नीचे की त्वचा को कसा जाता है, जिससे फालतू त्वचा, उभार (पफनेस) और झुर्रियों को कम करने में मदद मिलती है।  

निष्कर्ष – Nishkarsh

आपकी आंखों के इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेत्र देखभाल पेशेवर के पास जाकर नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे।
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