मोतियाबिंद सर्जरी के क्या नुकसान हैं? Motiyabind Surgery Ke Kya Nuksan Hain?
मोतियाबिंद एक आंखों की बीमारी है, जो आंख के लेंस में प्रोटीन का निर्माण होने के कारण होती है। मोतियाबिंद वाले व्यक्ति का लेंस प्रकाश को आपकी आंख में जाने से रोकता है और दृष्टि हानि मुख्य कारण बनता है। अन्य सभी आंखों की बीमारियों की मोतियाबिंद का इलाज किया जा सकता है, जिसमें इलाज योग्य मोतियाबिंद के लिए दवाओं और सर्जरी आदि जैसे कई प्रकार के तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में मोतियाबिंद सर्जरी फायदेमंद न होकर नुकसानदायक भी हो सकती हैं, लेकिन इससे पहले आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि मोतियाबिंद सर्जरी क्या है?
मोतियाबिंद सर्जरी क्या है?
मोतियाबिंद की सर्जरी को लेंस रिप्लेसमेंट सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। सर्जरी के दौरान आंखों के डॉक्टर चिकित्सा सर्जरी की मदद से मोतियाबिंद वाले धुंधले लेंस को हटाते हैं, जिसमें आधुनिक मोतियाबिंद हटाना और लेंस प्रत्यारोपण की सर्जरी शामिल हैं। इस सर्जरी में मरीज के डैमेज और धुंधले लेंस को इमल्सीफाइड किया जाता है या इसे उस जगह में काट दिया जाता है, जिसके बाद डॉक्टर प्राकृतिक लेंस की जगह पर कृत्रिम लेंस लगाते हैं। यह आमतौर पर एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जो मौजूदा समय में बहुत आम है। अगर मोतियाबिंद के ज़्यादा लक्षण नहीं हैं और इससे मरीज को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है, तो ऐसे मरीज सर्जरी से बच सकते हैं।
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मोतियाबिंद सर्जरी के नुकसान
मोतियाबिंद सर्जरी के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:
- कीमत: मोतियाबिंद सर्जरी का पहला नुकसान मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत है, जो आमतौर पर बहुत ज़्यादा होती है। यही वजह है कि आम लोगों के लिए इसका खर्च उठाना मुश्किल हो जाता है और मोतियाबिंद सर्जरी को इलाज के विकल्प के रूप में नहीं मानते हैं। मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत हर प्रकार के आधार पर अलग होती है, जो प्रकार से प्रकार में अलग होती है।
- सर्जरी में जटिलताएं: कृत्रिम लेंस के कुछ हिस्सों को कई कारणों से अंदर छोड़ा जा सकता है। इससे आगे दूसरी सर्जरी हो सकती है, जो जटिलताओं का कारण बन सकती है।
- सूजन: कुछ लोगों में जटिलताओं के कारण ऑपरेशन के बाद खुजली डीएफडी और कॉर्निया में सूजन होती है। इसके लिए सर्जरी करने वाले सर्जन आपको कुछ आई ड्रॉप इस्तेमाल करने की सलाह देंगे, जिनसे आपको इन एलर्जी से बचने और इन्हें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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- एलर्जिक रिएक्शन: एनेस्थीसिया के लिए प्रतिकूल प्रतिक्रिया हो सकती है, जिस के लिए डॉक्टर द्वारा मरीज की एलर्जी और चिकित्सा इतिहास का अध्ययन किया जाना चाहिए।
- रेटिना का अलग होना: कुछ दुर्लभ मामलों में रेटिना अपनी जगह से खिसक सकता है। ऐसे दुर्लभ मामले लगभग 10 प्रतिशत हैं, जिससे आंखों की पूरी दृष्टि का नुकसान हो सकता है।
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- आंखों में इंफेक्शन: उपकरणों को ठीक से कीटाणुरहित नहीं करने की वजह से भी आंखों में इंफेक्शन हो सकता है। आंखों के उपकरणों की अधूरी सफाई से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
मोतियाबिंद सर्जरी के दुष्प्रभाव
- सूखी आंखें: अगर सर्जरी से पहले किसी व्यक्ति को सूखी आंखों की समस्या थी, तो सर्जरी के बाद यह बढ़ जाता है। सर्जरी के बाद आंख में थोड़ा सूखापन हो सकता है, जिसका इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ आई ड्रॉप का इसतेमाल करते हैं और यह लगभग एक महीने तक चलता है।
- फ्लोटर्स की उपस्थिति: अवशेषों द्वारा आंख के रेटिना पर पड़ने वाली छाया को आंखों के सामने तैरती लकीरें यानी फ्लोटर्स कहते हैं। कई मामलों में फ्लोटर्स आम हैं, जिन्हें लोग सर्जरी के बाद नोटिस करना शुरू कर सकते हैं। अगर आप फ्लोटर्स की संख्या में बढ़ोतरी देखते हैं या काफी समय बाद भी फ्लोटर्स की समस्या दूर नहीं होती है, तो इस स्थिति में आपको अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
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- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता: यह दुष्प्रभाव भी बहुत आम है और कुछ ही दिनों तक रहता है। मोतियाबिंद सर्जरी आंख के उस धुंधलेपन को दूर करती है, जो आंख में प्रवेश करने वाली रोशनी को फिल्टर करता है और आप पूरी दुनिया को देखने में सक्षम हो पाते हैं।
आई मंत्रा – Eye Mantra
आधुनिक तकनीक की वजह से मोतियाबिंद की सर्जरी आजकल बहुत आम है। हालांकि, हर उपचार के पक्ष और विपक्ष की तरह मोतियाबिंद सर्जरी के कुछ फायदे और नुकसान दोनों हैं। कुछ साइड इफेक्ट सर्जरी के बाद बहुत आम हैं, लेकिन अगर समय के साथ यह प्रभाव नहीं जा रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने सर्जन से परामर्श लेना चाहिए, जिन्हें रोकने के लिए वह आपको कुछ उपाय सुझाएंगे।
आई मंत्रा मोतियाबिंद का उपचार प्रदान करने वाले प्रमुख आंखों के अस्पतालों में से एक है, जहां कुशल और अनुभवी चिकित्सक आपकी आंखों का बेहतर तरीके से निदान करते हैं। आंखों के इलाज के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप उपचार और मार्गदर्शन के लिए हमारे मोतियाबिंद सर्जन से परामर्श लें।
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