आंखों की दृष्टि में सुधार करने के टॉप 10 टिप्स – Aankhon Ki Drishti Mein Sudhar Karne Ke Top 10 Tips

Top 10 ways to improve eyesight through positive lifestyle practices

आंखों की दृष्टि (आईसाइट) में सुधार कैसे करें? Eyesight Mein Sudhar Kaise Karein? 

अच्छी आंखों की दृष्टि (Eyesight) प्राप्त करने या बनाए रखने के लिए उचित नेत्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। आंखें हमारे सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं जो हमें दुनिया को देखने में सक्षम बनाती हैं। अलग-अलग लाइफस्टाइल तरीकों और सकारात्मक बदलावों को अपनाकर हम अच्छी दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि शरीर के हर दूसरे हिस्से की तरह हमारी आंखें भी कई खतरे और बीमारियों जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, अपवर्तक त्रुटियों, भेंगापन और कई अन्य बीमारियों के संपर्क में आती हैं, जिससे दृष्टि की हानि हो सकती है। बहुत कम उम्र से ही अपनी आंख की अच्छी देखभाल करने से भविष्य में होने वाले रिस्क या बीमारियों से इसे बचाने में मदद मिलती है। 

आंखों की रोशनी में सुधार के लिए 10 टिप्स – Eyesight Mein Sudhar Ke Liye 10 Tips

आंखों में सुधार करने के लिए आप नीचे दी गई टिप्स को फॉलो कर सकते हैं और अपनी आंखों की कमजोर दृष्टि में सुधार ला सकते हैं।

विटामिन और मिनरल्स लें 

भोजन आपके शरीर के साथ-साथ आपकी आंखों के समुचित कार्य को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है। जिंक और मिनरल के साथ विटामिन ए, सी, और ई एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो आपकी आंखों की रोशनी में सुधार करने और आंखों से संबंधित अलग-अलग समस्याओं जैसे मैकुलर डिजनरेशन से बचाने के लिए साबित हुए हैं। इस स्वास्थ्य समस्या में मैक्युला का बिगड़ना शामिल है और यह आंख का वह हिस्सा जो सेंट्रल विज़न को कंट्रोल करता है। एक व्यक्ति को अपने आहार में विटामिन और मिनरल युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो उनकी आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद करता है। इनमें ब्रोकोली, लाल मिर्च, गाजर, पालक, शकरकंद, स्ट्रॉबेरी, साइट्रस और बहुत कुछ शामिल है। इसके अलावा अलसी और सालमन सहित ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ भी दृष्टि में सुधार के लिए फायदेमंद होते हैं। 

खाने में कैरोटीनॉयड्स शामिल करें

दूसरे आंखों के फायदे के लिए पोषक तत्वों के अलावा कैरोटीनॉयड्स भी एक प्रमुख पोषक तत्व होता है जो आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद करता है। तोरी और ब्रोकली जैसी कई हरी पत्तेदार सब्जियां और अंडे हैं जिनमें कैरोटीनॉयड्स का भरपूर स्रोत होता है। कैरोटीनॉयड्स में ज़ेक्सैन्थिन और ल्यूटिन होते हैं, जिनका सेवन सप्लिमेंट के रूप में भी किया जा सकता है। कैरोटीनॉयड्स आंख के एक विशेष क्षेत्र में घनत्व को बढ़ाकर पराबैंगनी और नीली रोशनी को अवशोषित करके मैक्युला को प्रोटेक्ट करते हैं।

फिटनेस बनाए रखें

आपकी बॉडी का हर पार्ट कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। रेगुलर एक्सरसाइज़ और फिटनेस बनाए रखने से आपकी दृष्टि में सुधार करने में मदद मिल सकती है। टाइप 2 डायबिटीज़ जैसी कई स्वास्थ्य बीमारियां अक्सर आंखों की समस्या का कारण बनती हैं। यह स्थिति आंखों में छोटी ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती है। यदि इसपर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह “डायबिटिक रेटिनोपैथी” नामक एक गंभीर आंख की समस्या हो सकती है, जहां आपके ब्लड फ्लो में सर्कुलेटिंग शुगर अर्टेराइटिस की सेंसिटिव वॉल्स को नुकसान पहुंचाती है। यह आगे अर्टेराइटिस को आंखों में फ्ल्यूड या ब्लड लीकेज का कारण बन सकता है, इसलिए आपकी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकता है।

पुरानी समस्याओं पर कंट्रोल 

डायबिटीज़ के अलावा कई अन्य बीमारियां आंखों की समस्याओं को बढ़ाती हैं। हाइपरटेंशन और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित अन्य समस्याएं आपकी दृष्टि को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। ये बीमारियां पुरानी सूजन पैदा करने से जुड़ी हैं जो आपके पूरे स्वास्थ्य को सिर से पैर तक नुकसान पहुंचाती हैं। सूजन आगे चलकर अत्यधिक दर्द और अंधेपन का कारण बन सकती है। मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित कई दृष्टि को नुकसान पहुंचाने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है। हालांकि आप स्वस्थ आदतों को शामिल करके और निर्धारित दवाओं का सेवन करके इसे मैनेज कर सकते हैं या प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।

आईवियर से आंखों का बचाव करें

आप अपने जीवन में अलग-अलग एक्टिविटीज़ करते हैं जिससे आपकी आंखों को काफी खतरा रहता है, जैसे गैराज में काम करना, रैकेटबॉल खेलना या विज्ञान के प्रयोग पर काम आदि। इन गतिविधियों के दौरान आपकी आँखें उपकरण, लकड़ी, नुकीली वस्तु, मेटल के टुकड़े, स्टैरी एल्बो और केमिकल के संपर्क में आती हैं जो दुर्घटना के दौरान आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अपनी आंखों को इस तरह के खतरे से बचाने के लिए हमेशा उपयुक्त और प्रोटेक्टिव आई वियर पहनें। 

इन कार्यों को करते समय प्रोटेक्टिव चश्मे काफी इफैक्टिव साबित होते हैं क्योंकि ये पोलीकार्बोनेट से बने होते हैं जो प्लास्टिक फॉर्म की तुलना में स्पर्श करने वाले होते हैं।

बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें

धूप का चश्मा आपकी आंखों को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए भी प्रभावी होता है। अपनी आंखों को मोतियाबिंद, मैक्युलर डीजेनरेशन, पिंग्यूकुला, फोटोकेराटाइटिस, पर्टिजियम सहित अन्य समस्याओं से बचाने के लिए धूप में बाहर निकलते समय धूप का चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है। धूप का चश्मा 99 से 100 प्रतिशत यूवीए और यूवीबी विकिरणों को ब्लॉक करने में मदद करता है जो सूरज की रोशनी से निकलती हैं। इसके अलावा चौड़ी-टोपी पहनने से भी अपनी आंखों को सीधी धूप से बचाया जा सकता है। 

बेहतर दृष्टि के लिए 20-20-20 नियम का पालन करें

आपकी आंखें शरीर के उन हिस्सों में से एक हैं जो पूरे दिन काम करती हैं जब तक कि आप कुछ घंटों के लिए सो नहीं जाते। आंखें एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं जो आपको रोज़मर्रा के काम करने में सक्षम बनाती हैं, इसलिए यह बहुत ज़्यादा तनाव से पीड़ित होती हैं। इसके अलावा जब आप कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम कर रहे होते हैं या लंबे समय तक मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो तनाव बढ़ जाता है। लेकिन जाहिर सी बात है कि आप अपने काम से भाग नहीं सकते। इसलिए अपनी आंखों की रोशनी को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए आप उन्हें नजरअंदाज करने के बजाय 20-20-20 नियम का पालन कर सकते हैं। इसमें हर 20 मिनट में अपनी कंप्यूटर स्क्रीन से 20 फीट दूर किसी चीज़ को लगभग 20 मिनट तक देखना होता है। यह आपकी आंखों के तनाव को कम करने में मदद करता है। 

धूम्रपान न करें

इस फैक्ट के बजाय कि धूम्रपान फेफड़ों और हृदय के लिए हानिकारक होता है, कई लोग बहुत धूम्रपान करते हैं और जिससे उन्हें त्वचा, बाल, दांत और यहां तक ​​कि आंखों से संबंधित बीमारियां हो जाती हैं। धूम्रपान मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित आंखों की समस्याओं जैसे मैक्युलर डीजेनरेशन के विकास के उच्च जोखिम में वृद्धि का कारण है। एक बार जब आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो आपके शरीर के अंग जिनमें हृदय, फेफड़े और आंखें शामिल हैं, धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं और ब्लड वेसेल्स की समस्या में सुधार होता है। जैसे-जैसे सूजन कम होने लगती है, आपकी आंखों की रोशनी में सुधार होने लगता है। 

अपनी आंखों को गंदगी से बचाएं

आपकी आंखों में धूल और गंदगी जलन और सूजन पैदा कर सकती है। यह आगे चलकर आंखों में जम सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है, जिससे आंखों की रोशनी कम हो सकती है। गंदे हाथ और लेंस आपकी आंखों में गंदगी के प्रमुख स्रोत हैं। हमेशा अपने हाथों को लेंस को छूने या पहनने से पहले उन्हें साफ जरूर करें। आंखें कीटाणुओं और संक्रमण को जल्दी पकड़ सकती हैं और गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। अपने हाथों को नियमित रूप से धोना और उनका उपयोग करने से पहले अपने कॉन्टैक्ट लेंस को सेनिटाइज़ करना जरूरी है। 

आंखों पर पुराने मेकअप का इस्तेमाल न करें

आंखें जर्म्स और इंफेक्शन के प्रति ज़्यादा सेंसिटिव होती हैं, जो आपकी आंखों में प्रवेश करते हैं और जलन पैदा करते हैं। इसके सबसे खराब मामलों में दृष्टि की हानि हो सकती है। लिक्विड मेकअप में बैक्टीरिया होने का खतरा अधिक होता है। किसी भी तरह के बैक्टीरिया या संक्रमण से अपनी आंखों की सेफ्टी के लिए हर तीन महीने में अपने मेकअप प्रोडक्ट्स को बदलते रहें। इसके अलावा अपने कॉसमेटिक्स सामान को दूसरों के साथ कभी शेयर न करें  और ना ही उनके सैंपल्स का उपयोग करें। इससे आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है। अपनी आंखों पर मेकअप लगाने से पहले और बाद में अपने चेहरे को अच्छे से साफ करें। खराब दृष्टि गलत लाइफस्टाइल के तरीके और अच्छी आंखों की हेल्थ को बनाए रखने की कमी का साइन है। अपनी आंखों को समस्याओं से बचाने और बेहतर दृष्टि के लिए इन सभी सुझावों का पालन करें।

निष्कर्ष – Nishkarsh

अपनी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने आंखों के डॉक्टर के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आकलन करने में सक्षम होंगे। आंखों से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएँ। आई मंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें [email protected] पर मेल करें। हमारी अन्य सेवाओं में रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, मोतियाबिंद सर्जरी आदि शामिल हैं। 

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