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आंख की सफेद सतह के लाल होने को लाल आंखें या रेड आइज़ (Red Eyes) कहते हैं। लाल आंखों को ब्लड शॉट आइज़ (Blood Shot Eyes) भी कहते हैं। लाल आंखों की समस्या एक या दोनों आंखों में हो सकती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। आंख की सफेद सतह और कंजक्टिवा के बीच की छोटी ब्लड वेसल्स के फैलाव से आंखें लाल और सूजी हुई दिखाई देती हैं। आमतौर पर लाल आंखों के कई लक्षण होते हैं, जैसे- एलर्जी, आंखों में थकान, कॉन्टैक्ट लेंस का ज्यादा इस्तेमाल या कंजक्टिवाइटिस। कई मामलों में आंखों में लालपन के अलावा कोई दूसरे लक्षण नहीं दिखते, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
लाल आंखें या आंख आना आंखों की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कंजक्टिवा हिस्से के लाल होने से आंख में खुजली और जलन का अहसास होता है। लाल आंखें ब्लड वेसल्स में सूजन की वजह से होती है, जो आंख के सफेद हिस्से में लालपन का कारण बनती है। इसके लक्षणों में जलन, खुजली, आंख के सफेद हिस्से का लाल दिखना, आंखों से तरल पदार्थ निकलना और आंखों पर दबाव महसूस होना शामिल है।
आमतौर पर हवा में कई अवांछित कण मौजूद होते हैं, जो आंख की सतह के संपर्क में आ सकते हैं। इनसे आंखें लाल हो सकती हैं, जिसे आंख में जलन भी कहते हैं। वातावरण में मौजूद इरिटेंट्स से शुष्क हवा, खांसी, धूल, सर्दी और जीवाणु जैसे इंफेक्शन रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में सूजन का कारण बन सकते हैं।
आंखों में इंफेक्शन भी आंखों का कारण है, जो आंखों में जलन और दर्द पैदा करके दृष्टि बदल सकता है।
कंजक्टिवाइटिस आंखों की एक गंभीर स्थिति है, जिसमें बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन की वजह से आंखें लाल हो जाती हैं। आमतौर पर लाल आंखें एक-दो दिन में अपने आप ठीक हो जाती हैं। अगर लाल आंखों की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श की ज़रूरत होती है।
हवा में पाये जाने वाले परागकणों के संपर्क में आने से कुछ लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं। इसके अलावा मोल्ड की मौजूदगी भी लाल-आंख का कारण बनती है, जो एक सामान्य एलर्जेन है। कुछ लोगों को पालतू जानवरों की रूसी से भी एलर्जी होती है, जिससे लाल आंखों की समस्या हो सकती है।
यूविया आंखों का एक पिगमेंटेड भाग है, जिसमें सूजन आने से आंखें लाल हो सकती हैं और आइरिस के पास दर्द और लालपन हो सकता है।
तौलिये को गर्म पानी में भिगोकर पलकों पर रखने से जलन और लाल आंखों को कम किया जा सकता है। इस विधि में व्यक्ति को दस मिनट तक पलक पर गर्म पानी में भिगोकर रखी हुई तौलिए को रखना होता है। इसी प्रक्रिया को दूसरी आंख पर भी दोहराना होता है। गर्म वातावरण रखने से गर्म तौलिये से निकलने वाली गर्मी आंखों में मौजूद वेसल्स में खून के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा यह पलक में मौजूद ग्रंथियों से निकलने वाले तेल को उत्तेजित करने में भी मदद करती है।
ठंडा सेक गर्म सेक की उल्टी विधि है, जिसमें गर्म सेक विधि की जगह ठंडे पानी की उपचार विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए ज़्यादा ठंडे पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से लाल आंखों की समस्या और बढ़ सकती है। एक ठंडा सेक आंखों में खुजली और जलन को कम करने में मदद करता है, लेकिन ठंडे और गर्म दोनों सेक के लिए एक ताजा और साफ तौलिया का इस्तेमाल करना ज़रूरी है।
नाफाज़ोलिन या टेट्राहाइड्रोज़ोलिन युक्त दवाएं हल्की लाल आंखों के इलाज में मदद करती हैं। आई ड्रॉप में मौजूद ये घटक कंजेशन को कम करने और किसी भी जलन से आंखों को साफ करने में मदद करते हैं। यह किसी भी एलर्जी से होने वाली लाल आंखों का इलाज करने में भी मदद करते हैं।
लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स लाल आंखों के इलाज में मदद करती हैं। अगर आंख में कोई इंफेक्शन है जिससे आंखें लाल होती हैं, तो आंखों में इंफेक्शन के इलाज के लिए डॉक्टर ग्लूकोमा ड्रॉप्स या एंटीबायोटिक ड्रॉप्स इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन उचित परामर्श के तहत ही करना चाहिए।
एंटीबायोटिक लाल आंखों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसे उचित नुस्खे के तहत भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कोलीनर्जिक दवाएं आंसुओं को उत्तेजित करने में मदद करती हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के निर्धारित करने पर ही किया जा सकता है। ऐसी दवाएं आंसुओं के निर्माण और आंखों में नमी की कमी से होने वाली लाल आंखों को कम करने में मदद करती हैं।
हेल्दी खाने की आदत से लाल आंखों पर भी सकारात्मक असर होता है। इस तरह लाल आंखों को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है। अनहाइड्रेटेड रहने से आंखों में जलन (Irritation) और खून की कमी (Bloodshot Eyes) हो सकती है, जिसे शरीर के तरल पदार्थ को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर रोका जा सकता है।
प्रोसेस्ड फूड के ज़्यादा सेवन से आंखों में सूजन पैदा हो सकती है, इसलिए इससे बचने की सलाह दी जाती है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के प्रभाव को कम करने के लिए ज़्यादा एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ वाले उचित और स्वस्थ आहार बनाए रखें।
लाल आंख वाले व्यक्ति को ओमेगा -3 का भरपूर सेवन करना चाहिए, क्योंकि इनसे आंखों की सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
एलर्जी से हुई लाल आंख वाले व्यक्ति को ज़्यादा मात्रा में पराग, धुएं और शुष्क हवा वाले स्थानों पर जानें से बचना चाहिए।
कुछ वक्त के लिए कॉन्टैक्ट लेंस के बजाय चश्मे का इस्तेमाल करके लाल आंखों को कम करने में मदद मिल सकती है। गंदे और अनहाइजीनिक कॉन्टैक्ट लेंस से आंखों में जलन और आंखें लाल सकती हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाले कॉन्टैक्ट लेंस के लिए प्रोपर हाइजीनिक स्थिति बनाए रखें।
अगर घरेलू उपचार के एक हफ्ते बाद भी लक्षण नज़र आते हैं, तो आपको बेहतर इलाज के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। हालांकि घरेलू नुस्खों से एक या दो हफ्ते में आंखों की लाली से राहत मिल सकती है। अगर आंख की स्थिति खराब होने पर आपको दृष्टि में मामूली कमी महसूस होती है, तो तुरंत अपने आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें। आंखों के आसपास कोई पपड़ी, मवाद हो या रासायनिक संपर्क से आंख में चोट लगी है, तो घरेलू उपचार से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
लाल आंखें ज़्यादा गंभीर आंख की स्थिति नहीं हैं। मुख्य कारणों का पता हो, तो घर पर ही इसका इलाज किया जा सकता है। एलर्जी की वजह से जिन लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं, उन्हें एलर्जी वाली जगहों पर रहने से बचना चाहिए। हाइड्रेटेड रहने, उचित नींद लेने और ठंडी या गर्म सेक से लाल आंखों की हल्की स्थिति को आसानी से ठीक किया जा सकता है। अगर लाल आंखों के लक्षण एक हफ्ते से ज़्यादा समय तक बने रहें या स्थिति ज़्यादा खराब हो, तो हमेशा कोई भी दवाई लेने से पहले एक नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
आपकी आंखों का इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेत्र देखभाल पेशेवर के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे।
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