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आंख में बाहरी कण क्या है? Aankh Mein Foreign Body Kya Hai?
ज्यादातर समय आंखों में खुजली होने पर हम उन्हें रगड़ते हैं। आमतौर पर आंखों में खुजली तब होती है, जब हम हवा या खुले वातावरण में बिना चश्मे के निकलते हैं। इस दौरान आंख को करीब से देखने पर हमें टूटी हुई पलक या एक छोटा सा कण दिखाई दे सकता है। इस बाहरी कण को व्यक्ति खुद या किसी दूसरे की मदद लेकर आसानी से हटा सकते हैं, क्योंकि इतनी छोटी सी समस्या के लिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाने की ज़रूरत नहीं होती।
कभी-कभी आंख में ऐसे कण जा सकते हैं, जो आंखों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा किसी नुकीली वस्तु को संभालते समय धातु का एक छोटा हिस्सा आपकी आंख में प्रवेश कर सकता है या कोई हानिकारक वस्तु आंख में छेद कर सकती है। कई बार इस तरह की घटनाएं तमाम सावधानियां बरतने के बाद भी हो सकती हैं।
आंख में प्रवेश करने वाले इस बाहरी कण को फॉरेन बॉडी के नाम से भी जाना जाता है और आंखों में इसकी मौजूदगी से कई तरह के नेत्र रोग हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में यह बाहरी कण किसी व्यक्ति की आंख में तब प्रवेश करता है, जब व्यक्ति आंखों को सुरक्षा प्रदान करना वाला चश्मा पहने बिना ऐसे वातावरण में काम करता है, जहां उसका संपर्क छोटे उड़ने वाले अवशेष से होता है।
लक्षण – Lakshan
हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग हमारी आंखें है, जो हमें सूरज ढ़लने, रात के समय आसमान में होने वाली आतिशबाजी, हमारे सिर पर चमकते चंद्रमा और सितारों को देखने में सक्षम बनाती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आंखों के ज़रिए हम अपने प्रियजनों को भी देख सकते हैं और शरीर का इतना अहम हिस्सा होने के कारण आंखों की उचित देखभाल ज़रूरी है। आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा हैं और कई बार उंगली से हल्का रगड़ने से भी आंखों में लालपन या जलन की समस्या हो सकती है।
पिछले एक दशक में नेत्र विज्ञान को हासिल हुई ज़बरदस्त सफलता के बाद भी आंखों से संबंधित बहुत सी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। कभी-कभी किसी बाहरी कण के प्रवेश से आंखों में बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। आंख में बाहरी कण मौजूद होने के कई लक्षण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- आंखों में तेज दर्द के बाद जलन और खुजली महसूस होना।
- आंख में प्रवेश करने वाली किसी चीज़ का एक से दूसरी तरफ लुढ़कने का अहसास।
- हर बार पलक झपकाते हुए आंखों में खरोंच महसूस होना।
- धुंधली दृष्टि।
- आंख के सफेद हिस्से (स्क्लेरा) में रक्तस्राव।
- आंख के कॉर्निया पर रक्त की परत (आंख की स्पष्ट बाहरी परत)।
बचाव – Prevention
नीचे बताए गए उपायों के ज़रिए आप आसानी से अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं, जैसे:
- उड़ने वाले अवशेष जैसे वातावरण में काम करते समय हमेशा आंखों को सुरक्षा प्रदान करने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
- दीवार में कील ठोकने या धातु से टकराने की ज़रूरत वाले कामों को करते समय अपनी आंखों को ढक लें।
- हवा वाले दिन बाहर जाते समय चश्मा ज़रूर पहनें।
- हमेशा आंखों में खुजली महसूस होने पर उन्हें धोएं।
- दिन में कम से कम 4 बार आंखों को धोने की आदत डालें।
- जब भी पलक झपकते वक्त आंखों में किसी चीज़ की मौजूदगी का अहसास हो, तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। आंखों से बाहरी कण को निकालने के लिए आप शीशे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आंख से बाहरी कण कैसे हटाएं? Aankh Se Foreign Body Kaise Hataein?
- खरोंच की सनसनी से छुटकारा पाने का सामान्य उपचार एंटीबायोटिक आईड्रॉप और दर्द निवारक गोली है, लेकिन अगर आंखों में जाने वाला बाहरी कण बड़ा है, तो इसे एक पैच से हटाया जा सकता है।
- आईरिस, लेंस या स्क्लेरा पर किसी भी खरोंच या नुकसान के लिए सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है।
- नेत्रगोलक में किसी भी तरह की क्षति होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञों को सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है।
- अगर कॉर्निया और आईरिस के बीच रक्त दिखाई देता है और फिर भी कोई चोट नहीं लगती है, तो नेत्र रोग विशेषज्ञों को विशेष उपचार की ज़रूरत होती है।
- किसी व्यक्ति को पूरी तरह से ठीक होने के लिए कम से कम एक हफ्ते तक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाना पड़ सकता है, जो आंख में चोट की गंभीरता के आधार पर निर्भर करता है।
- नेत्र रोग विशेषज्ञ के बताए गए उपचार का पालन करके आप त्वरित और प्रभावी उपचार सुनिश्चित कर सकते हैं।
घरेलू उपचार – Gharelu Upchar
उचित दिशा निर्देशों के पालन से आंख में गए मामूली अवशेष को घर पर ही ठीक किया जा सकता है। कई बार आंखों में जाने वाला अवशेष बड़ा होता है और मदद के बाद भी बाहर नहीं आता, तो ऐसे मामलों में व्यक्ति को चिकित्सा सहायता लेनी पड़ती है। अगर किसी ने आंखों के लेंस या किसी तरह का आंखों का मेकअप लगाया हुआ है, तो आंख से अवशेष निकालने की कोशिश से पहले इसे हटा देना चाहिए। घर पर रहकर भी आंखों में प्रवेश करने वाले बाहरी कण का उपचार संभव है, जिसके लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है:
- अपनी आंख को खारे पानी (सलाइन वॉटर) से धोएं यानी लेंस को रखने के लिए प्रयोग किये जाने वाले घोल का इस्तेमाल करें। खारा पानी नहीं होने पर नल के पानी या आसुत जल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शॉवर के नीचे आंखों को धोना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है, क्योंकि पानी के प्रवाह की तेज गति से आंखों में गए अवशेष को बहुत आसानी से निकाला जा सकता है।
- प्याले को अपने हाथों में रखकर सिंक के ऊपर खड़े हो जाएं और पानी को कुछ देर तक आंखों के ऊपर से बहने दें।
- एक गिलास पानी लेकर आंखों के पास रखें और फिर उसके ऊपर शीशा लगाते हुए अपने सिर को ऊपर-नीचे करते रहें।
- निचली पलक को नीचे खींचकर बाहरी कण को आंख से निकालने की कोशिश करें। इसके लिए आप हाथ की पहली उंगली का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अगर बाहरी कण एक उंगली से निकालने के लिए बहुत छोटा है, तो कॉटन बॉल या टिश्यू के इस्तेमाल से भी बाहरी कण को निकालने की कोशिश कर सकते हैं।
- अगर कोई व्यक्ति आंख से बाहरी कण निकालने का सही तरीका नहीं जानते हैं, तो उन्हें किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाने और प्रभावित आंख को ढ़कने की सलाह दी जाती है।
- अगर कोई व्यक्ति मदद के बाद भी बाहरी कण को नहीं निकाल पाते या फिर भी आंख में खुजली महसूस होती है, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
सावधानी – Precaution
बाहरी कण निकलने के बाद इसका उपचार भी ज़रूरी है। बाहरी कण को लेकर ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत होती है, क्योंकि कई मामलों में इसे सर्जरी की मदद से भी हटाया जा सकता है, लेकिन सर्जरी के बाद आपको प्रभावित आंख को कुछ दिन ढ़ककर रखना होता है। भले ही छोटे बाहरी कण को कुछ घरेलू उपचारों के इस्तेमाल से हटा दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है:
- बाहरी कण को हटाने के बाद आंख में लालपन और जलन हो सकती है। यह कोई घबराने वाली बात नहीं है, क्योंकि दिन में कम से कम आठ से दस बार आंखों को धोने से आंखों की इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
- आंख को न रगड़ें और न ही उस पर दबाव डालें। ऐसे स्थिति में कम से कम पांच घंटे तक स्क्रीन से दूर रहने की कोशिश करें।
- अगर बाहरी कण को हटाने के लिये किसी व्यक्ति की सर्जरी की गई है, तो उन्हें आंख पर दबाव और कम से कम तीन दिनों तक किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन दो देखने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
सावधानी हमेशा इलाज से बेहतर होती है। आपकी आंखें के कारण ही आप प्रकृति के अद्भुत नजारों और अपने परिवार को देख पाते हैं। आंखें हमारे शरीर में बेहद संवेदनशील होती हैं और इसीलिए आंखों को देखभाल की ज़्यादा ज़रूरत होती है। हमेशा सही सावधानियों का पालन करें और किसी भी समस्या के मामले में सही कदम उठाएं।
निष्कर्ष – Nishkarsh
अपनी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके से आंकलन करने में सक्षम होंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
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