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कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवा उद्योग में कई बदलाव किए हैं, इसके परिणामस्वरूप निदान और उपचार में देरी के कारण ऑन्कोलॉजी सर्विस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसलिए ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी ट्रीटमेंट जारी रखने के लिए नई गाइडलाइंस का एक सेट बनाया गया है। ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी दवा की एक ब्रांच है जो आंख के अलग-अलग ट्यूमर से संबंधित है जिसमें पलकें, आई ऑर्बिट, इंट्राऑक्युलर और ऑक्युलर सर्फेस शामिल हैं।
साल 2020 में कोरोनावायरस महामारी ने एक बड़ी समस्या पैदा कर दी क्योंकि ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी की समस्या से पीड़ित कई मरीज़ों और अन्य कैंसर मरीज़ों का प्रभावी ढंग से इलाज नहीं किया जा सका। इसके कारण मई 2020 में विभिन्न नेत्र रोग विशेषज्ञों, ऑक्युलर ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट सहित एक बहु-विषयक टीम के एक ग्रुप ने एक रिपोर्ट बनाई जिसमें अलग-अलग गाइडलाइन्स शामिल हैं। इसने इस महामारी की स्थिति में भी ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी सेवा चलाने में मदद की। इसके अलावा इसने मरीज़ों के उपचार के साथ-साथ उन्हें कोविड-19 महामारी से सुरक्षा प्रदान करने के बीच बैलेंस बनाने में मदद की।
रिपोर्ट की गई कुछ गाइडलाइंस निम्नलिखित हैं, जैसे-
मरीजों की स्क्रीनिंग और ट्राइएज
इसमें बेसिक स्क्रीनिंग के साथ-साथ मरीजों के ट्राइएज गाइडलाइंस को शामिल किया गया है। मरीज़ों का ट्राइएज चार लेवल पर किया जाता है- क्वाड ट्राइएज जिसमें ऑनलाइन पंजीकरण, मरीज़ को विशेषज्ञों या डॉक्टरों का ऑनलाइन या टेलीकंसल्टेशन, शारीरिक जांच और बाद में नैदानिक मूल्यांकन शामिल है जो मरीज़ में समस्या की गंभीरता को निर्धारित करने में मदद करता है।
ऑनलाइन टेस्ट कोरोनावायरस के फैलने के रिस्क को कम करने में मदद करते हैं। जिस मरीज के कोरोना से पीड़ित होने का संदेह होता है, उसे शॉर्टलिस्ट किया जाता है और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोरोना की जांच के लिए भेजा जाता है और मरीज के नेगेटिव साबित होने पर इलाज किया जाता है।
लेकिन अगर मरीज़ पॉजिटिव होता है, तो उसे सीधे जांच के लिए भेज दिया जाता है और शेष उपचार सरकार द्वारा नामित कोविड-19 केंद्रों पर किया जाता है। किसी आपात स्थिति के मामले में जैसे कि असहनीय दर्द या आंख के पास सूजन, मतली या दृष्टि हानि का जोखिम है, तो मरीज़ को एक विशेषज्ञ के साथ एक पूर्व-निर्धारित स्थान पर उपचार दिया जाता है, जिसे पूर्ण व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट दी जाती हैं। उसकी सुरक्षा और प्राथमिक उपचार के लिए जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, मरीज़ को उसे कोविड-19 देखभाल केंद्र में भेजने से पहले दिया जाता है। ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी के उपचार में सहने योग्य लक्षणों के मामले में तब तक उपचार में देरी होती है जब तक कि मरीज़ को कोविड-19 का उपचार नहीं दिया जाता है।
स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा
मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों यानी डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है क्योंकि वह ज़्यादातर पीड़ित मरीज़ों को सहायता प्रदान कर सकते हैं और उन्हें दुनिया के किसी भी देश के लिए एक मूल्यवान संसाधन माना जाता है। रोगियों की उचित सुरक्षा के लिए उचित हाथ धोने और एंटीसेप्टिक्स के उपयोग के साथ-साथ मास्क और कवर के उपयोग को भी लागू किया जाना चाहिए। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सक्षम व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उपयोग को दो में बांटा गया है:-
ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी में उपयोग की जाने वाली सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए सुरक्षा उपाय
ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी स्थितियों के दौरान ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी के इलाज के लिए सर्जरी भी की जाती है। आमतौर पर वायरस के ट्रांसमिशन का रिस्क मुख्य रूप से एरोसोल-जनरेटिंग प्रोसीजर (एजीपी) द्वारा किया जाता है, जिसमें इंटुबेशन, एक्सट्यूबेशन, हाई फ्लो नैसल ऑक्सीजन, रेस्पिरेट्री सिस्टम की ओपन संक्शनिंग जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। इस मामले में लोकल एनेस्थीसिया के उपयोग पर जनरल एनेस्थीसिया के उपयोग को प्राथमिकता दी जाती है।
ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी में विशिष्ट रोगों के लिए गाइडलाइंस निम्नलिखित है-
ऑकुलर ऑन्कोलॉजी सर्जरी करने से पहले एक वायरुसाइडल फ्ल्यूड यानी 5% पोविडोन-आयोडीन सॉल्यूशन आंख के अंदर कंजक्टिवल सैक में दिया जाता है। ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी की स्थिति के हर एग्ज़ामिनेशन के बाद लेंस को डिसइंफेक्शन और साथ ही इनडायरेक्ट ऑप्थलमोस्कोप को किया जाना चाहिए।
सर्जिकल ट्रीटमेंट जनरल एनेस्थीसिया (जीए) के उपयोग द्वारा किया जाता है। रेटिना विशेषज्ञों या ऑक्युलर ऑन्कोलॉजिस्ट की मदद से सर्जरी कोविड-19 देखभाल के दिशानिर्देशों के तहत की जानी चाहिए। ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी उपचार के बाद रेडिएशन थेरेपी के बाद निम्नानुसार एंटी-वीईजीएफ इंजेक्शन का इस्तेमाल रेटिनोपैथी के लिए उपयोग किए जाने वाले एक या दो महीने के लिए डिले हो सकता है।
सर्जरी से पहले लैबोरेट्री पैथोलॉजिस्ट को सूचित किया जाना चाहिए ताकि लैबोरेट्री को समय पर तैयार किया जा सके और कर्मचारियों को सुरक्षात्मक दस्ताने, सुरक्षात्मक चश्मे के साथ-साथ पूर्ण व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए ताकि रोग संचरण कम हो सके। हालांकि ओक्युलर ऑन्कोलॉजी के लिए पोस्ट-ऑपरेटिव चेक-अप मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाता है।
यह कोविड-19 महामारी मरीज़ से ऑक्युलर ऑन्कोलॉजिस्ट तक रोग संचरण का जोखिम है। इसलिए ओक्युलर ऑन्कोलॉजी उपचार में कोरोनावायरस से सुरक्षा के लिए निम्नलिखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए, जैसे-
कोविड-19 उपचार के दौर से गुजर रहे मरीज़ों को दूसरे मरीज़ों से अलग-अलग रखा जाना चाहिए और उचित हाथ धोने और उचित देखभाल करने से ऑक्युलर ऑन्कोलॉजी मरीज़ों का इम्यून सिस्टम में सुधार करने में मदद मिलती है।
अपनी आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने आंखों के डॉक्टर के पास जाएं और नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के लिए आपको बेहतर तरीके से गाइड करेंगे। आंखों के बेहतर इलाज के लिए आप हमारे आई मंत्रा हॉस्पिटल में भी विज़िट कर सकते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
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