आंखों की जांच (Eye Tests)

नेत्र परीक्षण (आई टेस्ट) के बारे में ज़रूरी जानकारी – Eye Test Ke Bare Me Zaruri Jankari

दृश्य तीक्ष्णता नेत्र परीक्षण (विज़ुअल एक्विटी आई टेस्ट) क्या है? Visual Acuity Eye Test Kya Hai?

नेत्र परीक्षण विज़न टेस्ट करने के लिए किया जाना वाला वह बेसिक टेस्ट है, जिसमें आंखों का चार्ट इस्तेमाल करके आपके दूर से देखने की क्षमता को मापा जाता है। दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण या विज़ुअल एक्विटी टेस्ट वह बुनियादी नेत्र परीक्षण है, जो ऑप्थल्मोलॉजिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट या ऑप्टिशियन द्वारा किया जाता है। इस आंखों के परीक्षण को एक नर्स या एक टेकनीशियन भी कर सकते हैं। दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण में एक व्यक्ति की अलग-अलग आकृतियों और विवरणों को देखने और अंतर करने की क्षमता की जांच की जाती है।

इसके आलावा इस नेत्र परीक्षण में कलर विज़न, पेरिफेरल विज़न और आंख की गहराई की धारणा के साथ दूसरे कारक भी होते हैं। इस शारीरिक नेत्र परीक्षण में आंखों के संपर्क में आने के लिए किसी मशीन की ज़रूरत नहीं होती। सबसे ज़्यादा बार इस्तेमाल किये जाने वाले इस नेत्र परीक्षण से किसी भी दृष्टि समस्या के निर्धारण और दृष्टि में किसी भी तरह के बदलाव के बारे में जानने में मदद मिलती है। कुछ संगठन नौकरियों के लिए लोगों की भर्ती के लिए दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण करते हैं। साथ ही इस नेत्र परीक्षण से दृष्टि समस्याओं का जल्द पता लगाने और स्थिति को खराब होने से रोकने में मदद मिलती है।

नेत्र परीक्षण के रिज़ल्ट में 20/20 का मतलब – Eye Test Result Me 20/20 Ka Matlab

दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण स्नेलन चार्ट या रेंडम ई चार्ट का इस्तेमाल करके किया जाता है। इस परीक्षण में विज़ुअल एक्विटी को फ्रेक्शन में मापा जाता है। 20/20 के फ्रेक्शन नंबर को सामान्य दृष्टि माना जाता है, जिसका मतलब है कि 20 फीट दूर खड़ा व्यक्ति किसी वस्तु को स्पष्ट रूप से देख सकता है। अगर आपके पास 20/40 का फ्रेक्शन नंबर है, तो इसका मतलब है कि 40 फीट दूर रखी वस्तु के लिए आपको वस्तु से 20 फीट दूर होना चाहिए, जिससे आप उसे स्पष्ट रूप से देख सकें। एक सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति इसे देखने में सक्षम होगा, लेकिन इसके लिए वस्तु से 40 फीट दूर खड़े होने पर वस्तु को देखना।

इस तरह के फ्रेक्शन से पता चलता है कि दृष्टि ठीक करने के लिए आपको करेक्टिव आईग्लास पहनने की ज़रूरत है या नहीं। 20/20 को एक सामान्य दृष्टि का फ्रेक्शन नंबर माना जाता है, लेकिन इसमें किसी भी तरह का अंतर व्यक्ति में दृष्टि समस्या होने का संकेत देता है। नेत्र परीक्षण के नतीजे का इस्तेमाल मायोपिया, हाइपरोपिया, दृष्टिवैषम्य या प्रेसबायोपिया जैसी स्थितियों के निदान में किया जाता है, जबकि 20/20 दृष्टि पाने के लिए उचित करेक्टिव लेंस के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।

दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण की प्रक्रिया – Visual Acuity Test Ki Prakriya

आसान प्रक्रिया वाले नेत्र परीक्षण में आंख पर मशीन के किसी भी शारीरिक संपर्क की ज़रूरत नहीं होती है। इस नेत्र परीक्षण में व्यक्ति को किसी भी चश्मे या आंखों के लेंस को हटाने और फिर स्क्रीन से 20 फीट या 6 मीटर दूर खड़े होने या बैठने की ज़रूरत होती है। इसका इस्तेमाल अक्षरों और वर्णों दिखाने के लिए किया जाता है, जिसमें आपको अपनी एक आंख को हथेली से ढकने और दूसरी आंख से स्क्रीन पर मौजूद अक्षरों को पढ़ने के लिए कहा जाएगा। नहीं पढ़ पाने वाले छोटे बच्चों और लोगों के लिए पंक्तियों और चित्रों का इस्तेमाल किया जाता है। एक आंख के बाद इसी प्रक्रिया को दूसरी आंख से दोहराया जाता है और आपके द्वारा स्पष्ट रूप से पढ़ी गई लाइन को नोट किया जाता है।

परीक्षण के दूसरे राउंड में आपको 14 इंच की दूरी पर मौजूद एक स्क्रीन से बताए गए चरणों को दोहराना होता है। इस परीक्षण में टेकनीशियन नज़दीक रखी वस्तुओं के लिए आपका विज़न टेस्ट करके करेक्टिव लेंस लगाएंगे, जिसके बाद वह 20/20 दृष्टि की वापसी के लिए एक बार फिर से जांच करेंगे।

नेत्र परीक्षण चार्ट – Eye Test Chart

नेत्र परीक्षण में स्नेलन चार्ट और रेंडम ई चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है। जब आप आंखों की जांच के लिए किसी डॉक्टर या ऑप्टिशियन के पास जाते हैं, तो वह आपको चश्मे और लेंस हटाने के लिए कहते हैं। इसके बाद वह आपको आपके सामने मौजूद चार्ट पढ़ने के लिए कहेंगे, जिसे स्नेलन चार्ट कहा जाता है।

स्नेलन चार्ट का आविष्कार सन् 1860 के दशक में हरमन स्नेलन नाम के एक डच आंखों के डॉक्टर ने किया था, जिसमें बड़े अक्षरों में मौजूद अलग-अलग अक्षरों के साथ 11 पंक्तियां होती हैं। पहली पंक्ति में सबसे बड़े आकार का सिंगल कैपिटल लेटर होता है और जैसे-जैसे हम दूसरी पंक्तियों में आगे बढ़ते हैं अक्षरों का आकार कम होता जाता है। आखिर में यह पंक्ति सबसे छोटे आकार के अक्षर पर खत्म होती है। आपके विज़न टेस्ट रिज़ल्ट 20/20 के फ्रेक्शन नंबर के साथ आने को सामान्य दृष्टि माना जाता है। अगर फ्रेक्शन नंबर सामान्य वैल्यू से अलग आते हैं, ​तो करेक्टिव लेंस का इस्तेमाल दृष्टि को बढ़ाने और नेत्र लेंस की सहायता से इसे सामान्य दृष्टि बनाने के लिए किया जाता है

डॉक्टर स्नेलन ने खासतौर से नहीं पढ़ पाने वाले लोगों के नेत्र परीक्षण के लिए रेंडम ई या टम्बलिंग ई चार्ट भी बनाया। इस खास तरह के चार्ट में बड़े अक्षर ई का इस्तेमाल किया जाता है। नेत्र परीक्षण करने वाले व्यक्ति को ई की भुजाओं वाली दिशा बताने के लिए कहा जाता है। फ्रेक्शन नंबर की यह गणना स्नेलन चार्ट की तरह ही की जाती है।

जैगर आई चार्ट व्यक्ति की निकट दृष्टि टेस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस नेत्र परीक्षण में, उनसे करीब 14 इंच दूर व्यक्ति के सामने हाथ से पकड़कर एक छोटा सा चार्ट लगाया जाता है, जिसमें जे10 से जे1 तक के अलग-अलग फ़ॉन्ट साइज़ में लिखे पैराग्राफ थे। इस चार्ट में जे10 को सबसे बड़ा फ़ॉन्ट साइज़ और जे1 को सबसे छोटा फ़ॉन्ट साइज़ माना जाता है। इसका आकार अलग-अलग कार्ड इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति से अलग हो सकता है, क्योंकि स्टैंडराइज़्ड साइज़ का चार्ट अब तक मौजूद नहीं है। नेत्र परीक्षण का नतीजा डिस्टेंस विज़न टेस्ट की तरह होता है, जिसमें पर्टिकुलर फ़ॉन्ट आकार नहीं दिखने तक चार्ट को व्यक्ति के सामने या उनसे दूर ले जाया जा सकता है।

नेत्र चार्ट की सीमाएं – Eye Chart Ki Seemayein

दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण या विज़ुअल एक्विटी टेस्ट में इस्तेमाल किये जाने वाले आंखों के चार्ट को टेस्ट का भरोसेमंद तरीका माना जाता है, क्योंकि उन्हें आंख में किसी मशीन के फिज़िकल संपर्क की ज़रूरत नहीं होती। शारीरिक तौर पर किए जा सकने वाले इस नेत्र परीक्षण में आसानी से दृष्टि का मूल्यांकन किया जा सकता है, लेकिन यह सिर्फ दृष्टि की दूरी से जुड़ी समस्याओं के आधार पर परिणाम देते हैं। रंग धारणा यानी कलर परसेप्शन, पेरिफेरल विज़न और डेप्थ परसेप्शन को मापने के लिए आंखों के चार्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यह आंखों का स्वास्थ्य निर्धारित या आंखों से संबंधित कई तरह की समस्याओं और चोट का पता लगाने में असमर्थ है। यह रेटिना की स्थिति और आकार को निर्धारित नहीं कर सकता है, लेकिन बताई गई सीमाओं के कारण आंखों के चार्ट को पूरे नेत्र परीक्षण का एक हिस्सा माना जाता है।

पूरे नेत्र परीक्षण के लिए सबसे पहले विज़ुअल एक्विटी टेस्ट और उसके बाद कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे किसी व्यक्ति में कलर विज़न की कमियों का पता लगाया जाता है। जब वस्तुओं को जल्दी से पारित किया जाता है, तो आंखों की गति को निर्धारित करने के लिए ओक्लयुर गतिशीलता परीक्षण (ऑक्युलर मोटिलिटी टेस्ट) किया जाता है। आंखों की गहराई की धारणा तय करने के लिए स्टीरियोप्सिस परीक्षण किया जाता है। रेटिनोस्कोपी का इस्तेमाल दृष्टि को ठीक करने के लिए किया जाता है, जिसमें ज़रूरी लेंस की पॉवर को सही ढंग से मापा जाता है। आंखों के अंदर दबाव को मापने के लिए ग्लूकोमा परीक्षण किया जाता है। इस तरह बताए गए सभी परीक्षण व्यापक नेत्र परीक्षण परीक्षा में शामिल हैं। पुतली का फैलाव नहीं होने पर कॉन्टैक्ट लेंस प्रिस्क्रिप्शन किया जाता है, लेकिन यह पूरे नेत्र परीक्षण में शामिल नहीं किया जाता है। इस परीक्षण को एक ही डॉक्टर या नेत्र विशेषज्ञ अलग से करते हैं। इसके नतीजों का इस्तेमाल चश्मा बनाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन कॉन्टैक्ट लेंस बनाने के लिए नहीं।

क्या आप भी आँखों की समस्याओं से परेशान है?

निष्कर्ष – Nishkarsh

आपकी आंखों का इलाज का सबसे अच्छा तरीका नेत्र देखभाल पेशेवर द्वारा आपकी आंखों की नियमित रूप जांच है। वह आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के लिए सर्वोत्तम सुझाव देने में सक्षम होंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।

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