दृष्टि (Vision)

दृष्टि देखभाल (विजन केयर): आंखों की बीमारी और परीक्षण – VISION Care: Eye Disease Aur Test

दृष्टि देखभाल (विजन केयर) क्या है? Vision Care Kya Hai?

शरीर की पांचों इंद्रियों का स्वस्थ होना एक स्वस्थ शरीर की पहचान है और इन पांचों इंद्रियों में आंखें हमारे शरीर का सबसे ज़रूरी हिस्सा हैं और इनका स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। जैसे डॉक्टर या डेंटिस्ट के पास जाना आपके स्वास्थ्य की देखभाल का ज़रूरी हिस्सा है, वैसे ही नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों के स्वास्थ्य या दृष्टि की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण है। नेत्र परीक्षण की मदद से नेत्र चिकित्सक या नेत्र विशेषज्ञ सभी उम्र और जीवन के चरणों में आपकी दृष्टि को तेज रखने में मदद कर सकते हैं, लेकिन क्या डॉक्टर या डेंटिस्ट की तरह आप किसी नेत्र चिकित्सक के पास भी जाते हैं।

नियमित तौर पर आंखों की जांच कराने से दृष्टि में सुधार करना आसान होता है। आंख की समस्या का जल्द पता लगाकर उसे रोकना और उसका इलाज करना काफी हद तक संभव हो सकता है। 12 साल से ज़्यादा उम्र के लगभग 11 मिलियन लोगों को दृष्टि सुधार की ज़रूरत है और ऐसे में आपको ज़्यादा सावधान रहते हुए नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच कराते रहना चाहिए। नियमित आंखों की जांच और दृष्टि की देखभाल किसी भी बीमारी के शुरुआती निदान और उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दृष्टि को सामान्य कैसे रखें? Vision Ko Normal Kaise Rakhein?

आंखों में संक्रमण होना आम है और इसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया जा सकता है, क्योंकि कुछ लोगों में कोई शुरुआती लक्षण नहीं होते हैं। ऐसे में बाहर से पूरी तरह ठीक लगने वाली एक आंख में कुछ बीमारियां विकसित हो सकती हैं, जो अक्सर धुंधली दृष्टि के लक्षण छोड़ देती हैं। आंखों की बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए नेत्र चिकित्सक आंख को साफ करते हैं, ताकि दृष्टि हानि को रोकने के लिए उपचार प्रभावी हो सके।

परीक्षण के दौरान गहरी समझ के साथ तीक्ष्णता, आंखों के संरेखण और आंखों की गतिविधियों का परीक्षण किया जाता है। ऐसे मामलों में पुतली को बड़ा करने के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि आपके नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों को देखकर किसी भी समस्या की पहचान और निदान कर सकें। कभी-कभी प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से पहले आपके नेत्र विशेषज्ञ ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ जैसी अन्य स्थितियों को  ही पहचान सकते हैं।

सामान्य नेत्र रोग – Common Eye Disease

कोई भी पुरानी बीमारी या अंधापन पैदा करने से पहले कुछ सामान्य आंखों की बीमारियों को रोकने के लिए प्रारंभिक उपचार बहुत ज़रूरी हैं, जैसे:

  • मोतियाबिंद (लेंस का धुंधला होना), जो दृष्टि हानि का प्रमुख कारण है।
  • डायबिटिक रेटिनोपैथी, जो आंख के पीछे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और अंधेपन का अन्य प्रमुख कारण है।
  • उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजेनरेशन, जिसके कारण आंख में प्रकाश के प्रति संवेदनशील ऊतकों की क्रमिक गिरावट होती है।

एक अनुमान के मुताबिक 61 मिलियन लोगों को दृष्टि हानि का ज़्यादा खतरा है और पिछले 12 महीनों में इनमें से सिर्फ लोग ही नेत्र चिकित्सक के पास गए। आंखों की नियमित देखभाल लाखों लोगों की दृष्टि को बनाए रखने में मदद कर सकती है।

आंख की समस्या के लक्षण – Eye Problem Ke Lakshan

अगर आपको आंखों की निम्नलिखित समस्या है, तो अगली नियुक्ति की प्रतीक्षा न करते हुए तुरंत किसी नेत्र चिकित्सक से मिलें, जैसे- 

  • दृष्टि में कमी
  • आंखों में रक्तस्राव या आंखों में लालपन
  • आंख में दर्द
  • दोहरी दृष्टि
  • द्रव का स्राव (आंखों के सामने तैरते हुए छोटे-छोटे धब्बे)
  • रोशनी के चारों तरफ गोले (हैलोज़)
  • लाइट बल्ब

आंखों की जांच की ज़रूरत – Eye Examination Ki Zarurat

बढ़ती उम्र के साथ लोगों को दृष्टि से संबंधित ज़्यादा समस्याएं होती हैं। साथ ही बच्चों को स्वस्थ दृष्टि प्रदान करने के लिए नेत्र परीक्षण या दृष्टि देखभाल की भी ज़रूरत होती है। हालांकि 15 प्रतिशत से कम बच्चों का स्कूल से पहले यानी स्कूल में दाखिला लेने से पहले आंखों का परीक्षण होता है, जबकि 22 प्रतिशत से कम का दृष्टि परीक्षण होता है। दृश्य परीक्षण से सिर्फ निकट-दृष्टि और दूरदर्शिता का पता लगाया जा सकता है, लेकिन यह अन्य आंखों की बीमारियों और उनके कारणों का निदान नहीं कर सकता है। आंखों की बीमारियों के निदान के लिए आंखों का पूरा परीक्षण किया जाना ज़रूरी होता है।

आंख और मस्तिष्क के ठीक से काम नहीं करने से होने वाली दृष्टि में कमी (एम्ब्लियोपिया) के कारण आंखों की बीमारियां होती हैं, जो प्रत्येक सौ में से दो या तीन बच्चों में दृष्टि हानि का सबसे आम कारण है। दृष्टि हानि को रोकने में मदद करने के लिए एम्ब्लियोपिया का तत्काल उपचार करने की ज़रूरत होती है।

आपको कितनी बार नेत्र परीक्षण करवाना चाहिए?

नेत्र चिकित्सक या नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा नियमित रूप से बच्चों की आंखों का परीक्षण किया जाना चाहिए, जबकि डायबिटीज वाले लोगों को हर साल अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए। आमतौर पर जिन वयस्कों को आंखों से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है, उन्हें अभी भी हर तीन साल में एक बार अपनी आंखों का टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए।

कुछ लोगों को ग्लूकोमा होने का ज़्यादा खतरा होता है और ऐसी स्थिति में उन्हें हर दो साल में अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए:

  • 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोग।
  • जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को ग्लूकोमा हुआ हो।

सामान्य नेत्र परीक्षण – Common Eye Test

आप पढ़ने, गाड़ी चलाने, काम करने और इंटरनेट पर सर्फिंग करने जैसे लगभग सभी कामों के लिए अपनी दृष्टि का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि दृष्टि आपके दैनिक जीवन में ज़रूरी भूमिका निभाती है और इसीलिए आपको अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बचाने की ज़रूरत है। इसके लिए आप अपने नेत्र विशेषज्ञ द्वारा नियमित रूप से आंखों का अपॉइंटमेंट लेकर आंखों को स्वस्थ और किसी भी समस्या से बचाकर रख सकते हैं।

आपका कई आम बुनियादी परीक्षणों के बारे में जानना और आंखों की नियमित जांच करवाना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि कभी-कभी बिना जानकारी वाली इन समस्याओं के लक्षणों की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है और यह हमारी आंखों को गंभीर आंतरिक नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में आंखों की समस्या के लिए सही डॉक्टर को चुनना और उपचार के दौरान डॉक्टर को नहीं बदलना सुनिश्चित करें। किसी भी बीमारी का तेजी से इलाज करने के लिए अपने डॉक्टर पर भरोसा करना और उनके द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है।

विजुअल एक्विटी टेस्ट

इस परीक्षण के दौरान नेत्र चिकित्सक द्वारा एक समय में एक आंख से आपसे दूर रखे बोर्ड को बढ़वाया जाता है। इस परीक्षण के ज़रिए आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ दोनों आंखों के परिणाम की जांच करता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रत्येक आंख के लिए दृष्टि का स्तर मानक 20/20 दृष्टि की तुलना में कैसे अलग होता है।

रेटिनोस्कोपी

रेटिनोस्कोपी की मदद से नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी उपयुक्त लेंस स्थिति का मूल्यांकन करते हैं, जिसमें आपको फोरोप्टर को देखना होता है। इस मशीन का इस्तेमाल नेत्र चिकित्सक रेटिनोस्कोपी करने के लिए करते हैं और इस दौरान नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों के सामने अलग-अलग लेंसों की जांच करते हैं। इसमें आपको अपने सामने मुख्य चीज़ या आमतौर पर चार्ट की सबसे ऊंची लाइन में ई अक्षर पर ध्यान केंद्रित करना होता है। एक नेत्र विशेषज्ञ आपकी आंखों में प्रकाश डालकर देखते हैं कि अलग-अलग लेंसों के साथ प्रकाश आपकी आंखों को कैसे प्रभावित करता है।

रिफ्रैक्शन टेस्ट

रेटिनोस्कोपी के साथ एक दोबारा किया गया परीक्षण आपके चश्मे के उपचार का निर्धारण करता है। इस दृष्टि परीक्षण के दौरान आपके द्वारा फोरोप्टर और विपरीत दीवार पर लगे आंखों के चार्ट को देखना शामिल है।

प्रत्येक परीक्षण में आप दो लेंसों की एक सीरीज़ देखते हैं। इस दौरान एक नेत्र विशेषज्ञ बार-बार पूछते हैं कि दोनों में से कौन सा लेंस विकल्प आपको स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है। आपके जवाब के आधार पर नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों में दृष्टिवैषम्य का प्रभाव होने और नहीं होने का निर्धारण करते हैं। इस परीक्षण के माध्यम से यह पता लगाने में भी मदद मिलती है कि आपको चश्मे की ज़रूरत है या नहीं।

केराटोमेट्री टेस्ट

इस परीक्षण में आंख की बाहरी संरचना यानी कॉर्निया को मापा जाता है। कॉर्निया की स्थिति आपके प्रकाश को देखने के तरीके को प्रभावित करती है और इसे वापस परावर्तित करती है। कुछ लोगों में लंबे और छोटे घुमावदार कॉर्निया होते हैं, जो दृष्टिवैषम्य कही जाने वाली आंखों की स्थिति का कारण बनते हैं और इसका निदान करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ केराटोमेट्री परीक्षणों का इस्तेमाल करते हैं। इस परीक्षण के दौरान आप एक खास मशीन को देखते हैं और इसके बाद आपके नेत्र विशेषज्ञ आपकी आंख में फिट होने के लिए इस मशीन को एडजस्ट करके मशीन का माप पढ़ते हैं, जो आपके कॉर्निया का आकार दर्शाती है।

विजुअल फील्ड टेस्ट

कुछ लोग अपनी आंखों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि कुछ अपनी दृष्टि के क्षेत्र के किनारों से भी चीजों को देख सकते हैं। यह देखने का क्षेत्र हमारे बाहरी दृश्य के नाम से जाना जाता है, जिसमें विजुअल फील्ड टेस्ट से हमारी बाहरी धारणा की जांच करने में मदद मिलती है। कई प्रकार के क्षेत्र दृश्य परीक्षण उपलब्ध हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • डिफॉल्ट पैरामीटर: इसमें आपको एक विशेष मशीन को देखना और केंद्र के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना होता हैं। इस दौरान आपको अपने बाहरी दृश्य में एक चमकदार रोशनी दिखाई देने पर एक बटन दबाना होता है।
  • ग्रीन स्क्रीन टेस्ट: इसमें स्क्रीन के बीच में लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। इस टेस्ट में आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी बाहरी दृष्टि से वस्तुओं को अंदर और बाहर ले जाते हैं। आपको बताना होता है कि आप उन्हें पहली बार कब देख सकते हैं और कब वह आपके दृष्टि क्षेत्र में खत्म हो जाते हैं।
  • चेहरे के दृश्य का एक क्षेत्र दृश्य: आपका नेत्र चिकित्सक आपके सामने बैठकर आपकी गोलाकार दृष्टि से अपना हाथ अंदर और बाहर घुमाते हैं। वह आपसे पूछते हैं कि जब आप एक हाथ देखते हैं, तो कितनी उंगलियां ऊपर देखते हैं।

हर परीक्षण से नेत्र चिकित्सक को आपकी बाहरी दृष्टि में अंतराल देखने और आपके दृश्य क्षेत्र की दृष्टि का निर्धारण करने में मदद मिलती है।

असामान्य दबाव की सीमा

एक इंट्राओकुलर प्रेशर टेस्ट आपकी आंखों में तरल पदार्थ द्वारा लगाई गई ताकत या दबाव को मापता है और आंखों में असामान्य दबाव ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है। ग्लूकोमा स्क्रीनिंग मशीन आपकी आंख खोलने के लिए तुरंत हवा भेजती है, जिसके कारण आपकी आंख तुरंत बंद करके प्रतिक्रिया करती है। इस दौरान मशीन आपकी प्रतिक्रिया और आंख में दबाव के आधार पर आपकी आंखों के दबाव को मापती है।

आपके नेत्र चिकित्सक इंट्राओकुलर मैनुअल प्रेशर को मापकर ज़्यादा सटीक रीडिंग प्राप्त कर सकते हैं। इस परीक्षण में विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जो आंतरिक दबाव को मापने के लिए आपकी आंख को धीरे से छूते हैं। परीक्षण से पहले आंखों के डॉक्टर एंटीसेप्टिक ड्रॉप का इस्तेमाल करके यह सुनिश्चित करते हैं कि आप परीक्षण के दौरान लोहे को महसूस नहीं कर रहे हैं। नियमित नेत्र परीक्षण आसान और दर्द रहित होते हैं, इसलिए अपने नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने या दृष्टि की देखभाल के लिए अपने स्थानीय नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास नियमित रूप से जाएं। 

निष्कर्ष – Nishkarsh

आंखों से संबंधित किसी भी समस्या के इलाज के लिए दिल्ली में हमारे आई मंत्रा अस्पताल में विज़िट करें या अधिक जानने कि लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं। हमारे साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप हमें +91- 9711115191 पर कॉल सकते हैं या आप हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं।

हमारी महान और अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ की टीम आपको सर्वोत्तम और सबसे सुरक्षित उपचार प्रदान करने का भरोसा देती है। आई मंत्रा में प्रदान की जाने वाली हमारी सेवाओं में रेटिना सर्जरीचश्मा हटानालेसिक सर्जरीभेंगापनमोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी सहित कई अन्य सेवाएं शामिल है।