रतौंधी (Night blindness): कारण, लक्षण, सही जांच और उपचार

Night blindness: Causes, Symptoms, Diagnosis & Treatment

रतौंधी (Night blindness): कारण, लक्षण, सही जांच और उपचार

नाइट ब्लाइंडनेस क्या है? Night blindness Kya Hai?

रतौंधी या Night blindness यह रात में देखने की समस्या है,  जिसमें रात के समय या कम रोशनी में लोगों को कम दिखायी देता है। यह रेटिना की कोई बीमारी नहीं है, बस दृष्टि दोष है। अंधापन और रतौंधी (नाइट ब्लाइंडनेस) एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। रतौंधी विटामिन ए की कमी के कारण होता है। जिसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में रोगी पूरे तरीके से आँखों की रोशनी खो देता है। अगर आपको देखने में दिक्कत आ रही है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं।

जब आप जान लेंगें की आपकी आँखों के साथ दिक्कत क्या है और वो क्यों हो रहा है। तब आप सही इलाज के लिए कदम उठा पाएंगे।

 

Night Blindness

रतौंधी (Night blindness) के कारण

यह रेटिना में मौजूद कोशिकाओं (सेल्स) के टूटने के कारण होता है। जिसके कारण कम रोशनी में आपको देखने में दिक्कत आती है।

सेल्स के टूटने के कई कारण हो सकते हैंः

ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयांः ग्लूकोमा को  अक्सर “नज़र का मौन चोर” कहा जाता है, क्योंकि इसके कई प्रकारों में आमतौर पर कोई दर्द नहीं होता है और ध्यान देने जैसे, देखने में दिक्कत  होने जैसी समस्या नहीं होती। इसको ठीक करने के लिए कई दवाईयां दी जाती है। जो ग्लूकोमा को बेहतर बनाने में मदद करता है। इन दवाईयों की मदद से आँखों में जा रही प्रकाश की मात्रा को कम किया जाता है। 

लेकिन इन दवाईयों का असर आँखों की कोशिकाओं (सेल्स) पर पड़ता है, जिसके कारण आँखों में रोशनी कम जाती है। साथ ही, कम रोशनी में या रात में देखने में दिक्कत आने लगती है।

लेसिक (LASIK) सर्जरी के दुष्प्रभावः  लेसिक (LASIK)  यानि लेज़र-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइलस, एक आम लेज़र दृष्टि सुधार सर्जरी है। इस प्रक्रिया में लेज़र की मदद से कॉर्निया के आकार को ठीक किया जाता है। ज़्यादातर मामलों में, LASIK  दूर की कमज़ोर नज़र, पास की कमज़ोर नज़र और धुंधली दृष्टि को पूरी तरह से ठीक कर सकती है। साथ ही, यह चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता को भी कम या समाप्त कर सकती है और LASIK सर्जरी आपकी आँखों की दृष्टि को 6/ 6 बनाने में मदद कर सकती है।

लेकिन कुछ मामलों में लेसिक सर्जरी के बाद रोगी को कम रोशनी में धुंधला दिखाई देने लगता है या, लाइट के आस पास एक अजीब तरह का फैलाव नज़र आता है। अगर आप लेसिक करवाने के बारे में सोच रहे हैं। तो इससे पहले अपनी आँखों की जांच ज़रूर करवा लें। यह सुनिश्चि ज़रूर करवालें की कहीं इसकी वजह से आपको रात में देखने में दिक्कत तो नहीं होगी।

विटामिन ए की कमी के कारणः यह रतौंधी (Night blindness) के मुख्य कारणों में से एक है। चूंँकि रोडोप्सिन (रंगों की पहचान करने वाले रिसेप्टर) की संख्या सीमित होती है और इन्हें दोबारा बनाया नहीं जा सकता। विटामिन ए की कमी इन पर असर डालती है। जिसकी वजह से देखने की शक्ति कम होने लगती है। इसलिए ज़रूरी है कि अच्छी दृष्टि के लिए सही मात्रा में पोषण लें।

मधुमेहः मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पहलू है, वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। यह अंधेपन का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। 

अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से आँखों की कोशिकाओं (सेल्स) को बार-बार नुकसान हो सकता है। कई मामलों में दूर और पास देखने की शक्ति गंभीर रूप से प्रभावित होती है। तो कई कई बार रोगी पूरे तरीके से देखने की शक्ति खो देता है। साथ ही, कई रोगियों को रात में दिखना कम या बंद हो जाता है।

जिंक की कमीः शरीर को बेहतरीन ढंग से काम करने के लिए कई विटामिन और मिनरल्स की ज़रूरत होती है। जिंक शरीर के सबसे ज़रूरी मिनरल होता है। जो खाने में हमें बड़ी थोड़ी मात्रा में मिलता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं (सेल्स) में पाया जाता है। इसकी ज़्यादातर मात्रा हड्डियों और मांसपेशियों में जमी हुई होती है। यह हमारे रोग-प्रतिरोध शक्ति (Immunity) से बहतर बनाएं रखता है। इसकी कमी शरीर में कई समस्याएं ला सकती है।

जैसे, जिंक की कमी के कारण भी रतौंधी (Night blindness) हो सकता है। जिंक विटामिन ए को सोकने का बहुत बड़ा माध्यम है। जिसकी कमी से विटमिन ए की कमी भी हो सकती है। 

बहुत ज़्यादा धूप की रोशनीः गर्मी बढ़ने के साथ ही आंखों के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। गर्मी या तेज़ धूप की रोशनी आँखों की कई बीमारियां अपने साथ लेकर आती है। ज़्यादा धूप की वजह से आंखों में जलन, खुजली, दर्द, लालिमा और सूखी आँखों की समस्या बढ़ जाती है। ठीक इसी प्रकार बहुत ज़्यादा समय तक आँखों पर धूप पड़ने से रतौंधी (Night blindness) हो सकती है। क्योंकि बहुत ज़्यादा धूप आपकी आँखों के रेटिना को नुकसान पहुँचा सकता है।

 रतौंधी के लक्षण और संकेत

ऐसे कई लक्षण हैं जो दिखाते हैं कि यह रतौंधी का संकेत है:

  • सरदर्द
  • आँखों में दर्द
  • जी मचलना
  • धुंधली दृष्टि
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना
  • दूर की चीज़ों को देखने में परेशानी
  • कम रोशनी में देखने में दिक्कत होना
  • रात के समय गाड़ी चलाने में दिक्कत होना
  • कम रोशनी में किसी के चेहरे को ठीक से न देखपाना

जोखिम को बढ़ाने वाले कारणः

पोषक तत्वों की कमी

हम जो भी चीज़ खाते हैं उसका असर सीधा आपकी आँखों की सेहत पर पड़ता है। इसलिए अगर हम अपनी डाइट में ऐसे आहारों को जोड़ेंगे, जो हमारी आँखों को सही पोषण दे सके, तो आँख पर होने वाले असर को कम किया जा सकेगा। कई विटामिन और मिनरल्स की कमीं के कारण आँखों में कई समस्याएँ आ सकती हैं।

इसी तरह की कमियों में से एक है विटामिन ए की कमी।  जिससे रतौंधी हो जाती है। साथ ही, जिंक में कई ऐसे तत्व होते हैं जिसकी वजह जो विटामिन ए को सोकते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण रतौंधी हो सकती है।  

स्वास्थ्य

लिवर की समस्याओं के कारण भी रतौंधी हो सकती है। लिवर से जुड़ी कई बीमारियों के कारण लिवर ठीक से काम नहीं करता। जिसकी वजह से शरीर में विटमिन ए की कमी हो जाती है।

जांच

कुछ मामलों में रतौंधी ठीक हो जाती है और कई मामलों में नहीं होती। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका कारण क्या है। समय -समय पर आँखों की जाँच कराते रहना चाहिए। 

पुरानी आँखों से जुड़ी समस्याएं

अगर आपकी दृष्टि खराब हो रही है, तो डॉक्टर आपसे स्वास्थ्य से जुड़े कई सवाल पूछ सकता है। जैसे, कितनी तेज़ी से आप दृष्टि खो रहे है, कब से ये समस्या हो रही है, खान-पान कैसा है, कोई आँखों की सर्जरी तो नहीं हुई और अन्य सवाल।

आँखों की जांचः

रतौंधी (Night blindness) होने पर आँखों की जांच बारीकी से की जानी चाहिए,  किन चीज़ों की जांच करवानी के चाहिए-

  • दूर और पास की चीज़ों को ठीक से देख पा रहे है या नहीं
  • प्रकाश के प्रति आँखों की पुतलियां संवेदनशील है या नहीं
  • सभी चीज़ों का रंग सही रूप में देख पा रहे है या नहीं
  • नज़र कमज़ोर तो नहीं हुई है
  • आँखों के सभी हिस्सों की स्लिट लैंप के ज़रीए बारीकी से जांच करवाना। जिसमें कंजिक्टिवा, कॉर्निया, पलकें, आँखों की पुतलियां, लेंस और आँखों का सफेद भाग शामिल है।

(स्लिट लैंप  जिसे  बायो माइक्रोस्कोपी भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर माइक्रोस्कोप और तेज़ रोशनी की मदद से आँखों की जाँच करते हैं।)

  • आँखों के रेटिना की जांच करवना। इसे फंडोस्कोपिक / ऑप्थल्मोस्कोपिक भी कहते हैं। इसमें एक उपकरण की  मदद से आँखों के कोनों और कुछ हद तक अंदरूनी हिस्सों में लगी चोट की जांच की जाती है। जैसे, आँखें कोरॉइड, रेटिना, विट्रोस और ऑप्टिक नर्वस।

अन्य टेस्ट

डॉक्टर आपको इलेक्ट्रोरेटिनोग्राम करवाने के लिए भी कह सकता है। यह प्रकाश पड़ने पर आँखों में मौजूद रोड्स की प्रतिक्रिया को नापता है। रोड्स आँखों का वो अंदरूनी  हिस्सा है, जो आपको रंग पहचानने में मदद करता है।

विजिअल टेस्ट,  इस बात की जांच करता है कि कहीं आपके ठीक से न देख पाने की वजह ग्लूकोमा और स्ट्रोक तो नहीं है।

रतौंधी का उपचार

  • आँखों की समस्या को लंबे समय से अनदेखा करने से भी रतौंधी हो सकती है।
  • मायोपिया से होने वाली रतौंधी का इलाज है, उसकी जांच तुरंत करवाना और चश्मे का इस्तेमाल है
  • कुछ दवाईयां रतौंधी को ठीक करने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि क्विनिडाइन
  • जन्म से ही रतौंधी से पीड़ित लोगों का इलाज नहीं किया जा सकता
  • जिन लोगों को रतौंधी, विटामिन ए की कमी से है। उनकी खूराक में विटामिन ए वाले पोषक तत्वों को बढ़ाने से उन्हें आराम मिल सकता है।

रतौंधी से बचने के लिए कुछ टिप्सः

Food Sources
  • खून में शुगर की जांच लगातार कराते रहें
  • अपनी खूराक में पोषक तत्वों को बढ़ाएं। खास कर जिंक और विटामिन ए वाले
  • खरबूजा खाने से भी रातौंधी का खतरा कम हो जाता है
  • शकरकंदी का सेवन करें
  • सीता फल खाएं
  • स्क्वैश ( एक प्रकार का कद्दू) खाएं
  • आम खाएं
  • पपीता खाएं
  • नियमित रूप से डॉक्टर से आँखों की जांच करवाएं

हर्बल/ घरेलू इलाजः

(इनका इस्तेमाल आपके देखने की शक्ति बढ़ा सकता है)

  • ब्लूबेरी 
  • जामुन
  • सिंहपर्णी (Dandelion)- एक प्रकार का फूल जो पीले रंग का होता है
  • अंगूर
  • फूलों की पंखुड़ियों
  • आँखों में डालने वाला गुलाब जल

क्या आप भी आँखों की समस्याओं से परेशान है?

निष्कर्ष

आँखों की नियमित तौर पर जांच करवाएं। धूप में निकलते वक्त धूप का चश्मा और तोपी पहने। जिससे आपकी आँखों पर तेज़ धूप न लगे। लेकिन अगर आपको रंतौंधी (Night blindness) हो गयी है,  तो अपना और अपनों का ख़्याल रखें। शुरूआत में आपको कई परेशानियां आएंगी पर दवाईयों को इस्तेमाल करने के बाद आपको फ़र्क नज़र आएगा। 

रात से संबंधित किसी भी सलाह के लिए, अंधापन हमारे नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करता है। वे आपके लिए सबसे अच्छा सुझाव देंगे। सलाह और प्रश्नों के लिए वेबसाइट पर जाएँ या Eyemantra । हम रेटिना सर्जरी , चश्मा हटाने , मोतियाबिंद सर्जरी , और कई और अधिक जैसी विभिन्न सेवाएं भी प्रदान करते हैं ।

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