आंखों की बीमारी (Eye Diseases)

क्या पिंग्यूकुला और टेरिजियम समान हैं? Kya Pinguecula Aur Pterygium Same Hain?

पिंग्यूकुला किसे कहते हैं? Pinguecula Kise Kehte Hain?

पिंग्यूकुला कंजक्टिवा पर विकसित होने वाली एक ग्रोथ है। आमतौर पर पिंग्यूकुला का विस्तार पीले रंग का होता है, जो नाक के सबसे पास के किनारे पर बनता है और कंजक्टिवा आंखों के सफेद हिस्से को ढ़कने वाली एक पारदर्शी झिल्ली है। पिंग्यूकुला प्रोटीन, फैट और कैल्शियम से मिलकर बनता है। यह छोटा होता है, जिस पर शायद ही किसी का ध्यान जाता है या यह बड़ा भी हो सकता है और परेशानी का कारण भी बन सकता है। 

लक्षण – Lakshan

पिंग्यूकुला में एक या दोनों आंखों के सफेद हिस्से पर पीला धब्बा या गांठ हो सकती है, जो पिंग्यूकुला के मुख्य लक्षणों में से एक है। यह धब्बा गोल या त्रिकोणीय भी हो सकता है। अक्सर पिंग्यूकुला की समस्या वाले ज्यादातर लोगों को सिर्फ हल्के लक्षणों का अहसास ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में किसी व्यक्ति को एक या दोनों आंखों में बाद के लक्षण भी महसूस हो सकते हैं, जैसे:

वर्ष 2017 के एक रिव्यू के मुताबिक, एक पिंग्यूकुला अटेंशन के कॉर्निया पर नहीं बढ़ता है। इससे पता चलता है कि पिंग्यूकुला के किसी व्यक्ति की दृष्टि में हस्तक्षेप करने का सिर्फ एक ही जोखिम काफी है।

कारण – Karan

पिंग्यूकुला अटेंशन के सफेद भाग के अंदर एक पीले क्षेत्र के रूप में उभर सकता है। जो लोग सूरज की यूवी किरणों के संपर्क में बहुत ज़्यादा आते हैं, उनमें भी पिंग्यूकुला विकसित होने की संभावना ज़्यादा हो सकती है। वर्ष 2019 के रिव्यू में भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोगों में पिंग्यूकुला के ज़्यादा आम होने की बात कही गई है। यहां सूरज की किरणें सबसे स्ट्रॉन्ग होती हैं। ड्राईनेस, धूल और हवा के हाई एक्सपोज़र की वजह से भी किसी व्यक्ति में पिंग्यूकुला विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। वर्ष 2019 की एक स्टडी के अनुसार, सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से व्यक्ति में पिंग्यूकुला विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।

निदान – Nidan

अगर किसी व्यक्ति को अपनी आंखों में कोई बदलाव नज़र आता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। तब डॉक्टर किसी व्यक्ति को एक विशेषज्ञ नेत्र रोग विशेषज्ञ या ऑप्टोमेट्रिस्ट के पास भेज सकते हैं। इस दौरान आंखों के डॉक्टर एक मैग्निफाइंग लेंस लगाने वाले खास प्रकाश के तहत अटेंशन की जांच कर सकते हैं। आमतौर पर यह प्रक्रिया उन्हें एक पिंग्यूकुला का पता लगाने और उसका निदान करने में मदद करती है। अगर पिंग्यूकुला लक्षण पैदा कर रहा है, तो वह किसी भी परेशानी को मैनेज करने में व्यक्ति की सहायता के लिए कुछ उपयुक्त उपचारों की सलाह दे सकते हैं।

उपचार – Upchar

पिंग्यूकुला को आमतौर पर उपचार की ज़रूरत नहीं होती है। हालांकि अगर यह परेशान करने वाले लक्षण पैदा करता है, तो कोई व्यक्ति ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) या डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की से इसे ठीक करने की कोशिश कर सकता है। सर्जरी आमतौर पर उन पिंग्यूकुला के लिए रिजर्व होती है, जो आंखों में गंभीर जलन पैदा करती है। इसके साथ ही कॉस्मेटिक मामलों के कारण वाले लोगों में भी पिंग्यूकुला को सर्जरी से ठीक किया जाता है। दिए गए निम्नलिखित सेक्शन में इन उपचार विकल्पों को ज़्यादा विस्तार से समझ सकते हैं।

ओटीसी दवाएं

ओटीसी आई ड्रॉप सूखेपन, जलन और खुजली जैसे लक्षणों में भी मदद कर सकती है। कुछ ड्रॉप्स को “बनावटी आंसू” (Artificial Tears) के रूप में लेबल किया जाता है, जो आंखों को लुब्रिकेंट करने में मदद के लिए असली आंसू की तरह ही काम करते हैं। कई बनावटी आंसूओं में प्रिजर्वेटिव मौजूद होते हैं, जो कुछ लोगों की आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं। आंखों में जलन वाले किसी व्यक्ति को प्रिजर्वेटिव-फ्री ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने के बारे में सोचना चाहिए, जो सिंगल-यूज शीशियों में मिलते हैं। इसके अलावा आंखों के मलहम भी उपलब्ध हैं, जो बनावटी आंसुओं की तुलना में लंबे समय तक आंखों के अंदर बने रहते हैं। यह सूखेपन और समस्या के ज़्यादा गंभीर मामलों के लिए उपयुक्त होते हैं। लोगों को अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ को उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी आई ड्रॉप के बारे में ज़रूर बताना चाहिए।

प्रिस्क्रिप्शन दवाएं

अगर ओटीसी आई ड्रॉप और मलहम से पिंग्यूकुला के लक्षण कम होते हैं, तो डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन आई ड्रॉप को आजमाने की सलाह दी जा सकती है। स्टेरॉयड युक्त आई ड्रॉप सूजन और उभार को कम करने में मदद कर सकती हैं। यह आई ड्रॉप आंख के अंदर रेत या ग्रिट होने के गंभीर अहसास को भी कम करने में मदद करते हैं।

सर्जरी – Surgery

अगर किसी व्यक्ति को ओटीसी या प्रिस्क्रिप्शन ट्रीटमेंट से लक्षणों में राहत नहीं मिलती है, तो उस व्यक्ति के लिए सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है। कई लोग कॉस्मेटिक कारणों से पिंग्यूकुला को हटाना पसंद कर सकते हैं और पिंग्यूकुला को हटाने का काम एक सर्जन द्वारा किया जाता है। इसमें वह एक खास गोंद का इस्तेमाल करते हैं, ताकि स्वस्थ कंजक्टिवा को बदला जा सके। वर्ष 2019 की स्टडी में पाया गया कि स्वस्थ कंजक्टिवा टिश्यू के एक ग्राफ्ट के साथ कंबाइंड सर्जरी पिंग्यूकुला को हटा सकती है और इससे जुड़ी ड्राई आईज़ के लक्षणों को कम कर सकती है।

पिंग्यूकुला बनाम टेरिजियम – Pinguecula v/s Pterygium

बहुत से लोग पिंग्यूकुला और टेरिजियम दोनों को एक समान मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। एक पिंग्यूकुला आपके श्वेतपटल यानी कंजक्टिवा (स्क्लेरा) में मौजूद एक पीले रंग की गांठ या पैच हो सकता है, जबकि एक टेरिजियम फ्लेशी टिश्यू का विकास हो सकता है, जो कॉर्निया के ऊपर बढ़ेगा। एक पिंग्यूकुला से एक टेरिजियम का विकास हो सकता है। अगर एक पिंग्यूकुला बढ़ता है, तो यह एक अन्य प्रकार की वृद्धि है, जिसे टेरिजियम कहा जाता है।

एक पिंग्यूकुला की तरह एक टेरिजियम भी अटेंशन के कंजक्टिवा पर बढ़ता है। एक पिंग्यूकुला के अलावा एक टेरिजियम की अपनी ब्लड वेसल्स होती हैं। इस वजह से एक टेरिजियम आमतौर पर बड़ा होता है, जो लाल, गुलाबी या पीला भी हो सकता है। एक टेरिजियम एक पिंग्यूकुला की तुलना में ज़्यादा लक्षण पैदा कर सकता है और एक टेरिजियम के अतिरिक्त रूप से किसी व्यक्ति की दृष्टि में हस्तक्षेप करने की ज़्यादा गुंजाइश है।

बचाव – Bachav

पिंग्यूकुला के विकास के लिए सूरज की रोशनी एक जोखिम कारक होती है, इसलिए लोगों को अपनी आंखों को सूरज से बचाने के लिए सावधान रहना चाहिए। ऐसा करने से मोतियाबिंद और कैंसर जैसी अन्य आंखों की स्थितियों को रोकने में भी मदद मिलती है। कोई व्यक्ति अपनी आंखों को सूरज की रोशनी और अन्य परेशानियों से बचाने के लिए निम्नलिखित कोशिश कर सकता है, जैसे- 

रैपराउंड धूप का चश्मा पहनना

रैपअराउंड सनग्लासेस या धूप का चश्मा 99 से 100 प्रतिशत यूवी किरणों को रोकते हैं। लोगों को इन्हें बारह जाते वक्त या किसी गाड़ी में चढ़ते हुए इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। फिर भले ही भले ही बादल छाए हों, बारिश हो, बर्फ़ पड़ रही हो या कोई भी मौसम हो।

चौड़ी टोपी पहनना

चौड़ी टोपी सूरज की किरणों को चेहरे और आंखों से दूर रखने में मदद करती है।

प्रोटेक्टिव आई गियर पहनना

धूल या गंदे वातावरण में काम करते वक्त लोगों को सुरक्षा चश्मा या आंखों के लिए उपयुक्त अन्य सुरक्षात्मक चीजें पहननी चाहिए।

ड्राई आईज़ मैनेजमेंट

अगर किसी व्यक्ति की आंखें सूखी हैं, तो उन्हें आंखों को लुब्रिकेंट बनाए रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के बारे में अपने आंखों के डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

निष्कर्ष – Nishkarsh

पिंग्यूकुला या टेरिजियम आंखों की किसी भी समस्या के लिए दिल्ली के बेस्ट आंखों के हॉस्पिटल आई मंत्रा में विज़िट करें। ज़्यादा जानकारी के लिए आई मंत्रा की वेबसाइट eyemantra.in पर जा सकते हैं। 

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