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आंख में रक्तस्राव को आमतौर पर सबकंजक्टिवल हैमरेज भी कहते हैं। इस स्थिति में आपकी आंख के सफेद हिस्से पर एक या एक से ज़्यादा खून के धब्बे दिखाई देते हैं, जो मुख्य रूप से आपकी आंख की स्पष्ट सतह यानी कंजक्टिवा के नीचे स्थित एक छोटी रक्त वाहिका के टूटने की वजह से होता है। स्क्लेरा को ढकने वाले छोटे ऊतक को कंजक्टिवा के नाम से जाना जाता है। कंजक्टिवा नेत्रगोलक (आईबॉल) की सबसे बाहरी सुरक्षात्मक परत है, जो रक्त को तुरंत अवशोषित नहीं कर पाती है, जिसके कारण रक्त फंस जाता है।
आंख में रक्तस्राव आंख के सफेद हिस्से पर चमकीले लाल या गहरे लाल धब्बे जैसा दिखता है। अक्सर लोगों को आंख में रक्तस्राव होने का एहसास आईने देखकर नोटिस करने पर होता है, जिसमें वह अपनी आंख के सफेद हिस्से को चमकीले लाल रंग का पाते हैं, लेकिन इससे पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी आंखों में हल्की जलन महसूस हो सकती है।
कभी-कभी आपकी आंख को बिना किसी स्पष्ट नुकसान के एक आंख में रक्तस्राव दिखाई दे सकता है। इसका अन्य कारण तेज छींक या खांसी भी हो सकते हैं, जिससे हमारी आंखों की रक्त वाहिका टूट सकती है और इसका इलाज करने की कोई जरूरत नहीं है। आपके लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं, लेकिन आंख में रक्तस्राव आमतौर पर हानिरहित स्थिति है, जो दो हफ्ते के अंदर अपने आप ठीक हो जाती है।
आपकी आंख के सफेद हिस्से (स्क्लेरा) पर गहरे लाल या चमकीले लाल पैच की मौजूदगी आंख में रक्तस्राव का सबसे स्पष्ट लक्षण है। आंखों के लाल दिखाई देने से आपकी दृष्टि को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। दर्दरहित इस स्थिति में आपकी आंख से कोई निर्वहन नहीं देखा जाता है, लेकिन इस दौरान आपको आपकी आंख की सतह पर खरोंच और परेशानी का अहसास ज़रूर हो सकता है।
आंख में रक्तस्राव के कुछ संभावित कारक इस प्रकार हैं।
नवजात शिशुओं में प्रसव के दौरान सबकंजक्टिवल हैमरेज होने की संभावना ज़्यादा होती है, जिन्हें मासिक धर्म (मेंस्ट्रुएशन) में भी देखा जा सकता है।
ज्यादातर मामलों में आंख में रक्तस्राव अपने आप होते हैं, जो किसी खास जोखिम कारकों से जुड़े नहीं होते हैं। अगर आंख में रक्तस्राव की प्रकृति सहज नहीं है, तो जोखिम वाले कारकों में आंख का ट्रॉमा, कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल, आंखों की सर्जरी और कुछ दवाओं का इस्तेमाल करना शामिल हो सकता है, जो थक्के को रोक या रक्तस्राव को प्रोत्साहित कर सकते हैं। प्लेटलेट काउंट या संवहनी (Vascular Fragility) नाजुकता को कम करती है। बढ़ी हुई संवहनी नाजुकता और बढ़ती उम्र के बीच इसके संबंध के कारण बढ़ती उम्र में नेत्रश्लेष्मला रक्तस्राव (कंजक्टिवाइटल हैमरेज) का एक बढ़ा जोखिम भी शामिल है।
जटिलताएं
आंख में रक्तस्राव के कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताएं बहुत कम होती हैं। अगर आपका रक्तस्राव ट्रॉमा के कारण होता है, तो आपका नेत्र चिकित्सक यह सुनिश्चित करने के लिए आपकी आंख की जांच कर सकता है कि आपको कोई अन्य आंखों की जटिलता या चोट तो नहीं है।
अगर आप एस्पिरिन या ब्लड थिनर ले रहे हैं, तो इनका इस्तेमाल आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय तक जारी रखना चाहिए। अगर आपकी आंख में रक्तस्राव का कारण पहचाना जा सकता है, जैसे रक्तस्राव विकार या रक्त को पतला करने वाली दवा, तो अपने डॉक्टर संपर्क करें और उनसे आंख में रक्तस्राव के जोखिम को कम करने के लिए उठाए जा सकने वाले संभावित कदमों के बारे में पूछें। अगर आपको आंख रगड़ने का अहसास होता है, तो इसे धीरे से करें क्योंकि ऐसे करने से आपकी आंखों को मामूली चोट पहुंच सकती है, जिससे आंख में रक्तस्राव हो सकता है।
आईड्रॉप और लुब्रिकेंट बनावटी आंसूओं की मदद से आंख में रक्तस्राव की समस्या को शांत किया जा सकता हैं। हालांकि इनसे रक्त वाहिकाओं की ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन आई ड्रॉप से आपको आंखों में होने वाली खुजली से छुटकारा मिल सकता है। इस स्थिति में जितना संभव हो आंखों को छूने से बचें, क्योंकि इससे दोबारा रक्तस्राव हो सकता है। उपचार में जटिलताएं तब तक दुर्लभ होती हैं, जब तक कि चोट ट्रॉमा के कारण न हो, ऐसे में डॉक्टर को यह देखने के लिए आंखों का परीक्षण करना पड़ता है कि क्या कोई अन्य जटिलताएं हुई हैं।
अगर आंखों का रक्तस्राव दो सप्ताह में ठीक नहीं होता या समस्या कई बार हुई है, तो किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ (आंखों की देखभाल और सर्जरी में माहिर चिकित्सक) के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें। इसके अलावा दोनों आंखों में एक साथ रक्तस्राव होने पर डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह आसान चोट लगने या मसूड़ों से खून बहने की शुरुआत के कारण हो सकता है। निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर से तुरंत सलाह लें, जैसे-
रक्तस्राव विकार यानी सबकंजक्टिवल हैमरेज जैसी किसी गंभीर समस्या का पता लगाने के लिए आपको खून की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। उपचार के लिए डॉक्टर आई ड्रॉप या अन्य दवाएं लिख सकते हैं। इस समस्या के लिये एंटीबायोटिक आईड्रॉप और मलहम का परामर्श भी दिया जा सकता है। आंखों का यह रक्तस्राव आमतौर पर एक या दो हफ्ते के अंदर आंख में अवशोषित हो जाता है, इसिलिए इस दौरान आपको किसी भी उपचार की ज़रूरत नहीं हो सकती है, लेकिन खंरोच जैसे प्रभावित क्षेत्र का रंग बदल सकता है। ऐसा शरीर के ठीक होने के कारण होता है, जिसके लिए परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है। इसका प्रभाव लंबे समय कर नहीं रहता है और इसमें कोई निशान या दृष्टि हानि शामिल नहीं है। ऐसे मामले बहुत कम हैं, जिनमें इससे कोई गंभीर समस्या हो सकती है।
रक्तस्राव एक ही स्थान पर आंख के रूप में कई बार होने के कारण यह समस्या हो सकती है। इसका मतलब है कि कंजक्टिवा के अंदर एक असामान्य रूप से नाजुक कोशिका होती है, जिसकी दीवारें पतली होती हैं और अपने आप फट जाती हैं। आंखों के डॉक्टर इस समस्या की पहचान करके लेजर या डायथर्मी यूनिट से गर्मी का इस्तेमाल करके रक्त वाहिका को बंद कर सकते हैं।
लंबे समय के लिए बदलाव
स्थिति में सुधार के साथ आप अपनी आंखों के स्वरूप में भी बदलाव देख सकते हैं। बेहतर स्थिति में ब्लड पैच का क्षेत्र आकार में बढ़ सकता है, जो पीला या गुलाबी हो सकता है। ऐसी स्थिति सामान्य है, जो धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगी।
अगर आपको बार-बार सबकंजक्टिवाइटल हेमरेज या कोई अन्य रक्तस्राव होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर सिर्फ आंख को देखकर ही आंखों के रक्तस्राव का निदान आसानी से कर सकते हैं और आमतौर पर इसमें किसी अन्य परीक्षण की ज़रूरत नहीं होती है। अगर यह स्थिति बार-बार होती है, तो डॉक्टर के पास कुछ सवालों का उत्तर देना पड़ सकता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
आंखों का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा नियमित रूप से आपकी आंखों की जांच करवाना है, क्योंकि एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ही आपकी आंखों की बीमारी के इलाज के सर्वोत्तम तरीके का आंकलन करने में सक्षम होंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
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