Contents
नेत्र परीक्षण या आई एग्ज़ाम (Eye Exam) में आपकी दृष्टि का मूल्यांकन करने और आंखों की किसी भी बीमारी होने का पता लगाने के लिए परीक्षणों की एक सीरीज़ शामिल होती है। आपका ऑप्थामोलॉजिस्ट आंखों के परीक्षण के लिए कई उपकरणों का इस्तेमाल कर सकता है। आंखों की सही देखभाल के लिए और दृष्टि से संबंधित किसी भी समस्या से बचाव के लिए एक सालाना नेत्र परीक्षण ज़रूरी है। इसे मुख्य रूप से नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऑप्टोमेट्रिस्ट, ऑर्थोप्टिस्ट या एक ऑप्टिशियन द्वारा किया जाता है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर अक्सर समय-समय पर और पूरे नेत्र परीक्षण की सलाह देते हैं।
एक आंखों का परीक्षण आंखों की समस्याओं का जल्द से जल्द पता लगाने में मदद करता है। इससे उनका इलाज वक्त पर किया जा सकता है, इसलिए बार-बार आंखों का परीक्षण करवाना बहुत फायदेमंद होता है।
मरीज़ों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले तीन सवाल हैं, जैसे-
नेत्र परीक्षण कराने की आवृत्ति में उम्र और स्वास्थ्य जैसे कारक शामिल हैं।
इन स्थितियों में आपको बार-बार आंखों की जांच करानी चाहिए, जैसे-
तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए उनके बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशियन) आंखों की सामान्य समस्याओं, जैसे आलसी आंख, क्रॉस-आई और गलत तरीके से संरेखित आंख का पता लगाएंगे। ऐसी किसी भी आंख की समस्या के लक्षण दिखने पर बच्चे के लिए एक व्यापक नेत्र परीक्षण कराना ठीक रहेगा।
अगर आपके परिवार में दृष्टि से जुड़ी कोई समस्या नहीं है और आपके बच्चे में ऐसी समस्याओं के कोई लक्षण नहीं हैं, तो वह एक या दो साल में अपनी आंखों की जांच करवा सकते हैं। उनमें दृष्टि समस्याओं के लक्षण दिखने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थल्मोलॉजिस्ट) आपको निर्धारित नेत्र परीक्षण की सलाह दे सकते हैं।
अगर आपको किसी भी आंख की बीमारी के लक्षण नहीं हैं, तो आप अपनी आंखों की जांच हर तरह से करवा सकते हैं, जैसे-
नेत्र परीक्षण या आई एग्ज़ाम के प्रकार निम्नलिखित हैं-
रेटिनोस्कोप के इस्तेमाल से आपका डॉक्टर इस परीक्षण में आपकी अपवर्तक त्रुटि (रिफ्रैक्टिव एरर) की शार्पनेस तय कर सकता है। जब डॉक्टर को पता चलता है कि आपको रेटिनोस्कोपी की विधि के इस्तेमाल से प्रिस्क्रिप्शन ग्लास की ज़रूरत है, तो वह आपके लिए ज़रूरी लेंस की ताकत की पहचान कर सकता है।
विज़ुअल एक्विटी टेस्ट या दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण से आपकी दृष्टि की शार्पनेस को मापा जाता है। इसकी मदद से उस दूरी को तय किया जाता है, जिससे आप परफेक्ट विज़न बनाए रख सकते हैं। परीक्षण में आपको अक्षरों या प्रतीकों के एक चार्ट को अलग-अलग दूर से देखना होता है। इससे यह तय करने में मदद मिलती है कि आपकी दृष्टि दूर से कितनी अच्छी और किस दूरी से सही है।
कलर ब्लाइंडनेस को वर्णांधता या रंग दृष्टिहीनता के नाम से भी जाना जाता है। आप कलर ब्लाइंडनेस की स्थिति में आपस में मिले रंगों में अंतर नहीं कर सकते। इसका पता लगाने के लिए एक साधारण टेस्ट किया जाता है। इसमें अलग-अलग क्रमांकित चार्ट दिए जाते हैं, जो आपको भ्रम में डाल सकते हैं। इसमें बिंदीदार और बहुरंगी रूपों में संख्याएं होंगी, जिससे आपके लिए इसे पहचानना मुश्किल हो जाएगा।
स्लिप लैंप टेस्ट को बायोमाइक्रोकॉपी के तौर पर भी जाना जाता है। यह नेत्र परीक्षण तब किया जाता है, जब सामान्य आंखों की जांच आपकी आंखों की समस्याओं का पता लगाने में फेल हो जाती है। ऐसे में नेत्र रोग विशेषज्ञ मुख्य आंखों की समस्याओं की पहचान के लिए एक माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं।
नेत्र परीक्षण की लागत या कीमत इसके तीन कारकों पर निर्भर करती है, जैसे-
इन तीन बिंदुओं के मूल्यांकन के बाद नेत्र परीक्षण के लिए उचित लागत निकाली जा सकती है।
आईमंत्रा हॉस्पिटल में कम दृष्टि, कंजक्टिवाइटिस और आंखों की अन्य बीमारियों के लिए कई तरह के नेत्र परीक्षण किये जाते हैं। आंखों की किसी भी समस्या के लिए आज ही हमारे आईमंत्रा हॉस्पिटल में आएं। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर विज़िट कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए +91-9711115191 पर कॉल करें या eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हमारी अन्य सेवाओं में रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी सहित कई अन्य सेवाएं शामिल हैं।