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ऑर्थोकेरेटोलॉजी को आमतौर पर ऑर्थो-के भी कहा जाता है। खासतौर से डिज़ाइन किए गए इन फिट गैस-परमाएबल कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल से अस्थायी रूप से कॉर्निया को फिर आकार दिया जाता है, जिससे आंखों की दृष्टि में सुधार होता है। यह निकटदृष्टिता (मायोपिया), दूरदर्शिता (हाइपरोपिया) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिगमेटिज्म) जैसी अपवर्तक त्रुटियों (रिफ्रैक्टिव एरर्स) को कम करता है। इसके अलावा ऑर्थोकरेटोलॉजी आंखों की सर्जरी किए बिना चश्मे से छुटकारा पाने का एक बेहतर तरीका है।
ऑर्थोकरेटोलॉजी आंखों की दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिसके कारण इसकी तुलना डेंटल ब्रेसेस से की जा सकती है। इन्हें ज़्यादातर रात के दौरान पहना जाता है, क्योंकि यह सोते समय कॉर्निया के सामने की सतह को फिर से आकार देते हैं। आपकी दृष्टि में सुधार रिवर्सेबल है, लेकिन अगर आप अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित लेंस पहनते हैं, तो दृष्टि को बनाए रखा जा सकता है।
ऑर्थो-के लेंस का दूसरा नाम कॉर्नियल रीशेपिंग कॉन्टैक्ट लेंस है, जिसे मायोपिया को सही या नियंत्रित करने के लिए ओवरनाइट कॉन्टैक्ट संपर्क लेंस भी कहते हैं। आप बिना कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मे के एक-दो या शायद उससे ज़्यादा समय तक देख पाएंगे।
कॉर्निया आंख की फोकस करने की ज़्यादातर क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ कॉर्नियल टोपोग्राफर उपकरण का इस्तेमाल करके आपके कॉर्निया का विश्लेषण करेगा और फिर वह आपकी आंखों के लिए खासतौर से एक लेंस डिजाइन करेगा। कॉर्नियल मैप बनाने के लिए प्रकाश आंख की सतह से रिफ्लेक्ट होता है। पूरी तरह दर्द रहित इस प्रक्रिया के दौरान मशीन आपकी आंख को नहीं छुएगी। आपके कॉर्निया के आकार और घुमाव को कॉर्नियल टोपोग्राफी मैप के ज़रिए दिखाया जाता है।
आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश को मुड़ा हुआ पाने पर लेंस को बदला जाता है। यह कॉर्निया के केंद्र को समतल करता है। ऑर्थो-के लेंस को आमतौर पर रात भर पहना जाता है, जबकि दिन के दौरान यह हटा दिए जाते हैं। ऑर्थो-के लेंस रिगिड के साथ ही गैस-परमाएबल होते हैं और कॉर्निया को दोबारा आकार देने के लिए पूरी तरह मजबूत होते हैं। यह आंखों को स्वस्थ रखने के लिए ऑक्सीजन को पास होने देते हैं।
ऑर्थो-के लेंस हटाने के बाद कॉर्निया थोड़ी देर के लिए चपटा रहता है, जिससे दृष्टि में होने वाले अस्थायी सुधार के कारण चश्मे की ज़रूरत नहीं होती है। एक बार रात के समय लेंस पहनना बंद करने से आपकी दृष्टि वापस वहीं आ जाती है, जहां आपने शुरुआत की थी यानी अपवर्तक त्रुटि (Refractive error) वापस आ जाएगी, इसलिए बेहतर दृष्टि बनाए रखने के लिए आपको लेंस नियमित रूप से रात भर पहनना चाहिए।
कॉर्नियल रिफ्रैक्टिव थेरेपी यानी सीआरटी, पैरागॉन सीआरटी (Paragon CRT) का एक प्रोप्राइटरी लेंस डिजाइन और फिटिंग मेथड है, जो कॉर्नियल रीशेपिंग लेंस के लिए एक विशेष ब्रांड है। हालांकि, सीआरटी तकनीकी रूप से ऑर्थोकरेटोलॉजी से अलग है, जिसका इस्तेमाल एक जैसे उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
ऑर्थो-के से ठीक होने वाली दृष्टि समस्याएं-
ऑर्थोकरेटोलॉजी के साथ रिफ्रैक्टिव एरर के प्रकार और मात्रा का असरदार मैनेजमेंट अलग-अलग मामलों के आधार पर अलग होता है। ऐसे में आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ ही इससे संबंधित ज़्यादा बेहतर सुझाव दे सकता है।
ऑर्थो-के से अपेक्षाएं-
ज़्यादा से ज़्यादा बेहतर दृष्टि प्राप्त करने के लिए ऑर्थो-के को 2 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है। कुछ लोगों को कुछ दिनों में दृष्टि में सुधार महसूस हो सकता है।
ऑर्थोकरेटोलॉजी इंफेक्शन के बढ़ते जोखिम (माइक्रोबियल/बैक्टीरियल केराटाइटिस) के साथ आती है। बच्चे और किशोर अपने कॉन्टैक्ट लेंस को साफ नहीं रख सकते, जिसके कारण उनमें इस जोखिम के प्रति ज़्यादा संवेदनशीलता होती है। कॉन्टैक्ट लेंस पहनना आंखों के इंफेक्शन के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है और आंखों के इंफेक्शन के आजीवन दृष्टि हानि जैसे गंभीर नतीजे होते हैं। आंखों में हाइपोक्सिया का बढ़ना ऑर्थो-के लेंस इस्तेमाल करने होने वाला सबसे गंभीर खतरा है, जिसके परिणामस्वरूप कॉर्निया में सूजन आने के साथ ही बादल भी बन सकते हैं। इसमें जोखिम पर्याप्त है, लेकिन कनाडाई नेत्र रोग विशेषज्ञ सोसायटी यानी सीओएस इस प्रक्रिया को प्रमाणित नहीं करती है। इसलिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के प्रिस्क्रिप्शन के बगैर ऑर्थो-के का इस्तेमाल करने से गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इसके साथ ही ऑर्थो-के का इस्तेमाल करते वक्त आपको नियमित रूप से अपने विज़न की जांच करवानी चाहिए।
हल्के से मध्यम मायोपिया (हल्के दृष्टिवैषम्य के साथ या बिना) वाले लोगों को ऑर्थो-के के लिए एक अच्छे कैंडीडेट के रूप में बांटा जा सकता है। कम जोखिम वाले ऑर्थो-के लेंस का प्रभाव अस्थायी होता है और आप इन्हें इस्तेमाल करना कभी भी बंद कर सकते हैं। ऑर्थो-के के लिए अच्छे उम्मीदवार वह बच्चे और युवा वयस्क हैं, जो चश्मे से छुटकारा पाना चाहते हैं और सर्जरी के लिए नहीं जा सकते। इसके साथ ही कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स में भाग लेने वाले या धूल भरा काम करने की स्थिति वाले लोग हमेशा ऑर्थो-के के लिए अच्छे उम्मीदवार होते हैं।
ऑप्टोमेट्रिस्ट और नेत्र रोग विशेषज्ञ दोनों ही ऑर्थो-के लेंस को फिट करने का काम करते हैं। किसी ऑप्टोमेट्रिस्ट या नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में इस काम को एक कॉन्टैक्ट लेंस टेक्नीशियन भी कर सकता है। ऑर्थो-के एक खास तरह की फिटिंग है, जिसके कारण सभी नेत्र चिकित्सक यह काम नहीं कर सकते। अगर आप ऑर्थोकरेटोलॉजी के लिए जाना चाहते हैं, तो किसी ऐसे नेत्र चिकित्सक के पास जाएं, जो लेंस लगाने का विशेषज्ञ हो।
ऑर्थो-के लेंस काफी महंगे होते हैं, इसलिए ऑर्थोकरेटोलॉजी के लिए आने से पहले लोग दूसरे सस्ते विकल्पों और बेहतर ज्ञात तरीकों के लिए जाते हैं। कुछ मामलों में लोग बीमा कवर ऑर्थो-के लेंस के लिए भुगतान करते हैं। लेंस की फिटिंग सहित ऑर्थो-के की कीमत रिफ्रैक्टिव एरर की डिग्री और प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। ऑर्थो-के लेंस की प्राइस रेंज 1,000 डॉलर से 4,000 डॉलर के बीच अलग होती है। चल रहे लेंस की रिप्लेसमेंट कॉस्ट, लेंस के सॉल्यूशन और फॉलो-अप एक्ज़ाम रेंज 300 डॉलर से 500 डॉलर प्रति वर्ष के बीच होती है।
ऑर्थोकरेटोलॉजी के बारे में निम्नलिखित मिथक हैं, जिनके बारे में बताना ज़रूरी है।
अगर आप भी मायोपिया, हाइपरोपिया या दृष्टिवैषम्य की हल्की या मध्यम डिग्री से गुजर रहे हैं और कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनने से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो अभी हमारे दिल्ली के आईमंत्रा हॉस्पिटल में विज़िट करें। एक्सपर्ट नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम से परामर्श के लिए हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जाएं।
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