दृष्टि 20/20 का मतलब स्वस्थ आंख की सामान्य दृष्टि है, क्योंकि 20/20 दृष्टि वाले लोग 20 फीट की दूरी पर स्थित किसी वस्तु को बहुत स्पष्ट तरीके से देखने में सक्षम होते हैं। वहीं कुछ लोगों की दृष्टि 20/100 होती है, जिसमें आपको वस्तु से 20 फीट नज़दीक खड़ा होना पड़ता है, जबकि सामान्य आंख यानी 20/20 दृष्टि वाले व्यक्ति 100 फीट की दूरी पर रखी समान वस्तु को बिना किसी परेशानी के स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। आपके पास 20/20 दृष्टि होने का मतलब पूर्ण दृष्टि होना नहीं है, बल्कि 20/20 विजन सिर्फ दूर से आपकी दृष्टि की स्पष्टता और तीक्ष्णता के बारे में बताता है। एक संपूर्ण दृष्टि के लिए कुछ ज़रूरी चीज़े हैं, जैसे-
यह सभी दृष्टि क्षमताएं आपकी संपूर्ण दृश्य क्षमता में योगदान करती हैं। कुछ लोग एक निश्चित दूरी पर रखी चीजों को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं, लेकिन नज़दीक रखे जाने पर उन्हें वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। इस स्थिति का कारण दूरदर्शिता (हाइपरोपिया) या फोकस करने की क्षमता का नुकसान (प्रेसबायोपिया) है। इसी तरह कुछ लोग पास में रखे जाने पर चीजों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, जबकि एक निश्चित दूरी पर रखे जाने पर वह एक ही चीज को देखने में सक्षम नहीं होते हैं और यह स्थिति निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) के कारण होती है।
डॉक्टर आंखों में मौजूद समस्याओं का निदान करने के लिए आपकी आंखों की जांच करते हैं। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर आपकी दृष्टि समस्याओं को ठीक करने या उन्हें सुधारने में मदद करने के लिए कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मे की सलाह देते हैं। अगर आपको आंखों की बीमारी के कारण दृष्टि से संबंधित कोई समस्या है, तो उन्हें ठीक करने के लिए आपको डॉक्टर द्वारा कुछ दवाएं और मलहम दिए जाएंगे।
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आंखों के परीक्षण में दृष्टि और आंखों की बीमारियों की जांच के लिए कई परीक्षण शामिल होते हैं, जिसके लिए आपके आंखों के डॉक्टर अलग-अलग प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए आपकी आंखों पर चमकदार रोशनी चमकना, जिसे स्लिट लैंप परीक्षण के नाम से जाना जाता है।
नेत्र परीक्षण के निम्नलिखित प्रकार हैं, जैसे-
विजुअल एक्विटी टेस्ट
इस परीक्षण में आंखों का एक चार्ट पढ़ना शामिल है, जिसमें नीचे जाने पर अक्षरों का आकार धीरे-धीरे कम होता जाता है। यह आपकी दृष्टि की जांच करने के लिए सबसे आम आंखों के परीक्षण में से एक है।
रेटिनोस्कोपी
रेटिनोस्कॉपी परीक्षण के लिए आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा एक फोरोप्टर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन पर कई डायल और चाबियां होती हैं, जिससे आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ को आपकी आंखों की जांच करने में मदद मिलती है। एक रेटिनोस्कोपी की सहायता से नेत्र रोग विशेषज्ञ आपके ऑप्टिमल लेंस प्रिस्क्रिप्शन का अंदाज़ा लगाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। आपके मशीन में देखते समय डॉक्टर लेंस बदल देते हैं। इस दौरान आपको अपने सामने एक प्रमुख वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने होता है, जिसके बाद डॉक्टर आपकी आंखों में देखने और ठीक से आंखों की जांच करने के लिए एक चमकदार रोशनी यानी स्लिट लैंप का इस्तेमाल करते हैं।
रिफ्रैक्शन टेस्ट
अपवर्तन परीक्षण या रिफ्रैक्शन टेस्ट की मदद से नेत्र विशेषज्ञ आपके चश्मे के नुस्खे की जांच करते हैं। इस दृष्टि परीक्षण में आपको विपरीत दीवार पर लगे आंखों के चार्ट को देखना होता है। पूरे परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी आंखों के सामने कुछ लेंस लगाने और स्विच करने के बाद आपसे सवाल पूछते हैं कि किस लेंस से आपको स्पष्ट दृष्टि मिली या किस लेंस ने आपकी आंखों के तनाव को कम किया। इस पूरी प्रक्रिया में जिस लेंस के साथ आप सबसे ज़्यादा सहज होते हैं, उसी के आधार पर डॉक्टर आपके लिए निकट-दृष्टि (मायोपिया) या दूर-दृष्टि वाले लेंस लिखते हैं।
पेरिफेरल विजुअल फील्ड टेस्ट
कुछ लोग हमारी आंखों को सीधे देखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि कुछ लोग अपने दृश्य क्षेत्र के किनारों से भी वस्तुओं को देख सकते हैं। इसे परिधीय दृष्टि (पेरिफेरल विजन) कहते हैं, जिसमें दृश्य क्षेत्र परीक्षण से हमारी परिधीय दृष्टि का मूल्यांकन किया जाता है।
इस परीक्षण में आप एक खास मशीन में देखते हुए केंद्र में एक स्थान पर ध्यान केंद्रित करते हैं। आपको हर बार अपनी परिधीय दृष्टि में एक प्रकाश फ्लैश दिखाई देने पर एक बटन दबाना होता है। कई प्रकार के परिधीय दृश्य क्षेत्र परीक्षण मौजूद हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
धुंधली दृष्टि या आंखों में दर्द जैसी किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा नियमित रूप से अपको अपनी आंखों की जांच करवाना बेहद ज़रूरी है। इस दौरान आपके साथ किए जाने वाले अतिरिक्त परीक्षण के बारे में डॉक्टर से ज़रूर पूछें।
आंखों की नियमित जांच निम्न कारणों से जरूरी है:
नेत्र परीक्षण से नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों को प्रभावित करने वाली बड़ी स्वास्थ्य स्थितियों और उसके लक्षणों का पता लगा सकते हैं, जैसे- डायबिटीज़ और प्रेशर। बच्चों के लिए आंखों की जांच बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भेंगापन, आलसी आंख या अदूरदर्शिता जैसी किसी भी दृश्य कठिनाइयों का पता लगाने में मदद मिलती है और समय पर इनका इलाज किया जा सकता है।
इन सभी आंखों के परीक्षण से यह देखा जाता है कि आपकी आंखें सही स्थिति में हैं या नहीं। आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या दिखाई देने पर डॉक्टर आपकी आंखों के लिए जरूरी तथ्यों के बारे में बताएंगे, इसलिए आपको नियमित रूप से आंखों की जांच के लिए जाना चाहिए। कई मामले ऐसे भी हैं, जिनमें एक व्यक्ति आंखों की बीमारी से पीड़ित है लेकिन उसके कोई लक्षण नहीं हैं। ऐसी स्थितियां गंभीर स्थिति पैदा करती हैं और आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं।
विजन 20/20 का मतलब पूर्ण दृष्टि नहीं है, क्योंकि 20/20 दृष्टि होने के बाद भी व्यक्ति को आंखों की समस्या हो सकती है। 20/20 दृष्टि का मतलब आपके रेटिना में बनने वाली छवि का तेज और स्पष्ट होना है। आंखों की सभी समस्याओं का प्रमुख उपाय चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस है। आंखों की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों की समस्याओं में सुधार के लिए कुछ दवाओं और मलहमों की ज़रूरत होती है। ऐसे में आपको नियमित रूप से अपनी आंखों का परीक्षण करवाना बहुत जरूरी है, जिससे आपको समय-समय पर आंखों के स्वस्थ होने या नहीं होने के बारे में पता चल सके।
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