आंखों की बीमारी (Eye Diseases)

तस्वीरों में लाल आंखें: कारण, समस्या और बचाव – Red Eye Photos: Karan, Samasya Aur Bachav

तस्वीरों में लाल आंखों का प्रभाव क्या है? Photos Mein Red Eye Effect Kya Hai?

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ तस्वीरों में आपकी आंखें लाल दिखाई देती हैं। रंगीन तस्वीरों में लाल आंखों का मतलब पुतलियों का लाल दिखना है, लेकिन कई बार यह लाल आंखें मोतियाबिंद या रेटिनल डिटेचमेंट जैसी गंभीर आंख की समस्या का संकेत दे सकती हैं। आंखों की यह स्थिति बहुत दुर्लभ है, जो ज्यादातर समय लाल आंखों का मुख्य कारण कैमरे से फ्लैशलाइट का रिफ्लेक्शन होता है।

तस्वीरों में असामान्य लाल आंखों से आंखों की समस्याओं का पता लगाने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह आंखों के बारे में संभावित दृष्टि बचाने वाली जानकारी भी प्रदान कर सकती हैं। लाल आंखों का प्रभाव अंधेरे या कम रोशनी में कैप्चर किया जाता है। ऐसा तब किया जा सकता है, जब कोई व्यक्ति सीधे कैमरे में देख रहा हो और बैकग्राउंड की रोशनी कम होने पर फ्लैश चालू हो।

तस्वीरों में लाल आंखों का कारण – Photos Mein Red Eye Ka Karan?

तस्वीरों से लाल आंखों का प्रभाव बहुत ही सामान्य और हल्का होता है। यह प्रभाव कैमरा फ्लैश के रेटिना से परावर्तित होने पर देखा जाता है। आंखों में प्रकाश के प्रवेश से पुतली फैल जाती है, जिससे प्रकाश आंख की आंतरिक परत यानी रेटिना तक पहुंच जाता है। रेटिना प्रकाश के संकेतों को प्राप्त करके उन्हें मस्तिष्क भेजता है, जो छवि बनाता है।

तस्वीरों के मामले में फ्लैश लाइट पूरी तरह से रेटिना द्वारा अवशोषित नहीं होती और लाल आंखें प्रभाव पैदा करते हुए वापस परावर्तित हो जाती है। यह रेटिना में खून की कमी को प्रकाशित करता है, जिससे आपको चित्रों में दिखाई देने वाले लाल रंग का निर्माण होता है।

बहुत बार असामान्य लाल आंखें रिफ्लेक्स होती हैं, जो कुछ तस्वीरों में सफेद, पीले या काले रंग के रिफ्लेक्शन के तौर पर दिखाई देता है। यह एक आंख या दोनों आंखों में हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर यह एक आंख की स्थिति की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। अगर आप ऐसा कोई भी असामान्य लक्षण देखते हैं, तो तुरंत एक नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें।

लाल आंख से जुड़ी समस्याएं – Red Eye Problems

कभी-कभी यह असामान्य लाल प्रतिबिंब कुछ खतरनाक आंखों की समस्या का संकेत दे सकते हैं, जैसे-

भेंगापन

भेंगापन (स्टैबिस्मस) को आलसी आंख, सक्विंट आई या क्रॉस आई के नाम से भी जाना जाता है। भेंगापन एक आंख की स्थिति है, जिसमें दोनों आंखें एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर काम नहीं करती हैं यानी ऐसी आंखों वाले लोग एक वक्त पर एक जगह नहीं देख सकते। इसलिए अगर एक आंख लाल नहीं दिखाई देती, तो इसका मतलब है कि एक आंख कैमरे में और दूसरी आंख किसी दूसरी दिशा में देख रही थी।

मोतियाबिंद या रेटिनोब्लास्टोमा

आपकी पुतली का सफेद रिफ्लेक्स से ढका होना मोतियाबिंद, रेटिनल डिटेचमेंट या रेटिनोब्लास्टोमा की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। यह बचपन में होने वाला आंख का एक दुर्लभ और गंभीर कैंसर है। हालांकि ज्यादातर समय इसका इलाज संभव है।

कोट्स डिजीज

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण आंख के अंदर मौजूद रेटिना की ब्लड वेसल्स मुड़ जाती हैं और टपकने लगती हैं। यह रेटिना में ब्लॉक का कारण बनता है, जिससे कारण दृष्टि हानि या रेटिनल डिटेचमेंट की समस्या भी हो सकती है। साथ ही इस बीमारी के कारण पीला रिफ्लेक्स भी हो सकता है।

तस्वीरों में लाल आंखों के प्रभाव से बचाव – Photos Mein Red Eyes Effect Prevention

तस्वीरों में लाल आंखों के प्रभाव से बचने के निम्नलिखित उपाय हैंः 

  • अपनी आंखों को कैमरे के लेंस से दूर रखें: लाल आंखों का मुख्य कारण फ्लैश को देखना है। अगर आप सीधे फ्लैश को नहीं देखते हैं, तो इससे तस्वीरों में लाल आंखों की संभावना को कम किया जा सकता है। सीधे कैमरे की तरफ नहीं देखने से आंखें सीधे फ्लैश लाइट को पकड़ने से रोकेंगी, जिससे आंखों के लाल होने की संभावना कम हो जाएगी।
  • उचित रोशनी वाले कमरे में रहें: वातावरण में अंधेरा होने से हमारी पुतली ज़्यादा फैल जाती हैं, जिसके कारण तस्वीरों में लाल आंखें आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर कमरे में रोशनी की उचित मात्रा है, तो यह लाल आंखों की संभावना को खत्म कर सकता है।
  • एंटी-रेड आई फंक्शन का इस्तेमाल करें: कैमरे के नए वर्जन में लाल आंखों के प्रभाव को खत्म करने के लिए एंटी-रेड आई फंक्शन सुविधा दी जाती है, जिसकी मदद से फ्रेम के लिए उचित तस्वीरें कैप्चर करने में भी मदद मिलती है। इस सुविधा के तहत कैमरा तस्वीर लेने से पहले एक प्रकाश उत्सर्जित करता है, जिसकी वजह से किसी व्यक्ति की पुतलियां तस्वीरों में लाल आंखों की संभावना को कम करती हैं।
  • फ्लैश को कैमरे से दूर ले जाएं: अगर आप बाहरी फ्लैश वाले कैमरे का इस्तेमाल करते हैं, तो आप फ्लैश को कैमरे से दूर ले जा सकते हैं। ऐसा करके भी तस्वीरों में लाल आंखों की समस्या को कम किया जा सकता है, क्योंकि फ्लैश कैमरे से लेंस की दूरी प्रकाश को पुतली से लेंस तक रिफ्लैक्ट होने से रोकती है।
  • इसे बाद में ठीक करें: लाल आंखों वाली तस्वीरों को स्मार्टफ़ोन और अन्य ऐप्स में नए एडिटिंग वाले सिस्टम से ठीक करके डाउनलोड भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद रेड-आई रिमूवर फीचर आपकी लाल आंखों वाली तस्वीर को बेहतर बनाता है।

क्या तस्वीरों में सिर्फ एक लाल आंख से कोई समस्या है?

ज़्यादातर समय तस्वीरों में एक लाल-आंख होती है। इसका कारण तस्वीर लेते समय किसी व्यक्ति द्वारा एक आंख से सीधे लेंस को देखना हो सकता है। वहीं इस दौरान दूसरी आंख थोड़े अलग कोण या किसी अन्य वस्तु को देख रही होती है, जिसके कारण तस्वीरों में एक आंख लाल दिखाई देती है। 

दूसरे शब्दों में कहें, तो तस्वीर में एक लाल आंख होने का मतलब है कि व्यक्ति की एक आंख कैमरे में देख रही थी और दूसरी नहीं, लेकिन इसका मतलब भेंगेपन यानी स्ट्रैबिस्मस जैसी आंख की स्थिति भी हो सकता है, जिसमें आंखें गलत संरेखित होती हैं। यह कभी-कभी एक आंख में लालपन यानी ट्यूमर या मोतियाबिंद जैसी एक आंख की बीमारी का संकेत दे सकती है, जिसका इलाज ज़रूरी होता है। अगर आपकी सभी तस्वीरों में एक लाल आंख दिखाई देती है, तो आपको बिना देर किए आंखों की जांच के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

लाल आंखों से जुड़े प्रश्न – Red Eye Questions

तस्वीरों में दिखाई देने वाली लाल आंखों के बारे में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न हैंः

  • ग्रुप फोटोज में सिर्फ कुछ ही लोगों की लाल-आंख क्यों आती हैं?

ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ लोग सीधे कैमरे के लेंस पर नहीं देखते, जिसके कारण लाल आंखों के प्रभाव की संभावना खत्म हो जाती है।

  • बच्चों की तस्वीरों में लाल-आंखें क्या दर्शाती हैं?

तस्वीरों में बच्चों के लिए लाल-आंख विकास का एक अच्छा संकेत है। यह दर्शाता है कि बच्चे का रेटिना ठीक और स्वस्थ है। तस्वीरों में एक बच्चे की आंखें वयस्कों की तुलना में ज़्यादा लाल होती हैं, क्योंकि कम रोशनी में उनकी आंखें तेजी से फैलती हैं।

  • बच्चों की आंख में सफेद या पीली चमक क्या है?

आंख में सफेद या पीले रंग की चमक को ल्यूकोकोरिया के नाम से जाना जाता है, जो कोट की बीमारी से पीड़ित गंभीर आंख की स्थिति का संकेत है। कई मामलों में यह एक आंख के इंफेक्शन या रेटिनल डिटेचमेंट को भी दर्शाती है।

  • क्या आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए?

तस्वीरों में लाल आंखें किसी आंख की स्थिति का संकेत नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ रेटिना से प्रकाश के परावर्तन के कारण होता है, लेकिन अगर फ्लैश के संपर्क में आने पर आपको आंखों में कोई काला धब्बा या फ्लोटर्स दिखाई देता है, तो आपको आंखों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

निष्कर्ष – Nishkarsh

अगर आप भी ऐसा कोई लक्षण महसूस कर रहें हैं, तो आज ही हमारे दिल्ली के आई मंत्रा हास्पिटल में आएं, जहां अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों की हमारी टीम आपकी बीमारी के इलाज का सर्वोत्तम तरीके से इलाज करने में सक्षम है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट eyemantra.in पर जा सकते हैं। अपनी अपॉइंटमेट बुक करने के लिए हमें अभी +91-9711115191 पर कॉल करें या हमें eyemantra1@gmail.com पर मेल करें। हम रेटिना सर्जरीचश्मा हटानालेसिक सर्जरीभेंगापनमोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी आदि सेवाएं प्रदान करते हैं।