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लेसिक सर्जरी आंखों की वह सर्जरी है, जो आपको चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। लेसिक एक लेज़र सर्जरी है, जिसके ज़रिए आपकी आंखों में मायोपिया (नज़दीकी समस्या), हाइपरोपिया (दूरदृष्टि समस्या) या प्रेसबायोपिया (दूर-पास) जैसी दृष्टि समस्याओं को ठीक किया जाता है। यह सर्जरी आपकी आंखों में आने वाले प्रकाश और रेटिना पर छवि बनाने में मदद करती है, ताकि रेटिना से पहले या उससे आगे किसी भी बिंदु के बजाय रेटिना पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस सर्जरी से आपके रेटिना पर छवि को पूरी तरह से बनने में मदद मिलती है, जिससे आप वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
सर्जरी के दौरान डॉक्टर मरीज़ के कई कॉर्नियल टिश्यू को बाहर निकालकर इसे सख्त बनाते हैं। सर्जरी से पहले मरीज़ के कॉर्निया की माप और किसी भी तरह की अनियमितता की जांच करना ज़रूरी होता है। इसके साथ ही सर्जरी से पहले मरीज़ को कई आईड्रॉप या दवाएं दी जाती हैं, ताकि उन्हें आराम महसूस हो सके, क्योंकि सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान मरीज़ की आंखें खुली रखने के लिए डॉक्टर किसी तरह के उपकरण का इस्तेमाल करते हैं। इस सर्जरी में मरीज़ से आंखें को स्थिर रखने वाले प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जाता है, जिसके बाद डॉक्टर एक खास तरह के ब्लेड से कॉर्निया में फालतु या डैमेज टिश्यू को काटते हैं और ज़रूरत के मुताबिक उस हिस्से को दोबारा आकार देते हैं। इस प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग तीस मिनट का समय लगता है।
सर्जरी से पहले निम्नलिखित सावधानियों का पालन ज़रूरी हैं, जैसे-
सर्जरी के बाद मरीज़ों को आंखों में खुजली, पानी आना या जलन जैसी कुछ सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही उनकी दृष्टि थोड़ी धुंधली भी हो सकती है, जिसके लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई आईड्रॉप और दवाओं से उन्हें राहत महसूस होगी। मरीज़ की आंखों को स्थिर होने में कुछ महीनों का वक्त लग सकता है, लेकिन इस दौरान आपको ध्यान रखना होगा कि आपकी कोई भी अपॉइंटमेंट मिस न हो। सर्जरी के बाद आंखों को उचित आराम देना ज़रूरी है, क्योंकि सर्जरी के तुरंत बाद काम शुरू करने से आपकी आंखों को काफी नुकसान हो सकता है।
हालांकि टेक्नोलॉजी में तरक्की से इस सर्जरी की सफलता दर भी काफी ज़्यादा बढ़ी है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी शामिल हैं-
लेसिक सर्जरी की कीमत आंखों के अलग-अलग केंद्रों में अलग होती है। कम से कम पांच हज़ार रुपये प्रति आंख से शुरु होने वाली इस सर्जरी की अधिकतम कीमत एक लाख रुपये से ज़्यादा है। आमतौर पर कई लेज़र केंद्र पुरानी तकनीक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सबसे कम मेडिकल सेफ्टी प्रोटोकॉल और गुणवत्ता नियंत्रण के कारण यह काफी सस्ता है। बहुत सस्ते लेज़रों के लिए कुछ केंद्र आपसे कम शुल्क ले सकते हैं, क्योंकि वह डिस्पोजेबल का दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं और किसी भी तरह की परेशानी से निपटने के लिए इन केंद्रों में विशेषज्ञ नहीं होते। कुछ हॉस्पिटल में मरीजों के एचआईवी जैसे टेस्ट नहीं किए जाते हैं, जिसके लिए लेसिक सेंटर चुनते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
भारत में बेसिक लेसिक सर्जरी का स्टेंडर्ड रेट लगभग 50,000 आईएनआर से 1 लाख और बेसिक लेसिक उपचार लागत 20,000 से 50,000 आईएनआर तक हो सकती है। वहीं बिना ब्लेड वाले लेसिक उपचार के साथ प्रीमियम सेवाओं वाले उच्च श्रेणी के हॉस्पिटल इस सर्जरी के लिए एक लाख या इससे ज़्यादा शुल्क ले सकते हैं, जबकि सर्जरी की कीमत इस्तेमाल किए गए उपकरणों और कई अन्य कारकों के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होती है।
वैकल्पिक होने के कारण इस सर्जरी की कोई बीमा पॉलिसी नहीं है। इसमें प्री-सर्जरी, ऑपरेशन और पोस्ट ऑपरेटिव एक्ज़ामिनेशन से लेकर सब कुछ शामिल है। अलग-अलग हॉस्पिटलों में इसकी कीमत अलग हो सकती है, क्योंकि कई अस्पतालों में कई तरह के सर्जन, प्रक्रिया, सर्जरी में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों के प्रकार की गुणवत्ता और आंखों की अलग-अलग स्थिति होती है।
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