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आँखों का दर्द क्या है? Aankhon Ka Dard Kya Hai?
आँखों का दर्द वह स्थिति है, जिसमें एक या दोनों आँखों में या उसके आसपास अचानक परेशानी महसूस होने लगती है। इसमें लोगों को जलन महसूस हो सकती है। यह धुंधली दृष्टि, खुजली, लालपन या आंखों से पानी आने का कारण भी हो सकता है। आँखों में दर्द की समस्या आँखों को रगड़ने से, लंबे समय तक कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने से, गलत चश्मा पहनने से, आँखों में कुछ गिर जाने आदि के कारण हो सकती है। आँखों के आसपास दर्द साइनस इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है। इससे आँखों के आसपास दर्द और नेत्रगोलक (आईबॉल) में दर्द और दबाव शामिल है। कभी-कभी आँखों के अलग-अलग हिस्सों में भी समस्या होने के कारण आँख में दर्द होता है। आँखों के यह भाग होते हैं, जैसे:-
- आईरीस (IRIS): आँखों का रंगीन भाग
- कॉर्निया (CORNEA): आईरीस के ऊपर एक क्लीयर डोम
- प्यूपिल (PUPIL): आईरीस में ब्लैक सर्कुलर ओपनिंग, जो प्रकाश को अंदर आने देता है।
- स्केलरा (SCLERA): आंख का सफेद भाग
- कंजक्टिवा (CONJUNCTIVA): ऊतक (टीशू) की एक पतली परत, जो कॉर्निया को छोड़कर आंख के ठीक सामने होती है।
अचानक आँखों में दर्द होना – Aachanak Aankhon Mein Dard Hona
आँखों में दर्द कभी-कभी बहुत गंभीर होता है क्योंकि ये गंभीर मुश्किलें पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति में आपको कभी भी देरी नहीं करनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ज़रूरी होने पर अपना इलाज जल्द से जल्द शुरू करें और बिना किसी डॉक्टर की सलाह के कोई दवा ना लें। इलाज के बारे में अपने नियम और कानून खुद न बनाएं। बल्कि डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का ठीक से पालन करें क्योंकि वह आपको किसी भी गंभीर चोट से बचा सकते हैं।
अगर आपको नीचे बताई गई कोई परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें, जैसे-
- आँखों में या उसके आसपास सूजन हो जाना।
- तेज़ सिरदर्द, बुखार या आँखों में संवेदनशीलता होना।
- दृष्टि में अचानक परिवर्तन आ जाना।
- आँखों से लगातार पानी आना या मवाद निकलना।
- मतली या उल्टी जैसा लगना।
- आपके चश्मा पहनने के बाद भी खुजली और आँखों का दर्द होना।
- रोशनी के संपर्क में आने पर या स्क्रीन देखते समय आँखों में जलन होना।
आँखों में दर्द के कारण – Aankhon Mein Dard Ke Kaaran
आँखों के दर्द के सबसे आम कारण इस प्रकार है:
- कॉर्नियल विकार (Corneal Disorder): कॉर्निया हमारी आँख के सबसे संवेदनशील हिस्सों में से एक है। कॉर्निया गंदगी, कीटाणुओं या किसी अन्य हानिकारक कणों को बाहर रखने में बाधा के रूप में कार्य करता है जो आँखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कॉर्नियल डिसऑर्डर से पीड़ित लोग लोग दर्द, आँखों से पानी आना या दृष्टि में कमी का अनुभव कर सकते हैं। कॉर्निया में गहरी चोट वाले लोग आँखों में दर्द, लालपन, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, आँखों का उभार, मतली आदि जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। उल्लिखित लक्षणों के किसी भी लक्षण का अनुभव करने वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि आँख की जांच के बाद इसका निदान किया जा सकता है। एक बार कारण की पहचान हो जाने के बाद डॉक्टर संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक दवाएँ लिख देते हैं।
- बाहरी वस्तु (Foreign Body): यह बाहरी वस्तु जैसे हवा, धूल, नाखूनों या मेकअप ऐप्लिकेटर के छोटे कणों को संदर्भित करता है। एक बार जब उन्हें हटा दिया जाता है, तो यह कॉर्निया पर खरोंच का कारण बन सकता है। आँखों को धोकर इसे हटाया तो जा सकता है लेकिन आँखों में किसी भी तरह की जलन या दर्द महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। आपकी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर आपको आई ड्रॉप लेने की सलाह दे सकते हैं।
- कॉर्नियल घर्षण (Corneal Abrasion): यह तब होता है जब कोई बाहरी वस्तु आपकी आँखों पर खरोंच छोड़ देती है या जब कॉन्टैक्ट लेंस का अनुचित उपयोग किया जाता है। कॉर्नियल घर्षण आमतौर पर इतना गंभीर नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह संक्रमण का कारण भी बन सकता है।
- संक्रमण (Infections): यह गंभीर घर्षण या लेंस के अनुचित उपयोग के कारण होता है। इसके परिणामस्वरूप आँखों और आस-पास के क्षेत्रों में जलन हो सकती है, जिससे सूजी हुई आँखें, खुजली या हल्की संवेदनशीलता हो सकती है।
- सूखी आँख (Dry Eye): यह आमतौर पर आँखों में खिंचाव या शुष्क हवा के मौसम के कारण होने वाली एक अल्पकालिक समस्या है। इससे आँखों में खुजली, जलन और दर्द हो सकता है। यदि आप इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर द्वारा निर्धारित आई ड्रॉप का उपयोग करें।
- ग्लूकोमा (Glaucoma): यह उम्र से संबंधित आँखों की समस्या है जो ऑप्टिक नसों को प्रभावित करती है (रेटिना से मस्तिष्क तक चीजों को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार है)। इससे स्पष्ट दृष्टि हानि या आँखों के पिछले हिस्से में गंभीर दर्द हो सकता है। इसलिए इस समस्या को डॉक्टर को दिखाना बहुत ज़रूरी है, अन्यथा मरीज़ अपनी पूरी दृष्टि भी खो सकता है।
- स्टाइस (Styes): स्टाइस मवाद से भरी हुई गांठें होती हैं जो पलकों के पास बनती हैं। यह बेहद दर्दनाक होती हैं और इन्हें छूने पर आँखों में जलन भी होती है। आप एक गर्म और धुले कपड़े को आँख पर रखकर कुछ समय के लिए दर्द से राहत पा सकते हैं। यदि आप लगातार दर्द और जलन का अनुभव कर रहे हैं, तो आगे की सलाह के लिए किसी नेत्र चिकित्सक से परामर्श लें।
- ब्लेफेराइटिस (Blepharitis): यह कोई गंभीर समस्या नहीं है और इसके लिए डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेने की भी आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि इससे पलकों में दर्द होता है और आमतौर पर यह समस्या रात भर लगाए गए मेकअप को हटा देने से होती है।
- साइनस संक्रमण (Sinus Infection): इससे आँखों के आसपास दर्द होता है और आँखों के पीछे दबाव बढ़ जाता है, जिससे आँखों में तेज़ दर्द होता है। इस संक्रमण का इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के साथ-साथ नाक का स्प्रे भी लिखते हैं।
आँखों के दर्द का उपचार – Aankhon Ke Dard Ka Upchaar
आँखों के दर्द के लिए घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:
- कोल्ड कंप्रेस (Cold Compress): दर्द और सूजन से बचाव के लिए दिन में 2 से 3 बार ठंडे और धुले साफ कपड़े को अपनी आँखों पर रखें और ठंडा सेक दें।
- अरंडी का तेल (Castor Oil): अरंडी के तेल के साथ आई ड्रॉप भी आँखों की जलन को कम करती है। इसे सोने से पहले एक बार ज़रूर लगाएं।
- एलोवेरा (Aloevera): यह एंटी-बैक्टीरियल गुणों से लड़ता है। एक चम्मच एलोवेरा में दो चम्मच पानी मिलाकर रुई में भिगोकर आँखों के आसपास लगाएं। 10 मिनट के लिए अपनी आँखें बंद करें और उन्हें आराम करने दें। यह आपकी आँखों को ठंडा रखता है और जलन से बचाता है।
आँखों के दर्द के लिए दवा:
- आई ड्रॉप्स (Eye Drops): यह कॉर्नियल घर्षण, कॉर्नियल फ्लैश बर्न, इरिटिस का इलाज करती है।
- आई ऑइंटमेंट्स (Eye Ointments): आमतौर पर इसका कंजक्टिविटीज़ के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
- छोटी सुई या कॉटन टिप एप्लीकेटर (Small Needle or Cotton Tip Applicator): आँखों से बाहरी निकायों या वस्तु को हटाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- बेबी शैम्पू (Baby Shampoo): पलकों से अतिरिक्त तेल को हटाने और ब्लेफेराइटिस से उबरने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
माइग्रेन जैसी कुछ समस्याओं को नियमित उपचार की आवश्यकता होती है जैसे कि मोट्रिन, क्योंकि उन्हें ठीक होने के लिए लंबी अवधि तक चलने वाली दवाओं की आवश्यकता होती है।
आँखों के दर्द का बचाव – Aankhon Ke Dard Ka Bachaav
ऊपर कुछ उपचार दिए गए हैं जो डॉक्टर आपको आपकी आँखों के दर्द को ठीक करने के लिए सुझा सकते हैं। लेकिन अगर आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपकी आँखों में दर्द का कारण कुछ बड़ा है, तो वह नीचे दी गए नामों में से आँखों की जांच कर सकते हैं। परीक्षण उस संभावित स्थिति के आधार पर किया जाएगा जिस पर उन्हें संदेह है। आँखों के कुछ टेस्टों के नाम इस प्रकार हैं:
- विज़ुअल एक्यूटी टेस्ट (Visual Acuity Test)
- फ्लोरेसिन स्टेनिंग (Fluorescein Staining)
- टोनोमेट्री आई प्रेशर टेस्ट (Tonometry Eye Pressure Test)
- रेटिनल टेस्ट (Retinal Test)
- स्लिट-लैंप एग्ज़ामिनेशन (Slit-Lamp Examination)
निष्कर्ष – Nishkarsh
आखिर में निष्कर्ष के तौर पर यही कहा जा सकता है कि अगर आँखों में दर्द के कारण का सही समय पर पता लगा लिया जाए और सही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इससे होने वाली दूसरी परेशानियों से बचा जा सकता है। अगर आप अपनी आँखों के दर्द का इलाज दिल्ली के नेत्र चिकित्सक विशेषज्ञ से करवाना चाहते हैं या इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप आईमंत्रा से संपर्क कर सकते हैं या EyeMantra.in पर भी जा सकते हैं। हम रेटिना सर्जरी, स्पैक्स रिमूवल्स, मोतियाबिंद सर्जरी, ग्लूकोमा सर्जरी आदि अन्य सेवाएँ भी प्रदान करते हैं। आईमंत्रा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आप +91-9711115191 पर कॉल कर सकते हैं या फिर [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं।
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