Contents
- 1 आई लेसिक क्या है – What Is I LASIK Surgery In Hindi
- 2 आई लेसिक सर्जरी के प्रकार – Types of I LASIK Surgery In Hindi
- 3 आई लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया – Procedure of I LASIK Surgery In Hindi
- 4 आई लेसिक सर्जरी के फायदे – Benefits of I LASIK Surgery In Hindi
- 5 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
- 6 आई मंत्रा – Eye Mantra In Hindi
आई लेसिक क्या है – What Is I LASIK Surgery In Hindi
आंखों की लेजर सर्जरी में आई लेसिक नई और सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया है, जिसमें दृष्टि को ठीक करने के लिए दो लेजर का उपयोग किया जाता है। पहली लेजर का उपयोग सर्जन कॉर्निया में फ्लैप बनाने के लिए करते हैं। जबकि, दूसरी लेजर के उपयोग से कॉर्निया को फिर से आकार दिया जाता है। ट्रेडिशनल लेसिक सर्जरी के मुकाबले आई लेसिक सर्जरी कम आक्रामक है और इसका रिकवरी पीरियड भी बहुत कम होता है। आई लेसिक सर्जरी एक आउट पेशेंट प्रक्रिया है, जिसमें रात भर अस्पताल में नहीं रहना पड़ता। प्रक्रिया में लगभग 30 मिनट लगते हैं और इस दौरान आप जागते रहेंगे।
इस सर्जिकल प्रक्रिया में दर्द से राहत देने के लिए आपको सुन्न करने वाली ड्रॉप दी जाती है। आई लेसिक सर्जरी के दो प्रकार हैं: ट्रेडिशनल और कस्टम आई लेसिक। इनमें ट्रेडिशनल आई लेसिक सबसे आम प्रकार है, जिसका उपयोग नज़दीकीपन, दूरदृष्टि और दृष्टिवैषम्य के इलाज में किया जाता है। हालांकि, कस्टम आई लेसिक एक नई प्रकार की आई लेसिक सर्जरी है। यह आपकी आंख का नक्शा बनाने के लिए वेवफ्रंट तकनीक का उपयोग करती है। इस मानचित्र को आपकी दृष्टि संबंधी विशेष जरूरतों के लिए लेजर उपचार कस्टमाइज करने के लिए उपयोग किया जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में एक लंबा सफर तय करने वाली आंखों की लेजर सर्जरी के क्षेत्र में आई लेसिक सबसे बड़ी प्रगति है। यह आंखों की ट्रेडिशनल लेजर सर्जरी प्रक्रियाओं पर बहुत फायदेमंद है। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको आई लेसिक के कार्य, प्रक्रिया और सर्जरी के लिए सही उम्मीदवार जैसी कई जरूरी जानकारी प्रदान की गई है। इसके अलावा हम आई लेसिक सर्जरी से संबंधित कुछ फायदे, बेहतर दृष्टि गुणवत्ता और तेज रिकवरी पीरियड पर भी चर्चा करेंगे। इसलिए, अगर आप आंखों की लेजर सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो आज ही किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
आई लेसिक सर्जरी के प्रकार – Types of I LASIK Surgery In Hindi
आई लेसिक सर्जरी कई प्रकार की होती हैं, जिसमें लेसिक इसका सबसे आम प्रकार है। यह प्रक्रिया कॉर्निया में एक पतली फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग करती है। इसके अलावा आई लेसिक के अन्य प्रकारों में पीआरके, लासेक और एपी-लेसिक सर्जरी शामिल हैं।
पीआरके सर्जरी
पीआरके एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। इसमें कॉर्निया की ऊपरी परत को हटाने के लिए सर्जन लेजर का उपयोग करते हैं। आई लेसिक सर्जरी का यह प्रकार अक्सर उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है, जिनके कॉर्निया बहुत पतले होते हैं। इसके अलावा पीआरके सर्जरी भी सर्जन के लिए सर्जरी के दौरान कॉर्निया को देखना आसान बनाती है। पीआरके सर्जरी मरीजों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। इनमें सर्जरी में लगने वाला कम समय और तेज रिकवरी पीरियड शामिल है।
लासेक सर्जरी
लासेक सर्जरी आई लेसिक का एक अन्य प्रकार है। आमतौर पर इस तरह की रिफ्रेक्टिव सर्जरी से सर्जन को कॉर्निया की ऊपरी परत हटाने में मदद मिलती है। इसके लिए यह प्रक्रिया लेजर का उपयोग करती है। इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनके कॉर्निया बहुत पतले होते हैं। इसके अलावा लासेक सर्जरी भी सर्जन के लिए सर्जरी के दौरान कॉर्निया को देखना आसान बनाती है। लासेक सर्जरी के कई अन्य फायदे हैं, जिनमें सर्जरी का कम समय और तेजी से ठीक होने का समय शामिल है।
एपी-लेसिक सर्जरी
एपी-लेसिक एक प्रकार की रिफ्रेक्टिव सर्जरी है, जो कॉर्निया की ऊपरी परत को हटाने के लिए लेजर का उपयोग करती है। आमतौर पर पतले कॉर्निया वाले लोगों के लिए इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग किया जाता है। अन्य सर्जरी की तरह एपी-लेसिक भी सर्जन के लिए सर्जरी के दौरान कॉर्निया को देखना आसान बनाती है। सर्जरी में लगने वाला कम समय और तेज रिकवरी पीरियड एपी-लेसिक सर्जरी से संबंधित अन्य फायदे हैं।
आई लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया – Procedure of I LASIK Surgery In Hindi
यह सर्जिकल प्रक्रिया ट्रेडिशनल लेसिक सर्जरी से काफी मिलती-जुलती है। आई लेसिक सर्जरी के लिए सबसे पहले एक फेम्टोसेकेंड लेजर का उपयोग करके कॉर्निया में छोटा सा फ्लैप बनाया जाता है। इसके बाद कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए सर्जन एक एक्सीमर लेजर का उपयोग करते हैं। फिर फ्लैप को बदलकर ठीक होने के लिए छोड़ दिया जाता है। फेम्टोसेकेंड लेजर का उपयोग आई लेसिक और ट्रेडिशनल लेसिक के बीच पाया जाने वाला मुख्य अंतर है।
यह प्रक्रिया लेजर माइक्रोकेराटोम ब्लेड के मुकाबले ज्यादा सटीक फ्लैप बनाने में सक्षम है। साथ ही इस प्रकार के लेजर से सूखी आंखें या चकाचौंध और हेलोज़ जैसी जटिलताएं होने की संभावना भी कम होती है। हालांकि, लेसिक सर्जरी पर विचार करने या इससे संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सर्जन से पूछना सुनिश्चित करें कि क्या वह इस सर्जिकल प्रक्रिया की पेशकश करते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह नवीनतम और बड़ी तकनीक आपको सबसे बेहतर सर्वोत्तम संभव नतीजे प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
आई लेसिक सर्जरी के फायदे – Benefits of I LASIK Surgery In Hindi
इसके अलावा आई लेसिक सर्जरी के कई अन्य फायदे है। आज इसे उपलब्ध आंखों की लेजर सर्जरी का सबसे एडवांस फॉर्म माना जाता है। नेत्र रोग विशेषज्ञों का मानना है कि दृष्टि संबंधी समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला को ठीक करने में यह सर्जरी बहुत प्रभावी है।
निम्नलिखित आई लेसिक सर्जरी के अन्य फायदों में शामिल हैं:
- आपकी दृष्टि को तेज और स्पष्ट बनाना- यह सर्जरी आपकी दृष्टि को तेज और स्पष्ट बनाने में मदद करती है। लेसिक की मदद से आपकी दृष्टि को 20/20 या इससे भी बेहतर किया जा सकता है।
- चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस पर आपकी निर्भरता को कम करना- आई लेसिक सर्जरी के बाद कई मरीजों को चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत महसूस नहीं होती है।
- चश्मे की जरूरत को खत्म या बहुत कम करना- जिन लोगों को उम्र से संबंधित दूरदर्शिता यानी प्रेसबायोपिया है, उनके लिए आई लेसिक सर्जरी चश्मे की जरूरत को खत्म या बहुत कम कर सकती है।
- सुरक्षित और एफडीए द्वारा मंजूर- एफडीए द्वारा मंजूर आई लेसिक सर्जरी को बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया माना जाता है। यह अन्य प्रकार की विजन सर्जरी के मुकाबले बहुत आसान है और इसका रिवकरी पीरियड भी बहुत कम है।
अगर आप आई लेसिक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो जीवन में बदलाव लाने वाली इस प्रक्रिया से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए एक अनुभवी और प्रतिष्ठित सर्जन से परामर्श करना सुनिश्चित करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्जरी के बाद आप चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के बिना बेहतर दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
आई लेसिक सर्जरी को हालिया वर्षों में आंखों की देखभाल और सर्जरी के लिए सबसे जरूरी प्रगति के तौर पर देखा जाता है। यह आपकी दृष्टि में सुधार करने का एक बहुत ही सुरक्षित और असरदार तरीका है। इसके अलावा यह सर्जरी निकट दृष्टिदोष (मायोपिया), दूरदर्शिता (फरसाइटेडनेस) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिगमेटिज्म) को ठीक करने में मदद भी करती है। साथ ही इस आउट पेशेंट सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग प्रेसबायोपिया का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है।
आमतौर पर इस प्रक्रिया में सर्जन को प्रति आंख लगभग 15 मिनट का समय लगता है और ज्यादातर लोग सर्जरी के अगले दिन बहुत अच्छी तरह से देखते हैं। अगर आप आंखों की लेजर सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से आई लेसिक सर्जरी से संबंधित जानकारी प्राप्त करना सुनिश्चित करें। यह आपके लिए दृष्टि संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। हमें उम्मीद है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए कई प्रकार से फायदेमंद साबित होगा। साथ ही आप आई लेसिक और आपकी दृष्टि को बेहतर बनाने वाली इस सर्जरी के कार्यों के बारे में जानेंगे। इसलिए, किसी भी सवाल या समस्या से संबंधित परामर्श के लिए बेझिझक हमसे संपर्क करें।
आई मंत्रा – Eye Mantra In Hindi
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